सोनिया के साथ हसीन पल-2

बबलू 2014-02-21 Comments

प्रेषक : बबलू

वो मुझे अपने बैडरूम में ले गई और दरवाजा बन्द कर लिया।

मैंने उसे कहा- आज मैं तुम्हारी चुदाई की गर्मी को ठंडा कर दूँगा, हर तरह से खुश कर दूंगा।

वो मुस्कुरा कर बोली- चलो देखते हैं।

उसके ऐसा कहने पर मेरा लण्ड और गर्म हो गया और मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगा। फिर मैंने उसे बेड पर बिठाया और उसके पेट पर अपना हाथ फेरने लगा।

वो भी उत्तेजित होने लगी और मेरे सर के बाल को सहलाने लगी। मैंने उसकी एक चूची को अपने एक हाथ से पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया और दबाने लगा, वो पहले तो थोड़ा दर्द से कराही, फिर शांत हो गई।

मैं उसके मद भरे प्यालों को दबाता रहा और ऐसा करते-करते उसके साड़ी के पल्लू को ऊपर से गिरा दिया और धीरे-धीरे उसकी साड़ी खोल दी। वो अपने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। फिर उसने मेरे शर्ट, और पैन्ट को उतार दिया। मैं सिर्फ़ चड्डी में था।

उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गई, मेरी छाती को चूमने और चाटने लगी। उसके ऐसा करने पर मुझे लगा कि यह तो चुदाई की भी गुरु है, मुझे फिर उसकी चूत की गर्मी का भी अन्दाजा हो गया।

वो मुझे कुछ देर तक चूमती रही और कहा- तुम मेरी चूची का मज़ा नहीं लेना चाहते?

और ऐसा कहते-कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर मैं हैरान रह गया। उसके चूचुक भूरे रंग के थे और उसकी चूची का रंग बिल्कुल गोरा था। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसकी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा। वो ज़ोर से ‘आहें’ भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा। मैंने ऐसा ही किया।

उसने मेरे सर को पीछे से पकड़ कर ज़ोर से अपने चूची पर रगड़ने लगी। ऐसा लगता था जैसे वो अपनी पूरी चूची मेरे मुँह में भर देना चाहती हो। कुछ देर बाद मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे उतार कर फेंक दिया।

वो एक सुन्दर फूलों वाली पिंक रंग की पैन्टी पहने हुई थी। उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी अपना गरम लण्ड उसके चूत में घुसा दूँ। उसकी गोरी जांघें मोटी मोटी और सुडौल थीं।

मैंने उसे पूछा- तुम अपने पति के साथ चुदाई कैसे करती हो?

तो उसने कहा- वो मुझे ज़्यादा मज़ा नहीं देते। मेरी चूची को कुछ देर चूसते हैं और अपना लण्ड मेरे चूत में डाल देते हैं और कुछ ही देर में झड़ जाते हैं। मुझे तो झड़ने का मौका ही नहीं मिलता। तुमने मुझे बाथरूम में उंगली करते देखा था। वो तो मैं उनके होते हुए भी करती हूँ।

मैंने कहा- और कुछ नहीं करती हो?

उसने कहा- और होता ही क्या है?

तो मैंने उसे कहा- तुम्हें तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।

उसने कहा- सच, अगर ऐसा है तो जल्दी करो ना!

और ऐसा कहने पर मैंने उसकी पैन्टी को धीरे-धीरे उतार दिया। मैंने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था। मैंने पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे देखा था, उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी, उस पर हल्के-हल्के भूरे रंग के बाल चारों तरफ थे।

मैंने फिर अपना अपनी चड्डी उतारी तो मेरा भी मोटा और 7″ लम्बा लण्ड देख कर वो बोली- ऐसे लण्ड से चुदवाने का मज़ा मुझे पहली बार आएगा।

मैंने पूछा- इसे चखना चाहोगी?

उसने कहा- मुझे घिन आएगी।

तो मैंने कहा- कर के तो देखो।

फिर मैंने उसे बिना कुछ कहे उसके दोनों पैर को चौड़ा किया और उसके पैरों के बीच बैठ कर उसकी चूत पर एक चुम्मी दे दी।

ऐसा कहने पर उसने कहा- तुम ऐसा मत करो। तुम्हें घिन आएगी।

मैंने कहा- इसी में तो सारा मज़ा है।

और फिर मैंने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और ऊँगली से उसको फैलाने लगा। ऐसा करने पर उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसने मुझे ऐसा नहीं कहने को कहा मगर मैं कहाँ सुनने वाला था।

वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी और मैं पूरी तन्मयता से उसकी चूत को चूस रहा था। उसकी चूत में एक बहुत ही मादक गंध आ रही थी। उसकी चूत बहुत गर्म थी।

मैं करीब 15 मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा। कुछ देर बाद उसे अच्छा लगने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने उससे पूछा- अब कैसा लग रहा है?

तो उसने कहा- अब मजा आ रहा है।

मैंने फिर अपनी दो उंगलियाँ उसकी गर्म चूत में घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी कसी थी कि वो अन्दर नहीं जा रही थी। मैं आप सब को एक बात बता दूँ, मैं बहुत सारी ब्लू फिल्म देखता हूँ और मुझे मालूम है कि किस लड़की को किस तरह चोदना चाहिए।

चूँकि उसकी चूत में मेरी उंगली नहीं जा रही थी तो मैंने चूत में अपना थोड़ा सा थूक गिरा दिया।

उसने पूछा- यह क्यों?

तो मैंने कहा- यह इसलिए ताकि तुम्हें दर्द नहीं हो, ऐसा करने पर सूखी चूत गीली हो गई है।

मेरी उंगली आसानी से अन्दर चली गई और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से अन्दर-बाहर करने लगा।

ऐसा करते-करते उसका जिस्म ऐंठने लगा, उसने कहा- तुम अपना मुँह और उंगली वहाँ से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूँ।

मैंने कहा- मैं उसे पीना चाहता हूँ।

वो खुद को रोक ही नहीं पाई और वो झड़ गई और मैं उसके पूरे रस को पी गया और एक बूँद भी नहीं गिराई।

उसने कहा- तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया है और मैं भी अब तुम्हारा लण्ड चूसना चाहती हूँ।

उसने भी मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया और उसकी चमड़ी को पीछे कर के उसके अन्दर वाले संवेदनशील अंग को अपनी जीभ से रगड़ने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरा पूरा 7″ लंबा लण्ड अपने मुँह में लेना चाहती थी।

उसके चूसते कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकालना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैंने किया। मगर मेरे थोड़ा घूमने से मेरा लण्ड उसके मुँह से बाहर निकाल गया और मैं वहीं झड़ गया और मेरा सर रस उसके पूरे मुँह पर पिचकारी की तरह छिटक गया, कुछ उसके होंठों पर, कुछ उसके गाल पर और चारों तरफ। वो उस पूरे रस को अपने होंठों और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी।

फिर उसने मुझे ‘थैंक्स’ कहा और मेरे लण्ड को अपने होंठों से चाट कर साफ़ कर दिया और कुछ देर बाद मुझे अपना लण्ड उसके चूत में घुसाने को कहा।

मैंने ऐसा ही किया। मैंने धीरे-धीरे अपने लण्ड को उसके चूत में घुसाने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख पड़ी। फिर मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया और 4″ उसके चूत में डाला। उसका दर्द और बढ़ गया। वो और ज़ोर से छटपटाने लगी और मुझे बस करने को कहा।

उसने कहा- मेरे पति का लण्ड तो सिर्फ़ 5″ का ही है और अब मैं तुम्हारा 7″ लंबा लण्ड कैसे घुसवाऊँगी !

मैंने कहा- तुम उसकी चिंता मत करो।

और एक और झटका लगाया और मेरा 7″ लण्ड उसके चूत में समा गया। उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े, मगर मैं रुका नहीं और धीरे-धीरे पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत गर्म थी। मैं अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। वो अपनी कमर को मेरे साथ-साथ आगे-पीछे करने लगी।

चूँकि हम दोनों अभी-अभी झड़े थे इसलिए दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नहीं था। इसलिए मज़ा और ज़्यादा आने लगा। चोदते-चोदते कुछ देर बाद वो झड़ गई। उसकी गरम चूत गीली हो गई और वो निढाल पड़ गई। मगर मैं रुका नहीं और मैं उसे चोदता रहा।

उसने मुझे अब रुकने को कहा मगर मैं रुका नहीं और अपना काम करता रहा। लगभग 10 मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा माल उसकी चूत में गिरा कर बेदम होकर उसकी बाँहों में गिर गया। वो मुझे चूमती रही और मेरे ऊपर लेट गई।

कुछ देर बाद मैंने उसे कहा- अभी तो और एक मज़ा बाकी है।

उसने कहा- वो क्या?

तो मैंने कहा- अभी मैं तुम्हारी गांड मारूँगा, जिसमें तुम्हें बहुत मज़ा आएगा।

उसे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। उसे लगा इसमें भी बहुत मज़ा आएगा और वो राज़ी हो गई। फिर मैंने उसे बेड के एक कोने में घोड़ी की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनों हाथ बेड के ऊपर रख दिए। उसके पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच में। उसके मुँह में अपना लण्ड डाला ताकि वो कुछ चिकना हो जाए। मैं अपने होंठों से उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर दिया। उसे अच्छा लग रहा था।

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गांड के छेद पर लगाया और अपने हाथों से पकड़ कर एक धक्का मारा।

मेरे धक्के मारते ही वो चीख पड़ी और चिल्लाने लगी- मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने कहा- थोड़ा सहन करो, पहली बार है ना !

और फिर बार-बार धक्का लगाता रहा, बार-बार वो चीखती रही और मेरा लण्ड उसकी गांड में इकसठ-बासठ करता रहा। ऐसा करते करते मेरा लण्ड 4″ अन्दर चला गया।

उसने मुझसे रोते हुए उसे छोड़ देने को कहा। मगर मैंने उसे समझाया कि बस कुछ देर बाद ही उसे मज़ा आने वाला है।

ऐसा कहने पर वो मान गई और मैंने फिर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लण्ड एक इन्च और अन्दर ठेला। ऐसा करते-करते मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी गांड में घुस गया और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी।

फिर मैंने अपना लण्ड तेजी से अन्दर-बाहर करना शुरू किया और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा।

फिर मैं उसकी लटकती नारंगियों को पीछे से पकड़ कर दबाने लगा और उसकी गांड भी मारने लगा। ऐसा करते-करते मैं फिर से झड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गांड में डाल दिया। उसे बेड में लेकर लेट गया और उसकी चूची चूसने लगा।

फिर मैंने उसे अपने लण्ड पर बैठाया और सोनिया ने धीरे-धीरे मेरा सारा लण्ड अपनी फिर से अपनी गांड में घुसवा लिया। वो मेरे लण्ड पर उचकने लगी और मज़ा लेने लगी। ऐसा करते-करते हम दोनों कब थक कर झड़ गए और निढाल होकर उसी अवस्था में सो गए हमको मालूम ही नहीं चला।

सुबह हुई और हम दोनों एक-दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए उठे। उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता मैं उसे चोदने लगता। हम दोनों फिर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैंने उसे हर एक पोज़ में चोदा और मज़ा दिया।

हम ब्लू-फिल्म भी साथ देखते और उस स्टाइल में एक दूसरे को चोदते। मैंने उसकी गांड मार-मार कर उसकी कमर को चौड़ा कर दिया था, जिससे वो और भी सुन्दर लगती थी। मैंने अपनी एक पुरानी चाहत भी पूरी करनी चाही।

मैंने उसे कहा- जब मैं सर से पढ़ता था और जब तुम दोपहर को सोने के बाद ‘सूसू’ करने जाती थीं तो तुम्हारा प्रेशर सुनकर मुझे तुम्हारे चूत को चाटने का मान करता था।

तब उसने कहा- तुम अपनी इच्छा अभी पूरी कर लो। और फिर वो बाथरूम में गई, उसने मूतना शुरू किया उसी प्रेशर के साथ और मैंने उसके मूतते हुए अपना मुँह उसके चूत से लगाया। उसका सारा मूत मेरे मुँह पर गिरने लगा और मैं उसका मज़ा लेने लगा।

इस तरह जब मेरा मन करता मैं सोनिया को चोदने लगता और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती।

तो दोस्तो, मुझे ज़रूर बताना कि मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी और मैंने सोनिया को संतुष्ट करके अच्छा किया या नहीं।

मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें।

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