पुरानी चाहत की चूत लॉकडाउन में चोदने मिली- 2

(Anal Porn Sex Kahani)

विवेक लव 2022-06-09 Comments

एनल पोर्न सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी रिश्तेदार लड़की की चुदाई की. उसके बाद मैंने उसे ओरल सेक्स के लिए मनाया. फिर गांड का नम्बर आया.

हैलो फ्रेंड्स, मैं विवेक एक बार फिर से आपसे मुखातिब हूँ.
मैं आपको अपनी सेक्स कहानी के पहले भाग
बीस साल बाद हुई चाहत से मुलाकात
में बता रहा था कि लॉकडाउन में मेरी एक पुरानी चाहत फिर से मेरे लंड के लिए सुलभ हो गई थी और मैंने उसकी चूत में लंड पेल दिया था.
वो मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी थी.

अब आगे एनल पोर्न सेक्स कहानी:

“आंह … मुझे बहुत दर्द हो रहा है हटो प्लीज़ …”

इतने सालों से ना चुदने के कारण उसकी चूत बहुत टाइट हो गई थी.

मैं उसके होंठों को चूसते हुए उसके चूचों को प्यार से सहलाने और मसलने लगा.
जैसे ही मुझको लगा कि इसका दर्द कुछ कम हो गया है, तो मैंने दूसरा धक्का जोर से लगा कर पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

उसकी चूत इतनी टाइट थी कि पूरा लंड अन्दर जाते ही मुझे लगा कि जैसे किसी ने मेरा लंड जोर से मुट्ठी में दबा लिया है.

अपना पूरा लंड अन्दर डाले मैं कभी उसके होंठ चूसता और कभी उसके चूचे चूसता ताकि लंड अन्दर अपनी जगह बना ले और चुदाई के खेल में हम दोनों को पूरा मजा आए.

परंतु उसकी आंखों से बहते आंसू लेकर जब मैंने उससे पूछा- अभी भी दर्द हो रहा है?
उसने कहा- दर्द से ज्यादा मुझे इस चुदाई का अफसोस है, इसीलिए मैं रो रही हूँ.

मुझे समझ आ चुका था कि अब अंजलि ड्रामा कर रही है.
मैंने भी एक चाल चली.

मैंने 15-20 धक्के लगाने के बाद अपना लंड बाहर निकाल लिया और कपड़े पहनने लगा.

वो उठ कर बैठ गई और मुझसे पूछने लगी- क्या हुआ, आपने चुदाई बंद क्यों कर दी?

मैंने कहा- यह चीज दो लोगों की सहमति और सहयोग से होती है. अगर तुम्हें इस बात का अफसोस है, तो हम दोस्त हैं … लेकिन आगे से हम कभी भी चुदाई नहीं करेंगे.
वो झट से अपनी बात पलटी और बोली- ऐसा नहीं है. लेकिन यह सब एकदम से हो गया तो मैं थोड़ा घबरा गई और मुझे लगा कि कहीं मैं इस सबसे जग में तमाशा ना बन जाऊं. फिर आपने कंडोम भी नहीं पहना हुआ है.

मुझसे बातें करते हुए भी अब तक अंजलि बिल्कुल नंगी बैठी थी और उसने ऊपर कुछ भी पहने की कोशिश नहीं की.
उस पर भी सेक्स हावी हो चुका था और मेरे बीच में छोड़ने से मुझे तो बुरा लग ही रहा था, पर उसको भी अन्दर से काफी खीज आ रही थी.

फिर उसने मुझसे कहा- मेरे आंसू देख कर आपने सेक्स बीच में ही छोड़ दिया जोकि किसी भी आदमी के लिए संभव नहीं है. आपकी इसी बात से मुझे आपसे प्यार हो गया है. आज से मैं आपकी हूं. आप जो मर्जी और जैसे मर्जी मेरे साथ करें, मैं आपको कभी इंकार नहीं करूंगी. आज की बात के लिए मुझे माफ कर दीजिए.

मुझे लगा इससे ज्यादा अब नखरा करना ठीक नहीं है.
मैंने दोबारा से कपड़े उतारे और उसके साथ सेक्स करना शुरू कर दिया.

लेकिन उसको दर्द सच में काफी हो रहा था इसीलिए वह इस सेक्स का ज्यादा मजा नहीं ले पाई.

दस पन्द्रह मिनट के बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और मैंने आखिरी झटके के सतह ही लंड चूत से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य उसकी चूत के ऊपर खाली कर दिया.

तब तक वह भी झड़ चुकी थी.
सेक्स के बाद काफी देर वह मेरे साथ नंगी चिपक कर सोती रही.

उठने के बाद अंजलि काफी हल्का महसूस कर रही थी.

हमारी बातों का दौर फिर से शुरू हो गया.
उसने मुझे बताया कि सेक्स के लिए उसे काफी तनाव और फ्रस्ट्रेशन होती थी लेकिन उचित साथी ना मिल पाने के कारण वह अपनी इच्छाओं को दबा रही थी. फिर मुझमें उसे संभावना नजर आई इसीलिए उसने मुझको फेसबुक पर मैसेज करके बुलाया.

मैंने देखा अंजलि के बाल थोड़े से बैठे हुए थे. उसके गोरे बदन पर कई जगह मेरे दांतों के निशान पड़ चुके थे और वह इस रूप में भी बहुत सुंदर लग रही थी.

मैंने उसके साथ छेड़खानी शुरू की.
उसके निपल्स को अपनी उंगलियों में फंसा कर मींजना और मसलना शुरू कर दिया जिससे उसने सिसकारियां लेनी शुरू कर दी.

मैं फिर से चुदाई के लिए गर्म होने लगा था मगर वो मुझको दूसरे राउंड के लिए मना करने लग गई कि उसको काफी दर्द हो रहा है.

मैं भी कहां मानने वाला था, उसके निप्पलों को चूसते हुए उसकी गांड को मसलना शुरू कर दिया.

मैंने उससे कहा- अंजलि, अब तुम शर्म त्याग कर मेरे साथ सेक्स करोगी, तभी तुम्हें मजा आएगा.
उसने शर्माते हुए कहा- मैं पूरी कोशिश करूंगी.

मैंने उससे कहा- अब मैं नीचे लेटता हूं तुम ऊपर आओ.
वह बोली- अगली बार जब मिलेंगे तब मैं ऊपर आऊंगी. इस बार आप खुद ही कर लो.

मैंने कहा- अंजलि, एक बार मेरे इच्छा है कि मेरा लंड अपने मुँह में डालो. यकीनन तुम्हें अच्छा लगेगा.

यहां मैं एक बात अपने पाठकों से बताना चाहता हूं कि मैं यह नहीं कहता कि सब लोग झूठ लिखते हैं, पर मैंने यह देखा है कि जितनी भी लड़कियों से मेरे संबंध रहे हैं. पहली बार या दूसरी बार में शर्म ही खत्म नहीं होती, लंड चूसना तो दूर की बात है.

अंजलि ने लंड चूसने से मना कर दिया और बोली- हम नार्मल सेक्स ही करेंगे. मुझे यही अच्छा लगता है.

दूसरी बार का सेक्स जैसे कि आप सब लोग जानते ही हैं कि ज्यादा मजेदार होता है, वैसे ही हम दोनों ने दूसरी बार में बहुत देर तक अच्छा और मजेदार सेक्स किया.

अंजलि ने मेरा लंड चूसा या नहीं. हमने ओरल सेक्स किया या नहीं किया, यह मैं आपको बताऊंगा.

उस दिन के बाद हफ्ते में दो बार या तीन बार अंजलि के घर मेरा आना जाना शुरू हो गया.

अंजलि भी मेरा इंतजार करती या मुझे फोन करके बुला लेती और हम खूब चुदाई करते.

इससे अंजलि और भी निखर गई.
अब तो हालात यह थे कि अंजलि किसी समय भी फोन करती और कहती- आप आ जाओ, आज मेरा बहुत मन कर रहा है.

इसी तरह एक दिन अंजलि का फोन आया- आज मेरा बहुत मन कर रहा है. आज आप आ जाओ.
मैंने उससे कहा- मैं आऊंगा जरूर लेकिन तुम्हें वायदा करना पड़ेगा कि आज हम पहले ओरल सेक्स करेंगे, फिर हम चुदाई करेंगे.
उसने हंस कर कहा- ठीक है आ जाओ. मैं कोशिश करूंगी.

मैं वहां पर पहुंच गया.

सबसे पहले घर के अन्दर जाते ही हमने बहुत अच्छी स्मूच की और धीरे-धीरे एक दूसरे के कपड़े उतारना शुरू कर दिए.
कपड़े उतारते उतारते हम बेडरूम तक पहुंच गए.

बेड पर हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे को देख रहे थे.

मैंने अंजलि से कहा- तुम अपना वादा पूरा करो.
वह बोली- अभी मुझको थोड़ा समय और चाहिए.

मैंने कहा- ठीक है जब तुम्हारा मन ओरल करने का हो, तभी हम दोनों चुदाई करेंगे. तब तक मैं तुम्हारा इंतजार करता हूं.
इतना कहकर मैं साइड पर होकर बैठ गया.

“आप बहुत खराब हो …”
मैं मुस्कुरा दिया.

अंजलि ने कहा- लाओ मैं कोशिश करके देखती हूं.
मैंने कहा- पहले तुम लेट जाओ. मैं करके दिखाता हूं.

उसमें टांगें खोलीं और बेड पर लेट गई.
मैंने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ना शुरू किया और उसकी चूत को नीचे से लेकर ऊपर तक बड़े प्यार से चाटा.

अंजलि कहने लगी- यह आपने क्या कर दिया, मैं तो समझो हवा में उड़ रही हूं.
मैंने कहा- इसीलिए मैं कहता था कि एक बार और ट्राई करो.

फिर मैंने उसे 69 की पोजीशन में अपने ऊपर लेटा लिया.
अब मैं उसकी चूत चाट रहा था और वह मेरा लंड चूसने की कोशिश कर रही थी.

धीरे धीरे वह प्यार से मेरा लंड चूसने लगी लेकिन उसे अच्छी तरह चूसना नहीं आ रहा था.

फिर मैंने उसे एक ब्लू फिल्म दिखाई.
उसके बाद तो उसने लंड चूसने में पोर्न स्टार को भी फेल कर दिया.

जब तक मैं उसकी चूत चाट कर उसका पानी निकालता, उससे पहले ही वो लंड चूस कर मेरा पानी निकाल देती.

अब धीरे-धीरे मेरा और अंजलि का सेक्स का रिश्ता काफी मजबूत हो चला था.
हम एक दूसरे के लिए अच्छे चोदू चुदक्कड़ बन चुके थे.

अब हमने सेक्स के लिए लगभग सारे आसन कर लिए थे और अपनी सेक्स लाइफ को और अच्छा करने के लिए नए-नए आईडिया सोचने लगे थे.

एक दिन डॉगी पोज में उसकी गोरी गोरी गद्देदार गांड देखकर मेरी उसकी गांड मारने की इच्छा हुई.
मुझे पता था कि ऐसे ही गांड मरवाने के लिए तैयार नहीं होगी.
तो मैंने धीरे-धीरे उसे गांड मरवाने के वीडियो दिखाए और बताया कि गांड मरवाने में भी चूत मरवाने जितना ही मजा आता है.

काफी समझाने के बाद एक दिन उसने कहा- चलो ट्राई करते हैं.

मैंने सरसों का तेल लेकर एक उंगली से उसकी गांड के अन्दर लगाना शुरू किया.
धीरे-धीरे दो उंगली … फिर मैंने अपने लंड को तेल में भिगोकर उसकी गांड में घुसाने की कोशिश की.

अभी आधा लंड भी नहीं घुसा था कि वह चीखती हुई आगे को सरक गई और लंड बाहर निकाल दिया.

वो कहने लगी- इतना दर्द तो मुझको मेरी सील टूटने पर भी नहीं हुआ था, जितना पहली बार गांड मरवाने पर हो रहा है. आज के बाद आप मुझसे गांड मरवाने की बात कभी नहीं करोगे.

मैंने उसे बहुत समझाया- तुम अपनी गांड को ढीला छोड़ो, फिर उसमें लंड जाएगा. अगर तुम ऐसे ही करती रहोगी, तो मैं तुम्हारी गांड कभी नहीं मार पाऊंगा.

प्यार से समझाने पर वह एक बार और ट्राई करने के लिए मान गई.
इस बार मैंने कोई भी रहना दिखाते हुए एक ही झटके में आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसको कमर से जोर से पकड़ कर रखा.

उसने बहुत कोशिश की भागने की लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी.
मैंने उसे समझाया- अभी अपने शरीर को ढीला छोड़ो, धीरे-धीरे तुम्हें मजा आना शुरू हो जाएगा.

थोड़ी देर सहलाने मसलने के बाद वह थोड़ी नॉर्मल हुई.
तब मैंने उतने ही लंड से उसकी गांड मारनी शुरू कर दी और मौका देख कर एक झटके में पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.

कुछ मिनट तक उसका चिल्लाना हुआ. मैं वो सब नजरअंदाज करते हुए लगा रहा, धीरे-धीरे मैं उसकी गांड मारता रहा.
दो मिनट के बाद वह नॉर्मल होना शुरू हो गई.

गांड मारते हुए जब कभी मैं बीच में रुकता, तो वह खुद आगे पीछे होना शुरू हो जाती.
ऐसा लग रहा था कि अब उसे भी मजा आना शुरू हो गया है.

इसी तरह 15 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही ढेर हो गया.

कुछ देर बाद जब उठने लगी तो अंजलि से चला नहीं जा रहा था.
वह कह रही थी कि मुझे बहुत जलन हो रही है. मुझे कोई दवा लाकर दो.

मैंने उसकी गांड पर क्रीम लगाई और उसे पेन किलर दी.
फिर भी पूरी तरह ठीक होने में उसे तीन-चार दिन लग गए.

उस दिन के बाद से अब तक अंजलि मेरे साथ ओरल भी करती है, एनल पोर्न सेक्स भी करती है और मेरे कहने पर हर वक्त तैयार ही रहती है.

मैंने भी कभी भी अंजलि को उसके कहने पर मना नहीं किया.
उम्मीद है हमारा रिश्ता आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा.

यह सेक्स कहानी अंजलि की सहमति के बाद ही लिखी गई है.
अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि धन्यवाद दोस्तो, भगवान आपको सदा खुश रखे. लंड वालों को चूत और चूत वालियों को लंड हमेशा मिलते रहें.

आपको मेरी एनल पोर्न सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे बताएं.
[email protected]

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