यौन तृप्ति के लिए गैर मर्द की चाहत- 4

(Wife Friend Xxx Kahani)

वाइफ फ्रेंड Xxx कहानी में पढ़ें कि सहेली के पति से चुदने के बाद मैं सहेली को भी अपने पति के लंड के नीचे लाना चाहती थी. मेरी सहेली तो पहले से ही तैयार थी. हम तीनों ने मिलकर सेक्स किया.

दोस्तो, मैं शिखा!
मेरी कहानी के पिछले भाग
सहेली के पति से चुद गयी मैं
में अभी तक आप यह तो पढ़ ही चुके हैं कि मैंने अपनी पड़ोसन दोस्त अलका के पति सचिन से से गुपचुप तरीके से चुदवा लिया था.
और अब अलका को अपने पति से चुदवाना था.

अब गाए वाइफ फ्रेंड Xxx कहानी:

यह कहानी सुनें.

तो मैं धीरे धीरे अलका को बताने लगी कि अखिल उसको बहुत पसंद करता है.
साथ में मैं उसको रोल प्ले वाली बात भी बताने लगी कैसे वह मुझे यानि शिखा को अलका समझ के चुदाई करता है; चुदाई के वक़्त ‘आई लव यू अलका’ बहुत बार कहता है.

ये सब सुन कर अलका शर्म से गाल लाल कर लेती थी, पैरों को आपस में जोड़ने लगती थी.
साफ समझ में आता था कि उसकी चूत भी अखिल के लिए बेचैन है.

एक दिन मैंने उसको बताया कि वह जब मेरी चूत को तुम्हारी चूत समझ के चाटता है, कहता है कि काश एक बार अलका की चूत चाटने को मिल जाये!

अलका- क्या दीदी, जीजा जी इतने शरारती तो हैं नहीं! आप अपने मन से ये सब बोलती हो!
मैं- अलका, एक बार तू अपनी चूत खोल के दिखा तो दे, फिर देखना कितने शरारती जीजा जी हैं तेरे!

अलका- आपको बुरा नहीं लगेगा दीदी?
मैं- इसमें बुरा क्या लगना … पति तो फिर भी मेरा ही रहेगा. और फिर मैं भी तो सचिन के मोटे लण्ड को चूस पाऊँगी. आह … काश तेरे पति का लण्ड मेरी चूत में होता!
अभी तक मैंने चुद लेने की बात उससे छिपाई हुई थी.

अलका- सच में दीदी, आपको सचिन से चुदना है?
मैं- क्यों जब अखिल तेरी चूत चाटेगा तो क्या मैं तेरे सचिन को छोड़ दूंगी? पर तुम्हारी हाँ की जरूरत होगी.

अलका- दीदी, मेरा तो बहुत मन है कोई मेरी चूत चूसे! पर सचिन को पता चला कि मैंने अखिल से चुसवाई अपनी चूत … तो कहीं वे नाराज़ ना हो जायें और रिश्ता न तोड़ दें!

मैं- देख, हम गुपचुप तरीके से करेंगे. कभी भी सचिन या अखिल को पता चलेगा कि हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवा रही हैं. और कल तो सचिन भी अपने ऑफिस की तरफ से दो दिन के लिए बाहर जा रहा है. तू बोल तो कल ही चुसवा देती हूँ तेरी चूत को अखिल से!

आप इसे मेरी हवस, कमीनापन या वासना कह सकते हैं कि अलका को बिल्कुल भी नहीं पता था कि मैं सचिन से चुदवा चुकी हूँ.
आप जो चाहे सोच सकते हैं.

अलका- पर दीदी …
मैं- तू पर वर छोड़ … जब मैं इज़ाज़त दे रही हूँ तो तू क्यों परेशान हो रही है? और यह सिर्फ एक बार का ही होगा. आगे हम दोनों राज़ी होने या तेरा दिल करेगा तभी करेंगे!
अलका- हम्म!

इतना तो साफ था कि अलका का भी अखिल से चुदने का मन तो था पर वह डर रही थी.

तो मैं बोली- ठीक है, कल तुम सचिन के जाने के बाद मेरे पास ही आ जाना. और हाँ … अखिल को भी चिकनी चूत पसंद है तो साफ कर लेना!

अगले दिन सुबह दोनों के पति अपने अपने काम पर जब चले गए तो अलका आई.
वह काफी खूबसूरत लग रही थी.
लाल साड़ी में थी, सब कुछ लाल था, हल्का मेकअप भी था.

मैं- ओये होय … क्या बात है अलका, अखिल पे पूरी बिजली गिराने का इरादा है क्या? पर अखिल तो अपने काम पे चला गया!

यह सुन कर उसके चेहरे से वो मुस्कान ही गायब हो गई और वह उतावली सी बोली- क्या दीदी … आपने तो!
पर बोलती बोलती चुप हो गई क्योंकि वह अपनी बेताबी छुपा नहीं पाई और मुँह छिपा के सोफे पर बैठ गई कुछ उदास सी!

मैंने अखिल को फ़ोन लगाया और स्पीकर फोन पे करके उसको बोला- आप जल्दी घर आ जाएं, अलका को कुछ काम है और वह आपका इन्तजार कर रही है.

तो अखिल ने बोला- अगर अलका इन्तजार कर रही है तो जल्दी ही आना पड़ेगा.
फिर बोला- एक डॉक्टर की कॉल खत्म करके घर आता हूँ.

मैंने उसके बगल में जा के कहा- तू उदास मत हो, तेरा एक दिन का पति जल्दी आ जायेगा.
अलका- क्या दीदी, आपने उनको रोका क्यों नहीं?

मैं- ओये होये जीजाजी से सीधे उनको?
अलका- क्या दीदी … आप भी ना … चलो मैं आपसे बात नहीं करती और मैं घर जा रही हूँ.

“बड़ी तड़प है चूत चुसाने की … पर याद रख, मैं भी सचिन का लण्ड चूसूंगी. पर ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी.”

अलका- दीदी, मैं कब मना कर रही हूँ. पर जीजा जी कब आएंगे?

तभी घण्टी बजी दरवाजे पर … और अखिल थोड़ा असमंजस की स्थिति में अंदर आया.

उसने अलका को देखा तो अलका का रूप देख कर उसका मुँह खुला के खुला ही रह गया.
मैंने उसका मुँह बंद कर बोला- क्यों, साली पर दिल आ गया क्या?
अखिल झेम्प सा गया.

“देखो अखिल, मैं आपकी दिली लालसा पूरी कर रही हूँ अपनी सबसे पक्की सहेली और आपकी साली आपके हवाले कर रही हूँ. जरा सम्हाल के प्यार करना और ज्यादा दर्द मत देना!”

अखिल के समझ में कुछ आया और कुछ नहीं!
वे असमंजस में खड़े थे.

तो मैं बोली- अपनी सहेली आपके हवाले कर रही हूँ. तो रिटर्न गिफ्ट में मुझे भी सचिन चाहिए. अब मुँह क्या देख रहे हो, जाओ फ्रेश होकर आओ!

अखिल हकबकाया सा बैडरूम में चला गया.

अलका- आप कितनी स्ट्रेट फॉरवर्ड हो! जीजा जी को कोई ऐतराज़ भी नहीं है?
“चल सब छोड़ … अब तू जा बैडरूम में और पूरी कर ले अपनी अभिलाषा!”
“पर दीदी, मैं अकेली … मुझे शर्म आती है. मेरे से ना हो पायेगा. आप भी साथ चलो ना!”

मैं बोली- मेरी जान, तू चल तो सही … मैं बीच में आ जाऊंगी. तू घबरा मत … अखिल जो भी करेगा, प्यार से करेगा. और मैं हूँ ना घर में!
कहकर उसको लेकर मैं बैडरूम में पहुंची.

तो अखिल नहाकर निकला ही था, सिर्फ तौलिये में था.

मैंने अलका को उसके पास लेजाकर उसकी तरफ धकेल दिया और बोली- पूरी कर लो तुम दोनों अपनी ख्वाहिश और दिल के अरमान! फिर ना कहना कि मौका नहीं दिया.

कमरे से बाहर निकलते हुए मैं बोली- अखिल, अलका को चुसवाने की इच्छा है!

आजकल खुले सेक्स का जमाना है.
नए ज़माने के युवा पति पत्नी सेक्स में काफी खुले हुए होते हैं जैसे मैं और अखिल … जो सेक्स को फ्री माइंड से जीते हैं.
कल्पना तो हम दोनों ने कई बार की थी सम्भोग के समय … पर आज वास्तव में कल्पना साकार हो रही थी … दो लड़की और एक लड़का!

वैसे सच कहूं … किसी पराये मर्द से चुद कर सच में मज़ा बहुत आता है, वो रोमांच आता है जो आपके रेगुलर सेक्स पार्टनर के साथ कुछ चुदाई के बाद, या यह कहो कि कुछ समय के बाद खो सा जाता है.

पराये मर्द के साथ नया अनुभव उत्तेजक होता है, आनन्ददायक होता है.
गैर मर्द के साथ सेक्स करने में जो डर और रोमांच से भरा अनुभव मिलता है, वह अपने पति के साथ नहीं मिलता.

लड़की गैर मर्द के साथ वो सब कर सकती है जो शायद वह अपने पति के साथ खुल कर नहीं कर पाती.
अक्सर विवाहित लड़की को डर रहता है कि अगर उसने कोई नयी शुरुआत की या कुछ नया किया सेक्स में तो उसका पति क्या सोचेगा.
चाहे कितना भी आधुनिक पति हो … पत्नी के मामले में वह दकियानूसी ही होता है.

गिनेचुने कुछ पति ही अखिल के जैसे होते हैं जो अपनी पत्नी को खुल के मजा करने की अनुमति देते हैं.

एक आम धारणा यह है कि मर्द कुछ भी करे, सब माफ़ है.
पर अगर लड़की कुछ करे तो उसे रंडी, माल, चालू, जैसे अलंकरण से नवाज़ा जाता है.

खैर मैंने भी रसोई समेटी, सारे खिड़की दरवाजे अच्छे से बंद किये और वाइन, स्नैक्स इत्यादि लेकर बैडरूम में पहुंची.
वहां मैंने देखा कि अलका ब्रा पैंटी में थी और अखिल का तौलिया खुल चुका था.

अखिल अलका के बदन को चूम रहा था.
अलका उसको बार बार नीचे धकेल रही थी.

मैंने सब सामान साइड टेबल पर रखकर अपने सारे कपड़े उतारे और सिर्फ ब्रा पैंटी में बिस्तर पर पहुंच गई.
अलका ने मुझे देख कर शर्म से आँखें बंद कर ली.

मैंने प्यार से अलका के गाल को सहलाया तो उसने मेरा हाथ कस के पकड़ लिया।;

फिर मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसकी चूची सहलाने लगी।

उधर अखिल ने अलका की पैंटी उतार दी।
अलका की साफ सुथरी चिकनी और गोरी चूत अखिल के सामने थी।
वह अलका के पैर फैला के नीचे झुक गया।

जैसे ही अखिल ने अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराई, अलका ने जोर से सिसकारी लेकर अपनी गांड उछाल दी।

अखिल अलका की चूत की फांकों को मुँह में भर कर चूसने लगा।

उसने अपने दोनों हाथ अलका के चूतड़ों के नीचे लगाए और उनको थोड़ा ऊपर उठा कर मेरे सहेली की चूत चाटने लगा।
अलका भी वासना से कसमसाने लगी। उसके दोनों हाथ अखिल के सर को सहलाते हुए चूत पर दबा रहे थे।

अलका का सहयोग पाकर अखिल का भी जोश बढ़ गया। वह अपनी जीभ को नुकीली करके चूत को कुरेदने लगा।

मेरे सहेली अलका का यह पहला अनुभव था तो वह भी सिसकारियाँ भरने लगी- ऊऊ उम्म्ह … अहह … हय … याह … ऊओ म्मम आआआ आयीईई ईईए नहीईई उईई ह्हह्ह!

अलका की गांड रिदम में उछल रही थी।
अखिल पूरे दिल से अलका की चूत अपनी जीभ से चोद रहा था।

अलका की पकड़ मेरे हाथों पर गहरी होती जा रही थी।
पता नहीं कब मेरा दूसरा हाथ अलका की चूची पर चला गया और मैं उसको मसलने लगी।

आनंद के मारे वह जोर से चिल्लाने लगी- आह करो करो..’ ऐसे ही करो उफ अह्ह आह आह!

जोर की आवाज़ों के साथ वह अपने आपको रोक ना पाई और झड़ने लगी।
अब तक मैंने अपने अधोवस्त्र भी उतार दिए थे।

मेरा एक हाथ अलका की चूची पर था तो दूसरे से मैं अपनी चूत सहला रही थी।

अखिल कभी उसकी चूत के होंटों को दाँतों से दबा कर काटता तो अलका चीख पड़ती- उईई माँ आआ आ स्स्स आहह … ऊहह … उम्म्ह … आऊऊ… उईई!

नई चूत की तेज़ चीत्कार अखिल को भी जंगली बना रही थी। वह रुकने वाला था नहीं … उसने अलका के पैर चौड़े कर के उसकी गांड से चूत तक लपलपा कर चाटा.
तो अलका चिल्लाई- वहां नहीं इईई!

अलका के निप्पल बिल्कुल तन के खड़े थे, उनको उसने खुद ही मसलना शुरू कर दिया
वह ‘आआह्ह … ह्हह्ह … हाआआ … आह्ह … ह्हहाह … ह्हह …’ कर रही थी.

अखिल उसे चूसता ही रहा
वह सिसकारी भर रही थी- अहाआआ अस्स शह्हह्हस!

तभी अलका बोली- जीजा जी, अब डाल भी दो!
अलका बुरी तरह उत्तेजित थी, आज पहली बार उसकी चूत को किसी ने ढंग से चूसा था।

मैंने झुक के उसकी चूचियों को मुँह में भर कर चूसना शुरू किया ही था कि अलका मेरे से बोली- दीदी, तुम कितनी अच्छी हो. तुम्हारे जैसी प्यारी दीदी पहले क्यों ना मिली!

इधर अखिल ने अलका के चूतड़ सहलाते हुए एक उंगली उसकी गांड में डाल दी.
गांड का छेद भी चूत रस से भीगा था तो उंगली भी आसानी से चली गई.

अलका बोली- वहां नहीं जीजू!

अब अलका तीन तरफ़ा मार झेल रही थी.
मैं उसकी चूची चूस रही थी तो अखिल उसकी चूत चूस रहा था.
साथ में अलका की गांड में उंगली भी कर रहा था.

अब अलका में इतनी ताकत नहीं थी कि वह सह पाती.
तो वह सिसकारी भरने लगी- आह्ह … ह्हह … हाआआ … आह्ह … ह्हहा … ह्हह!

तभी वह चिल्लाई- ऊऊउ माँ … इऊऊउ ऊईई ई मा … आआआअ ह्हस्स स्स गया अ आअ!
वह एक बार और झड़ गई.

अब हम दोनों की चूत लंड मांग रही थी.

तो अब मैं अखिल का लंड चूसने लगी.
लंड तो पहले ही बेताबी से फुल टाइट था.
जब लंड अच्छे से गीला हो गया तो अखिल अलका की टाँगों के बीच आ गया और लंड को हाथ में पकड़ कर चूत पर घिसने लगा.

अलका ने भी अपने चूतड़ उचका दिए तो फच की आवाज़ के साथ मेरे पति के लंड का सुपारा मेरी सहेली की चूत में समा गया.
तब अलका ने सिसकारी लेकर उसका स्वागत किया.

वासनावश अलका ने अपनी टांगें अखिल की कमर में लपेट कर अपनी तरफ खींचा तो लंड और अंदर तक प्रवेश कर गया.

अब अखिल का लंड तेज़ी से अलका की चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
जब अलका के चूतड़ अखिल की जांघों से टकराते तो पट पट पट का शोर उठता.

मेरी गांड अखिल की तरफ थी तो उसने एक साथ दो उंगली मेरी चूत में डाल दी.

अलका दमदार लंड को ज्यादा झेल नहीं पाई और भरभरा कर झड़ने लगी.
वह गहरी साँस ले रही थी.

अखिल थोड़ा रुका पर फिर से लंड को उसकी चूत में डाल दिया.
अलका थक चुकी थी तो वह रुकने को बोलने लगी, अखिल को पीछे धकलने लगी.

तो मैंने अखिल के आगे अपनी चूत आगे कर दी क्योंकि मेरी चूत में भी आग लगी थी.
अखिल ने अपना लंड निकला और मेरी गीली चूत में एक बार में ही डाल दिया.

मैं आवाजें करने लगी- आह्ह … ह्हह … हाआआ … आह्हह … धीरे आआ… फट गई… … थोड़ा धीरे ऐईईए… ऊऊहह… धीरे जान!
मुझे पता है कि ऐसी आवाजें अखिल का जोश बढ़ा देती हैं.

और हुआ भी ऐसा ही … उसने ताबड़तोड़ मेरी चूत के परखच्चे उड़ाने शुरू कर दिए.

सच कहूँ तो आज जिस तरह से अखिल मुझे चोद रहा था, उसके सामने सचिन की चुदाई भी फीकी थी.
मैं आँखें बंद किये चुदाई का मज़ा लेती हुई सिसकारी भर रही थी.

मेरी चूत से रस बह रहा था. मेरी चुदास ने मुझे जल्दी चमोत्कर्ष पर पंहुचा दिया- आआ आहह आईई म्म्म्म अहहा उफ्फ़ आह्ह माँ आईई स्स्सीईई!

पर अखिल डटा रहा.
मैं हैरान थी कि अखिल को आज क्या हो गया था.
जिस ताकत से वह मुझे चोद रहा था और एक को चोद चुका था … मैं अचंभित सी अखिल को देख रही थी.
और अखिल मेरी तरफ मुस्कुराता हुआ देख कर मेरी चुदाई में लगा था.

मैंने भी इस पल का मजा लेने का सोच लिया.
और मैंने अखिल को रोका, उसको लिटा कर और उसके ऊपर आकर उसको चोदने लगी.

अखिल ने अलका को इशारा किया तो अलका उठ कर अखिल के मुँह में चूत रख कर बैठ गई.
अलका का मुँह मेरी तरफ था उसकी गांड अखिल की तरफ.

वह झुक कर मेरी चूची चूसने लगी.
‘फचाफच फचाफच पट पट पट’ की आवाज़ों का संगीत इतना कामुक और वासना से भरा था कि हम तीनों उसमें डूब गए.

अखिल को एक साथ दो चुदासी औरतों का मज़ा मिल रहा था.

कुछ देर उसके लंड पे उछलने के बाद हम तीनों एक साथ झड़ गए.
मैं अलका से चिपक गई और अलका भी मेरे ऊपर गिर सी गई.

काफी देर के बाद जब हम सब सामान्य हुए तो फ्रेश होकर मैं कॉफ़ी बना लाई.
और फिर सोचा कि यही सही वक़्त है सच्चाई बताने का!

मैंने दोनों को बता दिया कि मैंने अलका के मायके जाने के बाद और अखिल के मुंबई ट्रिप के दौरान उसने सचिन से चुदाई करवा ली थी. मैंने दोनों से जो वायदा किया था, वह भी पूरा कर दिया.

अलका को थोड़ा आश्चर्य तो हुआ पर उसने ज्यादा रियेक्ट नहीं किया क्योंकि वह खुद मानसिक तौर में तैयार थी मेरी और सचिन की चुदाई के लिए!

उस दिन से मैं अपने अपती एयर अलका के साथ 3सम सेक्स का मजा लेने लगी.
और अलका को मेरे पति के साथ चुदाई के मौके देने लगी.
ऐसे ही अलका खुद ही मेरे को सचिन के साथ चुदने का मौका दे देती थी.

पर सचिन को नहीं मालूम था कि अखिल अलका को चोदता है.

यह सारा हमारी और अलका की आपसी सहमति से था.

अलका काफी डरी हुई सी रहती थी कि अगर सचिन को पता चल गया तो क्या होगा?
यह बात तो मुझे भी परेशान करती है.

जब मैंने अखिल से बात की और कहा कि सचिन से बात करे इस बारे में और उसको भी इसमें शामिल कर ले तो ज्यादा मज़ा आएगा. हम चारों खुल कर बेरोकटोक सम्भोग का मज़ा उठा सकेंगे.
अखिल- बात सही है. पर सचिन ग्रामीण पृष्ठभूमि से है. शायद सच जानने के बाद वह हंगामा खड़ा कर दे और इसका नुकसान अलका को उठाना पड़े. इसलिए जब तक ये सब चोरी छुपे चल रहा है, चलने दो, जब यह राज खुलेगा तो तब देखा जायेगा.

मैं भी इस बात से सहमत थी, पर दिल नहीं मान रहा था.

मैं इस खेल का राज खोलना चाहती थी, सोचा कि किसी दिन अच्छे मूड और चुदाई के दौरान सचिन को वाइफ स्वैप के लिए तैयार कर लूं.
पर फिर डर सामने आ जाता है कि कहीं बात बिगड़ ना जाये.

अभी भी ऐसे पिछले एक साल से चल रहा है और सचिन को इसकी भनक भी नहीं है.

आप लोग बताओ कि मुझे क्या करना चाहिए?
सचिन को बताऊं या नहीं.
हो सकता है कि आप लोगों की तरफ से दिये गये सुझाव से सचिन मान जाये.

और अगर ऐसा हुआ तो मैं शिखा आप सभी पाठकों से वादा करती हूँ कि वो वाकया भी मैं आपके साथ शेयर करुँगी.

और अंत में मैं राहुल जी का भी शुक्रिया कहूँगी जिन्होंने मेरी मदद की यह कहानी आप तक पहुंचाने में!
आप सभी के सुझाव के इंतज़ार में शिखा!

मैं राहुल श्रीवास्तव, आप सभी का वाइफ फ्रेंड Xxx कहानी पढ़ने के लिए तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ.
मुझे आपके खट्टे मीठे सुझाव का इंतजार रहेगा.
तो देर मत कीजिये कमेंट सेक्शन में तुरंत अपने विचार लिखिए.

आशा है कि मुझे आपका प्यार दुलार हमेशा की तरह मिलता रहेगा.
आप अपनी आपबीती, समस्या इत्यादि हमसे ईमेल फेसबुक टेलीग्राम के जरिये शेयर हमेशा की करते रहेंगे.

आपके अच्छे बुरे, खट्टे मीठे, तीखे और सराहनीय कमेंट्स का कहानी के अंत में इंतज़ार रहेगा.
मेरा ईमेल और फेसबुक आई डी नीचे दी हुई है
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