दोस्त की साली की चूत की खुजली- 4

(Hot Com Sexy Kahani)

हर्षद मोटे 2022-04-21 Comments

हॉट कॉम सेक्सी कहानी में पढ़ें कि मेरे दोस्त के घर में मुझे उसकी साली मिली. हमारी सेटिंग हुई और वो मेरे लंड का भोग लगाने आ गयी मेरे बिस्तर में!

दोस्तो, मैं आपका हर्षद मोटे एक बार फिर से अपनी मादक मस्त कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
पिछले भाग
दोस्त की साली की धुआंधार चूत चुदाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि सोनाली की चूत चुद चुकी थी और वो मेरे साथ लेटी थी.

अब आगे हॉट कॉम सेक्सी कहानी:

सोनाली ने मुझे अपने पैरों की जकड़न से आजाद कर दिया था.
मैंने सोनाली को चूमते हुए उसके ऊपर से उठकर अपना लंड चूत से बाहर निकाल दिया.

सोनाली की चूत से हम दोनों का कामरस झरने की तरह बहकर उसकी गांड के छेद से होकर तकिये पर गिर रहा था.

मैंने हाथ देकर सोनाली को उठाया और कहा- देखो.
वो अपनी चूत से बहने वाले कामरस को देखकर बोली- इतना सारा कामरस! मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है हर्षद. आज तक ऐसा नजारा मैंने कभी नहीं देखा था. पूरा तकिया और नीचे की बेडशीट भी खराब हो गयी है हर्षद.

मैं बेड से नीचे उतरकर अलमारी से एक कपड़ा लेकर आया.
सोनाली अभी तक अपनी चूत से टपकने वाले कामरस को ही देख रही थी.

मैंने कहा- सोनाली, इतना घूर कर क्या देख रही हो?
सोनाली मेरे लंड की तरफ देखकर बोली- तुम्हारा अमृत बहुत गाढ़ा है. मेरे पति का तो पतला पानी की तरह है. मैं वही देख रही थी. ये फिर भी मेरे कामरस के साथ घुल गया है.

उसके चेहरे पर अजीब सी खुशी थी.

मैंने उसे कपड़ा दिया तो उसने अपनी चुत, गांड और जांघें साफ कर लीं, तकिया कवर निकाल कर बाजू में फैंक दिया और कपड़े से बेडशीट भी पौंछकर साफ कर दिया.
सोनाली बेड से नीचे उतरकर खड़ी हो गयी.

उसे अपनी जांघों में और चूत में दर्द महसूस हो रहा था, वो मेरा हाथ पकड़कर खड़ी हो गयी.

मैंने कहा- थोड़ा दर्द तो होगा ही सोनाली.
वो मेरे लटकते लंड को देखकर अपने घुटनों पर बैठ गयी.

मैंने कहा- क्या हुआ सोनाली?
मेरे गीले लंड को हाथ में लेती हुई सोनाली बोली- तुम्हारे इस गाढ़े अमृत को चखकर मुझे इसका स्वाद लेना है.

ये कह कर उसने मेरे लंड का सुपारा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

लंड थोड़ा मुरझाया था तो आसानी से वो अपने मुँह में ले रही थी. उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर साफ कर दिया था.

लंड साफ़ करने के बाद सोनाली खड़ी हो गयी.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
सोनाली खुश होकर बोली- बहुत ही स्वादिष्ट है और उसकी महक भी अच्छी थी. आज मैंने पहली बार लंड चूसा है और अमृत भी पी लिया है. आज मेरी हर एक तमन्ना पूरी हो रही है.

मैं बस उसकी खुश मुखड़े को निहार रहा था.

वो- ये सब सफल हुआ है सिर्फ तुम्हारे कारण हर्षद.
मैंने उसकी चूत पर अपना एक हाथ रख दिया, तो वो सीत्कारने लगी.

वो बोली- दर्द हो रहा है.
मैंने नीचे बैठकर देखा तो उसकी चूत फूल गयी थी और सूज गयी थी.

मैंने अपने होंठ चूत पर रखकर चूम लिया.
तो सोनाली सिहर उठी.

मैंने खड़े होकर उसे अपनी बांहों में लेकर कहा- घबराओ मत, तुम ठीक हो जाओगी. बड़े लंड से चुदने के बाद अक्सर ऐसा होता है.

सोनाली ने घड़ी देखी तो सवा दो बज चुके थे- हर्षद मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि हम करीब करीब एक घंटे से भी ज्यादा ये चुदाई का खेल रहे थे. कितने शातिर खिलाड़ी हो तुम. मुझे पता ही नहीं चलने दिया.
मैंने कहा- सोनाली वो सब छोड़ो, चलो पहले तुम्हारे दर्द का इलाज करते हैं. भाभी की अलमारी में शायद पेन किलर की गोली होगी. मैं देखता हूँ. तुम बैठो.

मैं विलास के रूम में गया और अल्मारी में एक बक्से में कुछ दवाइयां थीं.

मैंने देखा तो उसमें कुछ पेनकिलर की गोलियां भी थीं. मैंने एक गोली लेकर दरवाजा फिर से लॉक कर दिया और गोली सोनाली को लेने को कहा.

उसने गोली पानी के साथ ले ली.

मुझे भी प्यास लगी थी तो मैंने पानी पीकर बोतल रख दी.
हम दोनों बेड पर एक दूसरे की तरफ मुँह करके लेट गए.

मैंने सोनाली से कहा- आधे पौने घंटे में तुम्हें आराम पड़ जाएगा. तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा.
सोनाली मुझसे चिपकती हुई बोली- तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो.

मैंने उसे अपनी बांहों में कसते हुए कहा- क्यों ना रखूं तुम्हारा ख्याल? अब तुम मेरी पत्नी हो सोनाली. शादी ना हुई तो क्या हुआ. तुमने तो अपना सब कुछ मुझे अर्पण किया है ना. औरत अपने पति को पहली रात को अर्पण करती है. ये समझो कि आज तुम्हारी अपने पति के साथ पहली रात थी.

ये सुनकर सोनाली ने मेरे होंठों को चूम लिया.
उसकी मुलायम चूचियां मेरे सीने पर दब गयी थीं.

सोनाली बोली- अब मैं सो जाती हूँ. मुझे आधा घंटा आराम की जरूरत है.
मैंने अपना एक पैर उसके ऊपर रखते हुए कहा- ठीक है सो जाओ.

हम दोनों चिपककर सो गए.

लाईट वैसे ही चालू थी. मुझे रोशनी में नींद नहीं आती थी. फिर साथ में इतनी खूबसूरत और सेक्सी हसीना हो, तो नींद कैसे लगेगी.

मेरा मुरझाया हुआ लंड उसकी मांसल जांघों पर आराम से सो रहा था.

आधा घंटा हो गया था.
इतने में सोनाली करवट लेकर लेट गयी. मेरा लंड उसकी चूत पर आ गया और मेरा एक हाथ चूचियों पर आ गया.

मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने एक चूची अपने मुँह में ले ली और दूसरी को अपने हाथों से सहलाने लगा.

इससे सोनाली की नींद टूट गयी.
वो मुस्कुराकर बोली- अभी तक दिल नहीं भरा हर्षद!
मैं- हां नहीं भरा … मैं और चाहता हूँ. क्या तुम नहीं चाहती कि और मजे लो?

वो मुझे चूमती हुई बोली- बहुत बदमाश हो तुम!
मैं उसकी चूचियां रगड़ने लगा.

तो सोनाली ने अपने एक हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी.
मैं भी करवट लेकर लेट गया.

अब मैंने अपना एक हाथ सोनाली की चूत पर रख दिया.
उसने अपनी जांघें फैला दीं.

मैंने अपने पूरे हाथ से चूत पर और आजू बाजू तक दबाव बनाए रखा. फिर अपनी बीच वाली उंगली से सोनाली की गांड की छेद को टटोलने लगा.

इस हरकत से सोनाली सिहर उठी- आह इस्स … हर्षद गुदगुदी हो रही है!
ये कह कर वो मेरा लंड जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगी.

मेरा लंड तनाव में आ रहा था.
मैंने सोनाली की चूत पर हाथ से सहलाते हुए कहा- अब इसका दर्द कैसा है सोनाली?
उसने कहा- हां अभी थोड़ा दर्द कम हुआ है. अब काफी अच्छा लग रहा है.

मैंने अपनी उंगली उसकी गांड के छेद पर दबाते हुए कहा- अब दूसरा राऊंड हो जाए!
उसने मेरे लंड को जोर जोर से रगड़ते हुए मुस्कुराकर कहा- हां हो जाए. बाद में तुम कब मिलोगे पता नहीं. जब तक यहां पर हो तब तक मैं तुमसे अलग नहीं होना चाहती. मेरा दिल करता है कि तुम्हारा लंड चूत में ही रख लूं हमेशा के लिए.

मैंने उसकी चूत में उंगली डालकर उससे कहा- मैं भी यही चाहता हूँ सोनाली.
मैं अपनी उंगली उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रहा था.
सोनाली सिसकारने लगी.

उसकी चूत गीली हो गयी थी.
इधर मेरा लंड भी पूरे तनाव में आकर फड़फड़ाने लगा था.

मैं- सोनाली, अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और अपने घुटनों के बल मेरे ऊपर बैठ जाओ. फिर तुम्हें जैसा मन करे … खेलो मेरे लंड के साथ.

सोनाली ने मेरे ऊपर आकर पोजीशन ले ली.
मैंने उसका सर पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और उसके होंठों को चूमने लगा.

सोनाली ने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगी. साथ ही वो मेरे होंठों को चूसने लगी.
चूत गीली होने के कारण मेरे लंड का सुपारा भी गीला होकर चिकना हो गया था.

मैं अब अपनी गांड उठाकर उसे साथ दे रहा था. मैं अपने दोनों हाथों से सोनाली की चूचियां मसलने लगा, तो सोनाली मदभरी सिसकारियां लेने लगी.
उसने मेरे लंड का सुपारा अपनी फूली हुई चूत के मुँह पर रखा तो मुझे उसकी गर्म चूत का अहसास हो गया.

अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अपनी गांड उठाकर एक धक्का दे दिया तो मेरा सुपारा उसकी चूत में घुस गया.
सोनाली सीत्कारने लगी- ओह आह ऊंई इस्स हाय ऊं ऊं हर्षद आहिस्ता डालो ना.

मैं उसे अपनी बांहों में कसकर अपनी जुबान उसकी जुबान को लड़ाने लगा.
सोनाली मेरी जुबान चूसने लगी तो मुझे बहुत मजा आने लगा.

मैं अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगा. सोनाली भी ऊपर से मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी.
चूत गीली होने के कारण मेरा लंड भी गीला हो रहा था. आहिस्ता आहिस्ता लंड चूत में घुस रहा था.

सोनाली वासना से सिसकारियां भरने लगी थी. वो अपनी कमर ऊपर करके लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थी.

अब तक आधा लंड चूत में घुस गया था.
सोनाली बोली- हर्षद, बहुत टाईट जा रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. मेरा लंड पूरा गीला हो जाएगा तो ज्यादा तकलीफ नहीं होगी.

अब सोनाली उठकर घुटनों के बल आ गयी.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़ कर नीचे से अपनी गांड उठाई और धक्के मारने लगा.

सोनाली भी अपनी गांड ऊपर नीचे कर रही थी. सोनाली बहुत कामुक होकर सिसकारियां भरने लगी थी.

मैंने उसकी कमर पकड़ ली और नीचे से अपनी गांड उठाकर एक जोर से धक्का मारा.
मेरा पूरा लंड सोनाली की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी गहराई में उतर चुका था.

वह चिल्लायी- आह आ आ ऊंई ऊंई ऊं ऊं इस्स स्ह स्ह आंह.
सोनाली मेरे कंधे पर अपना सर रखकर सीत्कारने लगी थी.
उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.

मैंने उसे अपनी बांहों में कसकर कहा- बस सोनाली, अब दर्द नहीं होगा.
मैं उसकी पीठ, कमर और उसकी गांड अपने दोनों हाथों से सहलाते हुए उसे शांत करने लगा.

सोनाली की चूचियां मेरे सीने पर दब गई थीं.
मैं सोनाली की मांसल गदरायी गांड सहलाते हुए उसकी गांड के छेद पर उंगलियां फिराने लगा.

सोनाली ने अपना सर उठाकर मुझे चूमते हुए कहा- बहुत गुदगुदी हो रही है हर्षद. ऐसे ही करते रहो, बहुत मजा आ रहा है.

उसकी बात से मुझे भी जोश आ गया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड और दरार को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद में डाल दी.

इस बार सोनाली सिहरकर बोली- ओह हर्षद … दर्द हो रहा है!
मैं दूसरे हाथ से गांड सहला रहा था.

सोनाली मदहोश होकर अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी थी.
मैं भी नीचे से गांड ऊपर नीचे करके लंड अन्दर बाहर करने लगा था.
सोनाली की चूत अन्दर से बहुत गर्म हो गयी थी.

पन्द्रह मिनट तक हम एक दूसरे को आहिस्ता आहिस्ता चोद रहे थे. हर धक्के के साथ मेरे लंड का सुपारा सोनाली के गर्भाशय से मुँह पर ठोकर मार रहा था.
इसी वजह से सोनाली कामवासना में डूब गयी थी.

मैं अपने दोनों हाथों से सोनाली की दोनों चूचियां मसलने लगा था और उसके कड़क हुए निपल्स को उंगलियों से रगड़ने लगा.
सोनाली अब और मदहोश हो गयी और अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी.

वो जोर जोर से सिसकारियां लेती हुई झड़ने लगी थी. उसने मेरे ऊपर लेटकर अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया.
मैंने भी उसे अपनी बांहों में कस लिया. सोनाली की तेज गरम सांसें मुझे महसूस हो रही थीं.

पांच मिनट वो ऐसे ही लेटी रही.
जब मैं अपनी गांड हिलाने लगा तो सोनाली ने भी कमर ऊपर नीचे करके लंड को अन्दर बाहर किया.
इससे उसका चुतरस बाहर बहने लगा.

अब सोनाली उठकर घुटनों के बल आ गयी और आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत से लंड को बाहर निकालने लगी.
सोनाली नीचे लंड को देख रही थी.

उसने आधे सुपारे तक लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से गर्म चुतरस बहकर मेरे पूरे लंड को नहलाने लगा था.

सोनाली लाईट की रोशनी में ये सब नजारा देख रही थी.
उसके लिए एक नया अनुभव था.

मेरा लंड चमक रहा था.

अब सोनाली ने पूरा लंड बाहर निकाला और उठकर बाजू हो गयी.
उसने कपड़े से मेरा लंड को पूरा साफ कर दिया और मेरे बाजू में पीठ के बल लेट गयी.

मैंने उठकर उसकी जांघों के बीच अपने घुटनों के बल बैठकर पोजीशन ले ली.

सोनाली की चूत अब फूल गयी थी, तो मैंने उसकी जांघों को सहलाकर दोनों तरफ फैला दिया और अपना लंड एक हाथ में पकड़कर उसकी फूली हुई चूत की फांकों में रख कर एक ही धक्के में पूरे लंड को चूत की जड़ में उतार दिया.

लंड अन्दर लेते ही सोनाली सीत्कारने लगी- आह हा हा स् स्ह स् स्ह.
उसी पल मैं उसके ऊपर लेटकर अपने होंठों से उसके होंठों को चूसने लगा.

मैंने उससे कहा- सोनाली, लंड चूत में डालते समय अब ज्यादा दर्द नहीं होता ना!
सोनाली हंस कर बोली- हां अब ठीक है. अब ज्यादा दर्द नहीं होता हर्षद. आखिर तुम्हारे इस मूसल जैसे लंड ने मेरी चूत को अपने लायक बना ही दिया.
ये कहते हुए सोनाली ने मुझे अपनी बांहों में कस लिया.

मैंने भी अपने एक हाथ को उसकी पीठ के नीचे डालकर उसे अपनी बांहों में कस लिया.
सोनाली की चूचियां पूरी तरह से मेरे सीने पर दब गयी थीं.

हम दोनों चूमाचाटी कर रहे थे और साथ में मैं अपना लंड चूत में अन्दर बाहर कर रहा था.

सोनाली भी नीचे से गांड उठाकर साथ दे रही थी.
वो साथ में मेरे गांड को भी अपने हाथों से सहला रही थी.

मैं और जोश में लंड बाहर निकालकर अन्दर घुसाने लगा था.
कुछ मिनट तक मैं सोनाली को यूं ही चोदता रहा.

अब सोनाली जोर जोर से अपनी गांड उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत की गहराई में लेने लगी थी.

उसकी चूत फिर से गर्म हो गयी थी.
इसी गर्माहट की वजह से मैं थोड़ी देर में झड़ने वाला हो गया था.

मेरा लंड अभी सह नहीं पा रहा था, तो मैंने सोनाली के कान में कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ.

सोनाली अपनी उंगलियां मेरी गांड के छेद पर फिराने लगी.
मैं मदहोश होकर जोर जोर से धक्के देने लगा.

सोनाली ने अपनी गांड उठाकर मुझे अपनी बांहों में कस लिया और वो झड़ने लगी.

उसका गर्म चुतरस मेरे लंड को नहलाने लगा तो एक जोर जोर से धक्के के साथ मैं भी झड़ने लगा.

सोनाली ने उसी पल अपने पैरों से मुझे जकड़ लिया.
हम दोनों एक साथ सिसकारियां लेने लगे थे और एक दूसरे की बांहों में लेट गए.

थोड़ी ही देर में सोनाली के पैरों की पकड़ ढीली हो गयी तो मैंने सोनाली को चूमते हुए पूछा- सोनाली, कैसा लग रहा है?

सोनाली ने अपने दोनों हाथों से मेरी गांड और कमर सहलाते हुए कहा- हर्षद बहुत अच्छा लग रहा है. तुम्हारा लंड चूत में लेकर मैंने अपनी बरसों की प्यास बुझा ली है. आज तुम्हारे मूसल जैसे लंड ने मुझे तृप्त कर दिया है. तुम्हारे लंड का अमृत मेरी चूत में लेकर मुझे तो बहुत सुकून मिल गया है. लगता है आज ही तुम मुझे पेट से कर दोगे हर्षद.

मैंने उससे कहा- हां सोनाली, आज मैं तुम्हें प्रेगनेंट करके ही छोड़ूँगा. तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है.
सोनाली का चेहरा खुशी से खिल उठा था.

मैंने घड़ी में समय देखा और सोनाली से कहा- जान साढ़े तीन बज गए हैं.

अपना लंड मैंने उसकी चूत से बाहर निकाला.
हम दोनों का कामरस बाहर बहने लगा.
मैंने सोनाली को हाथ देकर उठाया.

वो वैसे ही बैठ गयी और रोशनी में चूत से बहता हुआ कामरस देख रही थी.
कामरस बेडशीट पर फैल गया था.

मैंने एक कपड़ा लेकर अपना लंड साफ किया और कपड़ा सोनाली को दे दिया.

सोनाली घुटनों के बल बैठकर अपनी चूत पौंछकर साफ करते हुए बोली- हर्षद, हर बार इतना सारा कामरस कहां से आता है? मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है.

मैंने बताया- सोनाली तुम बरसों की प्यासी हो और जितनी देर तक चुदोगी, तुम्हारी चूत से उतना ही ज्यादा चुतरस निकलेगा. मैं भी बहुत दिनों से प्यासा हूँ. सब यही वजह है कि रस ज्यादा निकल रहा है.

सोनाली की चूत की चुदाई दूसरी बार भी सम्पन्न हो गई है दोस्तो.

हॉट कॉम सेक्सी कहानी के अगले में सोनाली की और किस तरह से चुदाई हुई, वो लिखूंगा. आप मुझे मेल कर सकते हैं.
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हॉट कॉम सेक्सी कहानी का अगला भाग: दोस्त की साली की चूत की खुजली- 5

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