लॉकडाउन में मिले दो गांडू

(Hindi Gand Me Chudai Kahani)

अरमान लव 5 2023-03-27 Comments

हिंदी गांड में चुदाई कहानी में पढ़ें कि मुझे मेरे घर के पास दो लड़के मिले, उनसे दोस्ती हो गयी. एक रात वे मेरे कमरे में रुक गए. रात को उन्होंने मेरे साथ क्या किया?

फ्रेंड्स, आपका अरमान आपके‌ लिए एक नई सेक्स कहानी के साथ हाजिर है.

कई दिन से मुझे समय नहीं मिला इसलिए आगे कहानी नहीं लिख पाया.

मेरी पिछली कहानी
चुदक्कड़ चूतों ने किया मेरा गैंग बैंग
को आप अभी ने खूब सराहा, इसके लिए सभी को धन्यवाद.

यह नई हिंदी गांड में चुदाई कहानी तीन वर्ष पहले की है, जब मैं 27 साल का था.

मैंने दोनों पुलिस वालियों को छोड़ दिया था और मैं अब हेतल, उसकी ननद और देवरानी के साथ सूरत में उनके उसी फार्म हाउस पर रहने लगा था, जहां गैंगबैंग कहानी की लाईव शूटिंग हुई थी.

वो तीनों बारी बारी से … या एक साथ में मेरे लंड से मजा लेतीं.
कभी वीकेंड पर अपनी सहेलियों के साथ किट्टी पार्टी में या वैसे भी समय मिलते ही अपनी चुदाई करवाने के लिए यहां आती रहती थीं.
या फिर वो मुझे फ़ोन करके किसी की चुदाई करने का कह देती थीं.

इस तरह से लगभग हर रोज कोई ना कोई चूत चुदाई के लिए यहां आती थी.

यहां मुझे पैसा भी अच्छा मिलता था और ऐश भी बहुत होता था.
दो साल तक हेतल, रश्मि और संगीता ने मेरे जवान और अन्नू व डोली की मेहनत से हुए तगड़े लंड से अपनी चूतों की और गांड की प्यास बुझवाई.

मेरे लंड को भी इनकी और इनकी सहेलियों की चूत का खूब स्वाद मिला.

मैं 2010 से अन्नू और डोली के साथ रहने लगा था.
पहले चार साल उनके साथ, उसके बाद ढाई साल हेतल, उसकी ननद और देवरानी के साथ चुदाई की थी.

अब मैं हेतल के पास अलग होकर लौट आया था.
ये सब जो हुआ था वो 2020 में मार्च में हुए लॉकडाउन के कारण हुआ.

उस समय मैं चंडीगढ़ में एक आंटी के साथ रहता था. उनके‌ पति का स्वर्गवास हो चुका था. उनके बच्चे कनाडा में रहते थे और मैं उनकी चुदाई के लिए वहां रहता था.
आंटी पंजाबन थीं और पचास की उम्र में भी अच्छे अच्छे लंड को थका सकती थीं.

लेकिन लॉकडाउन से‌ पहले‌ वो अपने बच्चों के‌ पास कनाडा गई थीं और वहीं फंस कर रह गई थीं.

इसलिए उन्होंने वहीं चंडीगढ़ से मुझे अपना अलग काम करने का‌ बोल दिया था.
मैं कुछ दिन अच्छे से वहां अपना काम करता रहा, लेकिन फिर मैंने ‌भी वहां से अपने‌ शहर इंदौर वापस आने का सोच लिया.

मैंने आंटी से कुछ पैसे का बोला, तो आंटी ने मुझे कुछ रुपए पड़ोस के एक परिवार से दिलवा दिए.
मैं अन्नू और डोली की मदद से बड़ी जद्दोजहद करके जैसे तैसे इंदौर पहुंचा.

लॉकडाउन के उस कठिन समय का‌ बताने की जरूरत ही नहीं कि सबको कैसी कैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ा था.
मुझे भी दलाल को तीन गुना दलाली दे कर फ्लैट मिला और मैंने वहां रहना चालू किया.

अन्नू और डोली से भी मिला.
उनके पास अब भी नीग्रो ही था, अब तो वो काफी तगड़ा हो गया था.

मैंने उस नीग्रो से भी हाय हैलो किया.

अन्नू और डोली ने मेरा कोरोना टेस्ट कराया और दो रात मैंने दोनों की चुदाई की.
लेकिन नीग्रो ने उन दोनों के दोनों छेद को काफी चोद कर बड़ा कर दिया था.

मेरे सात इंच के लंड से उन दोनों‌ की गांड में कोई खास दर्द नहीं हुआ.
जब मैं यहां रहता था, तब जब भी उन दोनों की गांड में लंड डालता था, तो दोनों कुछ देर के‌ लिए तो कराहती रहती थीं.

खैर … दो दिन दोनों की चुदाई के बाद मेरा रहने का और खाने पीने का इंतजाम अन्नू और डोली की वजह से सैट हो गया था.

उस सोसाइटी में नया होने के कारण सब अभी मुझसे मिलने जुलने में कतरा रहे थे.

दस दिन के बाद एक बार जब लॉकडाउन में कुछ देर सामान लेने के लिए प्रशासन ने ढील दी तो‌ मैं घर का सामान लेने के लिए किराने की दुकान पर गया.

मैं अपना सामान ले रहा था, तभी वहीं एक जवान लड़का मिला.
वो करीब 18-19 साल का था.

उसने मुझसे हैलो किया और पूछा- तुम मेरे घर के सामने वाली सोसाइटी में रहने आए हो ना?
मैंने कहा- हां मैं यहां अभी ही आया हूँ.

उससे ऐसे ही बात करते हुए हम दोनों ने अपना अपना‌ सामान खरीदा और पेमेन्ट करके बाहर आ गए.

उसने अपना नाम‌ राज बताया. उसने मुझसे कहा- कुछ काम हो, तो बताना.
मैं वहां से अपने फ्लैट पर आ गया और ऐसे ही मेरी उससे धीरे धीरे दोस्ती बढ़ गई.

उसने मुझे अपने क्लासमेट आशु से भी मिलवाया.
आशु भी लगभग राज की उम्र का ही रहा होगा.

वो दोनों दुबले पतले और एकदम गोरे थे.
दोनों घर से काफी रईस और पैसे वाले थे, जब भी आते थे तो खाने पीने का‌ काफी सामान लेकर आते थे.

एक महीने‌ के बाद अब शहर में कोरोना थमने लगा था, केस भी कम मिलने लगे थे.
लोगों में ‌भी अब कोरोना‌ को‌ लेकर इतना‌ डर नहीं रहा था इसलिए वो दोनों‌ अब कभी कभी मेरे फ्लैट पर भी आना‌ जाना करने लगे.

दोनों सिगरेट और ड्रिंक लेते थे और मेरे यहां टाईम‌पास किया करते थे.

जब उनसे अच्छी दोस्ती हो गई, तो‌ वो कभी होटल से खाना यहीं मंगाकर खा लिया करते थे.
अब तो कभी कभी रात में भी रुक जाया करते थे.
एक रात दोनों मेरे फ्लैट पर ही सोने के लिए रुके थे.

रात में जब मैं गहरी नींद में था, तो मुझे नींद में ऐसा लगा कि मेरा लंड मेरे चड्डी से बाहर है और कोई उसे चूस रहा है.

कुछ देर तो मुझे लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ क्योंकि एक महीने से ज्यादा से मैंने चुदाई नहीं की थी.

फिर जब मुझे लगा कि ये सपना नहीं है, तो‌ मैंने देखा कि दोनों लड़के मेरे लंड को चूस रहे थे.

मैंने उन पर थोड़ा चिल्लाते हुए पूछा- ये क्या कर रहे हो?
तो‌ राज ने कहा- जब से तू मिला है ना, तो तेरे लंड को लेने के लिए तड़प रहा था. अब जाकर चूसने को मिला है. ये मूसल सच में बहुत बड़ा और मोटा है.

मैंने कहा- तुम दोनों को लंड का शौक है … चूत का नहीं?
तो दोनों ने कहा- हां हम दोनों लंड के शौक़ीन हैं. अब ज्यादा टाइम वेस्ट मत करो और अपना कड़क लंड चूसने दो.

मुझे तो वैसे भी किसी भी होल में लंड डाले इतने दिन हो गए थे, तो‌ मैं मना कैसे करता.

हालांकि अब तक मैंने दो बार ही लौंडों के साथ गे सेक्स किया था, तो ये मेरे लिए कोई नया नहीं था.
मैंने भी अपने शॉर्ट को पूरा उतार दिया और लंड दोनों के सामने कर दिया.

अपने सर कर नीचे मसनद तकिया लगा कर दोनों को लंड चूसते हुए देखने लगा.

दोनों ही बिल्कुल किसी लड़कियों की तरह या कहूँ तो उससे भी अच्छा लंड चूस रहे थे.
मेरे मुँह से ‘आहह उहह …’ निकल रही थी.

कुछ देर तक वो दोनों ऐसे ही लंड चूसते रहे.
फिर आशु ने मुझसे खड़े होने का‌ कहा.

मैंने बेड पर ही खड़े होकर अपना लंड फिर से उनके सामने कर दिया.
इस काम में आशु राज से ज्यादा अनुभवी लग रहा था क्योंकि वो लंड छोड़ता, तो‌ गोटियों को चूसने लगता और अपनी एक हाथ की उंगली से मेरी गांड के छेद को भी कुरेद कर मुझे और ज्यादा मजा‌ दे रहा था.

मैं दोनों की लंड चुसाई से मदमस्त हुआ जा रहा था.

फिर उन दोनों ने लंड को छोड़ कर मुझसे डॉगी पोज में होने को बोला.
मैं बेड के किनारे आया और डॉगी पोज में होकर सोचने लगा कि पता नहीं अब क्या होने वाला है.

वो दोनों बेड के नीचे उतर कर मेरे पीछे आ गए.
एक पल के लिए तो मुझे लगा कि कहीं ये दोनों मेरी गांड में लंड ना डालने लगें.
लेकिन वो डालते भी कैसे … क्योंकि दोनों के लंड नहीं लुल्लियां थीं.

फिर राज ने मेरे लटक रहे लंड को मेरी दोनों टांगों के बीच से पीछे निकाल लिया और आशु के सामने कर दिया.
आशु मेरे लंड को मजे से चूसने लगा.
साथ ही आशु मेरी गांड में मुँह डाल कर छेद को भी चाटने लगा.

सच में एक बार फिर से काफी दिनों बाद गांड को भी मजा आ रहा था और मेरी हालत खराब हो रही थी.

एक तो पहली बार कोई इस पोज में लंड चूस रहा था, जैसे किसी डॉग का लंड एनिमल पोर्न में लड़कियां चूसती हैं.
साथ में गांड में भी मजा आ रहा था.

मेरा लंड इतना सख्त हो गया था कि उसमें से कभी भी लावा फूट सकता था.

एक पल के लिए मुझे हेतल, डोली और अन्नू की याद आ गई.
वो भी मेरी गांड में बहुत मजा देती थीं.
ये दोनों लौंडे भी मेरे लंड और गांड को बदल बदल कर मुझे मजा दे रहे थे.

इस पोज में दोनों ने बीस मिनट तक चुसाई की.
उसके बाद मेरा लंड भी जवाब दे गया और लंड से लावा फूट पड़ा.

मेरे वीर्य को दोनों ने बड़े ही स्वाद लेकर चाटना चालू कर दिया और पूरा का पूरा माल खा गए.
मैं ऐसे ही निढाल होकर लेट गया.

वो दोनों एक दूसरे को किस करके लंड की क्रीम को पूरा साफ करने लगे.
उसके बाद मुझे बेड पर पलटा कर फिर से लंड को चूसने लगे.

दोनों लंड चूसने में इतने अनुभवी थे कि दस मिनट में ही लंड को फिर से कड़क कर दिया.
मैंने अब दोनों को बेड के किनारे पर 69 पोज में कर दिया. मैं उनकी एकदम टाईट गांड को चोदने के लिए अपने लंड को निशाने पर लगाने लगा.

राज नीचे लेटा हुआ था और आशु उसके ऊपर डॉगी बन कर रेडी था.
वो राज की गांड को भी चाट रहा था.

मैंने आशु की एकदम चिकनी गांड पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा लंड पर भी तेल लगा लिया.
फिर मैंने उसकी टाईट गांड में लंड का निशाना लगाया.
उसकी गांड काफी टाईट थी, मेरा लंड फिसल रहा था.

दो बार की असफल कोशिश के बाद लंड का टोपा आशु की गांड में उतर गया.

इससे आशु को भी समझ आ गया कि ये उसकी कसी हुई गांड के लिए तगड़ा लंड है.

उसने राज की गांड से अपना मुँह निकाल कर कहा- आज तुम मेरी इस गांड को फाड़ ही देना. बहुत दिन से मेरी और राज की गांड में कोई तगड़ा लंड नहीं गया है.
मैंने भी एक करारा धक्का लगाया और लंड आधा गांड में उतर गया.

मुझे लगने लगा था कि आशु भी लंड लेता रहता था और चुदाई‌ में भी काफी कड़क था.
इतना बड़ा लंड लेने से दर्द हुआ मगर उसके बाद भी उसने अपनी गांड को जगह से हिलाया नहीं.

मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर फिर से धक्का लगाया और पूरा लंड गांड में उतार दिया.

सच में‌ बहुत टाइट गांड थी और काफ़ी दिनों के बाद कोई टाइट होल चोदने के लिए मिला था.
मुझे तो मजा आ गया.

मैंने उसकी गांड में लंड चलाना शुरू किया और धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा.
आशु को जब गांड मराने में मजा आने लगा तो वो फिर से राज को मजा देने लग गया.

राज उसकी लुल्ली को नीचे से चूस कर उसको‌ डबल मजा देने लगा था.
ये दोनों लड़के मस्त मजा दे रहे थे.
उनके पास सिर्फ एक चूत ही नहीं थी बस वरना ये बॉडी और हरकतों से बिल्कुल किसी लड़की के जैसे ही थे.

मैं आशु को चोद रहा था और राज नीचे से और जोर जोर से करने का बोल रहा था.
कमरे में आशु और राज की ‘आहहह उहहह …’ की आवाजें गूँज रही थीं.

दस मिनट तक मैंने इसी तरह से आशु को‌ जम कर चोदा. उसके बाद अपना लंड आशु की गांड से निकाल लिया.
मैंने आशु को राज के ऊपर से हटाया और राज को बेड के नीचे घुटनों के बल कर दिया.
मैं खुद दोनों पैर बेड के नीचे लटका कर बेड में किनारे लेट गया और लंड दोनों के सामने‌ कर दिया.

मैं सर के नीचे मोटा तकिया लगा कर दोनों‌ को लंड चूसते हुए देखने लगा.
दोनों बड़े ही तन्मयता से लंड चूस रहे ‌थे. पांच मिनट तक दोनों‌ ने लंड को चूसकर उसे अच्छा चिकना और कड़क कर दिया.

इसके बाद मैंने राज को‌ बेड पर आने का इशारा किया. राज‌ की गांड भी लंड के लिए मचल रही थी.
मेरा इशारा पाते ही राज बेड पर आ गया. मैंने उसे लंड पर मेरी तरफ‌ पीठ करके बैठने का बोला.

राज पलट कर अपने दोनों घुटनों को मोड़ कर लंड पर अपनी गांड सैट करने लगा.
मेरे दोनों हाथ उसके पुट्ठों पर थे. मैंने दोनों पुट्ठों को चौड़ा किया और उसकी गांड के छेद को फैलाने लगा.

तभी नीचे बैठे आशु ने मेरे लंड को पकड़ कर राज की गांड पर लंड सैट करने में मदद की.
राज की गांड से लंड का मिलन होते ही मैं राज की कमर को पकड़ कर उसके शरीर को नीचे करने का दबाव डालने लगा.

इससे मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया.
लंड गांड में जाते ही राज के मुँह से जोर की चीख निकल गई.
वो कराह कर बोला- आह … बहुत दिन से सिर्फ उंगली ही गई है … लंड जरा प्यार से डालो.

मैं भी सिर्फ टोपा डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
एक दो बार लंड गांड से बाहर भी निकला मगर आशु फिर से लंड को पकड़ कर उसका छेद से मिलन करवा देता.

मुझे ऐसा करने से मजा नहीं आ रहा था तो मैंने लंड निकाल कर आशु को पकड़ा दिया और अच्छे से उसे थूक से चिकना करने का बोला.

साथ ही पास में रखी तेल की बोतल से तेल लेकर राज की गांड को अच्छे से चिकना कर दिया.
अब मैंने उससे फिर से लंड पर बैठने का बोला.

राज फिर से मेरी तरफ पीठ करके लंड पर बैठा लेकिन इस बार मैंने उसकी कमर को बहुत टाइट पकड़ा हुआ था.

उसने मुझसे टोपा डालने की उम्मीद की थी लेकिन जैसे ही टोपा अन्दर घुसा, उसने टोपा का स्वाद लिया और मैंने उसकी कमर को पकड़ कर नीचे करते हुए एक करारा शॉट लगा दिया.

इससे मेरा लंड आधा से ज्यादा गांड में चला गया.
राज एकदम से बिलबिला गया लेकिन मैंने मजबूती से पकड़ा हुआ था जिससे वो हिल भी नहीं पाया.
एक चीख के साथ उसके आंसू भी निकल आए.

मैंने इसी लिए ही उसको मेरी ओर पीठ करने का बोला था और इसलिए भी कि राज की गांड मुझे किसी कुँवारी लड़की की चूत के जैसा अहसास करा रही थी.
मैं उसे बहुत ही हार्ड चोदना चाह रहा था.

राज के कराहने की आवाज और आंसू से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा. मैंने बिना उसकी गांड की परवाह किए हुए, नीचे से अपने करारे धक्के चालू रखे.
लगभग पांच साल के बाद कोई इतनी टाइट गांड चोदने के लिए मिली थी.

कुछ ही धक्कों के बाद मैं फुल स्पीड में लंड को राज की गांड में पेलने लगा.
मेरी पकड़ की वजह से राज सिर्फ रोने और चिल्लाने के सिवाए कुछ नहीं कर पाया.

कुछ देर बाद जब उसको भी लंड से जब मजा आने लगा, तो खुद ही लंड पर ऊपर नीचे होने लगा.
मैंने उसकी कमर की पकड़ थोड़ी ढीली कर दी और आशु को गांड चाटने का बोल दिया.

आशु ने मेरे दोनों पैरों को थोड़ा ऊपर किया और मुझे गांड में भी मजा देने लगा.
राज अब पूरा लंड गांड में ले रहा था और मैं बेड पर लेट कर इस चुदाई का आनन्द ले रहा था.

जो भी गे सेक्स कर चुके हैं या अपनी गर्लफ्रेंड या वाईफ की गांड चुदाई करते होंगे, उनको पता होगा कि गांड का मजा चूत कभी भी नहीं दे सकती है.

लेकिन गांड में चूत के जैसी नेचुरल चिकनाई नहीं होती है इसलिए उन सभी को मेरी सलाह है कि गांड किसी की भी हो, उसे पहले और बीच बीच में तेल या किसी भी लुब्रिकेंट से चिकनी करके ही लंड डालना चाहिए ताकि गांड खुद लंड के लिए तड़पने लगे.

पोज बदल बदल‌ कर दोनों की अच्छे से गांड को चोदा.
एक महीने के बाद जाकर मुझे और मेरे लंड को चोदने के लिए कुछ मिला था.

तीस मिनट तक दोनों को चोदने के बाद जब क्रीम निकलने का जैसा लगा तो मैंने दोनों से पूछा- क्रीम गांड में ही निकाल दूँ या मुँह में लेना चाहते हो?
दोनों ने कहा- बहुत दिन के बाद कोई कड़क लंड मिला है, तो‌ इसकी क्रीम भी टेस्टी होगी. इसे तो मुँह में लेने में ही मजा आएगा.

मैंने दोनों को बेड से नीचे अपने पैर मोड़ कर लंड के सामने किया और लंड को हाथ से हिलाने लगा.
लगभग एक मिनट में लंड पिचकारी मारते हुए गाढ़ी क्रीम दोनों के मुँह पर उगल दी.

दोनों‌ बड़े मजे से चट कर गए.
मैं भी थक कर बेड पर चित लेट गया.

हिंदी गांड में चुदाई के बाद उन दोनों ने एक ही बात कही कि बहुत कड़क और दमदार लंड है.
अब वो मुझसे पहले की बातें पूछने लगे कि पहले क्या काम करते थे और यहां कैसे आए?

मैंने ज्यादा तो नहीं बताया लेकिन इतना जरूर‌ बताया कि मैं अच्छे घर की महिलाओं की चुदाई करता हूँ और अभी लॉकडाउन की वजह से कहीं फंस गया था. बड़ी मुश्किल से यहां पहुंचा हूँ.

दोनों‌ बड़ी हैरानी से ये सब सुन रहे थे.

आशु ने कहा- रोमी की मम्मी भी इस काम के लिए एक लड़के को‌ बुलाती हैं. मुझे रोमी ने एक बार कहा था.
मैंने पूछा- रोमी कौन है?

तो आशु ने बताया- वो हमारा दोस्त है और वो भी गे है. उसकी बिल्डिंग के एक‌ अंकल कभी कभी उसकी चुदाई करते हैं. उसने ही हमें गांड चुदाई का शौक लगाया और अब ये आदत बन गई है.

मैंने कहा- मैं हूँ ना, जब कभी कोई बुकिंग ना हुई … तो तुम दोनों‌ आ सकते हो.

फिर हम तीनों ने दो राउंड और चुदाई की.
अगले एक सप्ताह के बाद आशु अपने घर सोने का‌ बोल कर रोनी को भी यहां लेकर आया.

फिर जब तक लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं खुला, मैंने कभी तीनों, तो कभी एक की गांड चुदाई करके अपने लंड को‌ बड़ी मुश्किल से काबू किया.

लेकिन मेरे यहां आने से पहले और लॉकडाउन जब लगा ही था तब बिल्डिंग की एक आंटी के पति का देहान्त हो गया था.

वे बड़ी खुली मानसिकता की थीं. उन्होंने इन लड़कों को रात में आते और यहीं रुकने का‌ देख लिया था.

एक दिन मैं काम से सोसाइटी के बाहर जा रहा था और वो आंटी आ रही थीं.
पार्किग में मेरी नजर उनसे‌ मिल गई.
हम दोनों के बीच एक‌ स्माइल पास हुई.

फिर जब वो‌‌‌ मेरे एकदम पास आ गईं तो‌ उन्होंने मुझसे पूछा- ये कौन लड़के हैं, जो रोज तुम्हारे फ्लैट पर आते हैं. बहुत से लोग इनके बारे में जानते हैं कि ये किस टाइप के लड़के हैं.
मैं आंटी के इस अचानक हुए हमले‌ से एकदम से सकपका गया.

मैंने कहा- ये तो सिर्फ दोस्त हैं.
आंटी ने‌ कहा- अच्छा दोस्त हैं … मैं सब जानती हूँ कि किस तरह की दोस्ती चल रही है तुम सबके बीच! कभी फुर्सत मिले‌ तो मेरे फ्लैट पर आ जाना.‌‌ अच्छे से बात करेंगे.

फिर वही एक स्माईल करके आंटी चली गईं.
मैं दोहरी उलझन में हो गया था कि आंटी इनके बारे में सब कैसे जानती हैं. मैं जिस काम‌ के लिए जा‌ रहा था, वो भी भूल गया था.

कुछ देर वहीं रुक कर सोचने के बाद मैंने अपने फ्लैट पर जाने का सोचा और फ्लैट पर आने के बाद सोचने लगा कि आंटी कहीं मुझसे चुदवाने की तो नहीं सोच रही हैं.
वो सब क्या हुआ, उसे अगली सेक्स कहानी में विस्तार से लिखूंगा.

आप मुझे मेल करके बताएं कि हिंदी गांड में चुदाई कहानी कैसी लगी.
आपका अरमान
[email protected]

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