चचेरे भाईजान से तुड़वाई अपनी बुर की सील

(Hot Chut Porn Kahani)

रेहाना खान 2023-03-22 Comments

हॉट चुत पोर्न कहानी में पढ़ें कि कैसे जवान होने के बाद एक लड़की को लंड लेने का चाव चढ़ा. उसकी सहेली ने उसे लंड दिखाया पर उसकी चूत में पहला लंड गया उसके भाई का!

यह कहानी मेरी सहेली शिरीन की है. आप उसकी जुबानी उसकी जवानी की कहानी सुनिए.

इस कहानी को सुनें.

मैं शिरीन हूँ. अभी मैं 26 साल की हो चुकी हूँ.
पर यह हॉट चुत पोर्न कहानी उस समय की है जब मैं 20 साल की थी और पूरी तरह जवान हो गयी थी।
बड़ी खबसूरत सेक्सी और हॉट हो गयी थी मैं … लोग मुझे आते जाते खूब देखते थे।

मैं भी अपनी जवानी के गुमान में इधर उधर खिलखिलाती हुई घूमा करती थी।

लोग मुझसे प्यार से बाते करते थे और मैं भी सबसे खूब घुल मिल कर बातें करती थी।

कुनबे के लोग मुझे बड़ी ललचाई नज़रों से देखते थे और मैं समझ जाती थी कि इन भोसड़ी वालों के मन में क्या है.
वो बस मुझे अपना लंड पकड़ाने में चक्कर में रहते थे। मेरी चूत में लंड पेलने का मौक़ा ढूंढा करते थे. मेरी नंगी चूचियाँ देखने के फिराक में लगे रहते थे।

पर किसी माँ के लौड़े को मौक़ा नहीं मिला।
मैं थोड़ा संभली हुई भी थी और थोड़ा डरी हुई भी थी कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए … इसलिए किसी को भाव नहीं देती थी।

लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे मुझे भी लड़के पसंद आने लगे. मैं भी लड़कों को हसरत भरी निगाहों से देखने लगी।

कुछ बड़े लोगों को भी मैं ललचाई नज़रों से देखने लगी; उनके लंड देखने की इच्छा पैदा होने लगी।
मैं उनके लंड के बारे में सोंचने लगी, लंड के साइज का अनुमान लगाने लगी।

लंड मुझे बहुत अच्छे लगने लगे क्योंकि तब तक मैंने पोर्न देखना शुरू कर दिया था।
पोर्न में कई तरह के लंड देख देख कर मैं बहुत गरमा जाती थी तो घर में भी लोगों के लंड देखने की कोशिश करती थी।

लेकिन 20 साल की उम्र होने के बावजूद मुझे अभी तक कोई लंड नहीं मिला था।
अब मैं लंड के लिए तड़पने लगी थी।

मेरा कभी कभी मन होता था कि मैं जबरदस्ती किसी का लंड पकड़ कर देख लूँ लेकिन हिम्मत नहीं हुई।

एक दिन मैंने यह बात अपनी सहेली रेहाना को बता दी।
वह बोली- हाय दईया, तूने अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा? क्या कर रही है तू? दिन भर अपनी झांटें उखाड़ा करती है क्या तू? मुझे देख … मैं तो हर दिन लंड पकड़ती हूँ। लंड मुंह में लेकर खूब चूसती हूँ, लंड का मुठ भी मारती हूँ और लंड का वीर्य भी पीती हूँ।

मैंने कहा- अरे यार, तू मुझे भी ये सब सिखा दे न बुर चोदी रेहाना … मेरी तमन्ना पूरी कर दे।
वह बोली- अच्छा तू अभी चल मेरे साथ मैं तुझे लंड पकड़ाने की कोशिश करती हूँ।

रेहाना मुझे अपनी अम्मी जान के पास ले गयी।
मैं आंटी को जानती थी।

रेहाना अपनी अम्मी से बोली- अम्मी जान, देखो अभी तक शिरीन ने कोई लंड नहीं पकड़ा.

आंटी बोली- ऐसा क्यों है बेटी शिरीन? तू तो रेहाना के बराबर की है. और रेहाना जब आजकल खूब लंड पकड़ रही है. तो तू क्यों नहीं पकड़ रही है लंड? तेरी अम्मी सो रहीं हैं क्या? उसे मालूम नहीं कि मेरी बेटी अब जवान हो गयी है और उसे भी लंड की जरूरत है? अभी से लंड नहीं पकड़ेगी, अभी से बेशरम नहीं होगी, अभी से अपनी बुर नहीं चुदवायेगी तो फिर जवानी का मज़ा कैसे ले पायेगी?

रेहाना की अम्मी आगे बोली- तेरी माँ को मैं जानती हूँ, रेहाना … वह तो खुद बहुत बड़ी लंड की दीवानी है. वह तो हर दिन पराये मर्दों के लंड लेती है, पराये मर्दों के लंड की बड़ी शौक़ीन है तेरी अम्मी जान बेटी शिरीन। रोज़ अपना किसी न किसी से भोसड़ा फड़वाती रहती है और तुमको अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ाया।

आंटी की ये बातें सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगी।
मैं मन के कहने लगी कि मेरी अम्मी जान बुर चोदी जब इतने लंड पकड़ती है तो मुझे क्यों नहीं पकड़ाती? अम्मी की बहन का भोसड़ा … अब मैं भी देख लूंगी उसे किसी दिन!

तब तक आंटी बोली- अच्छा रेहाना, जा तू आदिल के पास चली जा और उसका लौड़ा इस पकड़ा दे। मैं आदिल को फोन कर देती हूँ.

रेहाना मुझे लेकर बाहर आ गयी।

मैंने देखा कि वह बगल वाले घर में जा रही है.
मैं भी उसके पीछे पीछै चली गयी.

तब उसने बताया- आदिल मेरी खाला जान का बेटा है और मेरा मौसेरा भाई जान! मैं उसका लंड पकड़ती हूँ और उसकी माँ के सामने उसका लंड पकड़ती हूँ। मुझे आदिल का लंड बहुत पसंद है और मेरी अम्मी जान भी आदिल के लंड की दीवानी हैं।

वह सीधे मुझे आदिल के कमरे में ले गयी।
मैंने जब आदिल को देखा तो मन ही मन उसे दिल दे बैठी।
बड़ा हैंडसम था वह स्मार्ट और हट्टा कट्टा था वह
मेरे मन में आया कि इसका लौड़ा भी हट्टा कट्टा होगा।

ख़ैर रेहाना ने मुझे आदिल से मिलवाया और कहा- ये मेरी पक्की सहेली है शिरीन!

वह भी मुझे देख कर खुश हुआ बोला- हां, तेरी अम्मी ने मुझे सब बता दिया है। शिरीन तो बहुत खूबसूरत है, हसीन है।
तब रेहाना ने खुल कर कहा- जानते हो भाई जान … शिरीन ने अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा. अम्मी जान ने मुझसे कहा कि इसे आदिल का लंड पकड़ा दो तो मैं इसे तुम्हारे पास लेकर आ गयी हूँ।
ऐसा कह कर रेहाना आदिल के कपड़े खोलने लगी।

पहले उसने आदिल का कुर्ता उतारा।
उसकी घने घने बालों वाली नंगी चौड़ी छाती देख कर मैं गदगद हो गयी।
उसकी मजबूत बाहें देख कर तो मज़ा आ गया।

तब तक आदिल ने मेरे बदन पर हाथ फिराया तो मैं सिहर उठी।
पहली बार किसी मर्द ने बड़े प्यार से मेरे बदन पर अपना हाथ फिराया था वह भी मेरी कमर और चूचियों तक!

रेहाना आदिल के पाजामे का नाड़ा खोलने लगी और इधर मेरा दिल धक् धक् करने लगा।
मैं सोचने लगी कि क्या आज सच में मैं लंड का दीदार करूंगी? अपने हाथ से कोई लंड पकड़ूँगी?

मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मुझे इतनी आसानी से किसी का लंड पकड़ने का मौका मिल जायेगा.

तब रेहाना लंड पाजामे के अंदर ही अंदर सहलाने लगी।
मैं उसे बड़े गौर से देखने लगी।

वह मुझे देख कर मुस्करा रही थी और आदिल भी मुझे बड़ी क़ातिल निगाहों से मुझे देख रहा था।

उसने लंड बाहर नहीं निकाला बल्कि मेरा हाथ पकड़ कर पाजामे के अंदर घुसेड़ दिया और कहा- शिरीन, अब तू लंड पकड़ कर बाहर निकाल ले और मुझे दिखा मेरे भाई जान का लंड!

मेरा हाथ उसके लंड से टकरा गया तो मेरे बदन में आग लग गई।

लंड इतना मोटा था कि वह मेरी मुठ्ठी में नहीं आ रहा था।

रेहाना ने पहले अपने कपड़े ढीले किये और फिर मेरे भी! मेरी दोनों चूचियाँ खोल कर उसने बाहर निकाल दी जिन्हें देख कर लण्ड साला और कड़क हो गया.

मेरे दोनों बूब्स आदिल के सामने खुल गए।
मेरे निप्पल सख्त हो गए।
मुझे एहसास हुआ कि उसका लंड बहन चोद और मोटा हो गया है।

फिर मुझसे रुका न गया और मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया।

रेहाना ने तब तक उसका पजामा निकाल कर फेंक दिया।
आदिल मेरे आगे एकदम नंगा हो गया।
मैं पहली बार किसी मर्द को नंगा देख रही थी। मैं उत्तेजना से भर गयी। मेरी धड़कने तेज हो गयीं।

तब मैंने कहा- रेहाना, आदिल तो नंगा बड़ा प्यारा लग रहा है।
मैंने कहा- यार रेहाना लंड क्या इतने बड़े बड़े होते हैं?
वह बोली- और नहीं तो क्या? लंड जब बड़ा होता है, मोटा होता है तभी तो मज़ा आता है।

फिर उसने लंड पकड़ कर मुझे बताया- देखो शिरीन, ऐसे पकड़ा जाता है लंड!
मैं फिर वैसे ही पकड़ने लगी लंड।
वह मुझे सिखाती गयी और मैं लंड का मज़ा लेती गयी।

मैं पेलहड़ चूमती गयी, लंड का टोपा चाटती और चूसती गयी।
रेहाना ने मझे सब कुछ सिखाया और आखिर में मुठ मारना भी सिखाया।

मैं बड़े हाथ से पेल्हड़ थामे हुए लंड का मुठ मारने लगी।
वह भी मेरे साथ जुट गयी।
हम दोनों ने मिलकर लंड का मुठ मारा और जब लंड झड़ने लगा तो रेहाना ने लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया।

लंड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में!
मुझे पहले तो बड़ा ख़राब लगा लेकिन फिर मैं मज़ा लेने लगी।

रेहाना ने भी मेरे मुंह में अपनी जबान डाल कर चाट लिया लंड का रस और बोली- जानती हो शिरीन, लंड पीने से खूबसूरती बढ़ती है, बूब्स दूने हो जाते हैं और हेल्थ भी ठीक रहती है। सबसे बड़ी बात यह है कि लंड पीने से मन हमेशा प्रसन्न रहता है। एक बात और बता दूँ तुझे शिरीन की इसका लंड मेरी अम्मी का मन पसंद लंड है।

इस तरह मैं ख़ुशी ख़ुशी अपने घर लौट आयी.
लेकिन मेरे दिमाग में आदिल का लंड घूमता ही रहा. मुझे लंड पकड़ना बहुत अच्छा लगा तो मैं अब कॉलेज के लड़कों के लंड पकड़ने लगी।

मुझे बेतहाशा मज़ा आने लगा।
मैं इसी ख़ुशी में सब जगह घूमने लगी।

एक दिन इत्तिफाक से अम्मी और अब्बू दोनों बाहर चले गए, कहा- अब हम लोग शाम को ही आयेंगे।

मुझे पूरे दिन घर में अकेली ही रहना था।
मैंने कुछ कपड़े तो पहने नहीं बल्कि एक छोटा सा गाउन पहन लिया और सोचने लगी कि अगर ऐसे में कोई लंड मिल जाए तो मज़ा आ जाए!

तब मैंने अपना लैपटॉप खोला और पोर्न देखने लगी।
फिर एकदम से अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ने लगी. उसमें एक कहानी मिली रेहाना खान की लिखी हुई थी। उसमें ऑडियो भी था।

मैंने उसे ऑन किया और कहानी सुनने लगी.
कहानी सुनकर मैं दंग रह गई।
मैंने मन में कहा- बाप रे बाप … इतनी हॉट कहानी … वह भी एकदम खुल्लम खुल्ला!

सुनकर मेरी चूत गीली हो गई।

मैंने फिर एक और कहानी सुनी तो मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी और सोचने लगी- ये बुर चोदी रेहाना तो बहुत गन्दी गन्दी कहानियां लिखती है। कितनी मस्त मस्त गालियां देती है बुरचोदी! कितनी मस्त मस्त सामूहिक चुदाई हैं इन कहानियों में! लड़के पढ़ते होंगे साले तो एक कहानी में दो बार मुठ मारते होंगे?

मेरा मन हुआ कि मैं भी सबके लंड पकड़ने लगूं और सबसे चुदवाने लगूं।
ये भोसड़ी वाली रेहाना ने तो मुझे पागल बना दिया है.
इसकी माँ का भोसड़ा!

तभी से मुझे अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ने का चस्का लग गया।

इतने में किसी ने दरवाजा खटखटा दिया।

मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरे चचा जान का बेटा अरकान खड़ा था।

मैंने उसे तुरंत घसीट कर अंदर किया और उससे लिपट गयी।
मैं गरम तो थी ही!

मैंने कहा- हाय भाई जान, मैं तो तेरा ही इतंज़ार कर रही थी।

अरकान बहुत ही हैंडसम स्मार्ट और गोरा चिट्टा था, मुझसे दो साल बड़ा था।

मेरा हाथ उसके लंड पर अपने आप चला गया।

वह बोला- शिरीन, आज तुम बड़ी हॉट लग रही हो।
उसने मेरी चुम्मी ले ली।

मैंने कहा- हॉट तो तुम भी लग रहे हो भाई जान! बस मुझे अपना लंड दिखा दो प्लीज! मैं लंड के लिए तड़प रही हूँ। आज घर में मैं अकेली हूँ। कोई डर नहीं है। आज मैं बुर चोदी बिना लंड के रह नहीं सकती।

और मैंने उसके पाजामे का नाड़ा खोलना शुरू किया।
वह समझ तो गया कि शिरीन मेरा लंड खोल कर पकड़ेगी जरूर … तो वह कुछ नहीं बोला।

मैंने अपना हाथ पाजामे के अंदर घुसेड़ दिया।
मैं तो उत्तेजित थी ही … वह भी उत्तेजित हो गया और बोला- शिरीन, तुम बहुत खूबसूरत हो यार! क्या कर रही हो तुम? ऐसा मत करो नहीं तो कुछ हो जायेगा.

मैंने कहा- हो जाने दो बहन चोद जो होना हो? आज मैं सब कुछ करवा लूंगी भाई जान। आज मैं कतई रुक नहीं सकती। बस मुझे जल्दी से लंड पकड़ा दो मुझे अपना!

इतने में पजामा खुल कर नीचे गिरा तो लंड साला तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया।
मैं लंड पकड़ कर मस्त हो गयी।
मेरे मुंह से निकला- हायल्ला … कितना मस्त लौड़ा है भाईजान तेरा? मज़ा आ गया। आज मेरी तमन्ना पूरी होगी। तेरा लंड तो आदिल के लंड से बड़ा भी है और मोटा भी।

मैंने लंड कई बार चूमा और पेल्हड़ भी मस्ती से चूमे।
उसने मेरा गाउन खोला मुझे नंगी करके बेड पर लिटा दिया।

नंगा वह भी हो चुका था।
नंगी मैं भी थी।

वह मेरे नंगे जिस्म से खेलने लगा, मेरे जिस्म के हर अंग को चूमने लगा चाटने लगा।

मेरे पैर, मेरी जांघें, मेरी गांड सब चाटने लगा।
फिर मेरे ऊपर चढ़ा और मेरी मस्त मस्त चूचियाँ चाटने लगा, मेरे निपल्स चूसने लगा, बोला- तेरे बूब्स तो मेरी अम्मी जान के बूब्स के बराबर हो गए हैं।

वह फिर घूम कर मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लंड चाटने लगी।
मैं अपनी ज़िन्दगी में पहली बार किसी मरद से अपनी बुर चटवा रही थी।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

मैं अपनी बुर चटवाने में मस्त हो गयी और बोली- हाय मेरे भाई जान, और चाटो मेरी बुर, खूब चाटो मेरी बुर … जबान पूरी घुसेड़ दो अंदर … बड़ा अच्छा लग रहा है। तुम तो बहुत बढ़िया मरद हो भाई जान!

इधर मैं भी बड़े मजे से उसका लंड चाट रही थी क्योंकि मैंने लंड चाटना पोर्न से सीखा था।

भाई जान के मुंह से सच निकल पड़ा।
वह बोला- शिरीन, तुम बिलकुल वैसे ही मेरा लंड चाट रही हो जैसे तेरी अम्मी जान चाटती हैं मेरा लंड!

मैंने कहा- हायल्ला तो क्या तुम मेरी माँ चोदते हो, भाईजान?
वह बोला- हां, मैं तेरी माँ चोदता हूँ क्योंकि तेरी माँ मुझसे बड़े मजे से चुदवाती है। उसको मेरा लंड बहुत पसंद है।
मैंने कहा- लंड तो तेरा मुझे भी पसंद है भाईजान. तो फिर तुम मुझे भी चोदो। मेरी बुर चोदो, मेरी गांड चोदो।

अम्मी की बात सुनकर मैं और उत्तेजित हो गयी और मेरी हिम्मत भी बढ़ गयी।
मैंने कहा- मेरी अम्मी बुरचोदी तुमसे चुदवाती है तो मैं भी तुमसे चुदवाऊंगी। आज मैं तेरे लंड का पूरा मज़ा लूंगी।

तब मैंने सोच लिया कि आज मैं बिना चुदे मानूंगी नहीं।
मुझे शिरीन की कहानी की बातें भी याद आने लगीं और मेरी चूत ज्वालामुखी बन गयी।

मैंने अपनी बुर फैला दी और कहा- लो भाईजान तोड़ डालो मेरी बुर की सील! तेरा लंड पहला लंड होगा जो मेरी बुर में घुसेगा। आज तेरा लंड मेरी बुर का उद्घाटन करेगा। पेल दो अपना मस्ताना लंड भाई जान!

फिर क्या उसने भी अपना लंड गच्च से पेल दिया अंदर!
लंड जब पहली बार घुसा मेरी बुर में तो मुझे बहुत दर्द हुआ।

मैं चिल्ला पड़ी- उई माँ मर गयी मैं! फट गई मेरी बुर अम्मीजान … इस भोसड़ा वाले ने एक ही बार में पेल दिया पूरा लंड … तोड़ डाली मेरी बुर की सील। खोल डाला मेरी बुर का दरवाजा! अब क्या करूं मैं? मैं तो कहीं मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही। मेरी इज़्ज़त लुट गई। हाय दईया … मैं बदनाम हो जाऊंगी।

मगर जब लंड 4/6 बार अंदर बाहर हुआ तो मुझे भी मज़ा आने लगा।
फिर मैं बोली- हाय मेरे राजा, खूब चोदो मेरी बुर … पूरा लंड पेल पेल के चोदो। आज मुझे मालूम हो रहा है कि चुदाई में कितना मज़ा आता है. भाईजान तेरा लंड बड़ा मज़ा दे रहा है।

वह धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाने लगा और मैं उसका पूरा साथ देने लगी।
मैंने चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लिया।

शाम को जब अम्मी जान आईं तो मैंने उससे साफ़ साफ़ बता दिया- आज चुद गयी तेरी बिटिया की बुर अम्मीजान! सील टूट गयी तेरी बिटिया की बुर की!

अम्मी मुस्कराकर बोली- मुझे सब मालूम है… मुझे तो तेरी बुर की शील तुड़वानी ही थी. तो तूने खुद तुड़वा ली. तुम्हें पसंद आया न अरकान का लंड, बुरचोदी शिरीन?
मैंने हंस कर कहा- जो लंड तुम्हें पसंद है अम्मी जान वही लंड मुझे भी पसंद है.

तो यह थी मेरी बुर की शील भंग होने की सच्ची कहानी दोस्तो!
आपको कैसी लगी हॉट चुत पोर्न कहानी … मुझे जरूर बताइयेगा रेहाना के ही मेल आईडी पर!
[email protected]

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