भतीजे ने मिटाई चूत की प्यास- 2

(Jawan Chachi Xxx Kahani)

जवान चाची Xxx कहानी में मैं अपनी जेठानी के जवान बेटे के बड़े लंड से चुद गयी. मैं उसके बलिष्ठ जिस्म पर मर मिटी थी, वह शायद मेरी कामुक काया पर!

प्रिय पाठको,
आपने कहानी के पहले भाग
चाची भतीजे की अन्तर्वासना
में पढ़ा कि मुझे अपने जेठ के युवा बेटे के साथ रहने का अवसर मिला तो मैं उसके बदन की ओर आकर्षित हो गयी. वह भी मुझे कामुक दृष्टि से देखता था.

मैं अपनी ओर से कोई हरकत नहीं करना चाहती थी.
पर उसे उकसाने के लिए मैं जानबूझ कर घर मैं और भी ज्यादा भड़कीले कपड़े पहनने लगी.

अब आगे जवान चाची Xxx कहानी:

एक दिन जिम से वापस आकर मैं नीले रंग की साड़ी और मैचिंग स्लीवलैस ब्लाउस पहने किचन में काम कर रही थी।
गर्मी की वजह से मैंने अपने बाल ऊपर बांध रखे थे और काम करते समय जैसे हर भारतीय नारी करती है, वैसे साड़ी का पल्लू अपनी कमर पर लपेट लिया था.

मेरी पीठ पर सिर्फ एक इंच की ब्लाउस की पट्टी थी, पीछे से मेरी नंगी पीठ और पतली कमर कामुक लग रही होगी.

आदित्य किचन में आया, शायद उसे मेरा ये रूप भा गया था.
वह मेरे पीछे खड़ा होकर मुझे देखते हुए पानी पी रहा था.

उसने अचानक पीछे से जैसे कोई छोटा बच्चा प्यार से अपनी मां को पकड़ता है वैसे मुझे पकड़ लिया और कहा- खाने में क्या बना रही हो मेरी प्यारी चाची?
लेकिन उसके मन की भावना छोटे बच्चे की नहीं बल्कि एक वासना से भरे मर्द की थी.
यह मैं तब समझ गई जब उसका लंड मेरी गांड में चुभने लगा.

मैं- तुम्हें आज कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है अपनी चाची पर?
आदित्य- इतनी प्यारी और सुंदर चाची हो तो प्यार क्यों ना आए!
यह कहकर उसने मुझे गाल पर चूम लिया.

“हटो, मुझे काम करने दो!” यह कहकर मैंने उसे अपने से अलग कर दिया.
वह मेरे पास खड़ा होकर मुझसे बातें करने लगा.

मैंने पूछा- आदित्य, तुमने अपनी चाची को तुम्हारी गर्लफ्रेंड के बारे में कुछ नहीं बताया. ऐसा क्यों?
“गर्लफ्रेंड होती तो बताता ना चाची!”

“चलो भी … अब मुझसे क्या छुपाना?”
“सच्ची चाची, मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है.”

“मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि तुम जैसे लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तुम्हें तो कोई भी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहेगी.”
“हां चाची, अभी भी मेरे लिए लड़कियों की लाइन लगी पड़ी है लेकिन मैं ही किसी को भाव नहीं देता!”

“ऐसा क्यों?”
“एक बात तो जब तक मेरा JEE क्लियर हो नहीं जाता, मैं इन फालतू के चक्कर में नहीं पड़ना चाहता. और दूसरी बात कि जैसी लड़की मुझे चाहिए, वह अब तक मुझे नहीं मिली.”

“अच्छी बात है, तुम अपनी पढ़ाई के बारे में इतना सोचते हो, लेकिन तुम्हें कैसी लड़की पसंद है जो आज तक तुम्हें मिली नहीं?”
“सच कहूं चाची … तो मुझे बिल्कुल आपके जैसी गर्लफ्रेंड मिल जाए तो मैं उसी से शादी कर लूं!”

“अच्छा बेटा, क्या मैं तुम्हें इतनी पसंद हूं?”
“हां चाची, आप तो बचपन से मेरी क्रश हो.”

“चुप हो जा नालायक … कुछ भी बोल रहा है, अपनी चाची को कोई ऐसा थोड़ी ना कहता है.”
“चाची आप हो ही इतनी खूबसूरत कि कोई भी आपके प्यार में पड़ जाए. सच में चाचा बहुत खुशनसीब हैं जिन्हें आप जैसी बीवी मिली.”

मैं उसके मुंह से अपनी इतनी तारीफ सुन शर्मा गई और उसे देखने लगी.

“क्या सच में मैं तुम्हें इतनी पसंद हूं?”
“हां चाची!”

मैं गर्म हो चुकी थी लेकिन अब भी अपनी ओर से कोई हरकत नहीं करना चाहती थी.

हमने खाना खाया और पूरा दिन सामान्य बीता.

उसी रात 10 बजे जब मैं उसके कमरे में सोने के लिए गई तब तक वह सो गया था.
मैं भी सो गई.

रात में तकरीबन 12 बजे मुझे अपने सीने पर कुछ हलचल महसूस हुई.

आदित्य अपना हाथ धीरे धीरे मेरे सीने पर घुमा रहा था.
मैं सोने का नाटक कर बंद आंखों से उसे महसूस करने लगी. मैं उसे आज रोकना नहीं चाहती थी.

अब उसे यकीन हो गया कि मैं सो रही हूं तो उसकी हिम्मत बढ़ गई.
उसने अपना हाथ मेरे टी शर्ट के अंदर डाल दिया और मेरे पेट को सहलाने लगा.

मैं गर्म हो रही थी.
इस वजह से मेरी साँसें तेज हो गई और उसे पता चल गया कि मैं सोने का नाटक कर रही हूं.

मैं उसका विरोध नहीं कर रही थी तो उसे हरी झंडी मिल गई.
वह बोला- मैं जानता हूं चाची, आप सोने का नाटक कर रही हो. तो क्यों ना आंखें खोलकर आप भी मजा कीजिए.

अब वह थोड़ा नीचे सरका और मेरे ओंठ पर अपने होंठ रखकर मुझे चूमने लगा.

मैं उसे अपनी चुदास नहीं दिखाना चाहती थी, मैं बोली- रुक जाओ आदित्य, तुम जो कर रहे हो, वह गलत है.
और उसे धक्का देकर अपने से अलग कर दिया और झूठा विरोध करने लगी.

लेकिन उसके सर पर तो मानो भूत सवार हो गया हो, उसने मुझे अपने पास खींचा और फिर से चूमने लगा.

मेरा झूठा विरोध वासना की आग के सामने धीरे धीरे फीका पड़ने लगा.

उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.

मैं सोते समय शॉर्ट्स और टीशर्ट के अंदर कुछ भी नहीं पहनती.

उसने अपने दोनों हाथ मेरे टीशर्ट के अंदर डाल दिए और मेरी नंगी पीठ पर अपने हाथ लगा दिए.

मैंने अपने बाल एक क्लिप की मदद से ऊपर बांध रखे थे.
उसने क्लिप निकाल कर मेरे बालों को खोल दिया.

वह मुझे चूमते हुए टी शर्ट के ऊपर से मेरे चूचे दबाने लगा और एक हाथ मेरे शॉर्ट्स के अंदर डाल कर मेरी चूत का नाप लेने लगा.

हम पिछले 30 मिनट से एक दूसरे के होठों का रसपान कर रहे थे.

वह अब नीचे आ गया मेरा टी शर्ट ऊपर कर मेरे पेट को चूमने लगा.
मैं एकदम तड़प रही थी और कामुक सिसकारियां ले रही थी.

उसने मेरी टी शर्ट उतार दी, मेरे नंगे चूचे वह थोडी देर देखता ही रहा फिर उनपर टूट पड़ा, उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसने लगा, जीभ से चाटने लगा और प्यार से उन्हें हल्के हल्के काटने लगा.

करीब 20 मिनट वह मेरे चूचों के साथ खेलता रहा.
मैं इस दौरान एक बार झड़ चुकी थी.

अभी रात का एक बज रहा था.

वह अब मेरी दोनों टांगों के बीच बैठकर शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत की खुशबू लेकर उसे चूमने लगा.
उसने मेरे शॉर्ट्स मेरे शरीर से अलग किए.

फिर उसने उठकर बत्ती जला दी.
तेज रोशनी में मेरा नंगा शरीर चमकने लगा.

वह मुझे देखता ही रह गया और बोला- कसम से चाची, जिंदगी में आज तक कभी इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखी, चाचा बहुत लकी हैं कि उन्हें आपके जैसी बीवी मिली.
मैंने शर्म के मारे अपने आंखें बंद कर रखी थी.

वह पागलों की तरह मेरे शरीर को चूम रहा था.
मैं तड़प उठी … मैं चाहती थी कि उसका लंड जल्द से जल्द मेरी चूत के अंदर हो!

लेकिन वह मुझे और तड़पाना चाहता था इसलिए वह मेरी जांघों पर किस करने लगा.
उसकी इन हरकतों की वजह से मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गई थी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी.

उसने अपना मुंह मेरी चूत पर रखा और उसे चूम लिया.

तब उसने मेरी टांगें घुटनों से मोड़ कर फैला दी और चूत चाटने लगा.
उत्तेजना की वजह से मैं कामुक सिसकारियां भरने लगी और अपने हाथों से उसके बाल पकड़ कर उसका सिर चूत की तरफ दबाने लगी.

15 मिनट तक वह मेरी चूत चाटने में लगा रहा और तब मैं उसके मुंह में झड़ गई.

मैं बोली- बस अब और रहा नहीं जाता! आदित्य, जल्दी से अपना हथियार मेरे अंदर डाल दो और मेरी प्यास बुझा दो!

उसने अपने कपड़े उतार दिए.
उसका बड़ा लंड मेरे सामने था, मेरा मन कर रहा था कि इसे मुंह में लेकर खेलती रहूं लेकिन इस वक्त मुंह से ज्यादा चूत की प्यास मिटाना जरूरी था.

उसने और थोड़ी देर मुझे चूमा फिर सीधा लिटा कर मेरी कमर के नीचे दो तकिए लगा दिए जिससे मेरी चूत उभर गई.

बहुत दिनों के बाद इतने बड़े लंड से चुदने जा रही थी तो दर्द होना निश्चित था.
पर जितना ज्यादा दर्द … उतना ज्यादा मजा, यह मुझे मालूम था!

“आदित्य थोड़ा धीरे डालना, मुझे इतने बड़े हथियार लेने की आदत नहीं है, तुम्हारे चाचा का तो इससे बहुत छोटा है.”
“आप चिंता मत कीजिए चाची, आपको किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो, यह मेरी जिम्मेदारी है.”

इतना कहकर उसने अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का दिया जिससे उसके लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ, उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए, पूरा लंड बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्के से आधा लंड अंदर डाल दिया.

जवान चाची Xxx दर्द के मारे मेरी चीख उठी पर मेरी आवाज निकल कर उसके मुंह में ही दब गई.
थोड़ी देर के लिए वह वैसे ही बिना हिले रहा.

तब उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई करना चालू किया, लंड ने अपने लिए जगह बना ली और आसानी से अंदर बाहर करने लगा.

उसने धक्कों की गति बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा.
मेरी दर्द भरी चीखें अब आनंद में बदल गई.

मैं बेशर्मों की तरह उसे गालियां दे रही थी- हां … चोद साले … अच्छे से चोद अपनी चाची को!
“हां साली रण्डी … कितने दिनों से इस पल का इंतजार कर रहा था मैं … अब नहीं छोडूंगा तुझे … देख आने वाले दिनों में तेरा क्या हाल करता हूं!”

उसके मुंह से अपने लिए गालियां सुनकर मुझे अच्छा लगने लगा.

वह लगातार मुझे चोद रहा था लेकिन उसका लंड अब तक खड़ा था.

अब मैंने उसे सीधा लेटने के लिए कहा और चुदाई की कमान मैंने संभाली.

मैंने उसके ऊपर चढ़ कर लंड अपने चूत पर सेट किया. मेरी चूत चीरता हुआ वह लंड ज्यादा अंदर तक चला गया.
मैं उछल उछल कर चुदाई का मज़ा ले रही थी.

कुछ देर चोदने के उसका माल आने वाला था तो वह बोला- चाची, मैं आने वाला हूं, कहाँ लोगी इसे?
“अंदर ही डाल दे मेरे राजा, मैं तो न जाने कितनी बार झड़ चुकी हूं!”

दस बारह तेज धक्कों के साथ उसने माल मेरे जिस्म के अंदर डाल दिया.

अलग अलग पोजीशन में हमारी पहली चुदाई सुबह पांच बजे तक चली.
उसने मुझे पूरी रात में तीन बार चोदा.

मैं उसका स्टैमिना देख दंग रह गई.
आज तक किसी ने मुझे इतनी देर तक नहीं चोदा था.
उस कमरे का कोई कोना नहीं बचा जहाँ आदित्य ने मेरी चुदाई ना की हो.

रात भर चुदाई कर हम थक गए और नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर सो गए.

अगले सात दिन हम कोटा में किसी कपल की तरह रहे, खूब घूमे, शॉपिंग की और चुदाई की तो बात ही मत करो.
वह दिन में कम से कम तीन बार मुझे चोदता था.

कोरोना के बढ़ते प्रादुर्भाव के चलते 15 मार्च 2020 को भारत सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थानों को 15 दिन की छुट्टी दी गई.
इस वजह से कोचिंग भी बंद हो गई.

मैंने आदित्य को पूछा- अब क्या करना है, चलो हम भी जयपुर चले जाते हैं!
“नहीं, हम अपने प्लान के मुताबिक 25 को ही जयपुर जायेंगे.”
“ऐसा क्यों, अब तो तुम्हें छुट्टियां है घर पर सबने पूछा तो क्या जवाब दोगे?”
“वह सब मैंने पहले ही सोच रखा है. मैं बता दूंगा कि 21 और 24 को मेरी ऑनलाइन एग्जाम है तो मैं नहीं आ पाऊंगा.”

“वाह बेटा, तुम तो बहुत दूर की सोचते हो. लेकिन हम 10 दिन यहीं कोटा में रहेंगे क्या?”
“नहीं चाची, हम आज ही ग्वालियर के लिए निकल जायेंगे और वहां मजे करेंगे.”
“जैसा तू ठीक समझे!”

फिर हम 15 मार्च को सुबह 9 बजे कोटा से ग्वालियर के लिए निकले.
सफर में हम दोनों ने गाड़ी चलाई ताकि किसी एक को ज्यादा परेशानी ना हो.

शाम 6 बजे तक हम ग्वालियर पहुंच चुके थे.
अब आप सोच रहे होगे सफर तो 7 घंटे का था तो हमें 4 बजे ही पहुंच जाना चाहिए था.
तो दोस्तो, हम जानबूझकर कच्चे रास्ते से आए और बीच में खाली इलाका देख कार में ही चुदाई का एक राउंड पूरा किया.

ग्वालियर आकर पता चला कि मेरे पति किसी डील के चलते मुंबई गए हैं. उन्हें वहां पर 8-10 दिन का काम है तो वे वहीं से अपना काम खत्म करके शादी के लिए आने वाले हैं.

अब घर पर भी अगले 10 दिन के लिए हम दोनों ही रहने वाले थे.

यह बात है 18 मार्च की!
शादी की शॉपिंग करने के लिए हम मार्केट जाने वाले थे.
शाम सात बजे मैंने उसे कहा कि वह फ्रेश हो जाए, तब तक मैं रेडी होकर आती हूं.

लगभग 20 मिनट बाद मैं रेडी होकर अपने रूम से बाहर आई तो वह हाल में बैठा था.

जैसे ही मैंने उसे चलने के लिए बोला, वह मेरी तरफ देखता ही रह गया.

मैंने एक स्किन टाइट सफ़ेद कैप्री जो घुटनों से करीब 6 इंच नीचे थी … और गुलाबी कसी सिल्की शर्ट पहनी थी.
अपने रेशमी बाल मैंने खुले छोड़ रखे थे और गोरे मुखड़े पर … गुलाबी फ्रेम का फैशनेबल गोगल्ज़ थे जो मेरे चेहरे को हीरोइन की तरह चमका रहे थे.
मैंने हाई हील की सफ़ेद सैंडल पहनी थी.

वह करीब 5 मिनट तक मुझे इस रूप में देख घूरता रहा.
मैंने भी उसे कुछ नहीं कहा.

लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने खांसने का नाटक किया और उसे कहा- सब कुछ देख लिया हो तो चलें?
“हम मार्केट जा रहे है इसलिए आप बच गई चाची, नहीं तो…”
“हां चल चल … ज्यादा बातें मत कर!”
“हा चलिए … लेकिन वापस आने के बाद मैं आपका क्या हाल करूंगा, देख लेना!”
“जो करना है कर ले … मैं थोड़ी तुझे रोक रही हूं!”

हम हंसने लगे और बाहर आए.

हमारा घर शहर से थोड़ा दूर है ट्रैफिक की वजह से मार्केट पहुंचने मैं कम से कम 40 मिनट लगते हैं.
अब हम दोनों शहर के सबसे महंगी कपड़ों की दुकान में थे.

मैं लेडीज सेक्शन में आदित्य को साथ लेकर गई.
वहां पर मैंने शादी के लिए एक बढ़िया सा डिजाइनर लहंगा लिया उसके साथ मैचिंग सैंडल्स, बैंगल्स, इयरिंग्स, एक पर्स और ब्रा पैंटी का सेट लिया.

उसके बाद मैं ट्रायल रूम में गई और आदित्य को ट्रायल रूम के बाहर खड़ा किया ताकि वह बता सके कि मैं कैसी दिख रही हूं.

अंदर जाकर लहंगे के ब्लाउज की डोरिया बांधने के लिए आदित्य को आवाज देकर अंदर आने को कहा.
वह अंदर आते ही आंखे फाड़ कर सिर से लेकर पैर तक मेरी तरफ देखने लगा और उसने ट्रायल रूम को अंदर से लॉक कर दिया.

मैंने उसे एक प्यार से गाल पर थप्पड़ मारते हुए कहा- देख फिर लेना, मैं कही भागी थोड़ी जा रही हूं, पहले ये डोरियां बांध दे!
उसने डोरियां बांधते हुए मेरी पीठ को चूमा और बोला- सच चाची, आज आप एकदम माल लग रही हो. यह पहन कर अगर आप शादी में गई तो सबकी नजरें सिर्फ आप के ऊपर होंगी. और मेरा बस चले तो मैं अभी आपको यहीं चोद दूं!
मैं- चुप कर बेशरम!

अब वह मेरे पास आया अपने दोनों हाथ मेरे गाल पे रखे और मुझे चूमने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.

हमने 10 मिनट तक एक दूसरे को चूमा. फिर मैंने उसे धक्का देकर अपने से अलग किया और बाहर जाने के लिए कहा.
वह चला गया.

अब मैं जो कपड़े पहन कर आई थी वही पहने और बाहर आ गई.

फिर थोड़ी देर आदित्य के लिए शॉपिंग करने के बाद हम मॉल के बाहर आए.
हमने एक अच्छे से होटल में खाना खाया.

घर पहुंचते पहुंचते रात के 10 बज चुके थे.

घर के अंदर आते ही उसने दरवाजा बंद किया और सारे शॉपिंग बैग्स हॉल में फेंक दिए और बोला- चाची आप इन कपड़ों में बहुत सुंदर दिख रही हो. और ऊपर से ट्रायल रूम में पहने हुए लहंगे में देखकर आपको बहुत जोर से चोदने का मन कर रहा था. पर मैंने खुद को रोके रखा लेकिन अब मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा.

“तो शुरू हो जा, तुझे मना किसने किया. मेरा यह शरीर पूरी तरह से तेरा है. तुझे जो करना है वह तू कर सकता है.”

आदित्य हॉल में मुझे रात दो बजे तक चोदता रहा.
उसने मेरी गांड भी मारी.
हम हॉल में नंगे ही सो गए.

मेरे प्यारे दोस्तों, आपको यह जवान चाची Xxx कहानी अच्छी लग रही है ना?
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जवान चाची Xxx कहानी का अगला भाग: भतीजे ने मिटाई चूत की प्यास- 3

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