माँ बेटी ने एक दूसरी के देवर से चूत फड़वा ली

(Xxx Family Porn Kahani)

रेहाना खान 2023-01-22 Comments

Xxx फॅमिली पोर्न कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपनी अम्मी के साथ सेक्स की खुली बात करती थी. एक बार मेरा देवर मेरे साथ आया तो मेरी अम्मी ने उससे चुदवा लिया.

मेरा जब निकाह हुआ तो मैं 20 साल की थी.
मतलब यह कि मैं अपनी घनघोर जवानी पर थी, अपने पूरे शवाब पर थी मैं!
मेरा जिस्म अपनी जवानी पर इतरा रहा था।
मेरी चूचियाँ बढती ही जा रहीं थीं, काबू के बाहर होती जा रही थीं.
हर महीने मेरी ब्रा तंग हो जाती थी और मुझे नयी खरीदनी पड़ती थी।

मेरी मस्त मस्त बांहें अपनी गोलाई और खूबसूरती के लिए जानी जातीं थीं।
लोग कभी मेरे चेहरे को देखते तो कभी मेरी बांहें देखते।

मेरी गांड के तो कहने ही क्या … मेरे जिस्म के पीछे वाले हिस्से पर तो मेरी गांड का ही राज था। वही सबको अपनी चाल से मदहोश कर देती थी। उसका मटकना भला कौन नहीं देखना चाहता था.

मैं हमेशा साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज़ ही पहनती थी। कभी कभी तो ब्लाउज़ की जगह केवल एक छोटी सी ब्रा ही पहन लेती थी।

एक बात और बता दूँ दोस्तो … कि मेरी एकदम गरमागरम पराठा जैसी मस्तानी चूत तो अपने आप में महारानी बनी हुई अंदर ही बैठी रहती है।
चूत पर काली काली घनी घनी झांटें उसकी खूबसूरती बढ़ाया करती हैं जिन्हें मैं ट्रिम करती रहती हूँ।
कुल मिलाकर मैं एक हॉट बीवी के नाम से मशहूर हूँ।

मैं आपको अपनी सच्ची Xxx फॅमिली पोर्न कहानी सुनाने जा रही हूँ।

यह उस समय की बात है जब मेरा निकाह हो गया था और मैं अपनी सुहागरात मनाकर अपन मायके आ गयी थी।
सबसे पहले मैं अपनी अम्मी जान से मिली।

अम्मी जान ने मेरा खिला हुआ चेहरा देखा तो मेरे गाल थपथपाकर मुस्कराते हुए पूछा- कैसा है तेरे शौहर के लण्ड बेटी हबीबा?
मैंने भी हंस कर उसी लहज़े में जवाब दिया- लण्ड तो बहुत मस्त भी है और जबरदस्त भी, अम्मी जान!

वे बोली- बस यही सुनने के लिए मैं बहुत दिनों से बेताब थी बेटी हबीबा! आज मेरे दिल को ठंडक पहुंची कि तुझे तेरे मन का लण्ड मिल गया। लण्ड जब मन माफ़िक मिल जाता है बेटी … तो जवानी अच्छी तरह कट जाती है।

आप सोच रहे होंगे दोस्तो … कि मेरी अम्मी मुझसे इतना खुल कर कैसे बात कर रहीं हैं?
तो इसके पीछे एक मजेदार किस्सा है।

मेरी अम्मी जान शबाना बेगम हैं. वे 41 साल की एक निहायत खूबसूरत और सेक्सी औरत हैं।
अम्मी बहुत मीठा बोलतीं हैं, सबकी सुनती है और सबकी मदद करतीं हैं।

उनका बदन अभी भी एकदम मस्त है तो वे 30 / 32 साल की ही लगती हैं।
अम्मी मेरे साथ जब चलतीं हैं तो लोग उसे मेरी बड़ी बहन समझते हैं।

वे खुश मिज़ाज़ हैं और हंसी मजाक करने में बड़ी तेज हैं।
मजाक करने पर आती हैं तो सबके सामने लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा सब बोल देती हैं।
अम्मी नॉन वेज चुटकुले खूब सुनातीं हैं।

मेरी अम्मी जान सेक्स की बहुत ज्यादा शौक़ीन हैं।
सेक्स करने और कराने में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट लेती हैं।
उन्हें अपनी चुदाई में कम दूसरे की चुदाई कराने में ज्यादा मज़ा आता है।

वे अकेले अकेले चुदाई में कोई इंटरेस्ट नहीं लेती, कहतीं हैं कि जब तक 2-3 चोदने वाले और 2-3 चुदाने वाली न हों, तब तक सेक्स में कोई मज़ा नहीं।

एक दिन वह मेरी खाला से कह रहीं थीं- मेरी बेटी हबीबा जिस दिन चूत चुदाने लायक होगी, उसी दिन मैं लण्ड उसके हाथ में रख दूँगी, उसे माँ चुदाना सिखा दूंगी ताकि वह भी मेरी ही तरह जवानी का पूरा मज़ा शुरू से ही लूट सके; एक भी दिन बर्बाद न करे क्योंकि जवानी के दिन बस गिने चुने ही होते हैं। लण्ड के बिना जवानी का क्या मज़ा … मैं तो चाहती हूँ कि मेरी बेटी मेरे साथ ही लण्ड का मज़ा ले।

मैं ये सब बातें चुपचाप अंदर खड़ी हुई सुन रही थी। मैंने इस बात की गाँठ बाँध ली। मैं अपने जिस्म से तो मैं बहुत पहले जवान हो चुकी थी।

एक दिन अम्मी ने कहा- बेटी हबीबा, मैं अपनी दोस्त के घर जा रही हूँ. हो सकता है कि मैं शाम तक आऊं, तुम अपना ख्याल रखना।
अम्मी चली गयी और मैं घर में अकेली ही रह गयी.

मैं बहुत बोर होने लगी तो मैंने अपने बॉय फ्रेंड असद को बुला लिया।
वह आधे घंटे में आ गया और हम दोनों खूब बातें करने लगे.
फिर हम सेक्स की बातें करने लगे और फिर लण्ड चूत की भी बातें करने लगे।

मैंने पूछा- तेरा लण्ड कितनी लड़कियों ने पकड़ा है असद?
वह बोला- यार, अब क्या बताऊँ कि मेरा लण्ड लड़कियों ने कम लड़कियों की माँ ने ज्यादा पकड़ा है। मेरी खाला जान, मेरी फूफी जान फूफी की देवरानी सबने पकड़ा है मेरा लण्ड. लड़कियों में मेरा चचाजान की बेटी और उसकी एक सहेली ने पकड़ा है।

मैंने कहा- तो फिर आज मैं पकड़ूँगी तेरा लण्ड! आज तो घर में कोई नहीं है अम्मी जान भीं नहीं हैं।

मैं उसके पजामे का नाड़ा खोलने लगी।
वह भी मेरे बदन पर हाथ फिराने लगा, मेरे बूब्स दबाने लगा।

उसका लण्ड खुला तो मज़ा आ गया।
उसने मेरे ऊपर के कपड़े उतार दिये, मेरे बूब्स चूमने चटाने लगा।

मैं भी लण्ड पकड़ कर बोली- वॉव बड़ा मस्त है तेरा लण्ड असद! कड़क भी है और मोटा भी। अच्छा ये बता जिस जिस ने तेरा लण्ड पकड़ा उन सबको तुमने चोदा या नहीं?
वह बोला- हां चोदा है।

मेरा अगला सवाल था- कितनी बार चोदा है?
वह बोला- लड़कियों को एक एक बार और अम्मियों को 2 – 2 / 3 – 3 बार चोदा।

मैंने मुस्कराकर कहा- इसका मतलब तेरा भोसड़ी का लण्ड चुदा हुआ है? और मुझे चुदा हुआ लण्ड बहुत पसंद है।

तब तक मेरी सलवार खुल चुकी थी, मैं मादरचोद बिल्कुल नंगी हो गयी थी और वह भी पूरा नंगा हो चुका था।

मैं बड़े प्यार से उसका लण्ड चूम चूम कर चाटने लगी थी और वह मेरी चूचियाँ चूसने लगा था, मेरी बुर सहलाने लगा था।
हम दोनों दूसरी दुनिया में पहुँच चुके थे। वासना में बुरी तरह डूबे हुए थे।

तभी मुझे किसी के आने की आहट सुनाई पड़ी।
मैं थोड़ा इधर उधर देखने लगी।

इतने में मेरी अम्मीजान अपने सारे कपड़े उतारे हुए एकदम नंगी किसी आदमी का लण्ड पकड़े हुए मेरे कमरे में दाखिल हो गईं।
मैं तो उसे देख कर सकपका गई।
वे भी मुझे ऐसी हालत में देखकर हैरान हो गई।

असद की तो गांड फट गयी … उसका लण्ड एकदम से सिकुड़ गया।
एक मिनट तक तो न मैं कुछ बोली और न अम्मी जान!
कमरे में सन्नाटा छा गया।

अम्मी मुस्काकर बोली- अरी हबीबा, मैं तो तुझे अपने बॉयफ्रेंड का लण्ड पकड़ाने आयी हूँ और तू तो पहले से ही लण्ड पकड़े बैठी है। मैं तो अपनी दोस्त के घर जा रही थी रास्ते में मुझे ख्याल आया कि हबीबा अब बड़ी हो गयी है, अब तो मैं उसे लण्ड पकड़ाऊंगी। बस मेरा मन बदल गया मैं अपने बॉयफ्रेंड के घर जाकर उसे लेकर आ गयी और मैं तुझे उसका लण्ड पकड़ा कर सरप्राइज़ देना चाहती थी। लेकिन तूने तो मुझे सरप्राइज़ दे दिया। मुझे तो मज़ा आ गया बुरचोदी हबीबा! यार तुम मेरी दोस्त हो गयी हो।

अम्मी आगे बोली- तेरी माँ का भोसड़ा … अब तू पकड़ मेरे बॉयफ्रेंड का लण्ड, मैं पकडूँगी तेरे बॉयफ्रेंड का लण्ड!

उन्होंने उस आदमी का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और असद का लण्ड खुद पकड़ लिया।
असद का लण्ड बढ़ने लगा और अंकल का लण्ड भी ताव पर आ गया।

अम्मी ने कहा- कैसा लगा तुझे मेरे बॉयफ्रेंड का लण्ड हबीबा?
मैंने कहा- बड़ा मस्त है अंकल का लण्ड. इसका लण्ड तो मेरी चूत क्या … मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा।

हम दोनों खिलखिलाकर हँसने लगीं।
बस उसी पल से मैं अम्मी की पक्की दोस्त बन गयी और उससे दोस्तों की तरह प्यारी प्यारी गालियों से बातें करने लगी।

मैं अंकल का लण्ड चूसने लगी और अम्मी असद का लण्ड।
मैं अम्मी को देख देख कर लण्ड का मज़ा लेने लगी और अम्मी मुझे देख देख कर लण्ड का मज़ा लेने लगीं।

अम्मी मस्ती में बोली- है तो तू मेरी बेटी बुरचोदी हबीबा … इसलिए तू मेरी ही तरह लण्ड चूस रही है।
मैंने कहा- हां अम्मी जान, जैसी बुर चोदी माँ वैसी उसकी बुर चोदी बेटी!

फिर अंकल ने अपना 8″ का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और असद ने लण्ड पूरा का पूरा मेरी अम्मी जान की चूत में!
हम दोनों आमने सामने एक दूसरे के बॉयफ्रेंड से अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदवाने लगीं।

मस्ती जबरदस्त तरीके से हमारे पर सवार थी।

अम्मी बोली- देख हबीबा, तेरी माँ का भोसड़ा कितनी मस्ती से चुद रहा है?
मैंने कहा- देख शबाना, कितने मजे से चुद रही है तेरी बुरचोदी बिटिया की बुर!

इस तरह हम दोनों ने बारी बारी से दोनों लण्ड से बड़ी बेशर्मी से चुदवाया। खूब अय्याशी की और खूब झड़ते हुए लण्ड का मज़ा लिया।

यह टू हुई अम्मी और मेरे बीच सेक्स पर खुलने की बात … अब असली कहानी पर आती हूँ.

मैं ससुराल से आई तो अम्मी जान ने पूछ लिया- बेटी हबीबा, तेरे शौहर का लण्ड कैसा है?
और मैंने जवाब दिया- लण्ड तो बड़ा मस्त है और जबरदस्त भी है अम्मीजान!

इस बार मेरे साथ मेरा देवर शमीम भी आया था।
शमीम दुबई में रहता है और वहीं काम करता है. वह मेरी शादी में आ नहीं पाया था, अम्मी ने उसे कभी देखा नहीं था।

मैंने उसे अपनी अम्मी से मिलवाया तो वह बहुत खुश हुआ।
अम्मी भी उससे मिल कर मस्त हो गयीं, बड़ी देर तक उसे देखती रहीं और बात करती रहीं।

फिर हम दोनों अपने अपने काम में जुट गयीं।

हम दोनों बाहर बाज़ार भी गयीं और अपनी खालाजान से मिलने भी गयी।
वहीं पर फूफी जान भी मिल गई तो फिर खूब बातें हुई और खुल कर हुई, हंसी के ठहाके भी लगे, मज़ा भी खूब आया।

शाम को जब हम दोनों अपने घर वापस आईं तो हमारे पीछे एक आदमी आ गया।

अम्मी ने उसे देखा तो बोली- अरे मुनीर तुम कब आये? तुम को मसकट में थे न?
मसकट ओमान की राजधानी है। मुनीर वहीं काम करता है।

वह बोला- अरे भाभी जान, मैं कल ही आया हूँ और आज आपसे मिलने चला आया।
फिर उसने मेरी तरफ देख कर बोला- अरे हबीबा, तू तो बहुत खूबसूरत हो गयी है। गज़ब का नूर आ गया है तेरे चेहरे पर! भाभी जान, हबीबा तो बड़ी हसीन लग रही है, मस्त जवान हो गयी है।
अम्मी ने कहा- अरे मेरे देवर राजा, इसकी शादी हो गयी है।
तब उसने कहा- हां अब मुझे याद आया, आपने बुलाया था पर मुझे छुट्टी नहीं मिली थी तो मैं आ नहीं पाया था।

शाम को हम दोनों जब किचन में काम कर रहीं थीं, तभी अम्मी जान बोली- हबीबा यार, तेरा देवर तो बड़ा गोरा चिट्टा है, बड़ा हैंडसम है। इसका लौड़ा भी बड़ा हैंडसम होगा. मेरा तो मन इसके लण्ड में अटक गया है यार … मैं तो इसके लण्ड के बारे में सोच रही हूँ।

मैंने कहा- अरे यार शबाना, तेरा देवर भी बड़ा मस्त है। मेरी तो नियत ख़राब हो गई तेरे देवर के लण्ड पर! मन करता है कि मैं अभी इसे नंगा कर दूं और इसके लण्ड से खेलने लगूं। लण्ड सच में बड़ा प्यारा होगा. मेरी चूत बुर चोदी यही सोच कर गीली हो गई।

अम्मी ने कहा- तो फिर क्यों न हम दोनों देवर की अदला बदली कर लें। तेरा देवर मुझे चोदे, मेरा देवर तुझे चोदे। ज़रा सोचो कितना मज़ा आएगा.
मैंने कहा- हां बिलकुल सही है। दोनों देवर भोसड़ी वाले जब एक दूसरे के सामने एक दूसरे की भाभी चोदेंगें तो सोचो कितना मज़ा आएगा.

हम दोनों में यह बात तय हो गयी पर उन दोनों को कुछ भी नहीं मालूम।

फिर मैं अम्मी के देवर के आगे पीछे घूमने लगी और वे मेरे देवर के आगे पीछे।
मैं अपनी चूचियों की झलक उसे दिखाने लगी और अम्मी अपनी चूचियों की झलक मेरे देवर को दिखाने लगी।

धीरे धीरे मेरा देवर अम्मी को बड़े गौर से देखने लगा, उसे देख कर अपना लौड़ा सहलाने लगा।

इधर मुझे देख कर उसका देवर भी अपना लण्ड हिला हिला कर मेरे सामने से आने जाने लगा।

मैंने एक बार अपनी चुन्नी नीचे सरका दी तो उसे मेरी चूचियाँ आधे से अधिक दिख गईं।
वह मेरे पास आया, बोला- हबीबा, तुम बड़ी मस्त जवान लड़की हो।
मैंने भी मुस्कराकर कहा- तुम भी बड़े मस्त मर्द हो अंकल!

बस मेरा ऐसा कहना हुआ कि उसने मुझे खींच कर अपने बदन से चिपका लिया।
मैंने कहा- अरे ये क्या कर रहे हो अंकल?
वह बोला- वही जो एक मर्द को करना चाहिए।

मैंने भी अपना हाथ जानबूझ कर उसके लण्ड से टकरा दिया।
वह मेरे कान में बोला- हबीबा बेटी, अब पकड़ लो मेरा लण्ड! तेरे बग़ैर तड़प रहा है बिचारा।

मैं भी मूड में थी तो उसके कान में कहा- रात में पकड़ूँगी तेरा भोसड़ी का लण्ड, अंकल!

फिर क्या उसके लण्ड में लग गयी जबरदस्त आग!

उधर अम्मी ने मेरे देवर के गाल थपथपाते हुए कहा- बेटा, तू हैंडसम है तो तेरा लण्ड भी बड़ा हैंडसम होगा? रात में पकड़ कर देख़ूँगी तेरा लण्ड!
वह भी उत्तेजित हो गया।

रात को जब हम सब बिस्तर पर आ गए.
तब भी मेरा देवर मेरी अम्मी के मम्मे टकटकी लगा कर देख रहा था और उसका देवर मेरे मम्मे टकटकी लगाकर देख रहा था।

वैसे हकीकत यह भी है कि हम दोनों उन्हें दिखा भी रहीं थीं।
मुनीर बोला- भाभी जान, मैं हबीबा के बगल में लेट जाऊं?
अम्मी ने कहा- हां यार, लेट जाओ … जहाँ चाहो वहां लेट जाओ!

तब मेरे देवर शमीम अम्मी के ठीक बगल में लेट गया।

आग तो बहनचोद सबके जिस्म में लगी थी, बस माचिस लगाने की देर थी, पहल करने की देर थी।

हम दोनों गाउन पहने हुए थीं और वो दोनों लुंगी।
जल्दी मुझे भी थी लण्ड पकड़ने की और जल्दी अम्मी को भी लण्ड पकड़ने की थी।

मैंने यह भी देखा कि जल्दी उन्हें भी थी हम दोनों को नंगी देखने की।

फिर अम्मी ने ही पहल की और बोली- बेटा शमीम, सुना है कि तेरा लौड़ा दुबई से इस बार बड़ा मोटा होकर आया है? मैं भी ज़रा देखूं की कितना मोटा हो गया है तेरा लण्ड?
ऐसा कह कर अम्मी ने मेरे देवर की लुंगी खोल कर फेंक दी तो वह नंगा हो गया।
लण्ड बहनचोद पहले से ही खड़ा था।

मैंने भी हाथ मुनीर अंकल की लुंगी में घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड पकड़ कर बोली- क्या तेरा भी भोसड़ी का लण्ड मोटा हो गया है अंकल? हायल्ला लग तो ऐसा ही रहा है. ज़रा दिखाओ न इसे मुझे?
मैंने भी उसकी लुंगी खोल कर फेंका तो उसका लौड़ा टन्न से मेरे आगे खड़ा हो गया।

वह बोला- हाय मेरी जान बेटी हबीबा, अब मैं तुझे नंगी करूंगा, तेरी बुर चोदूंगा। तेरी माँ की बुर चोदता हूँ मैं आज तेरी माँ के आगे तेरी बुर चोदूँगा। मैं बड़ी देर से तुझे चोदने की फ़िराक में था, अब मौक़ा मिला है मुझे! तू मुझे बहुत अच्छी लग रही है। तेरी जवानी का रस निचोड़ लूँगा मैं!

मुनीर अंकल तो बहुत ज्यादा ही उत्तेजित हो गया।
उसने लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और अपनी दो उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दीं।
मेरी चूत ससुरी गरम भी थी और गीली भी थी।

उसने लौड़ा मुंह से निकाला और मेरी बुर में गच्च से पेल दिया।
मैंने कहा- अरे अंकल, तुझे इतनी जल्दी क्यों है? मेरी चूत कहीं भागी नहीं जा रही। ज़रा आहिस्ते आहिस्ते चोदो मेरे राजा।

वह बोला- चुप भोसड़ी की, माँ की लौड़ी, हरामजादी मुझे चोदना सिखा रही है। मैं तेरी माँ चोदता हूँ. तेरी माँ की बहन की चूत लेता हूँ। मुझे सब आता है।
मैंने कहा- तुझे मादर चोद कुछ नहीं आता। देख तू मेरी चूत में नहीं, मेरी गांड में घुसा रहा है लण्ड! जल्दी का मतलब यह नहीं कि तू मेरी चूत चोदने के वजाय मेरी गांड़ चोदना शुरू कर दे।

वह मेरी बात से झेंप गया और फिर मजे से चोदने लगा मेरी चूत!

उधर मेरा देवर शमीम बड़े शिद्दत से अपना लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में पेले हुए धकाधक चोदे चला जा रहा था, रफ़्तार बढ़ाता जा रहा था.
वह बोला- हबीबा भाभी जान, तेरी माँ का भोसड़ा बड़ा मस्त है. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है चोदने में!

अम्मी बोली- बेटी हबीबा, देख तेरा देवर तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ रहा है।
मैंने भी कहा- अरे अम्मी जान, तू भी देख ले तेरा देवर तेरी बिटिया की चूत फाड़ रहा है। इसका लौड़ा साला मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा है।

अम्मी ने कहा- तेरा देवर भी मेरी चूत चीर रहा है बहनचोद। आज ये मेरी चूत के दो टुकड़े कर देगा। हाय रे … बड़ा मज़ा आ रहा है। लौड़ा हो तो तेरे देवर के लौड़ा जैसा! हायल्ला … ये उम्र में बहुत छोटा है मगर इसका लौड़ा बहुत बड़ा है। तेरी माँ चूतचोदी बहुत अच्छी तरह से चुद रही है हबीबा!

मैंने कहा- तेरी बिटिया की चूत भी खूब झमाझम चुद रही है हरामजादी शबाना।
चुदाई के दौरान प्यारी प्यारी मस्त मस्त गालियां आग में घी का काम करती हैं।

हम दोनों मजे से अपनी अपनी चूत एक दूसरे के देवर से फड़वाने में जुट गईं।

पहले तो दोनों ने हमारे ऊपर आकर हमें चोदा और फिर हम दोनों को घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा।
मैंने कहा- हाय अंकल, चाहे जैसे चोदो … पर चोदो … खूब चोदो … पूरी ताकत से चोदो।

चुदाई हम दोनों की बड़ी धुआंधार हो रही थी।
आखिर में जब दोनों लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो हमने झड़ते हुए लण्ड बड़ी मस्ती से चाटे।

रात में Xxx फॅमिली पोर्न के बाद हम लोग नंगे नंगे ही सो गए.

सवेरे उठ कर फिर मुनीर मुझे चोदने लगा और शमीम अम्मी जान को।
सवेरे का लण्ड तो साला सबसे ज्यादा सख्त होता है।
दोनों ने मिलकर हम चूत का बाजा खूब बजाया।

मैंने कहा- बड़ा मज़ा आया मुझे तेरे देवर से तेरे सामने अपनी फड़वाकर अम्मी जान!
अम्मी बोली- मैंने भी बड़ी मस्ती से तेरे आगे तेरे देवर से अपनी चूत फड़वाई बेटी हबीबा!

तो यह थी मेरी एक सच्ची कहानी!
आपको कैसी लगी यह Xxx फॅमिली पोर्न कहानी? मुझे जरूर बताइएगा.
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लेखिका की पिछली कहानी थी: मैरिज ऐनिवर्सरी पर शौहर के दोस्त से चुदवाया

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