हॉट गर्लफ्रेंड की सीलतोड़ चुदाई का मजा

(Desi Girl Porn Story Hindi)

देसी गर्ल पोर्न स्टोरी हिंदी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने अपनी क्लास में नई आयी लड़की से दोस्ती करके उसे प्रोपोज किया. फिर मौका पाकर उसकी बुर को फाड़ा.

दोस्तो, मेरा नाम प्रशांत शुक्ला है और मैं बिहार के दरभंगा जिले के एक छोटे से गांव का निवासी हूं.

मेरा कद 6 फीट, उम्र 19 साल, रंग गोरा है और मैं सात इंच के लंड का मालिक हूं.
बचपन से खेतों में काम करने की वजह से मेरी देहयष्टि भी काफी आकर्षक है.

ये देसी गर्ल पोर्न स्टोरी हिंदी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के बीच हुए सेक्स की है.

हमारे गांव में एक ही हायर सेकेंडरी स्कूल है, इसलिए गांव के सारे लड़के लड़कियां पढ़ाई के लिए उसी स्कूल में जाते हैं.
मैंने भी अपना दाखिला उसी स्कूल में करवाया था.

12वीं में जब मैं पहले दिन अपने दोस्तों के साथ अपनी कक्षा में गया तो आगे से तीसरी लाइन की बेंच पर हम लोग बैठ गए.

कुछ देर बातें करने के बाद हमारी कक्षा में एक खूबसूरत सी लड़की आयी.
उसका फिगर 34-28-36 का लग रहा था. स्कूल की टाइट शर्ट में मैं उसके चूचे गजब ढा रहे थे.

मैं उसके मम्मों को देख कर पागल हो गया.
मेरा लंड पैंट के अन्दर से ही फुंफकारने लगा.

मैं सोच रहा था कि काश ये मेरे साथ वाली सीट पर आ कर बैठ जाए, पर ऐसा हुआ नहीं.

वो मुझसे काफी दूर वाली सीट पर जाकर बैठ गई.
कुछ ही देर बाद मेरे टीचर जी आ गए और हमें पढ़ाने लगे.
मेरा ध्यान पढ़ने में नहीं था. मन कहीं और लगा था.

मैं लंच का वेट कर रहा था ताकि उसके पास जाकर उससे कुछ बात कर सकूं.

काफी देर के इंतजार के बाद लंच की घंटी बजी, तो मैं उसके पास गया.

वो थोड़ी परेशान लग रही थी.
मैंने उससे कहा- हाय, मैं प्रशांत.
बदले में उसने अपना नाम काव्या बताया.

मैंने उससे उसकी परेशानी का कारण पूछा, तो उसने बताया कि उसके पापा सरकारी बैंक के मैनेजर हैं. पहले वो लोग कहीं और रहते थे. उसके पापा का ट्रांसफर यहां के बैंक में हो गया है और आज स्कूल आते वक्त जल्दबाजी में वो अपना टिफिन लाना भूल गई थी. उसे बहुत भूख लगी थी.

ये सुनकर मेरी तो जैसे लॉटरी निकल गई, मैंने तुरंत उसे अपना टिफिन ऑफर किया.

पहले तो वो मना करने लगी, पर मेरे जोर देने पर वो मान गई.

उसने कहा कि मैंने टिफिन अकेली नहीं खाऊंगी. हम दोनों को साथ में खाना पड़ेगा.
इसमें मेरा क्या जा रहा था, मैंने तुरंत हां कर दी.
हम दोनों ने खाना खाकर कुछ देर बातें की.

फिर लंच टाइम खत्म हो गया और मैं अपनी सीट पर आकर बैठ गया.
हमारी छुट्टी हुई तो मैंने रूम से बाहर निकल कर उससे उसके घर का पता पूछा.
पता चला कि उसका घर मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता है.

मैंने उससे साथ चलने के लिए पूछा और वो मान गई क्योंकि वो इस गांव में किसी को जानती भी नहीं थी.

इस तरह से मैंने उसका घर भी देख लिया और रास्ते में हमने एक दूसरे के नंबर भी एक्सचेंज कर लिए.

अब हमारी फोन पर भी बात होने लगी और हम दोनों रोज एक साथ ही घर जाते थे.

कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.

फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज कर दिया और वो मान गई.
मैंने उसी वक्त उसके होंठों पर किस कर दिया और उसने भी मेरा साथ दिया.

अब हमारा ये रोज का हो गया था. कभी में उसके चूचे सहला देता, कभी गांड मसल देता.

चूंकि स्कूल में लड़कियों की यूनिफॉर्म स्कर्ट टॉप वाली थी, तो मैं आसानी से उसकी स्कर्ट उठा कर उसके चूतड़ों और बुर को मसल देता था.
वो भी गर्म हो जाती थी और मेरा लंड पकड़ कर सहला देती थी.

हम लोग रोज रात को सेक्स चैट भी करते थे.

अब वो चुदाई के लिए बेचैन हो गई थी.
उसने मुझे कहा- अब मुझे पूरा मजा चाहिए.
मैंने उससे कहा- ठीक है मैं जगह का कुछ इंतजाम करता हूं.

मेरा एक दोस्त था जिसके पापा और मम्मी दोनों सुबह सुबह काम पर चले जाते थे.
वो और उसका भाई स्कूल चले जाते थे तो उसका घर खाली हो जाता था.

मैंने उससे बात की और उसके घर की चाभी ले ली.

फिर काव्या को फोन करके अगले दिन तैयार रहने को बोल दिया.
मैंने उससे कहा- कल तुम घर से स्कूल के लिए निकलना और स्कूल के पहले वाले चौक पर आ जाना. वहां से हम दोनों साथ में चलेंगे.
वो मान गई.

उसके बाद मैं तुरंत बाजार जाकर कंडोम और सेक्स वर्धक गोलियां खरीद लाया.
घर आकर मैंने एक गोली खा ली. इस गोली का असर कै घंटे बाद होता है और 3-4 दिन तक बना रहता है.

अगले दिन वो समय से पहले ही चौक पर मेरा इंतजार कर रही थी.
मैं उसको लेकर अपने दोस्त के घर चला गया.

घर के अन्दर घुसते ही मैंने दरवाजा बंद किया और पीछे घूम कर उसे स्मूच करने लगा.
कुछ मिनट तक चूमने के बाद मैं उसे गोद में उठाकर बेडरूम में लेकर आ गया और बेड पर लिटा दिया.

वो हद से ज्यादा चुदासी हुई जा रही थी. बार बार मुझे अपने ऊपर खींच रही थी.

मैंने भी देर न करते हुए जल्दी से अपनी शर्ट खोल कर एक तरफ फैंकी और उसके ऊपर चढ़ गया.

उसने मुझे अपनी चूचियों से चिपका लिया और मैं उसके चेहरे को चूमने लगा. साथ में अपने हाथ से उसके चूचों को शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा.
वो भी मेरे साथ चूमाचाटी का मजा लेने लगी.

कुछ देर बाद मैंने उसकी शर्ट उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को चूसने और काटने लगा.

वो सिसकारियां भरने लगी- आह आह … मेरी जान जल्दी से मुझे चोद दो … मेरी बुर में बड़ी आग लगी है.
मैंने कहा- हां मेरी रानी … आज तेरी बुर की भुर्जी बना दूंगा. जरा सा इंतजार कर ले.

फिर धीरे धीरे मैं नीचे आया और उसकी स्कर्ट को निकाल दिया.
अब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी.

उसके कपड़ों के साथ ही मैंने भी अपनी बनियान और पैंट को भी निकाल दिया था.
अब मैं फिर से उसके ऊपर लेट गया और उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से चाटने लगा. साथ ही उसके चूचे भी मसलने लगा.

कुछ देर के बाद मैंने उसकी ब्रा पैंटी और अपना अंडरवियर सब उतार दिया.
वो मादरजात मेरे सामने नंगी लेटी थी.

मैंने फिर से उसकी बुर पर हमला कर दिया और उसकी नंगी बुर को अपनी जीभ से चाटने लगा.
वो बहुत गर्म हो गई थी और चुदायी की भीख मांग रही थी.

पर मैं उसके पूरे मजे लेना चाहता था इसलिए मैंने अपनी एक उंगली उसकी बुर में घुसा दी.
इससे वो चिहुंक उठी और मैं धीरे धीरे उंगली से उसकी बुर चोदने लगा.

कुछ ही देर में वो झड़ गई और अपनी बुर धोने बाथरूम में चली गई.

उसके आने के बाद मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला.
थोड़ी ना-नुकुर करने के बाद वो मान गई और जीभ से मेरे सुपाड़े को चाटने लगी.

मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा दिया और उसके बालों को पकड़ कर उसका मुँह चोदने लगा.

वो फिर से गर्म हो गई और चुदाई के लिए कहने लगी.
अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और उसके ऊपर लेट गया.

मैंने उससे पूछा- तैयार हो काव्या?
वो बोली- मैं नंगी लेटी हूं, अब तुझे किस चीज की इजाजत चाहिए?

मैंने बैडरूम के ड्रेसिंग टेबल से एक क्रीम निकाली और उसकी बुर की फांकों को फैलाकर उस पर क्रीम मल दी.

फिर मैंने काव्या से कंडोम पहनाने को बोला तो उसने बड़े प्यार से मेरे लंड पर कंडोम चढ़ा दिया.
साथ ही उसने खुद से ही अपनी बुर में मेरे लंड को सैट कर दिया.

मैंने उससे कहा- चुदाई के वक्त गालियां देने में बड़ा मजा आता है, इसलिए अगर मैं तुम्हें गालियां दूं तो तुम्हें कोई दिक्कत है?
उसने कहा- मैं तो चुदने पड़ी हूं … मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

मैंने जैसे ही पहला धक्का दिया, मेरा केवल सुपारा अन्दर गया.
पर वो चिल्लाने लगी और मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी.
मैं रुक गया और उसके चूचे चूसने लगा.

कुछ देर बाद वो शांत हुई.
उसके बाद मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया.
वो बेहोश हो गई.

मेरा लंड उसके खून से भीग गया.
मैंने उसके ऊपर पानी मारा और उसे होश में लेकर आया.

वो बहुत रो रही थी और मुझसे दया की भीख मांग रही थी.

मैंने चुपचाप अपना लंड घुसाए रखा और उसके चूचे मसलने लगा.

कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए.
अब उसे भी मजा आने लगा और वो मस्ती में सिसकारियां निकालने लगी.

वो कहने लगी- आह आह … चोदो और चोदो मुझे … आह … बहुत मजा आ रहा है प्रशांत … चोदो मुझे.
मैंने भी उसे गालियां देनी शुरू कर दीं- हां साली रंडी आज तुझे जी भरके चोदूंगा … तुझे रखैल बना दूंगा साली … तेरी मां की बुर भी चोद दूंगा.

उसने कहा- एक जवान लड़की नंगी लेटी है भड़वे साले और तुझे उस बुढ़िया की बुर की पड़ी है. पहले मुझे तो चोद दे बहनचोद … रंडी बना ले मुझे अपनी.

उसके मुँह से गालियां सुन कर मुझे बहुत मजा आया.
मैं पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा और उसे गालियां देने लगा- हां मेरी रंडी, तुझे तो मैं बीच चौक पे चोदूंगा मां की लौड़ी साली कुतिया. सबके लंड से फ्री में चुदवाऊंगा … तेरी गांड मरवाऊंगा … और तुझे कोठे पर बेच दूंगा रांड.

इस तरह की गालियों के साथ हमारी चुदाई धकापेल चलती रही.

कुछ ही देर बाद वो झड़ गई लेकिन मेरा काम नहीं हुआ था इसलिए मैं लगा रहा.

किन्तु कुछ देर बाद उसे दर्द होने लगा तो उसने मुझसे कहा- यार जलन हो रही है … तुम अपना लंड निकाल लो. मैं मुँह से तेरे लंड का काम कर देती हूं.

मेरा मन तो नहीं कर रहा था पर मैंने सोचा कि पहले दिन इतनी जबरदस्ती सही नहीं.
क्या पता दूसरी बार चूत न दे.
इसलिए मैं मान गया और उसके मुँह में बिना कंडोम के लंड घुसा कर उसे चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए और एक दूसरे को साफ़ किया.

मैं हाल में आया और डाइनिंग टेबल के सामने एक कुर्सी पर नंगा बैठ गया.

वो कपड़े पहनना चाहती थी पर मैंने उसको रोक दिया और उसे नंगी अपनी जांघ पर बिठा लिया.
फिर हम दोनों ने अपना लंच बॉक्स खत्म किया और बेडरूम में जाकर एक दूसरे से लिपट कर सो गए.

मैंने सोचा था कि कुछ देर बाद उठकर चुदाई का एक राउंड और मजा करूंगा.
पर पता नहीं कैसे मुझे गहरी नींद आ गई और जब उठा तो हमारे स्कूल की छुट्टी का टाइम हो चुका था.

मैंने काव्या को भी उठाया और हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए.

हम दोनों ने मिलकर बेडरूम को ठीक कर दिया और वहां से निकल गए.
तो दोस्तो, ये मेरी देसी गर्ल पोर्न स्टोरी आपको कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके बताएं.
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