राजेश से शिवानी रंडी बनने तक का सफर- 2

(Xxx Hardcore Gand Sex Kahani)

Xxx हार्डकोर गांड सेक्स कहानी क्रॉसड्रेसर बॉटम की है. मुझे लड़की बन कर गांड मरवाना पसंद है. लड़की बनने के लिए इस बार मैंने माहवारी आने का अनुभव भी लिया.

मेरी पिछली कथा
राजेश से शिवानी रंडी बनने तक का सफर
पर रिस्पोंस देने के लिए शुक्रिया।

जैसा कि मेरी पिछली कहानी में पढ़ा कि मैंने दो लोगों से एक साथ चुदवाया और मेरी गांड की ओपनिंग हो चुकी थी लंड से!
वैसे तो ओपनिंग काफी पहले भी हो गई थी बोतल, गिलास, खीरा, क्रिकेट बैट का हत्था वगैरह सब ले ही चुकी थी अपनी गांड में!

आपको बता दूं कि मैं क्रॉसड्रेसर बोटम हूं, यानि जिस्म से लड़का लेकिन अंदर से लड़की … सेक्स में बिल्कुल लड़की।
इसीलिए मैं यह Xxx हार्डकोर गांड सेक्स कहानी लड़की की स्टाइल में ही लिख रही हूं।
आप भी इसी तरह आनंद लीजिए।

तो एक साथ दो लंड लेने के बाद अब मेरी खुजली और बढ़ गई थी और हौसला भी बढ़ गया था।

तभी मुझे एक आईडिया और आया कि मुझे और लड़की जैसा फील करने के लिए मेरी माहवारी भी आनी चाहिए।

वैसे तो मैं कॉलेज जाती तो कई बार पैंटी पहन कर जाती और कई दफा विस्पर भी लगा लेती थी अपनी पॉकेटमनी के पैसे से खरीदकर!
फिर मैंने एक नया आईडिया सोचा।

मैंने एक दिन गाजर का रस एक इंजेक्शन सिरींज में भरा। फिर एक कंडोम को खोलकर उसमें भर दिया। उसके बाद जब रात को सारे सो गए तो फ्रीडर में फुल फ्रीज करके उस कंडोम को अखबार में लपेट कर फ्रीजर में रख दिया।

उसके बाद मैं जागती ही रही ताकि सुबह सबके उठने से पहले ही मैं निकाल लूं।
यदि फ्रीज में किसी ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी।

खैर रात को 3 बजे के करीब वो एकदम जम गया। शेप भी लगभग लंड जैसी ही थी।

मैंने अखबार हटाया और कंडोम के मुंह पर रुई लगा दी ताकि पिघलने पर एक साथ धार की तरह रस बाहर नहीं आए, बल्कि असली माहवारी की तरह बूंद बूंद रिसे।
फिर मैंने कोंडम का मुंह मेरी गांड के छेद के हल्का सा बाहर रख लिया और बाकी गाजर के रस की बर्फ अंदर!

इससे अजीब सी टीस उठी।
मेरी गांड में दर्द भी हुआ पेट की तरफ भी हल्का सा!
लेकिन मैं इस दर्द को भी माहवारी का दर्द समझकर एंजोय कर रही थी और खुद की पूरी तरह लड़की महसूस कर रही थी।

अब मैंने विस्पर खोलकर पैंटी पर चिपकाकर लगा लिया।

थोड़ी देर में ही मेरी गांड की गर्मी से गाजर के रस की बर्फ पिघलने लगी और मुझे गांड के छेद पर गीला गीला महसूस होने लगा।
मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा कि मेरी योजना सफल हो गया और मैं वाकई में माहवारी आने जैसा फील कर रही थी।

तकरीबन घंटे भर में सारा रस बूंद बूंद कर रिस गया.
तब मैंने देखा कि विस्पर भी भारी हो गया, मुझे पैड चेंज करने की जरूरत महसूस हुई।

मैंने मेरी भाभी की तरह पैड को राऊंड पेप में गोल फोल्ड किया और काली थैली में पैक करके फिर डस्टबिन में डाल दिया।
डस्टबिन को वैसे भी कोई चैक नहीं करता था।

अब मैंने तय कि अगले 5 दिन ऐसे ही करूंगी क्योंकि माहवारी भी तो 5 दिन आती है।

खैर 5 दिन मैंने ऐसे लड़की की तरह फील किया और फिर छठे दिन अच्छे से नहाई।

अब मेरी गांड में खुजली और तेज हो गई।

मैं फेसबुक पर नए मुस्टडे लंडों की तलाश में जुट गई।

मनमोहन जी और उनके दोस्त से चुदना भी चाह रही थी पर उनके फोन बंद आ रहे थे।
शायद वे भी लंबा रिलेशन नहीं रखना चाह रहे थे।

जस्ट यूज एंड थ्रो!
वैसे ठीक भी था मुझे भी सेक्स ही चाहिए था।

लेकिन एक बात यहां कहना चाहूंगी कि यदि मुझे कोई ऐसा बंदा मिलता जो हट्टा कट्टा हो, सेक्स में अच्छा होता और विश्वसनीय होने के साथ रिलेशन लंबा चलाना चाहता तो शायद मैं रंडी कभी नहीं बनती। मैं एक की ही होकर रहती।

लेकिन अब तो बन गई, तो अब क्या हो सकता है।
अभी भी यदि कोई मुझे स्वीकार करे और सेटिसफाई करें और लॉगटर्म रिलेशन रखे तो शायद मैं उसकी होकर ही रहूं।

खैर मुझे फेसबुक पर फिर एक विजय नाम का लड़का मिला।
दिल्ली का था।
उससे हाय हैलो हुई।

मैंने ज्यादा टाईम वेस्ट करने की बजाय सीधा बताया कि मुझे अच्छे से Xxx हार्डकोर चुदाई करवानी है।
उसने भी अपने लंड की फोटो भेजी, मुझे उसका लंड भा गया, गोरा चिट्टा था और काफी बड़ा था।

रात को मिलने का प्लान हुआ उसके यहीं पर रुकने का!
वो त्रिवेणी पुलिया के पास रहता था किराये पर!

उसने बताया कि वो लिव इन में रहता है एक लड़की के साथ पर वो लड़की आज अपने घर जाएगी तो रात को मैं आ सकती हूं।

मैंने घर पर बता दिया कि मेरे एक दोस्त के यहां जाऊंगी। मैंने विजय को बोल दिया कि आज का खाना भी मैं ही खिलाऊंगी, अपने हाथों से बनाकर!

तब मैंने अपनी बॉडी के बाल साफ किए, चिकनी बन गई।
फिर मेरी तो इच्छा थी कि किसी पार्क मे लड़की बनकर उसके पास लड़की बनकर ही जाऊं!
लेकिन उसने मना कर दिया और बोला- लड़के के गैटअप मे आ जाओ, मेरे घर आकर लड़की बन जाना।
मैं मन मसोस कर रह गई।

लेकिन क्या करुं … इतना अच्छा लंड हाथ में आया हुआ छोड़ नहीं सकती थी, उसे नाराज नहीं करना था।

खैर मैंने पैंटी पहनी, ब्रा पहनी, फिर लड़कों वाली टीशर्ट और जींस।
लड़कियों के कपड़े पार्क से मेरे स्कूल बैग में लिए।

रास्ते में एक रेडी टू वियर लहंगा साड़ी ली।
अठारह सौ रुपए की आई वो साड़ी!

नेलपॉलिश, लिपस्टिक, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां वगैरह बैग में डालकर रात 8 बजे मैं उसके पास पहुंची।
वो त्रिवेणी मोड़ पर मेरे को लेने आया था।

उसे देखते ही मेरा मन मचल उठा, मन हुआ कि सड़क पर बैठकर ही उसका लंड चूस लूं।
एकदम हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा, सिक्स पैक एब, 5 फुट 10 इंच हाईट।

मैंने उसे स्माईल दी और अदा से मुस्कुराते हुए कहा- अब मुझे जल्दी ले चलो अपने घर!
वो भी मेरी तड़प को समझ गया और अपनी पल्सर बाईक पर पीछे बैठाया।

मैं यूं तो दोनों साईड टांगे करके बैठी थी लेकिन मैंने उसके लंड को हाथ पकड़ लिया आगे से!
वो बोला- आज की रात तेरा ही है जानेमन … घर चल फिर बताता हूं तुझे!

मुझे उसका ‘तू’ कहना बहुत मन को भाया। मैं तो चाहती ही थी कि ये मेरे साथ Xxx हार्डकोर सेक्स करे मुझे … मुझे रंडी की तरह चोदे।

खैर उसने सीधे घर में बाईक घुसाई।

एक कमरे का फ्लैट था।
मैं सीधे बाथरूम गई, गांड को अच्छे से धोया।

फिर बैग में से साड़ी ब्लाऊज निकाल कर साड़ी पहनी; बिंदी, काजल, लिपस्टिक, नेलपॉलिश लगाई, चूड़ियां पहनी।
इसके बाद सिंदूर की डिब्बी लेकर उसके पास गई मांग भरवाने!

वो मुझे देखते ही हैरान हो गया।
उसने कॉम्प्लीमेन्ट दिया कि मैं बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही हूं.
मैंने शर्म के मारे आंखें झुका ली।

अब मैंने विजय को बोला- आप रुको, मैं खाना बना लेती हूं।

उसने लैपटोप पर ब्लू फिल्म्स सर्च करनी शुरु कर दी.

तब तक मैं रसाई में गई, फटाफट आटा लगाया, आलू प्याज की सब्जी बना ली।

रोटियां जब मैं बेल रही थी तो मेरी चूड़ियों की खनखनाहट सुनकर वो रसोई के अंदर आया और मुझे पीछे से टाईट हग कर लिया।
मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने इतना प्यार देने के लिए थैंक्यूं कहा।

उसने कहा कि तुम्हार चूड़ियों की खनखनाहट ने बेचैन कर दिया।
फिर उसने साड़ी के ऊपर से मेरी गांड पर झटका दिया तो मुझे उनके लॉवर से लंड के साईज का अहसास हुआ कि जितना फोटो में था उतना ही है; फेक नहीं थी फोटो।

मैंने उन्हें कहा- सारी रात मैं आपकी हूं, अभी आपके लिए खाना लगा देती हूं।
फिर मैंने फटाफट खाना लगा दिया।
हम दोनों ने साथ में खाया।
उन्होंने अपने हाथों से भी मुझे खिलाया, मैंने उन्हें अपने हाथों से।

फिर फटाफट बर्तन साफ करके मैं बैड पर आ गई और सुहागरात जैसी स्टाईल में अपनी साड़ी को फैलाकर बैठ गई।

विजय आए और मुझे बांहों में भर लिया।
मैं उनकी बांहों में सिकुड़ गई।

उन्होंने अपनी टी शर्ट, बनियान और लॉअर निकाल दिए।
मैं उनकी हल्की दाढ़ी को किस करने लगी, उनकी छाती के बालों को और फिर अंडरवियर निकाल कर उनका मजबूत लंड हाथ में ले लिया।

गर्मागर्म लंड हाथ में आते ही मैं बेकाबू हो गई।
उन्होंने भी मेरी बैचेनी को समझा और मुझे नीचे लेटाकर मेरे होठों को चूमना शुरु कर दिया।

वो जीभ अंदर तक डालकर पूरे मुंह में घुमाते तो मैं बैचने हो जाती क्योंकि मैं लिपलॉक करने से बहुत हीट में आ जाती हूँ।
लिपलॉक मेरी कमजोरी है; यदि कोई अनजान मर्द भी मुझे लिपलॉक करेगा, तो शायद मैं तुरंत ही उसका लंड चूसने, वीर्य पीने और उसके नीचे लेटने को तैयार हो जाऊंगी।

पता नहीं विजय को मेरी ये कमजोरी किसने बताई या कैसे पता लगी।
खैर वो मेरे जिस्म की आग बुझाने की जगह और भड़का रहे थे।

मैंने भी उनके बालों में हाथ फेरना शुरु किया, पीठ को सहला रही थी।
उनकी सिक्स पैक एब और बॉडी को महसूस कर धन्य हो रही थी।

फिर उन्होंने जोश में ब्लाऊज को फाड़ दिया, ब्रा खोल दी और फिर मेरे निप्पल पर टूट पड़े।
वो एक हाथ से मेरे दाएं निप्पल और बूब्स को अपने 5 किलो के जिम वाले कसरती हाथों से जोर से दबाते तो लगता कि नींबू निचोड़ रहे हैं।
मैं दर्द के मारे सिसक उठती पर आनंद भी बहुत आ रहा था.

दूसरी तरफ बाएं बोबे और निप्पल को जीभ से सहलाकर चूसते और फिर दांत गड़ा देते।
उनके दांतों की बाईट से दूसरा बूब भी बेहाल था।

फिर वो बाएं को हाथ से निचोड़ने लगे और दाएं को दांत से काटने लगे। दांत से निप्पल और बूब्स कटवाने का भी अलग ही सुख है, ये भी मैंने पहली बार महसूस किया।

करीब 15 मिनट में उन्होंने मेरी हालत खराब कर दी। मेरे पूरे बूब्स पर जगह जगह दांत के निशान थे और नाभि से ऊपर का हिस्सा पूरी तरह लाल हो चुका था।
मैं दर्द से बिलबिला रही थी पर सच कहूं तो ऐसा मजा भी कभी नहीं आया था।

फिर वो मेरी नाभि पर टूट पड़े, नाभि में जीभ घुसा कर चाटने लगे। पेट की साईड और कमर को जैसे आटा गूंथते हैं, वैसे गूंथने लगे।
इससे मैं और भी उत्तेजित हो गई।

अब उन्होंने मुझे उल्टा किया।
उल्टा करते ही 4-5 जोरदार चांटे मेरे नितंबों पर लगाए।
चांटे इतने जोर थे कि उनकी पांचो उंगलियां मुझे चांटा पड़ने के कई देर बाद तक मेरे नितंब पर महसूस होती रही।

यह भी एक यादगार अनुभव रहा।
मुझे ऐसा लग रहा था कि बंदा बहुत क्रिएटिव और हर नई चीज कर रहा है मेरे साथ, जिसकी मुझे चाहत थी।
मुझे ऐसा ही हार्डकोर सेक्स करना था।

फिर उन्होंने मुझे लंड चूसने को कहा।

मैं पहली बात तो उनकी हुक्म की गुलाम थी, दूसरा मैं तो तरस रही थी।
मैंने तुरंत ही उनके लंबे सुडौल लंड को थामा।

उनके सुपारे की चमड़ी उतार कर पहले प्रीकम को जीभ से चाटा, फिर सुपारे पर गोल गोल जीभ घुमानी शुरु की।
वे मेरी इस अदा पर मर मिटे और मेरे बाल खींचते हुए बोले- साली रंडी क्या मस्त अदा है तेरी!
और एक चांटा मेरे गाल पर भी लगा दिया।

रंडी शब्द सुनते ही मेरा जोश दोगुना हो गया।
मैंने तुरंत सुपारे को मुंह में लिया और मुंह को आगे पीछे करने लगी।
अब मैं कभी उनके लंड को चाट रही थी, कभी चूस रही थी। कभी गले के अंदर तक ले जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लंबा था तो पूरा जा नहीं रहा था।

फिर उन्होंने मेरे बालों को पकड़ा और अपनी शक्तिशाली बाजुओं से मुझे काबू में करते हुए पूरा लंड मेरे हलक तक पहुंचा दिया।

मुझे एक बार तो उलटी आने जैसा महसूस हुआ।
लेकिन फिर गले ने खुद ही लंड को जगह दे दी।
गले में दर्द भी हो रहा था।

फिर मैंने लंड निकाला और उनके शेव किए हुए आंड चूसने लगी।
इससे वो बेहाल हो गए।

मैंने फिर लंड चूसना शुरु किया।
बंदे के स्टेमिना पर तो मैं मर मिटी।

लगातार 25 मिनट चूसने के बाद भी झड़ने का नाम नहीं लिया तो मैंने घुटनों के बल बैठकर अपना वीर्य पिलाने की भीख मांगी।
तो वो हंसे और और अपने लंड को जोर-जोर से हिलाने लगे.

फिर 7-8 मिनट बाद जब पिचकारी निकलने को हुई तो मैंने मुंह को पूरा खोल कर सुपारा अंदर ले लिया।
उनके वीर्य की गर्म-गर्म पिचकारी मेरे मुंह में चलने लगी।
मैं धन्य महसूस करने लगी।
एक एक बूंद को मैं स्वाद लेकर चटखारे लेकर पी गई।

अब वो बैठ गए।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
उन्होंने मेरे निप्पल को अपने अंगूठे और उंगलियों के बीच में लेकर जोर से ऐंठते हुए कहा कि मस्त लगा।
उनकी इस अदा ने मेरे अंदर और चिंगारी पैदा कर दी और मैंने तुंरत गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया।

करीब 10 मिनट की चुसाई के बाद फिर से उनका लंड फनफनाता हुआ तैयार था।

उन्होंने कंडोम लगाया और घोड़ी बनने के लिए कहा।
लेकिन मुझे उनके लंबे लंड से डर लगा तो मैंने कहा- मैं ऊपर बैठकर ले लूंगी। इतना लंबा पहली बार ले रही हूं तो मुझे आसानी रहेगी धीरे-धीरे लेने में!
वो इस बार सहमत हुए और अपना कुतुबमीनार सा लंड लहारते हुए लेट गए।

मैंने अपनी गांड को उनके सुपारे पर सैट किया। सुपारा अंदर जाते वक्त हल्का सा दर्द हुआ।
फिर मैं धीरे-धीरे बैठने लगी।

6 इंच जाने के बाद अंदर दर्द हुआ, मैं रुक गई।
फिर उतने लंड को ही उछल-उछल कर अंदर बाहर करने लगी.

तो विजय बोले- साली रंडी नाटक कर रही है, ठहर अभी बताता हूं तुझे!
यह कहकर उन्होंने दोनों हाथों से मेरे निप्पल उमेठे और जोर का झटका नीचे से लगाया।

मैं दोनों तरफ के दर्द से बिलबिला उठी और उनका लंड मेरी गांड में जड़ तक चला गया।

फिर उन्होंने लगातार 15-20 लंबे लंबे झटके मारे। मेरी सारी हेकड़ी निकल गई।
लेकिन मैं आनंद के सागर में गोते लगाने लगी।

फिर तो मेरी दनादन चुदाई शुरु कर दी।
अब उन्होंने मुझे नीचे उतार कर कुतिया बना लिया और बेरहमी से चोदने लगे।
मैं रहम की भीख मांगती रही लेकिन उन्होंने मेरी एक ना सुनी।

इस बीच मैं एक बार झड़ गई।

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद वो बोले- पानी अंदर निकालना है या मुंह में?
ऑफ कोर्स मैं मुंह में ही लेना पसंद करती … तो मैं नीचे बैठ गई।

बैठी तो मुझे मेरे गांड सुरंग सी महसूस हुई, खालीपन सा लगा। मेरी गांड लपलपी हो गई थी।

उन्होंने अपनी गर्म गर्म पिचकारी एक बार फिर से मेरे मुंह में खाली कर दी।
मैंने फिर से एक एक बूंद को निचोड़ लिया।

अब हम दोनों निढाल हो गए।
मन था सारी रात ऐसे ही चुदने का!

लेकिन तभी उनकी गर्लफ्रैंड का फोन आ गया कि वो 6 घंटे से रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रही है लेकिन अब ट्रेन कैंसल हो गई है तो वो वापस घर आ रही है।
यह सुनते ही मेरे और उनके दोनों के होश उड़ गए।

उन्होंने कहा- आपको वापस जाना होगा।
मेरे सामने धर्म संकट कि रात 12 बजे वापस घर कैसे जाऊं।

खैर मैंने फटाफट कपड़े चेंज किए और वहां से निकल ली।
रात मैंने एक पार्क में सोकर गुजारी।

अगले दिन जब फेसबुक पर उनसे बात हुई तो पता चला कि मेरी पैडेड ब्रा वहीं रह गई थी जल्दबाजी में! वो उनकी गर्लफ्रैंड को मिल गई। जिससे उनमें बहुत लड़ाई हुई।
क्योंकि उनकी गर्लफ्रैंड को शक हुआ कि वे किसी लड़की को रूम पर लेकर आए था।

और वे उन्हें ये भी नहीं बता सकते थे कि लड़की नहीं मैं तो एक क्रॉसड्रेसर हूं।

वैसे क्रॉसड्रेसर बोटम लड़की से ज्यादा मजे देते हैं।

खैर उस बात से नाराज होकर उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया।
एक अच्छा खासा लंड हाथ में आया हुआ मेरे निकल गया।

खैर … उसके बाद मैंने फिर से नए लंड की तलाश शुरु की।
उसकी कहानी फिर कभी!
वैसे ये कहानी नहीं, हकीकत है।

मेरी हकीकत Xxx हार्डकोर गांड सेक्स कहानी कैसी लगी, मेरी ई मेल आईडी [email protected] पर बताइएगा।

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