कोचिंग में सैट हुई लड़की की पहली चुदाई

(Virgin Chut Girl Chudai Kahani)

वर्जिन चूत गर्ल की चुदाई का मौक़ा मुझे मिला जब मैंने अपनी कोचिंग में पढ़ने वाली लड़की को उसी के घर में चोदा. मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोल कर सेट किया था.

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.

मेरा नाम रॉकी है. मैं मुंबई का रहने वाला हूँ.

मैं बहुत ही शर्मीला लड़का हूँ.
मेरा कद लम्बा है, देखने में बहुत अच्छा लगता हूँ इसलिए मेरे दोस्त जल्दी बन जाते हैं.
मेरे लंड का साइज 7 इंच है, जो लड़कियों के लिए काफी अच्छा है.

अन्तर्वासना का मैं नियमित पाठक हूँ.

मेरी इस वर्जिन चूत गर्ल की चुदाई कहानी में आपका स्वागत है.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती हो जाए तो माफ कीजिएगा.

यह बात तब की है जब मैं बीस साल का था और अपने स्नातक के तीसरे साल पढ़ रहा था.

पढ़ाई में होशियार होने के कारण सभी दोस्त मुझसे पढ़ाई में मदद लिया करते थे और मैं भी उनकी पूरी मदद करता था.

मेरे दोस्तों का एक ग्रुप था जिसमें एक भी लड़की नहीं थी इसलिए हमारे ग्रुप का पूरा ध्यान पढ़ाई में ही लगा रहता था.

स्नातक के तीसरे साल में होने के कारण हम सभी ने कॉलेज के बाद प्राइवेट कोचिंग क्लास में भी जाना शुरू कर दिया था.

ग्रुप में कोई लड़की ना होने के कारण मैंने कभी सेक्स नहीं किया था.
मेरा भी पूरा ध्यान पढ़ाई में ही रहता था.

पर कहते हैं कि ऊपर वाले के पास देर है, अंधेर नहीं.

हमारी कोचिंग में दो सहेलियों ने भी प्रवेश लिया.
उनका नाम किरण और नैना था.

किरण दिखने में इतनी खास नहीं थी पर नैना को देखो, तो बस देखते ही रह जाओ.
वह काफी सुंदर थी.

धीरे धीरे मेरी उनसे दोस्ती हो गई.
उन दोनों का घर मेरे घर के पास में ही था तो हम सब साथ में आने जाने लगे थे.

मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं, जिसमें दोस्तों की चुदाई के बारे में पढ़ा है.
उन सेक्स कहनियों को पढ़ कर मैंने भी सोचा था कि कोई लड़की मिल जाए तो मजा आ जाएगा.

इसलिए मैंने किरण और नैना पर ट्राई करना शुरू किया.
पर मुझे डर लग रहा था कि कहीं कोई बवाल ना हो जाए.

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए पर कुछ नहीं हुआ.

फिर एक दिन जैसे मेरी किस्मत ही खुल गई.
नैना उस दिन कोचिंग नहीं आई थी तो मैंने किरण को प्रपोज कर दिया.

उसने कोई जवाब नहीं दिया और वहां से चली गई.
उस इस तरह के रवैये से मैं पूरी तरह से डर गया था.

वह उसके बाद दो दिन कोचिंग नहीं आई तो मेरी बुद्धि और खराब हो गई कि पता नहीं क्या मामला हो गया है.

उसके बारे में पूछने पर पता चला कि वह बीमार है.

चार दिन ऐसे ही बीत गए.

फिर जब किरण वापस आई तो उसके चेहरे पर अलग ही मुस्कुराहट थी.
वह मुझे देख कर शर्मा गई.

नैना ने ये सब देख लिया.
उसको थोड़ा सा शक हुआ पर उसने कुछ नहीं कहा.

कोचिंग से घर जाते वक्त किरण ने मुझे चुपके से एक कागज पकड़ा दिया.
मैंने देखा, तो उसमें आई लव यू टू लिखा था.

मेरी खुशी का तो जैसे ठिकाना ही नहीं रहा.

मैंने घर पहुंच कर किरण को कॉल लगाया पर उसने नहीं उठाया.

थोड़ी देर बाद उसका एक मैसेज आया.

‘कॉल मत करो रॉकी, मैं घर पर हूँ इसलिए बात नहीं कर सकती. तुम मैसेज में बात करो.’

मैं- आई लव यू किरण.
किरण- आई लव यू टू रॉकी.

हमने बहुत सारी बातें की.
अब हम रोज क्लास में साथ बैठने लगे थे.

एक दिन हमारे कोचिंग वाले सर को आने में देर हो गई थी, सो सब मस्ती कर रहे थे.

मैं और किरण क्लास के आखिर में बैठे बातें कर रहे थे.

बातों बातों में मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया और हंसने लगा.
वह एकदम से भड़क गई और उठने लगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ कर बैठा दिया पर वह उठ कर चली गई.

दिन भर हमारी बात नहीं हुई; किरण को काफी गुस्सा आया था.
मैंने उसे बहुत मैसेज किए, पर उसका कोई जवाब नहीं आया.

अगले दिन उसका मैसेज आया- सॉरी, मैं यह सब नहीं करना चाहती. मुझे अभी पढ़ाई पर फोकस करना है. अगर मैं फेल हुई तो पापा मेरी शादी करा देंगे.
यह सब पढ़ कर मुझे बहुत बुरा लगा.

मैंने फैसला किया कि अब मैं किरण को पढ़ाऊंगा.
जब यह बात मैंने उसे बताई तो उसने भी हामी भर दी.

उसके घर पर सिर्फ उसके मम्मी पापा रहते थे. उसके पापा एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे और मम्मी हाउसवाइफ थीं.
उसकी मम्मी ने हमें साथ पढ़ने की अनुमति दे दी.

अब कोचिंग के बाद मैं उसके घर पढ़ाई करने जाने लगा.
शाम 6 से 10 हम साथ में पढ़ाई करते थे.

अब उसको सब आसान लगने लगा.
वह बहुत खुश थी और मैं भी.

थोड़े दिन बाद हमारा सेमेस्टर एग्जाम हुआ जिसमें उसके मुझसे ज्यादा नंबर आए थे.
इससे वह बहुत खुश थी.

उसके मम्मी पापा भी बहुत खुश हुए.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

एक दिन उसके मम्मी पापा को किसी रिश्तेदार के यहां 3 दिन के लिए शादी में जाना था.

उसकी मम्मी ने मुझे घर पर रहने को कहा.
मैं झट से मान गया.

उनके जाने के बाद हमने मूवी देखने का प्लान बनाया और एक हॉलीवुड की मूवी चला दी जिसमें बहुत किसिंग सीन थे.
उन दृश्यों को देख कर किरण काफी शर्मा रही थी.

मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने नजर झुका ली.
तब मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका मुझे दोबारा नहीं मिलेगा, तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींचा.
वह मुझसे छूटना चाहती थी पर मैंने उसे जोर से पकड़ रखा था.

मैंने उसे शांत किया और पूछा- कभी सेक्स किया है?
उसने ना में सिर हिला दिया.

मैंने उसके कान में पूछा- क्या आज हम दोनों सेक्स करें?
तो वह शर्मा गई.

मैं भी समझ गया था कि वह भी चुदना चाहती है.
मैंने उसे किस करना चाहा तो उसने मुँह फेर लिया.

मेरे थोड़ा जोर देने से वह मान गई.
मैंने उसके गाल पर किस कर दिया.

धीरे धीरे होंठों को किस करने लगा.
अब वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

किस करते करते मैं उसके बूब्स को दबाने लगा तो वह मछली की तरह छटपटाने लगी.

किस करते करते मैंने उसका टॉप उतारना चाहा, पर वह शर्मा रही थी.
मैं भी कहां मानने वाला था.

मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा.

उसे भी अब अच्छा लग रहा था.
वह मेरा सिर अपने बूब्स पर दबा रही थी.

वह भी गर्म हो गई थी, मैंने उसे ब्रा उतारने को कहा तो वह फट से मान गई और उसने ब्रा उतार दी.

किरण के बूब्स बहुत मस्त और बड़े बड़े थे. साथ ही कड़क भी … शायद उसके दूध लगभग 36 इंच के रहे होंगे.

मैंने उसके बूब्स को दबाना चालू किया और एक को चूसने भी लगा.
अब उसकी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आआह रॉकी आह …’

मैं भी अब पूरे जोश में था.

करीब 15 मिनट तक बूब्स चूसने के बाद मैंने उसके शॉर्ट्स को नीचे खींचा.

उसने अन्दर चड्डी भी पहनी थी, वह भी साथ ही सरक कर नीचे आ गई.

उसकी चूत अचानक से मेरे सामने थी और वह पूरी तरह से नंगी हो गई थी.
मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी जवान लड़की की चूत देखी थी.

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था … सफाचट चूत देखते ही मैंने उसके बूब्स छोड़ कर उसकी चूत पर किस किया और चाटने लगा.
अपनी चुत पर मेरी जीभ पड़ते ही वह तिलमिलाने लगी.

वह बहुत गर्म हो चुकी थी.

मुझे उसकी चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा.
लगातार 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ गई.

मैंने उसका कामरस भी चाट कर साफ कर दिया और उसे किस करने लगा.
अब उसकी बारी थी.

उसे किस करते करते मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पैंट में डाला तो वह एकदम से डर गई.

मैंने झट से अपने कपड़े उतारे और अपना फनफनाता लंड उसके सामने कर दिया.

लंबा मोटा लंड देख कर वह एकदम से डर गई और पूछने लगी- इतना बड़ा मेरी छोटी सी चूत के अन्दर कैसे जाएगा?
मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और उससे लंड चूसने को कहा.

पहले वह मना करने लगी पर मेरे जोर देने से मान गई और धीरे धीरे मेरा लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद उसे भी लंड चूसने में मजा आने लगा.
अब वह पूरे जोश में मेरे लंड को चूसने चाटने लगी.

थोड़ी देर बाद मेरा सारा माल उसके मुँह में निकल गया जो उसने पूरा पी लिया.
उसके बाद दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे.

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी टांगों में अपनी टांगें डालकर उसे देखने लगा.
वह भी मेरी आंखों में आंखें डालकर देखने लगी.

मैंने अपने होंठ उसे होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगा.

होंठ चूमने के साथ साथ मैं उसके निचले होंठ को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा और उसके होंठ को खींचने भी लगा.
वह भी मस्त हो रही थी.

फिर उसने मेरे नीचे वाले होंठ को दबा कर चूसा और खींच खींच कर चूसने लगी.

मैंने उसके बाद उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी.
वह एकदम से गनगना गई और हम दोनों का आपस में लार का आदान प्रदान होने लगा.

स्वतः ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और उसकी चुत से टकराने लगा.

वह हंस दी और उसने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया.
मैंने कहा- इसे इसके बिल की रास्ता दिखा दो.
उसने कहा- क्या यह सही होगा?

मैंने कहा- हां इसमें गलत क्या है जान!
वह बोली- कहीं कुछ हो गया तो?

मैंने कहा- तू क्या अनपढ़ है? कुछ हो गया तो कुछ को रोकने वाली दवा भी तो आती है!
वह हंसी और बोली- मैं दवा खाना नहीं चाहती हूँ. तुम छतरी लगा लो.

वह कंडोम की कह रही थी.
मैंने कहा- अब इस वक्त छतरी किधर से लाऊं?

वह हंसी और बोली- मम्मी के सामान में होगा.
मैंने कहा- तुम्हारी मम्मी अभी भी करती हैं?

वह फिर से हंसी और बोली- हां … उन्हें बहुत पसंद है.
मैंने कहा- क्या तुमने उन्हें करते हुए देखा है?

पहले तो वह कुछ नहीं बोली.
फिर जब मैंने दुबारा पूछा तो वह हां कहती हुई बताने लगी- मम्मी पापा हफ्ते में तीन दिन तो करते ही हैं.
मैंने कहा- चलो तो उनके सामान में से कंडोम निकाल लाओ.

उसने गद्दे के नीचे से एक कंडोम निकाला और बोली- मैं पहले से ही ले आई थी.
मैंने कहा- ओ तेरी … साली तू तो बड़ी कमीनी है. पहले से ही मेरा लेने को बैठी थी?

वह वर्जिन चूत गर्ल जोर से हंसी और बोली- एक राज की बात बताऊं?
मैंने कहा- हां बताओ.

वह बोली- चलो बाद में बताऊंगी.
मैंने कहा- बाद में कब?
वह बोली- अबे यार, तू पूरा बुद्धू है क्या?

उसकी इस बात से मेरे पौरुष पर चोट लग गई और मैंने कहा- चल मैं भी अभी कुछ बताऊंगा.
वह कहने लगी कि क्या बताएगा? अभी बता न!

मैंने कुछ नहीं कहा और अपने खड़े लंड पर कंडोम पहन लिया.
उसके बाद मैंने किरण को चित लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर लंड चुत के मुँह में सैट करने लगा.

वह बार बार पूछती रही- बताओ न क्या कहना चाह रहे थे?
पर मैंने सिर्फ चुत फाड़ने पर तवज्जो दी.

उस वर्जिन चूत गर्ल ने भी लंड को पकड़ कर चुत की फांकों में घिसना शुरू कर दिया.

तभी मैंने उसकी फांकों में सुपारा ठांस दिया.
वह आह करके चीख उठी.

मैंने उसकी आह उन्ह पर ध्यान न देते हुए लंड को और अन्दर पेला तो उसकी चुत की सील फट गई और वह दर्द से तड़फ उठी.

कुछ ही देर में चुत ने लंड को अपने अन्दर जज़्ब कर लिया था और हम दोनों की धकापेल चुदाई होने लगी थी.
वह कहने लगी- बताओ न क्या कहना चाह रहे थे!

मैं अब भी कुछ नहीं बोला और धकापेल करता रहा.
अंतत: लंड ने अपनी पिचकारी कंडोम में छोड़ दी.

अब उसने फिर से पूछा तो मैंने कहा- मैं किसी भी तरह से तुमको चोदना चाहता था, बस यही बात थी.
वह कहने लगी- नहीं कुछ और बात थी. तुम सही सही बताओ!

मैं चुप रहा और कहा- अब तुम बताओ कि मैं बुद्धू हूँ ऐसा क्यों कहा था?
वह बोली- मेरी मम्मी पापा ने तुम्हें पसंद कर लिया है और वे तुम पर विश्वास करते हैं. मैंने तुमको न जाने कितनी ही बार इशारा भी किया, पर तुम सिर्फ बुद्धू ही रहे, मुझे बस यही बताना था!

मैं मन ही मन मुस्कुराने लगा कि यदि उस वक्त तुम्हारे इशारे को समझ कर तुम्हारे साथ कुछ करता तो शायद मैं आज तुम्हें न पा पाता. क्योंकि मैंने देखा था कि तुम्हारे पापा ने एक स्पाइ कैमरा लगाया हुआ था, जिसके माध्यम से वे मुझे देखते थे. यह बात किरण को नहीं मालूम थी.
आज मैंने उस स्पाई कैमरे को ढक दिया था और किरण को चुदाई के लिए गर्म कर लिया था.

मैंने किरण से कहा- ठीक है जान, मैं ऐसा ही बुद्धू बना रहना चाहता हूँ.
वह कुछ न समझ सकी.

दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं किरण की सहेली नैना की चुदाई की कहानी भी आपको सुनाऊंगा.
प्लीज मुझे बताएं कि आपको यह वर्जिन चूत गर्ल की चुदाई कहानी कैसी लगी!
[email protected]

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