पहला प्यार पहली चुदाई

(Pahla Pyar Pahli Chudai)

दोस्तो.. यह मेरी पहली कहानी है, यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है।

मेरा नाम यशी है, मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ। यह कहानी मेरे और मेरे दोस्त राज के जीवन से जुड़ी हुई है। आगे की कहानी राज की जुबानी सुनिए।

यह कहानी तब है जब मेरे एक दोस्त ने अपनी बीवी की सहेली (यशी) का नम्बर दिया।
मैंने उस नम्बर पर मिस काल दी, करीब दो घंटे बाद उसका फोन आया तो मैंने उसे दोस्ती का आफर दिया।
मैंने अब तक यशी को देखा नहीं था पर मुझे लगता था कि ये मेरी अच्छी फ्रेण्ड बन सकती है।

उसने मना करके फोन काट दिया।
फिर अचानक दो दिन बाद उसका फोन आया तो उसने कहा- हम सिर्फ फोन पर ही बात कर सकते हैं।

मैं जानता था कि यह बस थोड़े से नखरे कर रही है। उसके बाद धीरे-धीरे अपने आप सैट हो जाएगी।
हम सिर्फ रात को ही बात करते थे। फिर हमारा एक-दूसरे में इन्टरेस्ट बढ़ता गया और हम दोनों अपनी हर बात को शेयर करने लगे। हमें एक-दूसरे से प्यार हो गया।

फिर हम सेक्स चैट करने लगे और एक दिन चुदाई का प्रोग्राम बनाया, मैं उसका बस स्टैंड पर इन्तजार करने लगा।
उसने पहुँच कर मुझे कॉल किया और अपनी जगह बताई।

मैं उसकी बताई जगह पर पहुँचा तो देखा कि एक खूबसूरत लड़की हाथ में मोबाईल लिए किसी का इन्तजार कर रही थी। मैंने कन्फर्म करने के लिए कॉल किया.. तो उसी ने उठाया।

फिर मैं उसके पास पहुँचा और अपना परिचय दिया तो वो कहने लगी- यहाँ से जल्दी चलो.. यहाँ मेरे काफी जान पहचान वाले हैं। किसी ने देख लिया तो पंगा हो जाएगा।

मैंने उसे बाइक पर बिठाया और एक होटल में ले गया, मैंने रूम बुक कराया और कमरे की तरफ चल दिए।

वो कमरे में जाते ही बिस्तर पर बैठ गई।
मैंने कमरे का दरवाजा बन्द किया और कमरे को चैक करने लगा कि कहीं कोई दिक्कत ना हो जाए।

उसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गया और उसको बाँहों में ले लिया, वो शर्मा कर एकदम मेरे सीने से चिपक गई।
उसके आम (स्तन) मेरे सीने से टकरा रहे थे।

मैंने उसे अपने से अलग करके बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। मैंने कामरस से भरे हुए उसके होंठों पर अपने होंठ टिका दिए और रसपान करने लगा।

मैं उसके कपड़े उतारने लगा.. पर मुझसे हो ना सका.. तो मैंने उसे ही उतारने को कहा।
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है.. पहले लाईट बन्द करो।

लाईट बन्द करने के बाद भी ज्यादा अंधेरा नहीं हुआ, खिड़कियों से रोशनी आ रही थी।
उसने पहले अपना कुर्ता निकाला और फिर सलवार निकाल दी, अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी।
क्या नजारा था दोस्तो.. आप समझ सकते हो।

उसके आम ब्रा से बाहर आने को बेताब थे।
मैंने उनको कैद से आजाद किया और अपने मुँह में डाल लिए।
इधर मैं आम चूसे जा रहा था उधर उसकी गर्म सांसें तेजी से चल रही थीं।

उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार फेंकी और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए।
उसने आँखें बन्द कर रखी थीं और वो मेरा लण्ड देखना नहीं चाहती थी।

फिर देर ना करते हुए मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने का प्रयास किया.. पर अन्दर नहीं जा पाया क्योंकि यह मेरा और उसका पहला सेक्स था।

मैंने उसके पिछवाड़े के नीचे तकिया लगाया और एक हाथ से उसकी चूत को चौड़ा करके सुपारा घुसा दिया। वो दर्द के कारण रो रही थी.. पर मैंने अपना काम चालू रखा।

पांच मिनट की कड़ी मेहनत के बाद मैंने पूरा लण्ड अन्दर ठोक दिया.. कुछ देर धकापेल हुई और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में उतार दिया।
उस दिन हमने दो बार सेक्स किया।

उसके बाद हमारी मुलकातें बढ़ गईं, कई बार मैं उसके घर भी गया और हर तरीके से सेक्स का मजा लिया।

हम शादी करना चाहते थे.. पर हो नहीं पाई। उसके घर वालों ने उसकी शादी कर दी।
वो अब शादी से खुश नहीं है और मुझसे मिलना चाहती है।

आगे की कहानी जब हम दोनों मिलेंगे तब लिखूंगा।
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