मेरा देवर मुझे बहुत प्यार करता है

(Bhabhi Devar Ki Chudai Kahani)

भाभी देवर की चुदाई कहानी में मैं अपने प्यारे देवर से चुद गयी. वो मुझे बहुत प्यार करता था तो मैं उसे मन नहीं कर सकी. उसने मुझे बहुत मजा दिया था.

दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम नेहा है। मैं अंतर्वासना की बहुत समय से नियमित पाठक हूं।

एक दिन मैंने भी सोचा क्यों नहीं मैं भी अपनी भाभी देवर की चुदाई कहानी अंतर्वासना पर लेकर आऊं।
तो दोस्तो, मैं आप लोगों के सामने हाजिर हूं अपनी एक जिंदगी का सच्चा वाकया लेकर!

मेरी उम्र 28 साल है। मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं और हम सब जॉइंट फैमिली में रहते हैं. यहां मेरे ससुर, सास, पति और एक देवर है।

जब मेरी शादी हुई तो मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते थे लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया प्यार भी समय के साथ कम होता गया।
मैं घर पर सभी के होने के बावजूद एकदम अपने आप को अकेला सा महसूस करती थी।
कभी-कभी तो मेरा मन बहुत उदास हो जाता था।

लेकिन वहां एक शख्स ऐसा था जिससे मुझे हमेशा प्यार ही मिला।
और वह शख्स मेरा देवर था।

उसकी उम्र मात्र 21 साल थी लेकिन उसकी बातों से कभी नहीं लगता था कि उसकी उम्र 21 साल है।
वह हमेशा ऐसे बातें करता था जैसे एकदम मैच्योर इंसान हो। वह हमेशा मेरा ख्याल रखता था मेरी हर छोटी बड़ी ख्वाइश पूरी करने की कोशिश करता था।

अपनी पॉकेट मनी में से मेरे लिए कुछ ना कुछ बाहर जाते तो लेकर आते।
मैं भी धीरे-धीरे उसके करीब आने लगी थी।

एक बार ऐसा हुआ मेरे पति को किसी काम से बाहर जाना पड़ा.
और मेरे सास ससुर भी कहीं घूमने चले गए, उन्होंने मुझसे बोला- आप दोनों अपना ख्याल रखना, हम दो दिन में वापस आ जाएंगे.

अब घर में सिर्फ मैं और मेरा देवर रह गए थे।

शाम को मैंने वैसे ही अपना सब काम खत्म किया और रात को सोने की तैयारी करने लगी।
तो मेरे देवर ने मुझसे कहा- भाभी, आज रात को मैं आपके रूम में सो जाऊं क्या?

मैंने भी उसे मना नहीं किया और उसको मैंने पलकें झुका इजाजत दे दी।

बेड की एक तरफ वह लेट गया और दूसरी तरफ मैं लेट गई।

रात को करीब 11:00 बजे के आसपास मैं सो गई.

लेकिन 2:00 बजे के आसपास मैंने महसूस किया कि मेरे पेट पर किसी का हाथ है.
मैंने देखा तो वह मेरे देवर का हाथ था.
उसने मेरा शर्ट ऊपर किया हुआ था और मेरे नंगे पेट पर अपना हाथ फिरा रहा था.

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था तो मैंने उनको कुछ नहीं बोला.

वह धीरे धीरे मेरे और करीब आने लगा और अपनी एक जांघ को मेरी जांघ पर रख लिया।

शायद वह भी अंदर ही अंदर जानता था कि मैं भी उसे पसंद करती हूं और उसके करीब आना चाहती हूं।

फिर उसने अपना हाथ कमीज के ऊपर से ही मेरे बूब्स पर रख दिया और उन्हें हल्का हल्का सा दबाने लगा.

मेरे बदन में एकदम सरसराहट सी दौड़ रही थी; मन तो मेरा ऐसा कर रहा था कि मैं एकदम नंगी हो जाऊं, अपने सारे कपड़ों को अपने बदन से आजाद कर दूँ और अपने बदन को उसके सामने परोस दूं।

पर शर्म औरत का गहना होती है, इतनी जल्दी खुलने में मुझे उसके सामने हिचकिचाहट हो रही थी।

जैसे वह मेरे बदन के साथ अठखेलियां कर रहा था, मैंने उसको मना नहीं किया था तो उसकी हिम्मत और बढ़ती गई.
तो उसने मेरे पजामा का नाड़ा खोल दिया, मेरे पजामे के अंदर अपना हाथ डाल दिया और पजामे को हल्का सा नीचे उतार दिया।

अब मैं थोड़ी डर गई थी तो मैंने उससे कहा- आप यह क्या कर रहे हो?
तो उसने मेरे होठों पर अपने हाथ रख दिए और बोला- भाभी, मैं आपको बहुत पसंद करता हूं. मैं आपका बहुत ख्याल रखूंगा. प्लीज मुझे अपना बना लो!

फिर मैंने उसको कुछ नहीं कहा और मैं आंखें बंद करके लेट गई।

रात का माहौल था, सेक्स के अलावा कुछ दूसरा मुझे भी नहीं सूझ रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे इस दुनिया में बस में और वही है।

फिर उसने मेरा पजामा मेरे पैरों से एकदम अलग कर दिया और मेरी पैंटी को भी उतार दिया.

वह मेरे कमीज को भी उतारने की कोशिश करने लगा लेकिन मैंने उसे मना कर दिया।

अब वह पूरा मेरे ऊपर आ गया था, कभी वह मेरी गर्दन पर किस करता, कभी मेरे होठों को अपने मुंह में लेकर चूसता।

मेरी चूत से तो पहले ही पानी निकलने लगा था।

मैंने उसकी निक्कर में महसूस किया कि उसका लौड़ा पूरा तना हुआ था.
उसने अपना अंडरवियर निकाल दिया और मेरी चूत पर अपना लंड फिराने लगा।

फिर वह मेरे पेट पर किस करता हुआ नीचे मेरी चूत तक चला गया और मेरी चूत को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा.

मैं तो एकदम पागल सी हो गई थी, मेरे बदन और मेरे दिमाग ने साथ छोड़ दिया था.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

लेकिन मैं तो बस ऐसे ही बेड पर मुर्दे की तरह पड़ी रही।
क्योंकि मेरे साथ ऐसा कभी किसी ने नहीं किया था.

मैं तो बस आनंद के समुंदर में गोता लगा रही थी, बस मुझे आनंद पूरा आ रहा था।

वह धीरे-धीरे किस करता हुआ फिर से मेरे पेट के ऊपर और मेरे गर्दन तक आ गया.
अब उसका लंड सीधा मेरी चूत में जाने के लिए तैयार था और धीरे-धीरे करके उसने सारा लंड मेरी चूत में डाल दिया.

वह मेरे बूब्स को भी चूसना चाहता था, मेरे बदन को खूब चाटना चाहता था.
लेकिन मैंने उसको कमीज उतारने की इजाजत नहीं दी.

परन्तु नीचे उसने मुझ पर अपना पूरा हक जमा लिया था, मुझे भी चुदने में बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था।
मैं बस आंखें बंद करके उसकी चुदाई का मजा ले रही थी और अपने आप को चुसवाने और चटवाने का!

बहुत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में निकाल दिया।
इस बीच मेरा भी पानी निकल गया था.

शायद हम दोनों को सेक्स करे हुए बहुत टाइम हो गया था तो हम दोनों जल्दी झड़ गए।

वह सारा वीर्य मेरे अंदर निकालकर मेरे ऊपर लेट गया.

फिर कुछ देर बाद मैं उठी, मैंने अपनी पेंटी और सलवार को पहना और मैं सो गई.

सुबह जब हम उठे तो भाभी देवर की चुदाई के कारण हमारी एक-दूसरे से नजरें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी, ऐसा महसूस लग रहा था कि हमने यह क्या कर दिया।

लेकिन फिर वह रसोई में मेरे पास आया और बोला- जो हुआ भाभी, उसे हो जाने दो, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं. मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगा. अगर आपकी शादी भैया से नहीं हुई होती तो मैं आप को भगा कर ले जाता!

मैं सिर्फ मुस्कुरा रही थी।
उसकी बातों से मुझे हंसी आ रही थी लेकिन अंदर ही अंदर बहुत कुछ गलत भी लग रहा था.

फिर उस पूरा दिन उसने मुझे खूब मनाया कि मैं उसके साथ एकदम घुल मिल जाऊं, उससे खुलकर बातें करू।
क्योंकि वह आने वाली रात को मेरे साथ खुलकर सेक्स करना चाहता था.

दिन जैसे तैसे बीत गया, शाम को हम खाना पानी सब करके रूम में आ गए.
आज उसने मुझसे पूछा भी नहीं कि मैं आपके कमरे में सोऊं या नहीं।

खैर कोई बात नहीं … मैंने उसको कुछ नहीं कहा और मैं बेड पर एक तरफ अकेली होकर सो गई.

कुछ देर बाद वह फिर से मेरे पास आया और मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझसे कहने लगा- भाभी, मान भी जाओ ना!
मैंने उससे कहा- और कैसे मानूं? तुमको अपना सब कुछ तो दे दिया!

वह हंसने लगा.

फिर मैंने उससे कहा- तुमने कल रात ऐसे ही कर लिया था, कंडोम भी यूज़ नहीं किया था. मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी.
तो उसने मुझसे कहा- कोई बात नहीं भाभी, मैं आपको दवाई लाकर दे दूंगाा।

कुछ देर हमने बहुत सारी बातें की।

फिर उसने मुझसे कहा- आप मेरे लिए अपने सारे कपड़े उतार दो, मुझे आपको एकदम बिल्कुल नंगी देखना है. मैं अपनी भाभी जान को एक बार देखना चाहता हूं.
और उसने रूम की लाइट भी ऑन कर दी.

अंदर ही अंदर मेरा भी मन बहुत ज्यादा सेक्स करने को कर रहा था.
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके सामने एकदम नंगी हो गई.

वह बहुत देर तक मेरे बदन को निहारता रहा, फिर उसने मुझे बेड के एक कोने पर खड़ा करके बेड की तरफ को झुका दिया और पीछे से मेरी चूत और गांड को चाटने लगा.

बहुत देर तक मेरी चूत और गांड चाटने के बाद अपना लौड़ा मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.

अब मैं और वह एकदम खुल चुके थे।

धीरे-धीरे करके उसने सारा लंड मेरी चूत में डाल दिया और बहुत देर तक मुझे ऐसे ही चोदता रहा.
मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया था, मेरी चूत एकदम गीली हो गई थी.

फिर उसने मुझे बेड पर सीधा लेटा लिया और फिर से मेरे ऊपर चढ़ गया।
अब मैं अपने चरम सुख पर पहुंचने वाली थी, मेरी चूत से पानी निकलने वाला था, मेरा बदन एकदम अकड़ने लगा था और मैंने उसकी बहुत तेज कोली भर ली।

उसने इतनी तेज तेज धक्के लगाए थे कि मेरी चूत ने सारा पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गई।

बहुत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद वह बेड से नीचे उतरा और नीचे उतर कर खड़ा हो गया।

उसने मुझे बुलाया और मुझे अपना लंड चूसने का इशारा किया.
मैं नीचे बैठकर उसके लंड और आंड को चूसने लगी. मैं उसे चरम सुख देना चाहती थी.

उसको इतना आनंद आ रहा था कि उसने सारा वीर्य मेरे मुंह में निकाल दिया।

फिर हम दोनों थक कर लेट गए.

कुछ देर बाद उसका लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर दोबारा उसने मुझे अपना लौड़ा चूसने को कहा.

मैंने फिर से उसके लौड़ा को अपने मुंह में ले लिया और उसके लंड को दबाकर चूसने लगी.
उसका लौड़ा बिल्कुल सख्त हो गया।

फिर उसने मुझसे घोड़ी बनने को कहा और मैं उसके लिए घोड़ी बन गई.
उसने मेरे दोनों कूल्हों को पकड़ा और एक ही वार में अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत में डाल दिया.

मेरी एकदम चीख निकल गई.
लेकिन कुछ देर बाद मुझे फिर मजा आने लगा और वह घोड़ी बनाए बनाए मेरी सवारी करता रहा।

कुछ देर बाद वह नीचे लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.
मैं उसके ऊपर आ गई और अपनी चूत में उसका लौड़ा ले लिया.
नीचे से वह मेरी चूत में धक्के भी मारता और मेरे बूब्स को और मेरे होठों को भी चूसता।

मेरा सारा बदन एकदम लाल हो गया था.
उसने मेरे सारे बदन पर अपना हक जमा लिया था.

उस रात में किसी पराए मर्द के साथ एकदम चरम सुख का आनंद ले रही थी.

उस रात हमने कई बार कई पोजीशन में सेक्स किया और एक दूसरे में बिल्कुल खो गए.

अब मेरे देवर की कहीं जॉब लग गई है और वह वहां चला गया है.
मैं फिर से अकेली पड़ गई हूं.

आप लोगों को आप बीती सुनाने का मन हुआ तो मैंने अन्तर्वासना पर अपनी कहानी लिख दी।

बेड के जिस कोने पर मेरे देवर ने मुझे जयसे झुकाया था, मैं उसका पिक भी आप लोगों को अपलोड कर रही हूं.

अब कभी कभार जब भी मेरा देवर यहां आता है तो मैं उसे पूरा आनंद देती हूं.
वह भी मेरी जरूरतों का पूरा ख्याल रखता है. उसे अच्छे से पता है कि मुझे क्या पसंद है और क्या नापसंद है।

यह एक सच्ची कहानी है मैं और मेरे देवर की।
आपको मेरी भाभी देवर की चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल करके बताएं।
मेरी यह पहली कहानी है, हो सकता मुझसे इसे लिखने में कोई चूक हुई हो.
[email protected]

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