मेरी मंगेतर-1

करण कुमार 2007-08-09 Comments

प्रेषक : कर्ण कुमार

मेरा नाम करण है, मैं शिमला से हूँ और दिल्ली में काम करता हूँ, आपको अपनी असली कहानी सुनना चाहता हूँ।

मैंने दो महीने पहले अन्तर्वासना-कथाएँ पढ़नी शुरू की और सोचा कि मुझे भी अपनी असली कहानी सुनानी चाहिए कि मैंने कैसे पहली बार अपनी होने वाली बीवी के साथ सेक्स किया। उसका नाम कोमल है और अब हमारी शादी हो गई है।

दो साल पहले की बात है, एमबीए पूरा करने के बाद मैंने एक कंपनी में नौकरी कर ली। मेरी एक मौसी की लड़की पूजा चंडीगढ़ में नौकरी करती थी। वो एक पेइंग-गेस्ट रहती थी अपनी दोस्त के घर पर। हम दोनों भाई-बहन बहुत करीब हैं। कोमल उसकी पुरानी दोस्त थी। मैंने उसे कभी नहीं देखा था।

पूजा मुझे मजाक में कहती थी- भईया आपकी शादी अपनी सहेली कोमल से करवाउंगी।

मैं भी बोल देता- ठीक है, करवा देना !

मैं एक बार दिल्ली से शिमला जा रहा था। त्यौहारों के मौसम के कारण चंडीगढ़ से दो घंटे बाद बस थी। तो मैंने बस स्टैंड से पूजा को फोन किया।

उसने बोला- मैं मार्केट में हूँ, आप बाजार में आ जाइए।

मैं बाजार चला गया। उसके साथ एक खूबसूरत लड़की थी।

पूजा ने बताया- यह कोमल है !

क्या बताऊँ उसके बारे में ! प्राकृतिक सौंदर्य था वो। हमारी सिर्फ हाय हैलो हुई।

पूजा कोमल को भी कहती थी कि आप दोनों की शादी मैं करवाउंगी। एक सप्ताह बाद में वापिस दिल्ली चला गया। पूजा रोज फोन पर कोमल के बारे में पूछती थी- कोमल कैसी लगी आपको?

बाद में मैंने हाँ कर दी और कोमल ने भी हाँ कर दी। कोमल के परिवार वाले भी मान गए क्योंकि उसके पापा मुझसे मिल चुके थे। मेरे परिवार को भी पूजा ने बताया, वो भी मान गए। फिर हमारी फ़ोन पर बात होने लगी और हम संदेशों का आदान-प्रदान भी करने लगे।

धीरे-2 हम काफ़ी घुलमिल गए। इस बीच हम दोनों के परिवार मिले और हमारा रिश्ता तय हो गया और दो महीने के बाद मार्च में सगाई भी तय हो गई। अब जब भी मैं कभी घर जाता तो कोमल से 1-2 घंटे के लिए मिल लेता था। हम बाजार में ही मिलते। अब तक हम काफ़ी पास आ गए थे।

हमारी सगाई से दो सप्ताह पहले मेरे एक दोस्त के पिता की मृत्यु हो गई। मैं वहाँ गया। वापिसी में मैं कोमल से मिलने चंडीगढ़ चला गया।

उस दिन बरसात हो रही थी। बैठने के लिए हम एक पार्क चले गए। पार्क के बीच एक छत सी बनी हुई थी, हम वहाँ बैठ गए। वो भीग गई थी, उसने कहा- मुझे ठण्ड लगा रही है।

मैंने हिम्मत करके उसे बाँहों में ले लिया। बहुत नाजुक सी थी वो ! उसने आंखें बंद कर ली और अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया।

मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने उसे और कस लिया। वो मदहोश हो गई। मुझे अपनी छाती पर उसके मम्मों का एहसास होने लगा। मुलायम और गर्म गर्म मम्मों के एहसास से मेरा लंड खड़ा होने लगा। किसी लड़की से मेरा पहला एहसास था। वो बिलकुल मदहोश हो गई।

मैंने हिम्मत करके कहा- कोमल, मैं तुम्हें चूम सकता सकता हूँ?

उसने कुछ नहीं कहा, बस अपनी आंखें बंद ली। मैंने उसके माथे पर एक चुंबन किया। फिर दोनों गालों पर किया। फिर मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए। धीरे धीरे उसके होठों को चूसने लगा।

क्या एहसास था ! गरम और नरम होंठ थे उसके !

वो भी साथ देने लगी थी मेरा। एक लड़की को बरसात में चूमने का क्या एहसास क्या होता है, मैं ही जानता हूँ।

काफी देर बाद हम अलग हुए, सिर्फ चुंबन ही किया। हम शादी से पहले आगे नहीं जाना चाहते थे। फिर कुछ दिन बाद हमारी सगाई हो गई। अब जब भी मिलते तो हम एक दूसरे को चूमते थे। एक बार चूमते हुए हम कुछ ज्यादा ही गर्म हो गए। हम पार्क में थे तो कुछ कर भी नहीं सकते थे।

दिल्ली जाकर मैंने संदेश भेजा कि आज मेरा दिल नही मान रहा, मुझे फ़ोन पर ही चूमो।

वो मुझे चूमने लगी। वो भी तब कुछ ज्यादा ही गर्म थी।

मैंने कहा- आज मेरा दिल कर रहा है कि तुम्हें सारी पा लूँ !

उसने कहा- कैसे ?

मैंने कहा- मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।

उसने कहा- वो क्या होता है?

मैंने कहा- सेक्स !

तो कोमल बोली- किया तो है हमने !

मुझे तो झटका लग गया, मैंने पूछा- कब किया?

वो बोली- क्यूं? चूमते तो हो हर बार !

मुझे हंसी आ गई और पूछा- सेक्स के बारे में क्या जानती हो?

उसने कहा- जब होंठ चूमते हैं तो उसको सेक्स कहते हैं।

मेरी तो हंस-2 कर बुरी हालत थी! मैंने पूछा- तुम्हें किसी सहेली ने सेक्स के बारे में नहीं बताया क्या?

वो बोली- नहीं।

मुझे लगा कि वो मेरा बेवकूफ बना रही है पर सच में उसे पता नहीं था कि सेक्स में क्या करते हैं!

तो मैंने उसे बताया कि सेक्स क्या होता है और सेक्स क्यूँ करते हैं। वो शरमा गई। फिर मैंने उसे फोन सेक्स के बारे में भी बताया। अब हम रोज रात को फोन सेक्स करते थे, उसे भी मजा आता !

अगली बार जब हम मिले तो एक फिल्म देखने गए। थियेटर में बहुत कम लोग थे। मैं उसके कंधे पर हाथ फेरने लगा, वो भी गर्म होने लगी थी। .उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया! फिर मैं उसके होंठ चूमने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसके मुँह में फिराने लगा और उसकी जीभ को चूस रहा था!

मैंने एक हाथ उसकी कमीज में डाल दिया और पेट पर फिरने लगा। उसके शरीर को मैंने पहली बार छुआ था। उसकी सांसें तेज हो गई, उसने आंखें बंद कर ली और उसके मुँह से आवाजे निकलने लगी- म्मम्मम्मम्म मम्म म्मम्मम आहऽऽ

मैंने अपना हाथ ऊपर किया और उसके मम्मों पर फिराने लगा। मैं ब्रा के ऊपर से उसके चूचे दबा रहा था। इतनी नरम चीज़ मैंने पहली बार स्पर्श की थी। मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। वो भी मम्म अम मम कर रही थी। फिर मैंने हाथ उसकी ब्रा के अंदर डाल दिया। उसके नर्म नर्म मम्मों से मेरी हालत खराब हो रही थी, मैं तो पागल हो रहा था। उसकी भी हालत खराब हो रही थी।

मैंने धीरे से पूछा- कोमल, मुझे तुम्हारी सलवार में हाथ डालना है !

उसने मना कर दिया- कोई देख लेगा।

वो भी चाहती थी पर डर रही थी। मैंने धीरे से हाथ उसकी सलवार में डाल दिया और उसकी पैन्टी के ऊपर से हाथ फिराने लगा। उसकी चूत की गर्मी को महसूस करने लगा, मेरी हालत ख़राब हो गई थी! अब मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ दाल दिया। उसने अपनी चूत के बाल एक दम साफ़ किये हुए थे। एकदम गर्म और चिकनी चूत थी। मैं उसकी चूत की मालिश करने लगा। कोमल ने अब मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए और मेरी गर्दन को चूसने लगी! मैं भी तेज-2 उसकी चूत को मलने लगा। उसके मुँह से आवाजें आने लगी- मम्म म्मम्म मम मम मम म्मम्म .

उसने मेरी गर्दन पर अपने दांत लगा दिए और काटने लगी। शायद वो भी गर्म हो गई थी, उसकी चूत भी गीली हो गई थी। मैंने एक ऊँगली अंदर दाल दी और फिराने लगा। उसने और तेज काटना शुरू कर दिया। मेरी हालत भी खराब हो गई थी!

फिर उसने कहा- बस करो ! मुझे कुछ हो रहा है !

शायद उसे लंड चाहिए था। तभी फिल्म ख़त्म होने लगी, हम ठीक होकर बैठ गए।

शेष कहानी अन्तर्वासना डॉट कॉम पर अगले भाग में !

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