मेरी गांड दो टैंट वालों ने एक साथ चोदी

(Hot Gand Sex Kahani)

सुखजीत 2022-04-07 Comments

हॉट गांड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे शुरू से ही गांड मरवाने का चस्का लग गया था. एक बार हमारे घर टेंट लग रहा था तो मैंने उन मजदूरों को मेरी गांड मारने के लिए पटाया.

दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी एकदम सच्ची है.

मैं 24 साल का हूँ और मोहाली के गांव का रहने वाला हूँ.

ये हॉट गांड सेक्स कहानी 2018 की है.
हमारे घर में एक उत्सव था, जिसके लिए घर में हलवाई और टैंट वाले आये थे.
वैसे तो मेरा उनकी तरफ खास ध्यान नहीं था क्योंकि मैं अपने काम में बिजी था.

शाम को टैंट वाले टैंट लगा रहे थे तो मेरे बाबा ने टैंट वालों को चाय पानी देने के लिए मुझसे कहा.

मैं पानी का जग लेकर उनके पास गया, तो देखा कि वो 25 और 27 साल के दो हट्टे-कट्टे पंजाबी मर्द थे, जो पसीने से लथपथ थे.
मई का महीना होने के कारण गर्मी बहुत थी और जहां खुले में वो टैंट लगा रहे थे, वहां वैसे भी एक ही दरख़्त था, जिसकी छाँव बहुत कम थी.

मैंने उन्हें आवाज़ लगाई- भाई इधर आकर पानी पी लो.
मुझे देख कर वो नीचे आ गए और पसीना पौंछने लगे. मैंने उन्हें पानी दिया.

मैं अपनी हवस भरी आंखों से उन्हें ताड़ने लगा और पूछा- भाई आप लोगों का नाम क्या है और टैंट कब तक लग जाएगा?
उनमें से एक बोला- मेरा नाम रवि (25 साल) और इसका नाम रोहित (27) है.

मैं हल्के से मुस्कुराने लगा.

उसने बोला- टैंट ज्यादा बड़ा है, इसलिए आधा आज लगाएंगे बाकी सुबह जल्दी उठकर.
फिर वो पानी पीने लगा.

मैंने रोहित को पानी दिया और पूछा- फिर आप लोग आज रात को यहीं रुकोगे न?
वो बोला- जी, हम यहीं पर दरी बिछा कर सो लेंगे, हमारा तो ये रोज़ का काम है.

फिर वो दोनों हंस दिए और खाली गिलास मुझे थमा कर वापिस टैंट लगाने लगे.

वैसे मैं आपको बता दूँ कि जहां वो टैंट लगा रहे थे, वो हमारी अपनी जगह थी. जिसकी चारदीवारी बनी हुई थी और वहां पर एक कमरा भी था, जिसमें पलंग पड़ा था और कमरे में दरवाजा भी लगा था.

मैं मन ही मन ये सोच कर खुश था कि शायद आज रात रंगीन होने वाली है, पर मैं डर भी रहा था कि अगर कुछ उल्टा हो गया, तो मेरी वाट लग जाएगी.

फिर मैं कुछ सोचते हुए अपने काम में व्यस्त हो गया पर मन ही मन अभी भी उन दोनों के बारे में सोच रहा था.

शाम के 6 बजे थे कि तभी बाबा ने मुझे उनके पास फिर से चाय ले जाने को बोला.
मैं फ़ट से चाय लेकर उन दोनों के पास पहुंच गया.

अब सूरज ढल चुका था.
मैंने देखा कि वो छत डाल चुके थे और दरी पर बैठे थे.

मैंने अन्दर जाते ही उन्हें मुस्कान दी और चाय पीने के लिए बोला.
रवि मेरे पास आया और चाय लेकर धन्यवाद बोला.

मैंने हल्की सी आवाज़ में जवाब देते हुए कहा- इसमें धन्यवाद की क्या बात है. आप तो हमारे अपने ही हैं.
शायद रवि को वो सुनाई दे गया था. वो हंसा और रोहित के पास जाकर चाय पीने लगा.

मैं भी उनके पास जाकर बैठ गया.

मैंने कहा- आप लोगों को कुछ भी चाहिए हो, तो मुझे बुला लेना. मैं यहीं हूँ.
मैंने एक अर्थपूर्ण स्माइल दी तो उन्होंने भी स्माइल दे दी.

मैं सोच रहा था कि ऐसा क्या करूँ कि ये मेरी तरफ उस तरह का ध्यान दें, जो मेरी गांड की कुलबुली को खत्म कर सके.
मैं वापिस घर की तरफ आने लगा, तो मैं जानबूझकर लड़कियों की तरह चलने लगा.

काफी बार गांड मराने के बाद मेरी गांड औरतों के जैसी गोल हो गयी थी.

गेट पर पहुंच कर मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो रोहित अपना लंड खुजा रहा था.
मैंने उसे फिर से स्माइल दी और घर में आ गया.

कुछ देर बाद अंधेरा होने लगा तो मेरे चाचा के लड़के ने बोला कि वो हलवाइयों के पास जा रहा है.
उसने मुझे टैंट वालों के पास जाकर उनके लिए लाइट का और खाने का इंतजाम करने को बोला.

मेरा तो काम आसान हो गया.
मैं फटाफट दुकान से होल्डर, बल्ब और तार लेकर आया और रवि और रोहित पास जाकर लाइट लगाने लगा.

वो दोनों अब साइड वाला कपड़ा बांध रहे थे.
मैंने रोहित को आवाज़ लगाई और बोला- भाई आप जरा ये सीढ़ी पकड़ो, मैं बल्ब लगा देता हूँ.

वो सीढ़ी पकड़ने आया. मैं अपने शॉर्ट्स में था, जिसमें से मेरी गोल गांड साफ़ दिख रही थी. मैं मटक कर सीढ़ी पर चढ़ा और बल्ब लगाने लगा.

जब मैं नीचे आया तो देखा कि रवि भी नीचे खड़ा था. उन दोनों के पजामों में से उनके खड़े लंड साफ़ नज़र आ रहे थे.

पर अभी तक न उनकी और न मेरी उनसे कुछ कहने की हिम्मत हो पाई थी.
मैंने साथ वाले कमरे में जाकर लाइट ऑन की और टैंट में रोशनी हो गयी.

वो दोनों फिर से साइड वाला कपड़ा बांधने में लग गए थे.
मैंने उन्हें खाने के लिए पूछा, तो वो बोले हां ले आओ. हम अभी खा लेते हैं, फिर सोना भी है. सुबह जल्दी उठना भी है.

मैंने साथ वाले कमरे में बेड पर खाना परोसा और उन्हें अन्दर बुलाकर बिठा दिया.
मैं अभी भी जानबूझ कर लड़कियों जैसे मटक रहा था ताकि उनका मूड बन जाए. पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.

रात के तकरीबन 8.30 बज चुके थे मैंने उन्हें खाना दिया और पूछा- भाई, आपका सोने का क्या इंतज़ाम है?
वो दोनों बोले कि हम दोनों टैंट में ही सो जाएंगे.

मैंने ओके बोला और उनके बर्तन उठाने के लिए झुका.
रोहित खाना खाकर उठ रहा था.

मैंने सोचा कि अब तो बेशर्म होना ही होगा.

जैसे ही वो खड़ा हुआ, मैंने अपनी गांड उसके लंड से टच कर दी और अंजान होने का नाटक किया.
रोहित ने भी ऐसा ही किया.

फिर रवि मेरे पास से गुजर रहा था, तो मैंने गिलास हाथ से छोड़ा और उठाने के बहाने अपना सर उसके लंड पर टच कर दिया.

अब मैं पूरी तरह से रंडी की तरह पेश आया.
फिर मैं बर्तन लेकर घर गया और घर से जानबूझ कर चादर लेकर आया.

हालांकि उनके पास सोने के लिए दरी चादर आदि सब थे.

तभी पापा वहां आए और बोले- बेटा, इन लोगों को खाना खिला दिया?
मैंने हां में सर हिलाया.

उन्होंने मुझे वहीं पर सोने को बोला. न जाने ये सुनकर मुझे ऐसा लगने लगा था कि कुदरत मेरे पर आज मेहरबान थी.

रात के 9.15 हो चुके थे. रवि और रोहित कुछ फुसफुसा रहे थे.

उस रात हवा भी बहुत ठंडी चल रही थी.
मैं उनके पास ही लेट गया.

एक घंटा ऐसे ही बीत गया.
मैं उनके बगल में लेटा था.

वो दोनों एक दूसरे के और मुँह करके लेटे थे, लेकिन अब उनकी आवाज़ नहीं आ रही थी.

मैं उठा और बाहर का एक चक्कर लगा कर देख आया. उधर मेरे आधे घर वाले लेट कर गप्पें लड़ा रहे थे, वहीं कुछ लोग हलवाइयों के पास मस्ती कर रहे थे.

तभी मेरे कजिन ने बोला- टैंट वाली साइड का दरवाजा बंद कर देना, उधर काफी सामान पड़ा है.

मैंने सर हिलाया और फिर से टैंट में चला गया.
मैंने दरवाज़ा बन्द किया और रवि रोहित को देखने लगा.

अब मुझसे और नहीं रुका गया.
मैं उन दोनों के बीच उनके विपरीत पांव करके लेट गया.

उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.

अब मेरा दिल बहुत जोर से धड़क रहा था.
मैंने भी ठान लिया था कि अब तो बात आर या पार होगी.
काफी देर तक मैं ऐसे ही लेटा रहा.

तकरीबन 11 बज गए.
मैंने अपना पैर रवि के लंड से टच किया और गांड को रोहित के लंड से.

उनकी तरफ से अभी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. इससे मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी.

मैंने हिलना शुरू किया कि 5 मिनट में दोनों के लंड में सख्ती आ गयी.

फिर रोहित अचानक से उठ गया और मैं भी डर कर उठ गया.

लेकिन रवि अभी भी लेटा था. रोहित मेरे पास आ गया.

मेरा कलेजा मेरे मुँह में आ गया था. मुझे डर था कि अगर इसने किसी को कुछ बोल दिया तो रायता फ़ैल जाएगा.

रोहित मेरे बिल्कुल पास आकर बोला- गांडू, कब से तंग कर रहा है. सीधा बोल देता बे … तेरी सारी ठरक मिटा देते.

इतने में रवि भी उठ गया और वो दोनों हंसने लगे.

मेरी जान में जान आई.
तभी मैंने महसूस किया कि उनके मुँह से दारू की महक आ रही थी.
तो मैंने पूछा- तुम दोनों ने दारू कब पी?
वो बोले- जब तू हमारे लंड को छूकर गया था, तब से ही लंड खड़े हैं. एक बोतल हमने सामान में रखी थी. उसके ही पैग मारे हैं.

ये बोलते ही रोहित ने मेरा हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया.

मैं मस्त हो गया. मैंने दूसरा हाथ रवि के लंड पर रख दिया. मैं उनके लंड पजामों के बाहर से ही मसल रहा था.

मैंने रवि से लाइट बन्द करने को बोला तो उसने बोला- चल अन्दर बेड पर ही चलते हैं. वैसे गेट तो तूने बन्द ही कर रखा है.

इतना कहते ही रोहित ने मुझे अपनी बांहों में उठाया और अन्दर कमरे में बेड पर पटक दिया.

रवि ने दरवाज़ा बंद कर दिया और लाइट ऑन की.
हम तीनों बेड पर आ गए थे.

मैंने रोहित का पजामा नीचे किया और उसका लंड मुँह में ले लिया.

देखते ही देखते उसका लंड असली आकार में आ गया, काफी लम्बा और मोटा था.
मेरे एक हाथ में रवि का लंड था, जो कि 7 इंच का था पर मोटा ज्यादा था.

मैंने अब तक जितने लंड लिए थे, वो 6 इंच लम्बे ही थे. मैं समझ गया था कि आज मेरी गांड की हालत खराब होने वाली है.

रोहित मेरे सर को दबा कर मेरा मुँह चोद रहा था.

रवि मेरे कपड़े निकलने लगा. वो बोल रहा था- यार तेरी बॉडी तो लड़कियों जैसी है. इस कोई बाल भी नहीं हैं.
मैंने कहा- मैं गांड भी साफ़ करके रखता हूं.

रवि ने मुझे पूरा नंगा कर दिया था और खुद भी नंगा ही गया था.

अब वो जोर जोर से मेरी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, पर मैं चाह कर भी नहीं चीख पा रहा था. क्योंकि मेरे मुँह में रोहित का लंड था.

कुछ मिनट बाद रोहित ने लंड मुँह से निकाला और रवि ने लंड ठूंस दिया.

रवि मुझसे कह रहा था- आह साली रंडी, चूस मेरा लंड … और चूस, आज तेरी गांड का भोसड़ा बना दूंगा … तू देख साले.
मेरे पीछे रोहित अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो चुका था.

रोहित मुझसे बोला- बोल कुतिया, तैयार है मेरा लेने को?
मैंने हां बोलने की कोशिश की पर मुँह में रवि का लंड होने की वजह से कुछ नहीं बोल पाया.

रोहित ने मेरे चूतड़ खोले और गांड में थूक लगा कर उंगली से गांड का छेद रगड़ने लगा.
मैंने हाथ से उसका लंड छेद पर टिकाया और उसने जोर का झटका देकर लंड पूरा पेल दिया.

मेरी गांड पूरी तरह जल रही थी, पर रवि के लंड की वजह से मैं चीख नहीं पा रहा था.

मैंने रवि को दर्द के मारे कसके पकड़ लिया.
रोहित ने जोर की सांस भरी और बोला- आह बोल साली रंडी … कैसा लगा मेरा लंड?
मेरी आंखों में आंसू थे.

फिर रोहित ने मेरी गांड को बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया.
वो नशे में मुझे जालिमों की तरह चोद रहा था और मेरी गांड पर जोर जोर के झापड़ मार रहा था.

उधर रवि मेरे मुँह को चोद रहा था और मेरे गाल पर थप्पड़ मार रहा था.

पूरे कमरे में उन दोनों की आवाज़ और थप थप की आवाज़ें आ रही थीं.

अब मैं भी एन्जॉय कर रहा था कि तभी रोहित के धक्के बहुत तेज हो गए.

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाला है.
उसने मेरी गांड में अपना माल गिरा दिया और पास में लेट गया.

अब रवि पीछे आया और उसने भी एक ही झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर डाल दिया.

इस बार मुझे दर्द नहीं हुआ.
अब मैं जानबूझ कर ‘ऊह आह …’ की आवाज़ निकाल रहा था जो मैं उन्हें उत्तेजित करने के लिए कर रहा था.

रवि मुझे धकापेल चोद रहा था.
रोहित लंड धोकर मेरे पास आया और मेरे होंठ चूसने लगा, साथ ही मेरे निप्पल दबाने लगा.

रवि को चुदाई करते हुए दस मिनट हो चुके थे कि तभी उसकी स्पीड तेज़ हो गई.

उधर रोहित भी फिर से तैयार हो गया था. रोहित को अब दारू चढ़ चुकी थी. वो मेरे निप्पल को काट रहा था.

तभी रवि ने मेरी पीठ पर तीन पिचकारियां मारी और लंड धोने चला गया.

मैं अब रोहित के ऊपर था.
वो मेरे निप्पल और होंठ चूस रहा था और मैं उसका लंड मसल रहा था.

उसका लंड पूरा खड़ा था लेकिन उसको नशा इतना ज्यादा था कि वो उठ नहीं पा रहा था.

मैं खुद ही उसके लंड पर बैठ कर ऊपर नीचे होने लगा. ये मेरी पसंदीदा पोजीशन है.

तभी रवि वहां पर आ गया. वो इतने नशे में नहीं था.

उसने अपने लंड को मेरे मुँह के पास किया. मैंने लंड खड़ा किया और चूस कर खड़ा कर दिया.
अब वो पीछे आने लगा.
मैं कुछ समझ पाता कि उसने मेरी गांड पर दो झापड़ मारे और लंड गांड पर रगड़ने लगा.

मैं समझ गया कि वो मेरी गांड में डबल पेनीट्रेशन करना चाहता है.

मैंने उसे रोका, तो वो बोला कि वो सबको बता देगा.
मैं डर गया.

उसने मेरी गांड पर थूक लगाया. रोहित का लंड पहले ही अन्दर था. उसने धीरे धीरे पूरा लंड गांड में डाल दिया.

मेरी चीख निकल गयी तो उसने मुँह हाथ से बंद कर लिया.
रोहित मेरे निप्पल और होंठ चूस रहा था. वहीं रवि गांड चोद रहा था. मेरी गांड में दो लंड मुझे बहुत तकलीफ दे रहे थे.

लेकिन कुछ देर बाद मैं उन दोनों के लंड एन्जॉय करने लगा था.

तकरीबन बीस मिनट तक मैं ऐसे ही चुदता रहा.

तभी रवि की स्पीड तेज हुई और वो झड़ गया.
फिर मैंने रोहित के लंड पर कूदना तेज कर दिया और हम दोनों भी झड़ गए.

मैंने फोन देखा तो रात के 2 बजे थे. हम तीनों ने कपड़े पहने और रोहित को पहनाये.

मेरी गांड बहुत दर्द कर रही थी, पर मैं हॉट गांड सेक्स के बाद बहुत खुश था.

फिर हम तीनों कमरे से बाहर आ गए और टैंट में लेट गए.

आपको मेरी हॉट गांड सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
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