होली के दिन मामी की चूत का मज़ा

(Family Fuck Sex Relations)

अखिल 8 2023-08-13 Comments

फॅमिली फक सेक्स रिलेशन की कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी मामी के साथ मजाक कर लेता था. मामी भी मेरा साथ देती थी. मैंने मामी को होली वाले दिन कैसे चोदा?

दोस्तो, मेरा नाम अखिल है और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं।

मैंने यह हजारों कहानियां पढ़ी होंगी और अपना लन्ड खूब हिलाया होगा।

आज इतने दिनो बाद मैंने सोचा क्यों न मैं भी अपनी पहली चुदाई की कहानी आपको सुनाऊं।

यह फॅमिली फक सेक्स रिलेशन की कहानी आज से करीब 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था।

मेरे तीन मामा हैं जिनमें से सबसे बड़े वाले मामा हमारे ही शहर में एक कंपनी में जॉब करते हैं। मामा और मामी यहीं रहते हैं.

मेरी मामी एकदम मस्त फिगर की मालकिन हैं।
उनका गोरा रंग, मस्त आंखें, पतले होंठ, मोटे दूध, पतली कमर, उभरी हुई मोटी गांड, उन्हें जो भी देख ले तो बिना मुठ मारे न रह पाए।

मेरी मामी बहुत मजाक करती हैं और मैं भी उनसे खूब मजाक करता हूं।
मजाक मजाक में मैं उनके गाल पर किस भी कर लेता था तो वे कुछ नहीं बोलती थी।

एक दिन हुआ यह कि मैं अपनी मामी के घर गया तो रास्ते से मैंने कुछ टॉफी ले ली और टॉफी को मुंह में डाल कर उसे चबाते हुए मामी के घर जा पहुंचा।

उनके घर पहुंच कर जब मैंने मामी को देखा तो उन्होंने एक गहरे गले का सूट पहन रखा था जिसमें से उनके थोड़े दूध और उनके बीच की नाली साफ दिख रही थी.
मैं कुछ देर उनके बूब्स को देखता रहा.

मामी मुझे देख रही हैं, मुझे इस बात की खबर ही नहीं थी।

कुछ देर बाद मामी बोली- क्या देख रहा है?
मैंने भी मजाक में बोल दिया- जो दिखा रही हो।

इस पर मामी बोली- बहुत बदमाश हो रहा है तू आजकल!
और मैं इस बात पर बस हंस दिया।

फिर मैं वहाँ रखे सोफे पे बैठ गया और इधर उधर की बातें करने लगा।

बात करते करते मामी मुझसे बोली- तू इतनी देर से क्या खा रहा है?
मैं- कुछ नहीं, बस टॉफी है।
मामी- मुझे भी दे।

उनके इतना कहने पे मैंने अपनी जीभ पे टॉफी रखी और जीभ बाहर निकाल कर बोला- ये लो खा लो।
मामी ने तुरंत मेरी जीभ अपने मुंह में भरी और जीभ को चूसते हुए टॉफी अपने मुंह में ले ली और करीब 2 मिनट तक मुझे किस किया फिर हट गई।

उनका ऐसा करने से मैं भौचक्का सा रह गया, मेरे मुंह से एक शब्द भी न निकला।
यह देख कर मामी बोली- क्या हुआ तुझे अच्छा नहीं लगा क्या?
मैं- नहीं, वो बात नहीं है मुझे तो बहुत मजा आया. एक बार ओर करो ना मामी!

मामी- अच्छा मैं कोई तेरी गर्लफ्रेंड हूँ जो तुझे बार बार किस करूं?
मैं- नहीं हो तो बन जाओ आज के लिए!

मामी- बस आज के लिए? और बाकी दिन के लिए कोई और ढूंढ रखी है क्या?
मैं- नहीं यार मामी, कोई भी नहीं है. आप ही बन जाओ ना!

मामी- हट पगले, ऐसा नहीं होता।

और मामी बात को काटती हुई बोली- बच्चे स्कूल से आने वाले होंगे. मुझे अब खाना बनाना है. तू रुक थोड़ी देर … आज खाना खाकर जाना।
मैंने भी हां कर दी.

फिर कुछ ही देर में बच्चे भी स्कूल से आ गए और मैं उनके साथ मस्ती करने लगा.

हम सबने खाना खाया और उसके बाद मैं अपने घर को निकल गया।

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.

और फिर वो पल आया जिसका मुझे इंतजार था।

मेरे परिवार को किसी जरूरी काम से गांव जाना पड़ा और मेरा स्कूल होने के कारण मैंने जाने से मना कर दिया।

तो मेरे घर वाले गांव के लिए निकल गये और मैं स्कूल के लिए।

दोपहर को मैं स्कूल से वापस आया और खाना खाकर सो गया।
शाम को उठा और रात का खाना बनाकर रख दिया और घूमने निकल गया।

घूम कर आके खाना खाया और सोने के लिए बेड पर जा ही रहा था कि मेरे फोन पर मामी की कॉल आई- क्या कर रहा है?
मै- कुछ नहीं … खाना खाया है, सोने जा रहा हूँ।

मामी- यहाँ आ जा, तेरे मामा कम्पनी गए हैं, उनकी नाइट शिफ्ट है. और तू भी तो घर पर अकेला होगा और इधर मैं भी अकेली हूं। तू घर का लॉक लगा के जल्दी आ जा!

इतना सुन कर मेरे मन में तो लडडू फूट गए और मैं अपने घर का लॉक लगा कर मामी के घर के लिए निकल गया।

वहाँ पहुंच कर बेल बजाई तो मामी निकल कर आई.
उन्होंने दरवाजा खोला और मुझे अंदर ले लिया।

मैंने मामी से कन्फर्म करने के लिए पूछा- मामा कब आएंगे?
तो वे बोली- कुछ ही देर में आने वाले होंगे. उनका कॉल आया था अभी!

मैं- आप तो बोल रही थी नाइट शिफ्ट में रुक गए हैं।
मामी- हां मुझे भी यही लगा था पर वे ओवरटाइम कर रहे थे।

यह सुन कर मेरा सारा मूड खराब हो गया और फिर कुछ देर में मामा भी आ गए.
उन्होंने खाना खाया और फिर सब सोने चले गए।

रात को मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मामा मामी सेक्स करने में लगे हुए हैं।
मामा बहुत जल्दी झड़ गए पर मामी अभी तक नहीं झड़ी थी।

इस प्रकार मामा खुद तो ठंडे हो गए पर मामी को गर्म ही छोड़ दिया।
मामी कुछ बड़बड़ाती हुई सो गई और फिर मैं भी सो गया।

अब ऐ से ही कई दिन बीत गए और होली का दिन भी आ गया.
मेरे भी पेपर निपट गए थे तो मैं भी एकदम फ्री था, कोई टेंशन नहीं थी।

मामा मामी दोनों हमारे घर होली मिलने आए।
पापा और मामा ने साथ मिलकर दारू पी और हम सबने खूब होली खेली।

दोपहर का वक्त हो चला था, सब नहाने में लगे थे और मैं नहा चुका था।

मामा दारू पी कर हमारे घर ही सो गए थे तो मामी मुझसे बोली- चल मुझे घर छोड़ कर आ. तेरे मामा तो पता नहीं अब कब उठेंगे।
तो मैं मामी को उनके घर छोड़ने के लिए निकल गया।

मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और मामी को बैठाया।
मामी मुझसे बिल्कुल सट के बैठ गई।

रास्ते में उनके 34 साइज के दूध मेरी कमर पर दब रहे थे।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मैं जब भी ब्रेक मारता तो मामी के दूध और ज्यादा दब जाते।
आह … क्या एहसास था वो!

करीब दस मिनट के बाद हम मामी के घर पहुंच गए।
मैं जैसे ही आने को हुआ तो मामी ने मुझे रोक लिया और बोली- रुक, मैं नहा के चिकन बना लूं. तू अपने पापा के लिए ले जाना थोड़ा।
तो मैंने कहा- ठीक है।

मैं सोच ही रहा था कि किसी बहाने से मामी के करीब आया जाए।

अब मैंने बाइक वही खड़ी कर दी और घर के अंदर चला गया।

मामी नहाने के लिए जाने लगी और रूम से अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गई।
बाथरूम में कपड़े रख कर वे वापिस आई तो मैंने देखा कि उनकी सलवार साइड से फट रही थी.

वे जैसे ही मेरे पास से निकली, मैंने मजाक में उनकी फटी सलवार में हाथ डालकर खींच दिया और सलवार काफी सारी फट गई।

मामी- भोसड़ी के … फाड़ दी सारी सलवार।
मैं- फटी हुई तो ये पहले से ही थी. मैं तो बस देख रहा था।

फिर मैंने मामी की वो फटी हुई सलवार को और खींच दिया और वो पूरी ही फट गई।

इस पर मामी दूसरी तरफ घूम गई और फटी हुई सलवार के साथ ही बाथरूम की ओर जाने लगी।

मैंने भी मौके का फायदा उठा कर उनके पास जाकर उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
मामी की सलवार नीचे गिर गई।

तब मैंने मामी को अपनी ओर खींचा और अपने होंठ उनके होंठ पर रख दिए।
इस पर उन्होंने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे।

किस करते हुए ही मैंने उनके दूध को रगड़ना और दबाना शुरू कर दिया.
मामी मस्त होने लगी और उन्हें भी चुदास चढ़ने लगी।

मैंने फिर धीरे से उनका कमीज भी उतार दिया और उनको बेड पर लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके दोनों दूधों को मसलने लगा और उनको चूमने लगा।

फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रखा और मसलना शुरू कर दिया।
मामी के मुंह से एक जोर की सिसकारी निकल गई- आह!

मैं मामी के एक दूध को हाथ से दबा रहा था तथा दूसरे को मुंह में लेकर चूस रहा था।
मेरा एक हाथ मामी की चूत को लगातार रगड़ रहा था।

मामी की चूत से अब चिकना पानी निकल रहा था.

फिर मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो मामी और भी ज्यादा मस्त हो गई और बोलने लगी- अखिल अब नहीं रहा जा रहा है. तू मुझे जल्दी से चोद दे और बुझा दे मेरी इस चूत की आग!

मैंने अपनी लोअर को नीचे किया और जैसे ही अपना लन्ड निकाला तो मामी बोली- ये तो तेरे मामा के लन्ड से मोटा और बड़ा है।

मैं आपको बता दूँ कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी चूत का भोसड़ा बना सकता है।

मामी आगे बोली- हाय … तेरे इस लन्ड को देख कर मेरी चूत की आग और ज्यादा भड़क रही है। अब देर मत कर और फाड़ दे मेरी इस चूत को!

उनकी इस बात को सुन कर मुझे जोश आ गया.
मैंने अपने लन्ड पर थूक लगाया और मामी ने भी अपनी टांगें फैलाकर मुझे आमंत्रित किया- घुसा दे अपना हथियार मेरी प्यासी चूत में।

तब मैंने मामी की टांग पकड़ी और अपना लन्ड मामी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा।
मामी के मुंह से जोर की सी निकल गई।
उनको थोड़ा दर्द हो रहा था।

मामी ने मुझसे थोड़ा रुकने को कहा।
थोड़ी देर बाद मैंने धक्के मारने शुरू किए।

मैं जब भी जोर से धक्का मारता, मामी के मुंह से दर्द भरी आह निकल जाती।

थोड़ी ही देर में मेरी भी स्पीड बढ़ गई और मामी भी अपनी गांड उठा कर हर धक्के का जवाब देने लगी।
मामी मुझसे चुदवाते हुए बहुत कुछ बोल रही थी- हाय मेरे राजा, और तेज चोद मुझे … आज अपने लन्ड से मेरी इस चूत की प्यास बुझा दे … बहुत दिन से ये प्यासी थी। हाय … आज इसे फाड़ दे … चोद चोद कर भोसड़ा बना दे मेरी चूत का … हाय … कितना मजा आ रहा है … और तेज … और तेज!

उनकी बातें सुन कर मेरे अंदर एक अलग ही तूफान उठ रहा था और मैं पूरे जोश के साथ मामी की चूत में अपना लन्ड पेल रहा था।

करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मामी का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गई।
मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं धक्के मारता रहा.

और कोई 2 मिनट धक्के मारने के बाद मैं मामी की चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर निढाल होकर लेट गया।

थोड़ी देर बाद हम उठे और नहाने चले गए.

वहाँ फिर मैंने एक बार और अपनी मामी को चोदा और इस बार यह कार्यक्रम बहुत देर तक चला।

अब जब भी मौका मिलता है, मामी मुझे फोन करके बुला लेती हैं और हम खूब जम के चुदाई करते हैं।

तो दोस्तो, यह थी मेरी फॅमिली फक सेक्स रिलेशन की कहानी!
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
प्लीज़ मुझे मेल करके बताना जरूर … कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी।
मेरा ई मेल है [email protected]
धन्यवाद।

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