टेलर मास्टर को कुंवारी चूत की तलब लगी

(Virgin Defloration Teen Story)

वर्जिन डिफ्लोरेशन टीन स्टोरी में पढ़ें कि एक टेलर मास्टर को चुदाई का शौक था, वो सैंकड़ों लडकियां कालगर्ल चोद चुका था. एक दिन उसने दलाल से कुंवारी चूत की मांग की.

एक थे फ़ज़लू मियां, चालीस साल की उम्र में भी भले उसकी शादी नहीं हो पाई थी मगर उसे इस बात का जरा भी गम नहीं था. फ़ज़लू मियां को कभी चूत फुद्दी की कमी नहीं हुई थी.
फ़ज़लू मियां हवस से भरा हुआ लम्बे मोटे ताज़े लंड का मालिक और पहलवान किस्म का मर्द था.

हमेशा ही किसी न किसी औरत, लड़की या आंटी को आंखों से नंगी करना उसका शौक था.
फ़ज़लू मियां पेशे से जनाना दर्ज़ी था पर उसका सारा ध्यान खबातीन को कपड़ा पहनाने से ज्यादा कपड़ा उतारने में रहता था.

लड़की-औरतों का नाप लेते वक्त फ़ज़लू मियां इधर-उधर हाथ लगा लेता था और इस कारण कई लड़कियों-औरतों जैसे रेखा, ममता, अल्का, नरगिस, आयशा, शबाना, हिना को फ़ज़लू मियां सैट करके दुकान के अन्दर ही थूक लगा चोद चुका था और कई बार इन सबके कारण कुछ औरतों से पिट भी चुका था.

इसके अलावा वो आए दिन वो नगमा बानो के कोठे पर जाया करता था.
नगमा बानो कोठे की मालकिन भी थी और मस्त रांड भी थी.

फ़ज़लू मियां, नगमा बानो के कोठे पर मौजूद खुद नगमा बानो सहित उसकी सभी 13 वेश्याओं को कई कई बार चोद चुका था और सबको फ़ज़लू के मोटे-लंबे लंड से चुदने में भरपूर मज़ा आता था.

चूत गांड चोदते हुए फ़ज़लू मियां गाली-गलौच मार-पीट और जबरदस्ती किया करता था.
तब भी हर किसी रांड को फ़ज़लू से चुदवाना काफी पसंद था.

फ़ज़लू की इन्हीं आदतों के कारण सबको उसके सामने ज़लील भी होना पड़ता था.
पर ये जलालत भी फ़ज़लू के लौड़े सामने फीकी थी.

अब तो अक्सर ऐसा होने लगा था कि फ़ज़लू जब भी किसी रांड को पेलता था तो उस समय ग्राहकों से खाली रंडी फ़ज़लू और उसके साथ चुद रही रंडी की चुदाई देखने बैठी रहती थी और फ़ज़लू मियां से चूत चुदाई के गुर सीखती रहती थी.

गोया फ़ज़लू मियां चुदाई में पीएचडी था और उसका लंड रंडियों के लिए एक कमाल का हथियार था.

इस बार जब फ़ज़लू मियां के हाथ में सट्टे से मिली बड़ी रकम थी तो वो मूड बना कर कोठे पर लंड हिलाता हुआ आ गया.

वो कोठे पर आया तो नगमा बानो से बोला- नगमा, अब तो किसी कच्ची कली से मिला दो, कब तक वही झूठा और चटा चटाया माल खिलाओगी?
मतलब वो वर्जिन टीन लड़की मांग रहा था.

नगमा बानो ने फ़ज़लू को एक लड़की की तस्वीर दिखाते हुए कहा- इससे मिलोगे … पहली बार की माल है. अभी तक किसी ने छुआ भी नहीं है.

फ़ज़लू मियां ने कहा- अरे नगमा बेगम ये लड़की कौन है, कहां से है, पहले ये सब तो बताओ? और लंड लेने को राजी है या नहीं … वर्ना किसी लफड़े में न फंसा देना. तुझे मालूम है कि फ़ज़लू जब तक चूत को हाथ नहीं लगाता, जब तक माल खुद से चुदने को राजी न हो.

नगमा- अरे मेयां परेशान न हो … एकदम राजी माल है. चूं भी न करेगी … चाहे नौ की जगह बारह इंच का लंड क्यों न पेल दो.
फ़ज़लू हंसने लगा- नगमा बी, जब नौ की जगह बारह इंच का लंड लेने को राजी है तो भला काहे की कच्ची कली हुई … साली चुदी चुदाई आइटम है क्या?
नगमा- नहीं मियां, अभी लंड की सूरत भी देखी है उसने मगर तब भी हालात की मारी है, तो लंड लेने के लिए भी राजी है.

फ़ज़लू मियां- किधर से पकड़ी है बेगम?
नगमा ने कहा- मियां कलकत्ता का माल है. सौ फीसदी खरा माल है. नाम है शीरीं … अभी चूत पर हल्के हल्के बाल ही आए हैं. पिछले हफ्ते ही उन्नीस की हुई है. इसके घर में कोई नहीं है. एक मां थी, जो किसी के साथ भाग गई है. उसने इसको एक दल्ले को बेच दिया और उस दल्ले ने मुझे टिका दिया.

एक तो अठारह साल की कुंवारी लड़की, ऊपर से दूध सी गोरी. फ़ज़लू मियां तो जैसे पागल से हो गए.
वो बोले- नगमा में हूँ ना … मुझसे निकाह पढ़ा दो, जो रकम तुमने लगाई है वो मुझसे ले लो!

नगमा बानो ने कहा- मियां पूरे 2 लाख रुपया लगेगा, दे दो और ले जाओ अपनी दुल्हन.
फ़ज़लू मियां ने कहा- नगमा बेगम इतना तो नहीं होगा, कुछ और हो सकता है तो बताओ?

नगमा ने कहा- अरे फ़ज़लू मियां क्यों फिक्र करते हो. ऐसा करो 5 हज़ार दो और 2 दिन तक सुहागरात मना लो.
फ़ज़लू मियां ने 500 से ज्यादा कभी किसी को नहीं दिया था, पर आज उसने बिना सवाल जवाब के 5 हज़ार निकाल कर नगमा बानो की सलवार में डाल दिए.

फ़ज़लू मियां नगमा के बोबे दबाते हुए बोले- नगमा बेगम 2 दिन नहीं, इसके साथ तो मुझे पूरा हफ्ता लगेगा. बाद में हज़ार दो हज़ार और दे दूंगा, अब जल्दी से मिलाओ.
नगमा ने फौजिया को बुलाकर फ़ज़लू को शीरीं के कमरे में ले जाने को बोला.

फौजिया ने फ़ज़लू मियां का हाथ पकड़ा और ऊपर के कमरे में ले जाने लगी.
बीच में ही फ़ज़लू मियां फौजिया की चूची पकड़कर मसलने लगा और फौजिया के होंठ चूसने लगा.

फौजिया 27 साल की बड़े बड़े सामानों वाली बंगालन माल थी, जो हालातों के कारण इस कोठे में आ गयी थी.
शीरीं के कमरे के बाहर आते ही फौजिया ने फ़ज़लू मियां को शीरीं के कमरे में धक्का दे दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया.

फ़ज़लू मियां 40 के थे और शीरीं 19 की.
फ़ज़लू मियां बड़ी से बड़ी चुदक्कड़ रांड को चोद चुके थे और शीरीं की चूत बिल्कुल सील पैक थी.

फ़ज़लू मियां के पास 9 इंच का लौड़ा था और शीरीं की चूत के नाम छोटा सा चीरा लगा था, जिसे और चीर कर लंड के लिए भोसड़ा बनना बाकी था.
आज फ़ज़लू मियां को नशा चढ़ रहा था, जो शीरीं की उम्र और हुस्न को देखकर बढ़ता जा रहा था.

उसने गहरे नशे में सो रही शीरीं की सलवार का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे सलवार उतार दी.
फिर चड्डी भी निकाल दी.

होंठों पर हल्के से अपने होंठ रख कर चुम्बन करते हुए उसके छोटे छोटे बोबे चाटने लगा.
इन सबके बाद वो शीरीं की चूत को सूंघने लगा और धीरे-धीरे जीभ से छेड़खानी करने लगा.

शीरीं को वासना बढ़ाने वाली दवा दी गई थी, उसके साथ शराब की गहरी खुमारी चढ़ी थी.
वो जाग कर लंड के लिए गर्माने लगी तो फ़ज़लू भी बिना टाइम खराब किए चुदाई को रेडी हो गया.

झट से नंगा होकर फ़ज़लू अपने लंड को थूक लगा कर सहलाने लगा.
अपने नौ इंची के लंड पर ज्यादा सा थूक लगा कर शीरीं की चूत की गोरी गुलाबी दरार पर लगा बैठा.

उसने शीरीं के मुँह पर हाथ रखकर एक जोर का झटका देते हुए अपना 9 इंच का मोटा ताज़ा लौड़ा शीरीं की छोटी सी चूत के अन्दर आधा पेल दिया.
शीरीं एकदम से नशे से जाग उठी और दर्द के मारे चीख उठी हालांकि उसके मुँह पर फ़ज़लू ने हाथ लगाया हुआ था पर शीरीं की चीखें इतनी जोर की थीं कि पूरे कोठे में गूंज उठीं.

शीरीं की आवाज सुनकर सब वेश्याएं हंसने लगीं और फ़ज़लू मियां के लंड की तारीफ़ में बातें करने लगीं.

हिना बोली- आज तो झंडा फहरा दिया फ़ज़लू मियां ने.
शबनम- हां सच्ची, फ़ज़लू का लंड झंडा का डंडा जैसा ही है.

फौजिया कहने लगी कि फ़ज़लू मियां तो कामदेव है.
सलमा कहने लगी- फ़ज़लू ने क्या हालत कर दी होगी बेचारी की.

तबस्सुम बोली- फ़ज़लू शीरीं को चलने लायक नहीं छोड़ेगा.
तो दूसरी तरफ पारो और शबनम शर्त लगा रही थीं कि फ़ज़लू मियां ने शीरीं को घोड़ी बनाया होगा या कुतिया.

इधर फ़ज़लू ने शीरीं की चूत का उद्घाटन कर दिया था.

शीरीं रो रही थी और दर्द से चिल्ला रही थी. उसकी चूत से खून निकल रहा था और फ़ज़लू शीरीं के ऊपर चढ़कर जबरदस्त लंड आगे पीछे कर रहा था.

शीरीं का चेहरा देख कर उसे और कामुकता का नशा हो रहा था.
फ़ज़लू बार बार शीरीं के गुलाबी और नाजुक होंठों को अपने होठों से चूसता, काटता और उसके मुँह में मुँह डालकर लंड आगे पीछे करने लगता.

अपनी जीभ से शीरीं की जीभ के साथ छेड़खानी करता हुआ धकापेल करने में लगा था.

शीरीं पूरी कोशिश कर रही थी कि फ़ज़लू से किसी तरह से छुटकारा मिल जाए.
वो दूर होने को मचल रही थी. उसे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी.

वो बार बार कह रही थी- मुझे छोड़ दो, ज़रा रुक जाओ. कर लेना … मैं राजी हूँ पर जरा रुको तो!
पर … फ़ज़लू के नीचे दबी 5 फ़ीट कद और 40 किलो वजन की कमसिन लड़की एक 6 फ़ीट 2 इंच लम्बे और 75 किलो के आदमी के सामने क्या कर सकती थी.

काफी विरोध के बाद शीरीं हार गई और उसने फ़ज़लू का विरोध करना बंद कर दिया.
वो बस आंसू बहाने लगी.

फ़ज़लू मियां के हर झटके पर शीरीं की झांट से लेकर टांट तक सब हिलता, आंख से आंसू और मुँह से ‘आह … आह …’ के अलावा कुछ न निकलता.

आज तक फ़ज़लू को इतना मज़ा अपनी सगी बहनों को चोद कर भी नहीं आया था.

फ़ज़लू ने अपनी सारी बहनें चोद रखी थीं. चाहे वो मौसी की लौंडिया हो या बुआ की, मामा की हो या चाचा की, फ़ज़लू ने सबकी चूत में लंड पेला था.

आज फ़ज़लू बिना रुके शीरीं की चूत को ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.
चुदाई का विशेषज्ञ बना फ़ज़लू धकापेल मचाए हुए था.
उसने अपने लंड से शीरीं की चूत को सुजा दिया था.

नीचे दबी लंड के हमले झेलती शीरीं को भी अब इतना सब दर्द झेलने के बाद हल्का हल्का मज़ा आने लगा था.
शीरीं भले भी 19 साल की थी, पर वो एक बंगाली लड़की थी.

चुदक्कड़ों की माने तो एक बार जब बंगाली को लंड से सुकून मिलना शुरू हो जाए, तो वो उस लंड से चिपक जाती है.
कुछ ऐसा ही शीरीं के साथ भी हुआ.

कहां तो शीरीं चूत की चुदाई पर रो रही थी और कहां अब वो फ़ज़लू को पूरा साथ दे रही थी.
फ़ज़लू ने शीरीं को घोड़ी बनाकर जब गांड में लंड घुसाया, तो शीरीं और फ़ज़लू दोनों के मुँह से आवाज निकलने लगी.

कोठे की वेश्याएं शीरीं के कमरे के बाहर कान लगा कर दोनों की आवाज सुनतीं और हंसती हुई बातें कर रही थीं कि आखिर फ़ज़लू मियां ने शीरीं की चूत को अपने नौ इंची लौड़े के शीशे में उतार ही लिया है.

फ़ज़लू ने शीरीं को जैसे चाहा, वैसे चोदा और शीरीं भी फ़ज़लू के लंड पर उछल-उछल कर कली से फूल बनने का मज़ा ले रही थी.

हफ्ते भर की चुदाई के बाद फ़ज़लू को शीरीं से इश्क़ हो गया, तो उसने शीरीं से निकाह करने का फैसला कर लिया.
वो इधर उधर से जुगाड़ करके रकम लाया और नगमा को उसकी मुँहमांगी कीमत चुका दी.

अब शीरीं, फ़ज़लू मियां की बेगम बनकर उसके लंड को खुश रखने में लग गई थी.

दो महीने की तूफानी चुदाई के बाद ही शीरीं के बदन में जो बदलाव आया, वो कमाल का बदलाव था.

शीरीं की गांड इतनी उभर आई मानो किसी रांड की गांड हो और उसकी छाती पर छोटे छोटे निम्बू फ़ज़लू की मेहनत के बाद अब तरबूज बन गए थे, जिसका रस फ़ज़लू सुबह शाम दिन रात निकालता रहता था.

अब फ़ज़लू मियां शीरीं के अलावा किसी और की तरफ देखने की इच्छा भी नहीं करता क्योंकि जब घर में गोश्त मिल जाए तो बाहर की दाल सब्जी किसको पसंद आएगी.
रोज रात को फ़ज़लू अपने कमरे में शीरीं को नंगी नचाता और उसके बदन के हर हिस्से को अपने लंड की जद में लाकर खेलता.

शीरीं को भी फ़ज़लू के लंड ने उसका दीवाना बना रखा था.
वो हर रात बड़ी बेसब्री से अपने शौहर फ़ज़लू का इन्तजार करती और अपनी चूत को तरह तरह से सजा कर फ़ज़लू के लंड की अदालत में पेश करती.

एक तरफ शीरीं की चढ़ती जवानी फ़ज़लू के लंड के इश्क में दीवानी थी और दूसरी तरफ फ़ज़लू जैसा ऐय्याश आज शीरीं के साथ चुदाई करके अपनी सारी ऐय्याशी भूल बैठा था.

आपको फ़ज़लू और शीरीं की चुदाई की कहानी कैसी लगी.
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लेख्किका की पिछली कहानी थी: मैंने अपने अब्बू की बीवी को चोद दिया

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