चिकने लौंडे की गांड मारने का सुख

(Chikne Londe Ki Gand Marne Ka Sukh)

रोहण सिंह 57 2018-08-21 Comments

नमस्ते दोस्तो, मैं रोहन हूँ मेरी उम्र 20 साल है, मैं होशंगाबाद (मध्यप्रदेश) का रहने वाला हूँ. मैं देखने में ठीक ठाक हूँ. मैं अन्तर्वासना साईट का बहुत बड़ा पाठक हूँ. मैंने लगभग सारी गे, समलैंगिक कहानियां पढ़ ली हैं.

यह अन्तर्वासना साईट पर मेरी पहली कहानी है.

मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में उतना ही मज़ा आता है, जितना कि किसी लड़के को लड़की के साथ करने में आता है, मुझे भी लड़कियों में इंट्रेस्ट उतना ही है.. जितना कि लड़कों में है क्योंकि मैं बाइसेक्सुअल हूँ और कोई भी मुझे गे बुलाये, मुझे अच्छा नहीं लगता है.

यह बात तक़रीबन 6-7 महीने पहले की है. दिसंबर 22 को मैंने अपने फ्रेंड के कहने पर एक एप डाउनलोड किया, उसमें गे ब्वॉय्ज की आईडी लोकेशन सहित दिखाई देती है. उसमें मुझे मेरे ही शहर का एक लड़का मिला, जिसका नाम रिहान था. मैंने उससे बात शुरू की, तो वो मेरी फ़ोटो मांगने लगा लेकिन मैंने नहीं दी.. क्योंकि लोग उसका गलत इस्तेमाल करते हैं.

वो जबरदस्ती मांगने लगा तो मैंने कहा कि मुझे अपना नंबर दे दो. मैं फोन करूँगा तो डायरेक्ट मिल लेना.

वो मान गया और शाम को स्टेशन पर 6 बजे मिलने के लिए बुलाया. मैं बिल्कुल सही समय पर वहां पहुँच गया लेकिन वो थोड़ी देर बाद आया और आकर मेरे बाजू में बैठ गया. वो बहुत ही शर्मा रहा था.
दोस्तो, क्या बताऊँ कितना मस्त था वो उसकी आँखें, उसके होंठ, पूरा का पूरा ही बिल्कुल वरुण धवन जैसा दिखता था.

हमने थोड़ी देर वहीं पर बात की और अचानक उसने मुझे प्रपोज़ कर दिया. मुझे आज तक किसी लड़के ने कभी प्रपोज़ नहीं किया था तो मुझे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं?
थोड़ी देर सोचने के बाद मैंने हाँ कर दिया.. तो उसने मुझसे कहा कि तुम सबके सामने मुझे हाथ पर किस करोगे.

उस समय 6:30 बज चुके थे तो थोड़ा अँधेरा भी हो गया था तो मैंने सबके सामने उसके हाथ पर किस किया. उसने मुझे गले से लगा लिया और बोला कि मुझे आज तक सच्चा प्यार करने वाला कोई नहीं मिला.

फिर हम लोग घूमने चले गए और दस बजे रात तक घूमते रहे. उसके बाद मैं अपने घर पर चला गया और वो भी. उसने मुझसे कहा था कि कल मेरा पेपर है और मैं 3 बजे आऊंगा, तब तक कोई मैसेज मत करना और न ही फोन.

लेकिन मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको फेसबुक पर मैसेज किया.

उसकी तीन बहनें हैं और ये उनमें सब से छोटा है. उसकी सबसे छोटी बहन ने मेरे मैसेज पढ़ लिए. जब वो पेपर देकर घर लौटा तो उसकी बहन ने उसको बहुत मारा. उस समय वो ग्यारहवीं में पढ़ता था.

उसने मुझे शाम को फोन किया, फिर वो ट्यूशन के बहाने मुझसे मिलने आया और हम लोग घाट पर घूमने गए. तब हम लोगों ने पहली बार किस किया था. फिर हम दोनों यूं ही घूमते रहे. रात के नौ बज चुके थे और वो घर चला गया.

इसी तरह हम लोग रोज़ मिलने लगे. वो 27 दिसंबर की बात है. अभी तक हम लोगों ने बस किस के अलावा और कुछ भी नहीं किया था. क्योंकि मुझे उससे सच्चा वाला प्यार हो गया था, लेकिन क्या करूँ जब आप किसी से सच्चा वाला प्यार करते हो, तो उसके साथ कुछ गलत करने का मन ही नहीं करता है. बस मन करता है कि दिन भर उसको देखते ही रहें.

उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था तो मैंने उसको फोन करके बुलाया, वो एक बजे आ गया. वो कहने लगा कि मुझे आपके साथ कुछ करना है.
मैंने मना नहीं किया और फिर हम लोग बिस्तर पर लेट गए और एक दूसरे की बाँहों में चिपक कर एक दूसरे को किस करने लगे.
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.

उसने मुझसे कहा कि कपड़े उतार लो.
तब हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और अब हम सिर्फ चड्डी में थे. फिर मैंने उसे अपने पास खींच लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. हम दोनों की जीभ एक दूसरे की जीभ को छू रही थीं. हाय क्या मजा आता है जब किसिंग करते हुए कोई आपके पूरे शरीर पर हाथ फेरे तो मानो ऐसा लगता है, जैसे कि आसमान में उड़ रहे हों.

हम दोनों एक दूसरे को बस इसी तरह काफी देर तक किस करते रहे. फिर धीरे से उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. इतने दिनों से हमने अभी तक एक दूसरे को किस करने के अलावा और कुछ नहीं किया था. मेरा लंड खड़ा हो गया था. उसने अपने हाथ से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया. फिर मैंने भी उसके लंड को बाहर निकाल लिया. उसका लंड मुझसे भी बड़ा था.

फिर मैं उसके निप्पल को चूसने लगा और किस करते हुए नीचे जाने लगा. धीरे से मैंने उसके लंड को किस किया तो उसके मुँह से हल्की सी ‘अहह…’ निकल गई. फिर मैंने उसके लंड को चूसना चालू कर दिया. उसका लंड बहुत बड़ा था. मेरे मुँह में गले तक चला गया. उसको और भी मजा आने लगा.

कुछ देर बाद मैंने अपने मुँह से उसका लंड निकाल लिया और फिर किस करने लगा. अब उसने मुझे लिटा दिया और मेरे निप्पल चूसने लगा. क्या मजा आ रहा था.
यारर… मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, जिसकी आवाज़ पूरे रूम में गूंजने लगी. फिर धीरे से उसने नीचे जाकर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

थोड़ी देर बार उसने कहा कि 69 पोजीशन बना लो.
तो फिर हमने 69 की पोजीशन में एक दूसरे के लंड को चूसना शुरू किया. काफी देर तक हमने ऐसा ही किया.

उसके बाद मैंने कहा कि अब औंधे लेट जाओ. वो लेट गया, मैंने लोशन अपने लंड पे लगाया और उसकी गांड के छेद पर भी लगा दिया. उसने मेरा लौड़ा अपने हाथ से पकड़ कर अपने छेद पर फिट किया तो मैंने एक झटका लगाया और मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया.

उसको थोड़ा दर्द हुआ तो मैंने उसको किस करना चालू कर दिया. कुछ देर बाद मैंने फिर से धक्के देना शुरू कर दिए. अब उसकी गांड बिल्कुल ढीली हो चुकी थी.

कुछ देर बाद वो पलट गया और उसने अपनी दोनों टाँगें ऊपर कर लीं. फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड में डाल दिया और दस मिनट तक मैंने उसको चोदा.

उसके बाद अब उसने अपने लंड पे लोशन लगाया और मेरी गांड के छेद पर भी लगा कर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर फिट कर दिया. मैंने हां की तो उसने एक झटके में आधा लंड गांड के अन्दर डाल दिया.
मुझे भी थोड़ा दर्द हुआ तो वो अपने होंठ मेरे होंठ पर रख कर किस करने लगा. जिससे मेरी आवाज़ न निकले और फिर दूसरे झटके में पूरा लौड़ा अन्दर चला गया.

फिर उसने मुझे दस मिनट तक चोदा लेकिन उसका 8 इंच का लौड़ा काफी बड़ा था. उसके लम्बे लंड से मुझे थोड़ा दर्द होने लगा था, लेकिन मजा भी आ रहा था.

उसके बाद मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और उसने मेरे लंड पर आकर अपने छेद को फिट करके धीरे से मेरा लौड़ा पूरा अन्दर खा लिया. थोड़ी देर बाद हम दोनों का मुठ झड़ गया और हम लोग ऐसे ही बेड पर पड़े रहे.

उसने कहा कि अब चलो साथ में नहाते हैं.
फिर हम लोग बिना कपड़ों के बाथरूम में चले गए. हम दोनों बाथरूम में भी किस करने लगे और साथ में शावर लिया.
काफी देर की मस्ती के बाद हम दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गए.

वो बोला कि अब मुझको घर जाना है.
मैं उसको घर तक छोड़ कर आया.

उसके बाद हमने शाम को फोन पर चैटिंग की. मैंने उसको अगले दिन मिलने को बुलाया. दूसरे दिन सुबह 6 बजे हम स्टेशन पर मिले तो उसने कहा कि अब हम बात नहीं कर सकते.
मैंने पूछा- क्यों?
तो कहा कि मेरे घर पर अपने दोनों के बारे में सबको पता चल गया है.
मैंने कुछ नहीं कहा तो उसने आगे कहा कि मेरे पापा बहुत ख़राब स्वभाव के हैं. वो तुमको मार डालेंगे प्लीज़ मुझे भूल जाओ.
फिर वो चला गया.

उस दिन के बाद हम सिर्फ दो बार मिले थे. वो भी अचानक एक बार मेले में और दूसरी बार अभी थोड़े दिन पहले ही घाट पर.. लेकिन अब मैंने उसको भुला दिया है.

लेकिन क्या करूँ.. आज भी कभी कभी उसकी याद आ जाती है.

यह मेरी सच्ची लव स्टोरी थी, आपको कैसी लगी दोस्तों मुझे अपने ईमेल में जरूर बताएं.
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