पड़ोस वाली भाभी के चुचे और चूत चाटकर चोदी

(Xxx Bhabi Chudai Kahani)

Xxx भाबी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस की एक जवान भाभी अपने पति से रुष्ट रहती थी. मेरा उनके यहाँ आना जाना था. एक दिन भाभी ने मुझे अपने पास बुलाया.

अन्तर्वासना सेक्स कहानी में आपका स्वागत है.

मेरे घर के पास एक मस्त भाभी रहती हैं. मेरी उनसे कैसे जान पहचान हुई और मैंने उन्हें कैसे चोदा … वो सब मसाला आपको आज इस सेक्स कहानी में पढ़ने मिलेगा.

नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ और लगभग मैंने अन्तर्वासना की सारी कहानियां पढ़ी हुई हैं.

कहानी शुरू करने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में बता देता हूँ … मेरा नाम मन्नू (काल्पनिक नाम) है.

मैं फ़रीदाबाद, हरियाणा में रहता हूँ. मेरी उम्र 21 वर्ष है और मेरा कद 5 फुट 9 इंच है.

आज की यह Xxx भाबी चुदाई कहानी मेरे और सोनिया भाभी (काल्पनिक नाम) के बीच की चुदाई की है.

सोनिया भाभी दिखने में एकदम कड़क माल हैं.
कोई भी उनको एक बार देख ले, तो उनको चोदने के लिए मचल जाएगा.

भाभी का फ़िगर एकदम कसा हुआ है और उनका नाप 36-30-38 का है.

यह चुदाई की कहानी 2021 की है, जब वह हमारे पड़ोस में रहने आयी थीं.
तब मुझे उनमें कुछ ख़ास दिलचस्पी नहीं थी.

फिर उनका हमारे यहां आना जाना भी होने लगा था, तब मुझे कुछ लगा कि मैं उन्हें न देख कर कुछ गलत कर रहा हूँ, इतना कड़क माल और न देख कर मैं खूबसूरती की तौहीन कर रहा हूँ.

बस अब जब भी वह हमारे घर आतीं, तब मैं अपने सारे काम छोड़कर उन्हें ही देखता रहता और यही सोचता रहता कि ऊपर वाले ने भाभी को कितनी फुर्सत से बनाया है.

एक दिन कुछ ऐसी घटना हुई, जिससे हम दोनों थोड़े क़रीब आ गए.
हुआ यूँ कि एक दिन भाभी का उनके पति से झगड़ा हो गया था.
बात इतनी बढ़ गयी थी कि उनके घर पुलिस आ गयी थी.

तब बात तो सुलझ गयी थी मगर भाभी का मन थोड़ा दुखी रहने लगा था.

थोड़े दिनों बाद मेरी मम्मी ने मुझे उनके घर कुछ काम से भेजा.
उनके घर गया तो पता चला कि उनका पति एक हफ़्ते के लिए किसी काम से बाहर गया है.

काम ख़त्म होने के बाद में उनके घर से जाने लगा तो भाभी ने मुझसे कहा- थोड़ी देर बैठ जाओ, इतनी जल्दी क्या है.
उनकी बात सुनकर मैं अन्दर ही अन्दर खुश हो गया कि आज भाभी मुझे अकेले में बैठने के लिए कह रही हैं.

मैं बैठ गया और भाभी से पानी पीने के लिए कहा.
उन्होंने मुझे पानी पिलाया.

हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
भाभी मेरी पढ़ाई को लेकर बात करने लगीं.

बातों बातों में मैंने उनसे पूछा कि उस दिन आप दोनों इतना क्यों झगड़ रहे थे.

उन्होंने बताना शुरू किया.
शायद वो खुद ही उस बात को कहने के लिए सोच रही थीं.

भाभी कह रही थीं कि उनके पति उन्हें जरा भी प्यार नहीं करते हैं और उनका चक्कर किसी बाहर की औरत से चल रहा है जो उन्हें पैसे से निचोड़ती रहती है.

मैंने पूछा- भाभी ऐसा उस औरत में क्या है, जो आप में नहीं है.
वो बोलीं- मेरे सामने वो औरत कुछ भी नहीं है. मगर समस्या दूसरी है.

मैंने कहा- क्या समस्या है?
भाभी कुछ सकुचाने लगीं.
वो बोलीं- मैं ये बात तुम्हें कैसे बताऊं मेरी समझ में नहीं आ रही है.

उनके चेहरे पर गम की लकीरें साफ़ झलक रही थीं.
मैंने कहा- भाभी उसके दो ही कारण हो सकते हैं कि या तो भैया जानवरों जैसा प्यार करना पसंद करते होंगे, या उनमें दम ही नहीं होगा.

मेरी इतनी खुली बात सुनकर भाभी मानो फ़ट पड़ीं. उनके मुँह से गाली निकल गई.
वो बोलीं- साला भड़वा है मेरा पति … उसका सही से खड़ा भी नहीं होता. वो जानवर कैसे बन सकता है?

ये उनके मुँह से निकला तो मैं मन ही मन खुश हो गया कि भाभी को लंड की जरूरत है.

उधर भाभी बताती जा रही थीं कि वो छिनाल औरत उनके पैसे के चक्कर में उनके साथ लगी रहती है. उसके मेरे पति की मर्दाना ताकत से कुछ भी लेना देना नहीं है.

भाभी विस्तार से पूरी बताते बताते रोने लगीं.
मैंने उन्हें रोते देखा तो उनके करीब बैठ कर उन्हें चुप कराने लगा.

मगर भाभी ने रोना बंद ही ही नहीं किया.
मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर उन्हें सहलाया और चुप कराने का प्रयास किया.

इसका नतीजा ये निकला कि भाभी रोते रोते मेरे गले से लग गईं.
मुझे एक अजीब सी ठंडक मिलने लगी और मैंने महसूस किया कि उनकी चूचियां मेरी छाती में कुछ ज्यादा ही गड़ रही हैं.

उनके दोनों हाथ मुझे जकड़े हुए थे. ये देख कर मैंने भी उनकी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनको चुप करवाने लगा.
वो सिसक सिसक कर मुझे अपनी बात कह रही थीं.

मैंने उनके गले से हट कर उनके आंसू पौंछे.
फिर मैं उन्हें सहारा देकर बेड तक ले आया और उन्हें बेड पर बिठा कर चुप कराने लगा.

जब मैं उनको बेड पर बिठा कर आंसू पौंछ रहा था, तब उन्होंने मेरे लंड के उभार को देख लिया था.

आंसू पौंछने के बाद जब मैं उनके साइड में बैठा तो उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ रखा और सहलाने लगीं.

इससे मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ गयी.
उनके हाथ के ऊपर मैंने अपना हाथ रख दिया.

जैसे ही मैंने उनके हाथ के ऊपर हाथ रखा, उन्होंने मुझे एक चुम्बन कर दिया.
बदले में मैंने भी उन्हें चुम्बन कर दिया और उनकी आंखों में देखने लगा.

उनकी आंखों में देखते वक़्त मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे उनकी आंखें मुझसे कह रही हों कि अब बस चोद दे.

उन्होंने मुझे फिर से गाल पर चुम्बन किया और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए.
मैं भी लग गया.

हमारा यह चुम्बन 5 मिनट तक चला.
इस दौरान मैं अपने हाथों से उनके चुचे दबाने लगा था, जिससे मुझे और भाभी दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

भाभी बोलीं- मन्नू, मुझे तुम्हारी जरूरत है. क्या तुम मुझे प्यार करोगे?
मैंने कहा- भाभी आप जो चाहोगी, मैं आपके लिए करूंगा.

वो मेरे साथ प्यार करने लगीं और मुझे बेतहाशा चूमने लगीं.
उस वक्त उन्होंने एक टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था.

मैंने नीचे से उनकी टी-शर्ट में हाथ डाला और उनके एक चुचे को दबाने लगा.
क्या बताऊं दोस्तो, कितना मज़ा आ रहा था मुझे.

फिर मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी और वो अपनी काली ब्रा में मेरे सामने आ गईं.

अब उन्होंने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डालकर मेरे लंड को दबाया और उसे आगे पीछे करने लगीं.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरा लोअर उतार फेंका और मैंने भी नंगा होना शुरू कर दिया.
पहले मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी, फिर उनका लोअर उतारा.

अब मेरे शरीर पर केवल क़च्छा रह गया था और उनके शरीर पर केवल ब्रा और पैंटी.

मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके चुचे को पकड़कर निप्पल को चूसने लगा.
कभी इस निप्पल को तो कभी उस निप्पल को.

सच में दोस्तो, भाभी के दूध चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगीं.
उन्होंने मेरे कच्छे को उतार दिया और मेरे लंड से खेलने लगीं.

उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगीं.
दोस्तो, यह सबसे अच्छा अनुभव होता है जब कोई लड़की, लड़के का लंड चूसती है.

अब मैं बैठ गया और उनकी पैंटी उतार दी.
भाभी की पैंटी उतारते ही मुझे जन्नत का दरवाजा दिख गया.

मुझसे रहा नहीं गया और हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.
अब मैं भाभी की चूत को चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थीं.

उनकी चूत की महक अभी तक मेरे ज़हन में बस रही है.

फिर मैंने उनकी चूत के अन्दर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी जिससे उनके मुँह से आह आह जैसी मादक आवाज़ें आने लगीं.
मुझे भाभी की चूत चाटने में मज़ा आ रहा था कि बता नहीं सकता.

कुछ ही देर में भाभी ने अपना कामरस मेरे मुँह में ही निकाल दिया और आहह की आवाज़ करके शांति से मेरा लंड चूसने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उनको बिस्तर पर लिटाया और उनकी चूत को दोबारा से चाटने लगा.

मैं दो मिनट में ही उनको दोबारा गर्म करने में सफल हो गया.
वो मुझसे कह रही थीं- अब मत तड़पाओ, बस जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में पेल दो.

चुदाई की तो मुझे भी जल्दी हो रही थी इसलिए मैंने देर ना करते हुए उनकी चूत पर लंड सैट किया और एक झटका दे मारा.

मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया और उनको दर्द होना शुरू हो गया था क्योंकि भाभी की चुदाई बंद हो गई थी.
वो अपने पति से अपनी चुदाई नहीं करवाती थीं जिससे उनकी चुत कसी सी हो गई थी.

मेरा मोटा लंड अन्दर गया तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गयी.
मैं उनको किस करने लगा और साथ ही उनके चूचे दबाने लगा ताकि उनको ज़्यादा दर्द ना हो और वो भी चुदाई के नशे में डूब जाएं.

उनका दर्द ठीक होने के बाद मैंने दूसरा झटका मारा, जिससे मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में जा चुका था.
मैं धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा. भाभी को मजा आने लगा, तो मैंने उन्हें धकापेल चोदना शुरू कर दिया.

चोदते वक्त उनके मुँह से आह्ह ऊह्ह्ह की आवाज़ें निकल रही थीं, जो मुझे और भड़का रही थीं.

क़रीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने उनसे पूछा- रस कहां निकालूँ?

तो उन्होंने वीर्य बाहर निकालने को कहा.

अब मैं झड़ने के बहुत क़रीब था और जैसे ही में झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड उनकी चूत से निकालकर सारा माल उनकी चूचियों पर छोड़ दिया.
इस बीच वो भी दो बार झड़ चुकी थीं.

हमारी चुदाई के बाद उनके चेहरे पर अलग ही भाव दिख रहे थे.
उसके बाद मैंने 3 बार Xxx भाबी चुदाई की और उन्होंने मुझे बताया कि मेरा लंड उसके पति से बड़ा और मोटा है.

उसके पति का लंड जब भी उनकी चूत में गया तो एक मिनट से ज्यादा चला ही नहीं.

चुदाई के बाद मैंने उनको अपने हाथ से उनके कपड़े पहनाए, जिससे भाभी बड़ी ख़ुश हुईं.

मैंने उनकी ख़ुशी का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि आजकल के लड़के तो बस लड़कियों के कपड़े उतारना जानते हैं मगर तुम मुझे कपड़े पहना भी रहे हो.

उनकी इस बात पर मुझे उन पर प्यार आया और मैंने उन्हें किस किया.

फिर मैं अपने कपड़े पहनकर अपने घर लौट आया.

अब जब भी हमें मौक़ा मिलता है, तो हम दोनों किस कर लेते हैं, कभी कभी मैं उनके चूचे भी दबा देता हूँ.
जब भी उनका मन चुदाई का होता है तो वह मेरी मम्मी से कोई ना कोई बहना करके मुझे अपने घर बुलवा लेती हैं और हम दोनों जमकर चुदाई करते हैं.

तो दोस्तो, यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव, जो मुझे आज भी नया सा लगता है. आशा करता हूँ कि आपको भी मेरी चुदाई की कहानी पसंद आयी होगी.

आपको मेरी Xxx भाबी चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताएं.
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