भांजी ने घर में नथ खुलवाई -2

(Bhanji Ne Ghar Me Nath khulwai -2)

चूतेश 2015-06-03 Comments

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रीना रानी की मक्खन सी मस्त टाँगें देखते ही वहीं लण्ड अकड़ने लगा। उसकी अम्मा, माँ की लोड़ी, बार बार अपने चूचुक दिखाने में लगी थी।

खैर घर पहुँचकर मैंने कहा- मुझे 3 बजे होटल लैंडमार्क में मीटिंग के लिए जाना है।
मैंने यह भी कहा कि रीना को साथ ले जाता हूँ और मीटिंग में कह दूंगा कि यह मेरी सेक्रेटरी है। इसलिए मुझे 2 बजे तक लंच से फारिग कर दिया गया और ढाई बजे मैं और रीना रानी साले की टोयोटा ऑल्टिस कार में होटल के लिए रवाना हो गए।

कार ड्राइवर चला रहा था और हम पीछे की सीट पर थे।
मैंने कार में ही रीना रानी की मस्त जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और उसका नाज़ुक सा हाथ उठाकर अपने लण्ड पर रख दिया।
लण्ड फंसा हुआ था पैंट में लेकिन ज़ोर से अकड़ा हुआ था, रीना रानी ने मज़े लेते हुए उसे अच्छे से दबाया।

कार में तो हम चुपचाप रहे, होटल पहुँच कर हम कॉफी शॉप में जाकर बैठ गए।
रीना रानी ने कहा- फ़ूफ़ा… तू ले तो आया मीटिंग में मुझे सेक्रटरी बनाकर लेकिन मुझे सेक्रेटरी का काम आता तो है नहीं, तो मैं यहीं इंतज़ार करुँगी, तू जाकर मीटिंग कर ले!

मैं बोला- बहनचोद… कौन सी मीटिंग कैसी मीटिंग? मैं तो यहाँ तुझसे बातें करने आया हूँ। घर में रात तक का टाइम बिताना बड़ा ही टेढ़ा काम था। बहनचोद लण्ड अकड़े जा रहा है। अगर मैं यह न कहता कि तुझे सेक्रेटरी बनाकर ले जाना है तो तू मेरे साथ क्या बहाना मार के आती कुतिया?

रीना रानी बोली- मादरचोद कमीने तू बहुत चालू और बदमाश है। मैं भी बड़ी उलझन में थी कि सारा दिन कैसे कटेगा जब तू बहन का लण्ड मेरी आँखों के सामने होगा। साले बहनचोद, एक एक मिनट भारी पड़ रहा है, चूत साली गरमाए जा रही है.. चूचियाँ सख्त हुई पड़ी हैं… गांड में भी चुलबुली हो रही है…

मैंने कहा- तसल्ली रख कुतिया… सब्र का फल मीठा होता है।

फिर मैं उसके साथ खूब चूत चुदाई की बातें करता रहा। अपनी चुदाईयों के अलग अलग स्टाइल्स के बारे में बताता रहा।
बीच बीच में मैंने दो तीन बार उसके पैर भी चूम लिए। मैं अपना पेन नीचे गिरा देता और उसे उठाने के बहाने झुक कर रीना रानी के अति सुन्दर पैर चूम लेता।

रीना रानी मस्ती में डूबे जा रही थी। इसी प्रकार दो तीन बार मैंने अपना I Pad उसे देकर सोफे पर उसके पीछे जाकर कुछ दिखाने के बहाने उसकी गर्दन चूमी और उसके चूचे भी दबाये।
होटल की कॉफी शॉप में इतने लोगों के बीच में इस मस्ती के खेल से रीना रानी खूब उत्तेजित हो गई, बाथरूम चली गई कि चूत बहुत रस छोड़ रही है, पोंछा नहीं तो जीन्स भी गीली हो जायगी, चड्डी तो पूरी भीग ही चुकी है।

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जब रीना रानी बाथरूम से लौट के आई तो मैंने पूछा- यह तो बता मेरी भांजी रानी कि तूने मुझे पहचाना कैसे?

रीना रानी इठलाती हुई बोली- राजे तूने अपनी कहानियों में अपनी बीवी को जूसी रानी कहा है, यह कोई ऐसा नाम तो है नहीं जो काफी कॉमन हो… उसी से पता चल गया.. फिर जो तूने कहानी के लिए जो अपना नाम दिया है वो भी तो तेरे असली नाम का छोटा रूप ही है… बस ऐसे हो गया कन्फर्म… फिर भी मैंने पक्का करने के लिए जूही दीदी से पूछा… तू उनको भी चोदता है ना?

मैंने हैरानी से पूछा- जूही का तुझे कैसे पता चला?’

रीना रानी ने कहा- मैं और जूही दीदी लड़की से लड़की वाला सेक्स करते हैं.. ऐसे ही एक सेक्स के दौरान उन्होंने ही मेरे साथ शेयर किया था कि वो भी तेरी रानियों में एक हैं… उन्होंने ही बताया कि तू बहुत मस्त मजा देता है… तभी तो मुझे धुन चढ़ी कि पहली चुदाई तो तुझ से ही करवाऊँगी।

मैं बोला- माँ की लोड़ियों, तुम दोनों बड़ी मादरचोद हो… और बहुत चालाक भी.. अब बहनचोद यह भी बता दे कि तुझे कैसे पता चला कि मैं तेरी बुआ को जूसी रानी कहता हूँ?

रीना रानी खिलखिला के हंसी… हरामज़ादी बड़ी लण्ड खड़ाऊ मस्त हंसी थी रंडी की… कहने लगी- भोसड़ी के तू जब बुआ को चोदता है तो कितना शोर करता है। बार बार जूसी रानी जूसी रानी चिल्लाता है और बुआ भी राजे राजे राजे बोल बोल के चुदवाती है… हमारी तरफ के सभी लोगों को पता है कि तू बुआ को जूसी रानी बोलता है… बहन के लौड़े इतना शोर आज घर में मचायेगा तो सारी पोल खुल जाएगी। ज़रा काबू में रखियो अपनी जीभ को… कभी लगे ऊँची ऊँची आवाज़ में रीना रानी… रीना रानी… की पुकार मचाने!

मैंने हंस कर कहा- तू मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर बिजी रखियो तो मैं कैसे शोर मचाऊँगा।

शाम को आठ बजे तक हम यूँ ही मस्ती करते रहे, फिर हम वापिस घर आ गए।
रात को खाना इत्यादि में ग्यारह बज गए तो मैंने रीना रानी को इशारा किया कि अपने रूम में जाये!
कहानी जारी रहेगी।

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