चाचा की माल की चाचा से बेहतर चुदाई

(Chacha Ki Maal Ki Chacha Se Behatar Chudai)

नमस्कार.. मेरा नाम विक्की है.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। य मेरी पहली और सच्ची कहानी है, जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ.. तो अब मैं कहानी शुरू करता हूँ।

मैं 21 साल का मुंबई में रहने वाला युवक हूँ। यह कहानी उन दिनों की है.. जब मैं स्कूल में पढ़ता था।
उन दिनों मुझे गणित को समझने पढ़ने में दिक्कत आती थी.. तो मेरे चाचा के पहचान की एक टीचर थी.. उनका नाम रोशनी था। चाचा ने उन्हें मुझे गणित पढ़ाने को कहा और वो भी मान गई।

उसके बाद मैं उनके घर पढ़ने के लिए जाने लगा। रोशनी बड़ी कमाल की माल दिखती थी, उसका शरीर किसी भी कुंवारी लड़की को हरा दे.. ऐसा था। पहले ही दिन मैं वो मुझे भा गई और मेरे मन में उसे चोदने की इच्छा जागृत होने लगी।

एक दिन हम दोनों सोफे पर बैठे थे। रोशनी ने साड़ी पहनी हुई थी।
वो उस गुलाबी साड़ी में वास्तव में कमाल का माल लग रही थी। मेरा मन कर रहा था कि अभी इसको पकड़ कर अपनी बाँहों में ले लूँ.. और इसका यही काम लगा दूँ।

वो मुझे पढ़ा रही थी.. पर मेरा ध्यान उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उठी हुई चूचियों पर था। उसकी तनी हुई चूचियां देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।
शायद उसने भी मेरे खड़े लण्ड को देख लिया था।
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उसने मुझसे कहा- विक्की मेरे बेडरूम का पंखा ठीक से चल नहीं रहा है.. जरा चल कर उसे देख लोगे?
मैंने हामी भर दी।

हम दोनों बेडरूम में आ गए।
मैंने पंखे को देखा और उसकी कमी को देखने के लिए उस तक पहुँचना जरूरी था। मैंने पास रखी हुई एक टेबल को सरकाया और उस पर चढ़ गया।

वो टेबल पकड़ कर खड़ी थी और मैं टेबल के ऊपर चढ़ कर पंखा ठीक करने लगा। टेबल के ऊपर खड़े रहने से मुझे उसके गहरे गले वाले ब्लाउज में से झांकती उसकी चूचियां साफ नजर आ रही थीं।
टेबल थोड़ी छोटी थी.. उसके मम्मे देखने के चक्कर में मेरा संतुलन बिगड़ गया, मेरा पैर फिसला और मैं नीचे गिर गया।

रोशनी एकदम से घबरा गई.. उसने मुझे सहारा दिया और मैं उसके बिस्तर पर बैठ गया।
मुझे पैर में बहुत दर्द हो रहा था.. तो रोशनी बोली- रुको.. मैं मालिश कर देती हूँ.. तुम बिस्तर पर सीधे लेट जाओ।

उसने मुझे अपनी पैन्ट उतारने को कहा तो मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था मैंने झट से अपनी पैन्ट उतार दी.. अब मैं सिर्फ चड्डी में रह गया था… सिर्फ ऊपर कमीज पहनी हुई थी।

रोशनी ने बाम से मेरी मालिश करनी शुरू की.. मैं पेट के बल औंधा लेटा हुआ था। जब मेरी इस तरह से मालिश हो गई.. तो उसने मुझे सीधा होकर पीठ के बल लेटने को कहा.. मैं कराहते हुए सीधा लेट गया।

रोशनी अब सामने से मेरी मालिश कर रही थी। वो झुक कर मी पैरों में बाम मल रही थी उसके चूचे मेरा ध्यान खींचे हुए थे.. साथ ही उसके हाथों के स्पर्श से मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।

वो धीरे-धीरे मेरी जांघों की मालिश करने लगी।
तभी मेरी नजरें उससे मिलीं.. मैंने देखा उसकी नजरों में मेरा खड़ा लण्ड देख कर एक शरारत झलक रही थी।

तभी उसने अपना एक हाथ मेरी चड्डी के अन्दर डाल दिया और मेरा लण्ड पकड़ लिया। दूसरे हाथ से उसने मेरी चड्डी नीचे खींच कर निकाल दी।
मैं एकदम से सन्न रह गया.. मेरा दर्द उसकी जवानी में कहीं खो गया। मैं बस अचकचा कर उसकी कामुक निगाहों और हरकतों में ठहर सा गया था.. मेरे मुँह से कोई बोल ही नहीं फूट रहा था।

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर बोली- आज मैं तुम्हें मर्द बनाऊँगी..
वो जोर-जोर से मेरे लण्ड को चूसने लगी।
अब तक मेरी समझ जाग चुकी थी और मैंने अपनी कमीज निकाल दी, फिर उसको खुद के ऊपर लेटने को कहा। हम 69 की अवस्था में आ गए थे।
वो कब नंगी हो गई.. मुझे ध्यान ही नहीं रहा.. बस अब तो बुर और लौड़े की चुसाई का दौर चलने लगा था।
मस्त चुसाई के चलते वो दो बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी झड़ने वाला था.. तभी एक मीठे अहसास के साथ मेरा माल निकल गया और उसने मेरा पूरा पानी पी लिया।

इसके बाद मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।
मैंने लण्ड का सुपारा उसकी फुद्दी पर रखा और सैट करते हुए एक जोर से धक्का मार दिया.. वो चीख पड़ी।
मेरा छह इंच का लण्ड पूरा जड़ तक अन्दर घुसता चला गया था।
मैं उसको जोर-जोर से चोदने लगा। उसकी मादक सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

आखिर में मैंने अपना पूरा पानी उसके कहने पर उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया और हम एक-दूसरे को चिपका कर लेट गए।

बाद में जाते वक़्त उसने मुझसे कहा- तू तो तेरे चाचा से भी बेहतर चुदाई करता है.. मेरे राजा..
मैं उसके इस वाक्य से हैरान था कि ये तो मेरे चाचा की सैटिंग थी।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताईएगा।
आपका विक्की
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