पड़ोसन स्कूल गर्ल की कुंवारी बुर की चुदाई

(Padosan School Girl Ki Kunwari bur ki chudai)

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम अरमान अंसारी है, अपनी पहली सेक्स स्टोरी में मैं अपनी पड़ोसन स्कूल गर्ल की कुंवारी बुर की चुदाई की घटना का वर्णन किया है.

मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरी उमर 20 साल है.. हाइट 5 फुट 11 इंच है.. लंड का साइज़ 6 इंच है.. और मैं मीडियम हेल्थ का बन्दा हूँ, मेरा रंग साफ़ है।

बात उन दिनों की है.. जब मैं 12वीं में एक सरकारी स्कूल में पढ़ता था। अब तक मुझे बुर के दीदार नहीं हुए थे। यहाँ तक कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी खैर छोड़ो इस बात को, मुद्दे पर आते हैं।

गर्मियों की बात है.. मेरे पड़ोस की एक लड़की है, उसका नाम नाज़िमा है। नाज़िमा बहुत ही मस्त माल है.. अगर उसे कोई एक बार ही देख ले, तो बस यही सोचे कि काश इसकी बुर एक बार चोदने को मिल जाए।
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा.. और 30-28-32 की नशीली फिगर रही होगी। भाई क्या चूचे हैं उसके.. लेकिन बुर का रंग थोड़ा काला है।

एक बार की बात है.. मैं उसके घर किसी काम से गया था.. काम कंप्यूटर से रिलेटेड था।

वो अपने बाथरूम मैं नहा रही थी। उसके बाथरूम में कोई गेट नहीं था, जिस वजह से उसने परदा डाल रखा था। मैं अन्दर गया ही था कि हवा चलने से उसका पर्दा हिला और मैंने उसे पहली बार नंगी देखा था। जैसे ही पर्दा हटा तो नाज़िमा को भी पता चल गया कि मैंने उसे नंगी देख लिया है।

उस वक्त तो कुछ नहीं हुआ मैं वापस आ गया। इसके बाद दिन बीतते गए और फिर हमारी सैटिंग शुरू हो गई। प्यार हुआ.. इकरार हुआ और यह प्यार बहुत गहरा होता गया। उसके साथ वो घूमना-फिरना मुझे आज भी याद है।

फिर एक बार मेरे घर कोई नहीं था। दोपहर की बात थी, मैंने उसे फोन करके बोल दिया कि आज मौका देख कर घर आ जा।
थोड़ी देर मैं वो छत के रास्ते मेरे घर आ गई। फिर मैंने उसे जल्दी से नीचे जाने को कहा और ऊपर छत का गेट बंद कर दिया।

नीचे मैं उसे अपने कमरे में ले गया। पहले तो मैं उससे बातें करने लगा, फिर धीरे-धीरे मुझे जोश चढ़ने लगा तो मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया। काफ़ी समय तक हम एक-दूसरे से लिपटे रहे।
क्या मस्त फीलिंग्स आ रही थी यार..

मैंने उसे होंठों पर किस किया, उसने भी मुझे चूम लिया। जब किस करते-करते बहुत देर हो गई तो मैं एक हाथ से उसके चूचे के निप्पल को मसलने लगा।

उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं। थोड़ी देर में मैंने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया। मैंने देखा उसने ब्लैक कलर की ब्रा ओर ब्लैक कलर की पेंटी पहनी हुई थी। बिल्कुल मैचिंग करके बुर की चुदाई करवाने आई थी।
मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को पीने लगा और मसलने लगा।

मैं एक हाथ से उसकी बुर पेंटी के अन्दर ही सहलाने लगा। उसकी बुर एकदम क्लीन शेव्ड थी.. मानो ऐसा लग रहा था कि बुर की चुदाई की पूरी तैयारी से आई हो।

मैंने जैसे ही अपना हाथ उसकी बुर पर लगाया.. वो काँप उठी क्योंकि यह उसका फर्स्ट टाइम था।
लेकिन वो चुदासी थी, सो मना भी तो नहीं कर सकती थी। ये साली प्यार चीज़ ही ऐसी होती है।

अब मैं भी नंगा हो गया और उसे मैंने बिस्तर पर लिटा लिया, खूब चूमा चाटा. थोड़ी देर बाद मैंने उसकी टांगें ऊपर की और अपना लंड उसकी बुर के मुहाने पर लगा कर पेला और धीरे-धीरे धक्के लगाने की कोशिश करने लगा।

पर अभी पूरा लंड बुर में नहीं जा पा रहा था क्योंकि उसकी सील अभी टूटी नहीं थी। नाज़िमा दर्द से मुँह से ‘सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीई..’ कर रही थी तो मैंने नाज़िमा से कहा- देखो थोड़ा दर्द होगा.. ज़्यादा नहीं, हिम्मत रखना।

उसने मुझे चूम कर सहमति दे दी।

मैंने अपने लंड पर हाथ से थूक लगाया और उसकी बुर को एक बार फिर से चोदने की कोशिश करने लगा। अबकी बार धक्के मारने में मैंने थोड़ी जान लगाई.. तो टाईट बुर के कारण मेरे लंड मैं भी दर्द होने लगा। मैं पहली बार बुर चुदाई कर रहा था और वो भी किसी कुँवारी लड़की को चोद रहा था।
मैंने सुपारा फंसते ही 5-6 मिनट तक बुर को ढीला सा किया और इसके बाद अपनी पूरी ताक़त से मैंने अपना पूरा लंड उसकी बुर में एक झटके के साथ अन्दर कर दिया।

उसकी चीख निकल गई, उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे, वो रोने लगी।

मैंने देखा कि मेरी मेहनत रंग लाई है। उसकी बुर से खून निकल रहा था। मैंने पास पड़े कपड़े से उसकी बुर साफ़ की और धीरे-धीरे उसकी चुदाई करने लगा।
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कुछ ही देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी थी।

थोड़ी देर की बुर की चुदाई में वो झड़ गई। उसके कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ गया, मैंने अपना सारा माल उसकी बुर के ऊपर झाड़ दिया।

अब हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे और उठने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

फिर 10-15 मिनट बाद हम उठे.. साथ में नहाए और जो खून बेडशीट पर लग गया था.. उसे धोया।

मैंने एक चीज़ नोटिस की कि उसे चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी और वो काँप भी रही थी, यह उसका फर्स्ट टाइम जो था।

फिर नहाने ओर बेडशीट धोने के बाद हम सामन्य होकर बैठ कर बातें करने लगे। इस दौरान मैं कभी उसका हग करता.. कभी किस करता।

फिर थोड़ी देर बाद वो कहने लगी- अब मुझे चलना चाहिए.. टाइम बहुत हो गया है।

जाते-जाते वो मेरे को एक स्मूच और करके गई।

इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता है.. हम चुदाई का चौका ज़रूर लगा लेते हैं।

कैसी लगी पड़ोसन स्कूल गर्ल की कुंवारी बुर की चुदाई, मेरी जीवन की पहली चुदाई की कहानी.. मुझे मेल ज़रूर करना!
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