पिया गए परदेस … लंड की याद सताती है

(Akeli Bhabhi ki Lockdown Sex Kahani)

पंकज सोनी 2021-09-13 Comments

यह लॉकडाउन सेक्स कहानी एक भाभी की चुदाई की है जिसका शौहर विदेश में फंस गया था. इधर लंड के बिना भाभी का बुरा हाल था. उसने अपनी प्यास कैसे बुझाई?

अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, लौंडियों की चिकनी चूत को मेरा दुलार और भाभियों आंटियों की चूत को लंड का भरपूर प्यार.

मैं आशा करता हूँ कि सब सभी मज़े में होंगे.
मेरी कहानी
बंगलूरु की हसीना की मालिश और चुदाई
को आपने जो प्यार दिया, उसका बहुत बहुत आभार. इस बार की जो सच्ची लॉकडाउन सेक्स कहानी है, मुझे आशा है कि वो आपको पसंद आएगी.

मेरा नाम पंकज है, मैं अजमेर से हूँ.
मैं एक बॉडी मसाज कंपनी में मैनेजर हूँ. मैं औरतों व लड़कियों की बेहतरीन मसाज करता हूँ. यदि कोई औरत चाहती है कि उसकी जिस्मानी प्यास नहीं मिटती है, तो उसकी चुत चुदवाने की भूख प्यास सब मिटा देता हूँ.

हुआ यूं कि मुझे एक ईमेल आया. उसमें एक महिला ने मुझसे कहा कि वो मुझसे बॉडी मसाज और सेक्स करना चाहती है. इसके लिए मुझे उसके घर पर आना होगा.
ईमेल में बस इतना ही लिखा था.

जिस टाइम ये मेल आया था, उन दिनों लॉकडॉउन चल रहा था तो मैंने उसको रिप्लाई दिया कि अभी तो लॉकडॉउन है तो मैं भी नहीं आ सकता हूँ … और ना ही किसी और को भेज सकता हूँ. आप लॉकडॉउन खुलने का इंतज़ार करें और सम्भव हो, तो मुझे अपनी एक तस्वीर भी भेज दें. इतना मैंने लिख कर मेल कर दिया.

अगले ही दिन उसका जवाब आ गया.

उस औरत ने अपना नाम फरियाल (इधर मैंने ये नाम बदल दिया है) बताते हुए लिखा था कि उसको एक बच्चा है. उसके पति भारत से बाहर काम करते हैं, तो लॉकडॉउन की वजह से वापस अपने देश नहीं आ सकते हैं. पांच छह महीने बाद भी शायद ही आ पाएं. घर में सिर्फ वो, बच्चा और एक नौकरानी ही रहती है.

मैंने उसको रिप्लाई किया- ठीक है, मैं आपके पास आ तो सकता हूँ, लेकिन ये लॉकडॉउन खुलने के बाद ही सम्भव हो सकेगा.
उसने लिखा- कोई बात नहीं … लेकिन आपको मेरे यहां पर कम से कम 3 दिन 4 रातें रुकना होगा. लेकिन मेरी प्यास और मेरा शरीर पूरी तरह से तोड़ देना होगा.

मैंने भी लिख दिया- मुझे बड़ी ख़ुशी होगी कि मैं आपकी बदन तोड़ सेवा कर सकूँ.
इस तरह से उसके साथ मेरी बात पक्की हो गई.

दो दिन के बाद उसने मुझे अपनी तस्वीर भेजी.

बड़ी सेक्सी तस्वीर थी. उस तस्वीर से उसकी पूरी बॉडी का शेप पता चल रहा था.

उससे ईमेल पर मेरी रोज़ बात होने लगी. फिर नंबर अदला-बदली हुए, तो कॉल भी आने-जाने लगे. फिर व्हाट्सएप पर वीडियोकॉल होने लगी.

कुछ दिनों के बाद लॉकडॉउन हट गया, तो मिलने की बात भी होने लगी.

मैंने उससे कहा- फरियाल, मैं कार से आपके यहां आ रहा हूँ, तो कब आना है … ये बताओ.
उसने बोला- जब भी मन हो … आ जाओ. बस जल्दी से आ जाओ … मुझे आपकी बहुत जरूरत है, अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है.

फरियाल का घर गुजरात के पाटन में था.

मैंने कहा- ठीक है … मैं कल सुबह तुम्हारे घर के लिए निकल जाऊंगा और शाम तक पाटन आ जाऊंगा. रात में तुम्हारे घर में ही मुलाकात करूंगा.
उसने उल्लासित स्वर में कहा- ठीक है, मैं तुम्हारा इतंजार कर रही हूँ. तुम बस जल्दी से आ जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.

अगली सुबह मैं जल्दी ही पाटन के लिए रवाना हो गया. पूरे रास्ते हर दस मिनट पर फरियाल के कॉल पर कॉल आने लगे कि कहां तक पहुंचे.

मैंने कहा- अरे यार तसल्ली रखो … जैसे ही पाटन आ जाऊंगा, तुम्हें कॉल कर दूंगा.
वो बोली- यार, रहा नहीं जा रहा है इसलिए बार बार कॉल कर रही हूँ … बुरा मत मानना.

मैंने कहा- मुझे खुद भी तुमसे मिलने की जल्दी है फरियाल, मगर रास्ते में चैकिंग बहुत ज्यादा हो रही है … इसलिए समय लग रहा है.
वो बोली- ओके.

उसके बाद मैं खुद जल्दी से जल्दी वहां पहुंच जाना चाहता था, क्योंकि 9 बजे के बाद किसी को भी शहर में एंट्री नहीं थी.

मैंने भी कार स्पीड में दौड़ा दी और शाम को 7 बजे तक पाटन आ गया.

पाटन आते ही मैंने फरियाल को कॉल किया- मैं पाटन आ गया हूँ, तुम अपने घर की जीपीएस लोकेशन भेज दो.

उसने मुझे घर की लोकेशन भेजी और उसके घर तक आते आते मुझे 9 बज गए.

मैंने उसके घर के बाहर कार पार्क की और उसके घर पर दस्तक दे दी.

नौकरानी ने गेट खोला और पूछा- आप पंकज जी हैं?
मैंने कहा- हां, मैं ही पंकज हूँ.

उसने मुझे घर में अन्दर बुलाया और बोली- आप पहले बाथरूम में जाइए और नहा कर आइए, फिर बैठिए.

मुझे भी मालूम था कि ये कोरोना के कारण कह रही है.
ये सब जरूरी भी था, तो मैं बाथरूम में चला गया.

तीस मिनट के बाद मैं नहा धोकर निकला.

अब मैं हॉल में बैठा था, तभी पीछे से आवाज़ आई- आपका इंतज़ार करते करते दिल बेचैन हो गया है.

मैंने पीछे मुड़ कर देखा, तो फरियाल खड़ी थी.
जो फरियाल तस्वीर में इतनी प्यारी लग रही थी, मगर अब मेरे सामने खड़ी थी तो वो प्यारी नहीं, एक कयामत लग रही थी.

उसे देखते ही मैं खड़ा हुआ और बांहें फैला दीं.
उसने मुस्कान बिखेरी और मेरे सीने से लग गई.

एक बार हग करने के बाद फरियाल ने मुझसे बैठने को कहा.
हम दोनों सोफे पर बैठ गए.

मैं उसकी खूबसूरती के लिए क्या बोलूं, कुछ भी लिखना कम होगा. आप बस खुद ही समझ लो.
फरियाल के उठे हुए चूचे पतली सी कमर … और गांड एकदम गोल देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैं उसे एकटक देख रहा था.

उसने मुस्कुरा कर कहा- पंकज सिर्फ देखने ही आए हो … या मेरा कुछ काम भी याद है?
मैंने कहा- सॉरी यार तुम्हें देख कर तो मैं काम भूल ही गया था. सच में तुम बहुत सुंदर हो.

वो थैंक्स बोली.
मैंने आह भरते हुए कहा- काम तो मैं अभी के अभी ही शुरू कर दूँ … लेकिन मुझसे भूखे पेट काम नहीं होता यार.

वो हंसने लगी और उसने नौकरानी को आवाज लगा कर उसे बोला- शारदा, हम दोनों का खाना लगा दो.
मैंने कहा- तुम्हारा बेबी कहां है?

फरियाल बोली- उसको मैंने आज सुबह ही अपने पापा के यहां चार दिन के लिए भेज दिया है. वो वहीं है.
मैंने कहा- फिर तुम्हारी ये शारदा का क्या होगा?

वो बोली- ये भी अभी काम खत्म करके चली जाएगी. हालांकि उससे कुछ भी छिपा नहीं है.
मैंने चुटकी ली कि क्या लॉकडाउन का सहारा यही है?

वो हंस दी और उसने आंख दबा दी.

मुझे भी शारदा का फिगर मस्त लगा था, मगर अभी सामने हूर सी फरियाल की चुत दिख रही थी तो मैं चुप हो गया.

फिर हम दोनों ने खाना खाया और फरियाल मुझे कमरे में लेकर गई.

हम दोनों बातें करने लगे.

उसने बताया उसके शौहर शारजाह में गोल्ड के शोरूम में काम करते हैं. चूंकि कोरोना के चलते कोई फ्लाइट आ नहीं रही है, तो वो आ नहीं पा रहे हैं. मुझे कब से सेक्स की इच्छा हो रही है, लेकिन मुझे किसी ऐसे से सेक्स करना था, जो मुझे प्यार भी करे और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट भी कर दे. मेरी जिस्मानी प्यास भी मिटा दे, इसलिए मैंने आपकी कहानियां पढ़ कर आपको मेल किया था.

मैंने सर झुकाते हुए कहा- आपने सही आदमी को कॉल किया है.
फरियाल मेरे इस अंदाज से हंस पड़ी.

हम दोनों की बातें काफी देर तक चलीं.

फिर शारदा कमरे के दरवाजे पर दस्तक देती हुई बाहर से बोली- दीदी मेरा काम हो गया है … और मैं जा रही हूँ.
फरियाल बोली- ठीक है जाओ और सुबह आराम से आना … ग्यारह बजे तक.

शारदा बोली- जी दीदी. आप दरवाजे लगाने आ रही हैं या मैं ऐसे ही अटका कर चली जाऊं!
फरियाल बोली- तू जा … मैं लगा लूंगी.

शारदा चली गई.

उसके जाने के दो मिनट बाद फरियाल भी नीचे चली गई और मेनगेट लॉक करके वापस आ गई.

वो अंगड़ाई लेकर बोली- अब बोलो क्या करना है?
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- पहले मसाज करा लो … उसके बाद कबड्डी खेलते हैं.

वो हंस कर बोली- ठीक है. मसाज करते करते भी मैच शुरू हो सकता है.
मैंने कहा- हां क्यों नहीं.

वो मुस्कुराने लगी.

मैंने कहा- तुम अपने कपड़े खोलो और पलंग पर लेट जाओ.

फरियाल मेरे सामने खड़ी हो गई और अपना सलवार सूट खोलने लगी.
वो भी इतने प्यार से कपड़े उतार रही थी … जैसे सालों बाद चुदने वाली हो.

फिर वो हुआ जो मुझे सब से ज्यादा पसंद है. फरियाल ने अपने ब्रा पैंटी खोली और अपना साफ़ सुथरा खजाना खोल दिया.

आह … उसके बोबे ऐसे तने हुए दिख रहे थे … जैसे अब तक किसी ने छुए ही नहीं हों.
फरियाल की 28 इंच की बलखाती कमर तो ऐसे दिख रही थी कि कैटरीना भी पीछे हो जाए.

कमर के नीचे उसकी गांड तो देख कर जुबान पर एक ही शब्द आया कि वाह क्या गांड है.
मैं उसके मदमस्त खूबसूरत जिस्म की बनावट की एकटक घूर रहा था.

फरियाल अपनी कमर पर हाथ रख कर किसी मॉडल की तरह पोज देती हुई बोली- पंकज डार्लिंग … तुमको मैंने सिर्फ देखने के लिए नहीं बुलाया है.
मैंने कहा- हां मुझे मालूम है बेबी … मगर मैं पूरा मैदान देखने के बाद काम भी शुरू करता हूँ.

वो फिर से हंस दी.

मैं उसके सामने जा खड़ा हुआ और अपने कपड़े खोलकर पूरा नंगा हो गया.

मैंने उसे लंड की झलक दिखाई और पजामा पहन लिया.
वो बोली- पंकज इस पजामे को क्यों पहन लिया है. इसे उतार दो … तुम बिना पजामे के ही मस्त लग रहे थे.

मैंने पजामा खोल दिया.
मेरा नंगा जिस्म और लंड उसके सामने खड़ा हो गया.

वो मेरे शरीर को और खड़े लंड को ऐसे देख रही थी कि बस अब मुझे खा ही जाएगी.

इधर मैं भाभियों और लड़कियों को बता दूँ कि मैं अपनी पूरी बॉडी और लंड पर वैक्सिंग कराता हूँ, जिससे मेरा कड़ियल जिस्म भाभियों और लड़कियों को अच्छा लगता है. भाभियों और लड़कियों को मर्द का बिना बाल वाला लंड और चिकनी छाती बहुत पसंद आती है.

मैंने फरियाल से कहा- तुम पलंग पर उल्टी होकर लेट जाओ.

वो लालसा भरी नजरों से मेरे लंड को देखती हुई बिस्तर पर औंधी लेट गई.
मैंने उसकी पीठ गांड और पैरों पर आयल लगा कर मसाज करना शुरू कर दिया.

क्या बॉडी थी फरियाल की … एकदम काजू …

फरियाल की पीठ से मसाज करते करते मैं उसकी गांड पर आ गया और उसकी गांड मसलने लगा.
तो उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.

मैंने उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और टांगों के जोड़ पर हाथ फेरने लगा.

उसने अपने पेट को थोड़ा सा उठा कर चुत में हाथ फिरवाने की इच्छा जाहिर की मगर मैंने उसकी चुत को टच भी नहीं किया.
इसकी जगह मैंने उसकी गांड के छेद में एक उंगली डाली और अन्दर बाहर करने लगा.

उसकी मादक सिसकारियां और तेज़ हो गईं.
मेरा मन हुआ कि फरियाल की गांड को चूस लूं … फिर कुछ सोच कर मैंने खुद को रोक लिया.

मैंने अपने लंड को समझाया कि मान जा साले लौड़े … थोड़ी देर में ये गांड चुत सब तू ही चूसने वाला है.
मैं फरियाल की मसाज करने लगा.

काफी देर तक फरियाल का जिस्म रगड़ने के बाद मैंने उससे कहा- फरियाल, अब मुझे आगे की मसाज करनी है.
फरियाल झट से सीधी होकर लेट गई.

मैंने फरियाल की पीठ को काफी रगड़ा था, जिस वजह से औंधी लेटने की वजह से उसके आगे का हिस्सा पूरा लाल लाल हो गया था.

मैंने उसके बोबों से मसाज चालू की. उसके बोबे दबाए … फिर उसका पेट सहलाया.
इतने में ही उसके निप्पल इतने बड़े और कड़क हो गए थे कि मुझे साफ़ पता चल गया कि ये अब चुदने को तैयार है.

दोस्तो, चोदने के लिए जैसे लड़कों का लंड खड़ा हो जाता है, वैसे ही चुदवाने के लिए औरतों के निप्पल बड़े हो जाते हैं. उससे पता चल जाता है कि अब ये चुदने को तैयार है.

मैंने उसकी चूत को तेल से नहलाया और उसकी चूत में उंगली करने लगा.
फरियाल ने 5 मिनट बाद अपना पानी निकाल दिया.

चुत स्खलित होते ही फरियाल तो जैसे घबरा गई और सॉरी बोलने लगी.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, ये होता रहता है.
फरियाल लम्बी सांस लेती हुई बोली- आह … हां, आज न जाने कितने टाइम बाद ये हो रहा है … तो मेरा जल्दी निकल गया.
मैंने कहा- फरियाल अभी तो तुम्हारा और भी पानी निकलेगा.

अब फरियाल हंसने लगी और मैंने उसकी मसाज करना शुरू कर दिया.

मसाज करते करते मैंने देखा कि उसकी चूत के बिल्कुल पास में एक छोटा सा काला तिल है.
मैंने फरियाल को बोला- फरियाल तुम्हारी चूत को किसी की नज़र नहीं लगे … इसलिए ऊपर वाले ने तुम्हारी चूत पर काला तिल लगा दिया है.

फरियाल हंसने लगी और बोली- पंकज, इस तिल को कभी मेरे शौहर ने नहीं देखा … अब तक बस वो आते हैं … लंड चुत में डालते हैं और जल्दी से पानी निकाल कर सो जाते हैं. तुमने मेरा तिल देख लिया तो मुझे लगता है कि जैसे मेरा मन है सेक्स का, वैसे तुम ही करोगे. अब प्लीज़ ये देखना दिखाना छोड़ो और मेरी प्यास मिटा दो.

इतना बोल कर फरियाल ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे होंठों पर किस करने लगी.

उसके होंठों का चुम्बन मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे पिंक स्ट्राबेरी जैसी दिखने वाली चीज पर किसी ने गर्म अंगारा रख दिया.

अब मैं भी फरियाल के होंठ चूसने लगा.
होंठ चूसते चूसते फरियाल मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी, खींचने लगी.
मैं फरियाल के होंठ और उसके बोबे चूसने लगा.

फरियाल बोली- पंकज मेरी चूत में आग लगी है … पहले उसको बुझा दो.

मैं पोजीशन बना कर फरियाल की चूत पर आ गया और उसकी चूत को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगा.

आय हाय … चूत का क्या स्वाद था … मुझे तो चूस कर ही मज़ा आ गया.

फरियाल को मुझसे ज्यादा मज़ा आ रहा था.

उसकी चूत चूसते चूसते मैं उसकी गांड के छेद को भी चूसने लगा.

फरियाल की गांड के छेद से मस्त महक आ रही थी. मेरा मन तो यही हो रहा था कि आज सारी रात बस फरियाल की चूत और उसकी गांड को ही चूसता रहूँ.

लेकिन फरियाल को भी मेरा लंड चूसना था तो मैं और फरियाल 69 में आ गए.

फरियाल मेरे ऊपर और मैं फरियाल के नीचे थे. फरियाल मेरा लंड ऐसे चूस रही थी, जैसे वो मेरे लंड को पूरा चूस कर खा ही जाएगी.

मेरे लंड का साइज बड़ा है. फरियाल को पता चल गया था कि अब उसकी चूत और गांड पानी पानी होने वाली है और उसकी पूरी प्यास मिटने वाली है.

हम दोनों को एक दूसरे के लंड और चूत चूसते हुए काफी समय हो गया था.
फरियाल अब तक कई बार पानी निकाल चुकी थी. मेरे लंड का भी एक बार पानी निकल गया था. मेरा पानी उसके मुँह में ही निकला था और उसने वीर्य पी लिया था.

अब फरियाल बोली- पंकज अब अन्दर डालो ना … और मेरी चुत का कुछ करो यार!
मैंने कहा- ठीक है.

इतना बोल कर मैंने फरियाल को अपनी गोद में सीने से सीना लगा कर बैठा लिया. उसकी चूत में मेरा लंड डालने से पहले उसके होंठ ओर उसके बोबे चूसने लगा.

फरियाल बोली- पंकज मेरी चूत में आग लगी है … उसको भी बुझाओ न!

मैं फरियाल को लिटा कर उसकी चूत पर फिर से एक बार आया और उसकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा.

फरियाल बोली- पंकज अब डाल भी दो यार!
मैंने कहा- ठीक है.

लंड का सुपारा चुत की फांकों में लगाया और एक झटका दे दिया.

लंड घुसते ही फरियाल की आह और उसकी चूत से ‘फच फच …’ की आवाज़ आ गई. उसकी वो दोनों आवाजें मेरे हौसले को बढ़ा रही थीं.

एसी की ठंडक में भी हम दोनों एकदम गर्म हो रहे थे. हम दोनों के पसीने निकल रहे थे.

फरियाल काफी दिन बाद चुद रही थी तो उसकी चुत की कसावट मेरे मोटे लंड को कुंवारी चुत सा मजा दे रही थी.

उधर फरियाल भी दर्द से तड़फ रही थी.
कुछ देर बाद लंड ने चुत में अपनी जगह बना ली और चुत ने भी थोड़ा पानी छोड़ दिया था जिससे लंड को चुत के अन्दर आने जाने में चिकनाई हो गई थी.

अब मैं फरियाल को पूरी ताकत से चोद रहा था और वो हवा में टांगें उठाए लंड का मजा ले रही थी.

कुछ देर बाद मैंने उसकी पोजीशन बदली और उसे फिर से रगड़ने लगा.
बार बार पोजीशन बदलने से लंड की टाइमिंग भी बढ़ जाती है.

पांच आसनों में फरियाल की चुत को चोदने के बाद मैं उसको आखिरी मिशनरी पोजीशन में लेकर आया.

मैंने उसको पलंग पर सीधा लेटा कर उसकी चूत में लंड पेला और फुल स्पीड में चोदने लगा.

वो भी मस्ती में आवाजें निकालने लगी थी. उसके जिस्म में कसावट बढ़ती ही जा रही थी.
मुझे समझ आ गया था कि फरियाल की चुत का काम तमाम होने ही वाला है.

तभी फरियाल का पानी ऐसे भलभला कर निकला, जैसे कोई फव्वारा छूटा हो.

वो जोर से ‘ऊंह्ह्ह मैं मर गई … आह आह …’ कराही और उसने मेरे जिस्म को जकड़ लिया.
उसकी चुत एकदम से टाईट हो गई थी, मेरा लंड फंस सा गया था.

उसके सैलाब से मेरा लौड़ा भी पिघलने की कगार पर आ गया था.

मैंने भी फरियाल से कहा- जान मेरा भी निकलने वाला है … कहां लोगी?
फरियाल बोली- आह … तुम मेरी चूत में ही निकाल दो और मेरी चूत की प्यास मिटा दो.

उसकी इस बात से मैं बिंदास हो गया था और लम्बे लम्बे शॉट मारने लगा था.
एक मिनट तक रगड़ रगड़ कर शॉट मारने के बाद मैंने फरियाल को कमर से पकड़ा और मेरा समूचा लंड उसकी चूत में अन्दर बच्चेदानी तक डाल दिया.
लंड ने मुँह खोल दिया और पानी निकल गया.

उसी समय फरियाल ने मुझे अपनी बांहों में लेकर अपने एक बोबे को मेरे मुँह में डाल कर मुझे कसके जकड़ लिया.

फिर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और लम्बी लम्बी सांसें लेते हुए अपनी आंखें मूंद लीं.

हम दोनों इस मस्ती में इतने ज्यादा थक गए थे कि उसी अवस्था में सो गए.

गहरी नींद लगी थी तो सीधे सुबह ही आंख खुली.

अगले दिन हम दोनों ने उठते ही फिर से सेक्स किया और नहाने आ गए. एक बार बाथरूम में भी चुदाई हुई.

फिर शारदा आ गई तो मैं सारे समय सोता ही रहा.

रात में मैंने फरियाल की गुलाबी गांड भी मारी.

अगले चार दिनों तक मैंने फरियाल की गांड और चूत को खूब चोदा.

लॉकडाउन सेक्स के बाद अब विदाई का वक्त आ गया था.

फरियाल ने मुझे गले से लगाते हुए कहा- पंकज, अगली बार तुम बस मेरी चूत ही चोदना, गांड नहीं.

मैंने भी घुटनों पर बैठ कर फरियाल की बेबीडॉल उठाई और उसकी नंगी चूत को चूमते हुए कहा- ओके डार्लिंग.

मैं वहां से चला आया और अभी भी मेरी फरियाल से बात होती है.

दोस्तो, मेरी सच्ची लॉकडाउन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मेल से बताना जरूर. लव यू ऑल सेक्सी हॉट लेडीज.
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