मैं एक गैंगस्टर की रखैल बनकर चुद गई- 3

(Bar Bar Chudai Hot Bhabhi Ki )

बार बार चुदाई हॉट भाभी की उसी के घर में होती रही. उसने एक सड़क छाप आदमी को बुला रखा था जो उसे चोद चोद कर पूरा मजा दे रहा था.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं आपकी मस्तानी जीनी एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग सुनाने हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
आवारा मर्द के लंड से मुहब्बत हो गई
में अब तक आपने पढ़ा था कि पति की गैर मौजूदगी में मैं मुहल्ले के एक आवारा मर्द मुकेश से अपने घर में ही चुदवा रही थी.

अब आगे बार बार चुदाई हॉट भाभी की:

मैं बिस्तर पर आ गई थी और अपने पैरों को लहराते हुए और मुस्कुराते हुए मैंने उसे अपनी गर्दन से अपने पास आने का इशारा किया.
मुकेश उस ही पल उठा और अपनी जींस, चड्डी को उतारकर मेरे पास बेड पर आ गया.

मैंने देखा कि उसका लंड अभी भी पूरा खड़ा था.
न जाने उसके लंड में कितना दम था, जबकि मैं अपना पानी तीन बार निकाल चुकी थी.

मैंने अपना चेहरा घुमाकर सामने कर लिया और कहा- अब और क्या लेना बाकी है?
मुकेश बोला- कुछ नहीं … बस जीनी का पानी एक बार और निकालना है.

पहले मुकेश ने मेरे एक पैर की एड़ी को अपने होंठों से चूमा और फिर मेरे पैर को मरोड़ते हुए मुझे सीधा कर लिया.
अब मैं पूरी नंगी चित पड़ी थी और उसके सामने अपने दूध चूत सब दिखा रही थी.
वह भी नंगा ही था और उसका लंड पूरा खड़ा था.

मैंने देर न करते हुए अपने पैरों को फैला दिया और अपने दोनों हाथों को खोलकर उस मर्द को आमंत्रण दिया ताकि वह आगे आ सके और मेरी दमदार चुदाई कर सके.
मैंने नशीले अंदाज में कहा- आओ मेरे राजा … आज अपनी जीनी को पूरी तरह से तृप्त कर दो ताकि मैं आज की रात हमेशा से याद रखूं.

उसने भी समझ लिया और आगे बढ़ कर मेरे ऊपर गिर गया, मेरे होंठों पर चूमते हुए उसने खेल फिर से शुरू किया.

हम दोनों एक दूसरे के ऊपर झूमने लगे.
कुछ ही समय बाद बाद मुकेश मेरे ऊपर झूम रहा था; उसका लंड उसी पोजीशन में अपना निशाना खोज रहा था.

अचानक से मुकेश ने अपना लंड मेरी चूत में एक झटके से पेल दिया.
वह अपना लंड अन्दर करते ही मेरी जोर-जोर से चुदाई करने लगा.

इस बार वह अपना पूरा जोर मेरी चूत को भोसड़ा बना देने में लगा रहा था.
मैं भी जान चुकी थी कि मुझे आज इस फौलादी लंड वाले मर्द से पूरी तरह तृप्ति मिलेगी.

उसके लंड से होने वाले मीठ दर्द में भी मजा आ रहा था और मैं चुदाई की मस्ती में उसका साथ दिए जा रही थी.
मेरे बाल पूरे बिखर चुके थे.

वह मेरी आंखों में आंखें डाल कर मेरी चुदाई में लगा था और बोले जा रहा था- जीनी तू वाकयी बड़ी मस्त माल है. पहले पता होता तो तुझे मैं कब का चोद चुका होता.
मैंने भी कहा- ऐसे थोड़ी ना मैं तैयार हो जाती.

मेरे ये बोलने से मुकेश को और जोश आने लगा.
उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और मुझ और जोरों से पेलने लगा.

मुझसे वह बार बार हां बुलवाने में लग गया कि हां मुझे उसके लंड से मुहब्बत है.

अब सारे रूम में हमारी चुदाई की आवाजें गूंजने लगी थीं.
लंड चूत से ‘फच फच …’ और उसके हर शॉट से मेरी कामातुर चीखें भी निकल रही थीं ‘आ आआ आआ …’

आखिर मेरी ना को उसकी जोरदार चुदाई के सामने हारना पड़ा और मैंने हां कहते हुए कहा- आह बस हो गया, मैं तुमसे ही चुदवाना चाहती थी.
इस पर उसने चोदना थोड़ा कम किया और कहा- अब मैं तुम्हें रोज ऐसे ही चोदूंगा मेरी जान जीनी!
मैंने मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन हिला दी.

वह फिर से शॉट मारने में लग गया.
कुछ देर बाद मुकेश हल्का सा उठकर शॉट मारने लगा.

मैं अपने हाथों से उसके सीने पर हाथ रख कर सहला रही थी और उसे उकसा रही थी ताकि वह मेरी चुदाई और जोर से करे … और दमदार तरीके से करे ताकि मैं जीवन भर इस पल को ना भूल सकूँ.

कुछ समय बाद मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी कमर में लिपटा लिए और उसने भी मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.
मैं उससे नागिन की तरह लिपटी हुई थी.

और वह किसी मदांध अजगर की तरह से मेरी चूत का भोसड़ा बनाने पर तुला हुआ था.
वह मेरे दोनों बूब्स पर हाथ रख कर उन्हें दबाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था और मुझे असीमानंद दे रहा था.

उस पोजीशन के बाद मुकेश ने मेरे दोनों पैर घुटने छाती पर रखवाते हुए मेरी चूत की जोरदार चुदाई शुरू की.
इस आसन में वह अपने तगड़े शॉट मेरी चूत में ऐसे दे रहा था मानो वह मेरी चूत की आज धज्जियां ही उड़ा देना चाहता हो.

उसके हर शॉट में मुझे दर्द के साथ मजा मिल रहा था.
अब जब मुकेश का होने वाला था तो उसने कहा- जीनी, मेरा होने वाला है … आह ले अपने यार का मूसल आह.

यह कहते हुए उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

मैं भी उसके हर शॉट का जवाब दे रही थी और अपनी गांड उठाकर उसका लंड अपने चूत की गहराई तक ले रही थी.

करीब बीस मिनट की दमदार चुदाई के बाद मुकेश उसी पोजीशन में मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गया.
मैंने भी अपना पानी निकाल दिया.

मैं और वह दोनों जोर-जोर से सांसें लेते हुए एक दूसरे से चिपक गए.
उसको अपने से चिपका कर मैं उसके वीर्य की एक एक बूंद अपने चूत में बच्चेदानी तक पहुंचाने में लगी थी.

मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ पर पकड़ कर उसे जकड़ लिया था और अपने पैरों को उसकी कमर में घुमा कर कस लिया था ताकि उसके वीर्य की एक बूंद भी मेरी चूत के बाहर ना गिरे.

हम लोग उस पोजीशन में करीबन 15 से 20 मिनट लेटे रहे.
मैं उस दौरान मुकेश के चेहरे पर उसके बालों पर अपने होंठों द्वारा, अपने हाथों द्वारा सहलाने में व्यस्त रही.

मुकेश भी कभी मेरी गर्दन पर, कभी मेरे चेहरे पर, यहां तक कि मेरे होंठों पर किस लेते हुए मुझे प्यार कर रहा था.

उसका लंड मेरी चूत से जब निकल गया, उसके बाद मुकेश मेरे ऊपर से उठ कर साइड में लेट गया.

मैं उसके ऊपर पैर रखते हुए उसके सीने पर किस करने लगी और लेट कर हम दोनों बात करने लगे.
मैंने कहा- देखो, मुझे बर्बाद कर दिया न तुमने!
इस पर वह मुझे सहलाने लगा, बालों को सहलाते हुए उसने कहा- बर्बाद नहीं … आबाद किया है तुमको!

मैंने मुकेश से कहा- अच्छा, मैं कॉफी बना कर लाती हूँ.
मुकेश ने मना किया और कहा- अभी नहीं, अभी तो पूरी रात बाकी है.

मैं समझ गई कि उसका मन अभी भरा नहीं है.
मैंने उससे कहा- क्यों, जानवर हो क्या! इतना करने के बाद भी तुम्हारा मन नहीं भरा मुझसे?

वह फिर से मेरी तारीफ करते हुए बोला- जीनी, तू चीज ही ऐसी है, तुझे तो मैं कब से चोदना चाह रहा था. तेरी अदा मुझे हमेशा से तेरी और खींचती थी, लेकिन मौका अब जाकर मिला … और वैसे भी अब तू मेरी रखैल है. मैं आज सारी रात तुझे रखैल बनाकर रखूँगा और चोदूंगा.

उसकी बातें सुनकर मुझे अच्छा लग रहा था.

मैं वहां से उठने लगी, तो मुकेश ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींचना चाहा.
मैंने कहा- पानी तो पीने दो.
उसने मेरा हाथ छोड़ा, तो बेड से उतरकर मैं उसे चिढ़ाती हुई बोली- मुझे अब तुम्हारे साथ कुछ नहीं करना.

मैं खिलखिला कर पलटी और रसोई की ओर निकल गई.
पर हॉट भाभी की बार बार चुदाई को कोई नहीं रोक सकता था.

मैं बिना कपड़े के ही रसोई की ओर अपनी गांड हिलाती हुए निकली.
मेरे बाल खुले थे.

मैं रसोई में पहुंचकर पानी पी रही थी, तभी मुकेश भी वहां आ गया और पीछे से मुझसे सट कर खड़ा हो गया.
उसने कहा- बच कर कहां जाओगी जीनी!
उसने अपने दोनों हाथ आगे करके मेरे पेट पर रख दिए.

मैंने पानी का ग्लास जैसे ही रखा और उसकी तरफ घूमी, उसके सीने से लग गई.
मेरे बूब्स उसके सीने से दब रहे थे और नीचे उसका लंड मेरी नाभि के नीचे धीरे धीरे खड़ा हो रहा था.

मैंने मुकेश से कहा- तुम इतना लंबा राउंड लेने के बाद भी अभी तक थके नहीं?
मुकेश ने कहा- अभी तो शुरुआत है. वैसे तुम भी इतनी देर तक मेरे सामने टिकी हो. आगे आगे देखो … क्या क्या होता है!

मुकेश ने मुझे किसी फूल के जैसे उठाकर अपने कंधे पर ले लिया.
मेरे पैर सामने की तरफ थे और मेरा सर उसकी पीठ पर था.

मेरे बाल पूरे झूलकर जमीन तक आ गए थे और मेरी गांड उसके कंधे पर थी.

मैं मुस्कुराती हुई बोली- यह क्या कर रहे हो?
जिस पर वह कुछ नहीं बोला और अपनी हथेली से एक चमाट मेरी गांड पर मारी.

मेरे मुँह से ‘उई मां …’ निकल गई.
मुकेश मुझे हॉल में ले आया और सोफे पर गिरा दिया.

वह नीचे बैठ गया और मेरे दोनों पैरों के बीच अपने मुँह को लेकर मेरी चूत पर रख दिया.
और वह मेरी चूत चूसने लगा.

कुछ ही पल में मेरे अन्दर से अजीब सी गुदगुदी होने लगी और मैं उसके सर को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी.

वह अपनी जीभ को मेरी चूत के अन्दर तक घुमा रहा था; साथ ही बीच बीच बीच में वह मेरी चूत के दाने को हल्के से काट भी देता.

मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी पीठ पर घुमा लिया.
मैं उसे और उत्साहित करने के लिए बोल देती- आह मुकेश छोड़ो … बस भी करो!
मुकेश और जोर से लग जाता.

इसी तरह ‘मुकेश उई उई … मैं गई.’
इस तरह जब मुझसे रहा न गया और मेरी चूत से पानी निकलने लगा तो मैं मुकेश के सर को जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी.

मुकेश भी यह बात समझ गया कि मेरा पानी निकल चुका है.
इस बार मेरा पानी बहुत ही जल्दी निकला था, तो वह उठ कर बैठ गया.
फिर मेरी ओर देखकर बोला- मजा आ गया जीनी … तुम्हारे तो जूस में भी मजा है!

मैंने कहा- मुझे भी तुम्हारी मलाई खानी है … खिलाओ ना!
वह बोला- आ जा मेरी रांड … मना किसने किया है?

मैं सोफे पर से नीचे आ गई और घुटनों के बल बैठकर उसके लंड को सहलाने लगी.
उसका लंड पहले से ही कड़क था.

उसे तुरंत मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद उसे पूरा का पूरा अपने मुँह में ले लिया.

मैं उसके लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
अब तो मुकेश भी अपना हाथ मेरे सर पर रख दबाने लगा और उसका लंड मेरे गले तक पहुंचने लगा.

मैं बीच में नजरें उठा मुकेश को भी देख रही थी.
मुकेश मेरे बालों को पकड़ कर अपने लंड की मुठ मरवा रहा था.

मेरी चूत भी पूरी तरह गीली हो चुकी थी और मैं चाह रही थी कि अब वह मेरी चूत की आग को शांत करे.

इसलिए मैंने उसके लंड को छोड़ा और उठकर सोफे पर बैठे मुकेश के लंड पर बैठने लगी.

मैंने अपने दोनों पैर मोड़कर उसके कमर के पास रखे और अपनी चूत को उसके लंड पर सैट करके उसके खड़े लंड पर बैठ गई.

उसका पूरा खड़ा लंड मेरी गीली चूत को चीरता हुआ मेरी बच्चेदानी तक जा पहुंचा.

लंड लेते ही मुझे काफी दर्द हुआ इसलिए मैं रुक गई.
मैं उसके चेहरे को अपने सीने से चिपका कर रूक गई थी.
वह भी मुझे चूमने लगा था.

जब कुछ देर बाद मुझे थोड़ा अच्छा लगने लगा तो मैं उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगी.
अब मुझे काफी अच्छा लगने लगा और मजा भी आने लगा था.

उसका लंड मेरी चूत में रगड़ रहा था तो मेरी एक अजीब सी खुजली शांत होने लगी थी.

उधर मुकेश भी मेरे शरीर के साथ खेलने लगा.
वह कभी मेरी कमर, तो कभी मेरी गांड के ऊपर हाथ फेर कर मुझे मसलता. तो कभी मेरे बूब्स को अपनी हथेलियों में भर कर हौले हौले से सहला रहा था; साथ ही वह मेरे बूब्स को चूसने भी लगा था.

मैं तो अपने परम आनन्द का सुख ले रही थी. मैं उसे और ज्यादा उकसाने के लिए और उसे जोश दिलाने के लिए बोल रही थी- आह मुकेश … और चूसो आह आह … ऐसे ही करो.

अपने दूध चुसवाने के साथ ही साथ मैं उसके कड़क लंड पर कूदने की गति बढ़ाती ही जा रही थी और उसके सर को अपने मम्मों पर दबा रही थी.

काफी देर बाद जब मेरी चूत से दो बार पानी निकल चुका और मैं लगभग थक कर निढाल होने लगी तो मैं रुक गई.
मैंने मुकेश से पूछा- क्या अभी तक तुम्हारा हुआ नहीं?
वह समझ गया कि मैं काफी थक चुकी हूं.

उसने उसी पोजीशन में मुझे लिए लिए आसन बदला और मुझे सोफे पर टिका दिया.
उस दौरान उसने अपना लंड मेरी चूत से नहीं निकाला.

जैसे ही पोजीशन बदली तो उसने कहा- ले जीनी … अब मेरे धक्कों में तुझे तेरी नानी याद दिलाता हूं.
वह फिर से मेरी दमदार चुदाई में लग गया और पूरे जोर से शॉट मारने लगा.

मैंने भी अपने दोनों पैरों को हवा में कर लिया.
वह मेरे मम्मों पर हाथ रखकर उन्हें दबाते हुए मेरी चुदाई में लग गया.

इस बार मुकेश मुझे गाली देते हुए चोद रहा था- साली रण्डी … देख आज तेरा क्या हाल करता हूँ!
उसकी इन गालियों में भी मुझे बड़ा सुखद लग रहा था.
मैं भी उसे गाली देने लगी थी- आह साले हरामी … चोद भोसड़ी के.

मेरे मुँह से गाली सुनकर उसे और ज्यादा जोश आ रहा था और वह मेरे मम्मों का हलवा बनाते हुए मेरी चूत के चिथड़े उड़ा रहा था.

काफी देर बाद मेरी चूत में ही मुकेश ने अपना वीर्य डाल दिया और हांफते हुए मेरे ऊपर ही गिर गया.
हम दोनों सोफे पर एक दूसरे से चिपक कर लेट गए.

दोस्तो, आपको हॉट भाभी की बार बार चुदाई की कहानी में कितना मजा आ रहा है प्लीज मुझे मेल व कमेंट्स से बताना न भूलें.
[email protected]

हॉट भाभी की बार बार चुदाई की कहानी का अगला भाग: मैं एक गैंगस्टर की रखैल बनकर चुद गई- 4

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top