मैं और मेरी गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई

(Desi GF Sex Kahani)

देसी GF सेक्स कहानी में मैंने अपने पड़ोस की रहने वाली लड़की को कॉलेज की तरफ से लगे कैंप में गर्लफ्रेंड बना कर चोदा. उस समय वह कुंवारी बुर थी.

दोस्तो, मेरा नाम प्रेम है
मेरी लम्बाई 5 फुट 7 इंच है और मेरा वजन 85 कि ग्रा है। मेरे लंड का साइज़ 4 इंच लंबा है और मेरा रंग सांवला है।

अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी में आपका स्वागत है।
उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी लिखी हुई कहानी पसंद आएगी।

यह सच्ची घटना पर आधारित देसी GF सेक्स कहानी 2003 की है।

मैं मुंबई शहर में रहता हूँ और यह कहानी तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता था.
मेरी क्लास में कई सुंदर लड़कियां थी लेकिन मुझे किसी में भी कभी कोई इंटरेस्ट नहीं था और मैं हमेशा अपने पढ़ाई में ज़्यादा बिज़ी रहता था।

दिसंबर महीने में हम हमारे स्कूल के 4 दिन के स्कूल कैम्प में गये थे।
जब हम वहां पहुचे तो देखा कि हमारे स्कूल के साथ दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स का कैंप भी वहां आया हुआ था।
वहीं पर मेरी मुलाकात मेरी गर्लफ्रेंड से हुई और हमने कैम्प में ही चुदाई का खेल खेला।

पहले दिन सबका वहां पर परिचय हुआ और बाद में सब मिलकर नाश्ता करने गये.
वहीं पर मेरी मुलाकात अक्षरा से हुई।
वह मुझे पहले से ही जानती थी क्योंकि वह मेरे ही मोहल्ले में रहती थी।

आपको अक्षरा के साइज़ के बारे में बताता हूँ.
उसकी हाइट लगभग 5 फीट थी और उसका रंग एकदम दूध सा गोरा था।

उसको देखते ही सारे लड़कों के मुंह से लार टपकने लगती थी।

मैं उसे पहले से ही लाइक करता था लेकिन कभी कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई.
और वह भी मुझे लाइक करती थी।

नाश्ते के बाद मैं उससे मिला और मैंने पूछा- तुमने नहीं बताया मुझे कि तुम्हारे स्कूल का कैंप भी यहाँ आ रहा है?
तो उसने हंस कर मेरी बात को टाल दिया और अपने स्कूल ग्रुप के साथ चली गयी।

मेरे दोस्त ये सब देखकर मुझे पूछने लगे- क्या वह लड़की तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने ना बोल दिया और बोला- वह मेरी बस फ्रेंड है और मेरे मोहल्ले में रहती है।

उसके बाद हम सब अपने ग्रुप के साथ मिलकर अपनी अपनी एक्टिविटी में जुड़ गये और सब अपने काम में बिज़ी हो गये.

और फिर शाम को मेरी मुलाकात डिनर के टाइम पे अक्षरा से फिर हुई.
मैंने उसको फिर से पूछा- तुमने मुझे नहीं बताया कि तुम भी यहां पे आ रही हो।

उसने मुझे बोला- मैं सर्प्राइज़ देना चाहती थी तुम्हें … इसलिए कुछ भी नहीं बताया.

और ऐसे ही हम कैम्प में मिलने लगे. और जब भी टाइम मिलता, मैं उससे अकेले में मिलता था.

मैंने उसको दूसरे दिन प्रपोज कर दिया और उसको अपने दिल की सारी बात बता दी.
लेकिन उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया और वहां से चली गयी।

मैं थोड़ा डर गया कि कहीं वो मुझसे दोस्ती ना तोड़ दे. मैं यही सोच रहा था कि कहीं आज सब कुछ ख़त्म ना हो जाए!
और मैं वहां से चला गया और अपने फ्रेंड्स के साथ बिजी हो गया अपने एक्टिविटी वर्क में!

लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.
अगले दिन अक्षरा खुद ही मुझे मिलने आई और मुझसे बोली- मुझे तुमसे 10 मिनट बात करनी है.
और मैं उसके पीछे पीछे चल दिया.

दूर अकेले में जाकर उसने मुझे बोला- तू मुझे कब से लाइक करता है?
मैंने उसको बोला- जब से तुमको देखा है तबसे!

मैं ये सब बोल ही रहा था कि उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और मुझे किस करने लगी.
लगभग 2 मिनट तक हम एक दूसरे को किस करते रहे थे.

फिर मैं उससे अलग हुआ और मैंने बोला- जब मैंने प्रपोज किया था कल … तो तुमने क्यों नहीं जवाब दिया?
तो अक्षरा बोली- वो तो बस ऐसे ही मैं तुम्हें तड़पाना चाहती थी।

फिर मैंने उसको रात में किचन के पीछे मिलने के लिए बोला और हम वहां से चले गये.

हम रात होने का इंतज़ार करने लगे और जैसे तैसे रात के 11 बजे हम दोनों मिले.
और मिलते ही हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.

कभी मैं उसके होंठों को काटता तो कभी वह मेरे होंठों को काटती.
लगभग 5 मिनट तक यही चालू रहा था.

फिर मैं उसको किचन के पीछे स्टोर रूम में ले गया और उसके कपड़ों को उतारने लगा.
वह भी मेरे कपड़े उतारने लगी.

फिर मैंने उसको गले लगाया और फिर से किस करने लगा.

और उसको धीरे धीरे वहीं ज़मीन पे लिटा दिया और उसके सारे बदन को चूमने लगा.

चूमते चूमते मैं उसकी चूत के पास गया तो देखा कि उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी है.

मैंने पहले उसकी चूत को अपनी नाक से सूंघा.
चूत की खुशबू मस्त थी … एकदम पागल कर देने वाली!

मैंने झट से अपनी जीभ उसके चूत के अंदर घुसा दी और उसको चाटने लगा.
मैं इतनी ज़ोर से चाट रहा था कि उसकी चूत 2 मिनट में ही बह गयी और मैंने उसके सारा रस पी लिया.

फिर मैंने उसको मेरा लंड चाटने को बोला तो उसने मना कर दिया.
वह बोली- जल्दी से चोद दो मुझे … कहीं कोई आ ना जाए! अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।

मैं भी देर न करते हुए झट से उठा और उसकी चूत के मुहाने पे लंड रख कर रगड़ने लगा.
वह भड़कने लगी और बोली- कुत्ते, जल्दी डाल दे. तड़पा मत. अभी टाइम नहीं है ज़्यादा हमारे पास!

तो मैंने उसको बोला- पहले तू मेरे लंड को चाट … तब मैं तुझे चोदूंगा.
लेकिन वह नहीं मानी तो हार कर में मैंने ही सीधे लंड चूत के छेद में टिका कर धक्का लगा दिया उसकी चूत में!

पर पहली बार में लंड फिसल गया.
तो मैंने फिर से लंड चूत में सेट किया और इस बार धीरे धीरे करके उसके चूत में घुसा दिया.

जब लंड थोड़ा सा अंदर गया तो वह मुझे नाख़ून से काटने लगी और रोने लगी- निकाल दे, बहुत दर्द हो रहा है!

लेकिन मैंने उसको अनसुना करते हुए एक ज़ोर का झटका दिया.
और इस बार मेरा लंड दनदनाते हुए अंदर घुसा और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.

इस तरह से मैंने देसी GF की बुर की सील तोड़ दी.
और कुछ टाइम के लिए मैंने लंड को अंदर ही रहने दिया और उसको प्यार करने लगा.

जब थोड़े टाइम के बाद वह अपनी गांड उठाने लगी और बोली- अब दर्द कम हो गया है.
तब मैंने उसको फिर से चोदना शुरू कर दिया.

10 मिनट तक हमारा यह देसी GF सेक्स खेल चालू रहा था.
उसके बाद जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने लंड उसकी चूत से निकालकर उसके पेट पे ही सारा माल गिरा दिया और उसकी बगल में लेट गया।

थोड़े समय के बाद हम दोनों उठे और अपने कपड़े पहनकर अपने अपने कमरे में चले गये।

तो यही थी मेरी पहली देसी GF सेक्स कहानी.
कुछ गलती हुई हो तो माफ़ करना।
[email protected]

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