चांदनी रात में चूत का पानी मामा की लड़की का

(Chadni Rat Mein Chut Ka Pani Mama Ki Ladki Ka)

बूब्स लवर 2017-07-29 Comments

मामी की लड़की की चुत का पानी मैंने खुली छत पर चांदनी रात में निकाला. चुदाई की कहानी के इस संसार में मेरा आप सभी को नमस्कार। मेरा नाम आकी बूब्स लवर है.. मैं नागपुर से हूँ। मैं 28 साल का हूँ मेरा कद 5’8″ है और मेरे लंड का नाप साढ़े छह इंच का है।
दोस्तो, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली हिंदी सेक्स स्टोरी है.. मैं आशा करता हूँ कि आपको पसन्द आएगी।

बात उन दिनों की है.. जब मैं बस 20 साल का था। मैं अपनी बुआ के लड़के की शादी में गया था, वहां पर मेरे दूर के रिश्ते में मेरी मामा की लड़की भी आई थी। उसका नाम शारदा था.. वो एक कमाल की दिखने वाली लड़की थी। वो 22 साल की एक खूबसूरत बला थी। कोई उसका बदन 34-36-34 का भरा हुआ शरीर देखे तो मेरा दावा है उसका लंड तुरंत पानी छोड़ दे।

शारदा के बड़े-बड़े चुचे.. अह.. जब से मैंने देखे.. तो मेरे मन में उसे चोदने की चाहत जग गई थी।

एक मजे की बात ये थी कि जैसे मैं उसे चोदना चाहता था, वैसे वो भी मुझसे चुदना चाहती थी।

जब भी उसे मौका मिलता.. वो मुझे देखकर इशारे करती। मैं समझ गया था थी कि इसको मेरा कसरती जिस्म भा गया है। मैं उस समय जिम जाता था मेरा बदन काफ़ी गठीला था.. जिस पर वो फिदा हो गई थी।

शादी की तैयारी में मुझे उससे बात करने का मौका नहीं मिला। शादी के दो दिन बाद मैं शाम को छत पर अकेला बैठा था। तो वो सूखे कपड़े उठाने के बहाने आई। उसने मुझे देखा और मेरे पास बैठ गई।

मैंने कुछ इधर-उधर की बातें की और फिर पूछा- तुम मुझे ऐसे इशारे क्यों करती हो?
वो बोली- मुझे तुम अच्छे लगते हो।
मैंने भी मौके पर चौका मार दिया, मैंने भी बोला- मुझे भी तुम अच्छी लगती हो।

ये कह कर मैंने अपना एक हाथ उसकी पट(जांघ) पर रखा दिया.. उसने इसका विरोध नहीं किया, तो मैं भी उसकी मंशा समझ गया। अब मैं उसकी पट को सहलाने लगा और धीरे से एक हाथ से मैंने उसका दूध दबा दिया।
उसे मजा आ रहा था।

मैंने उससे पूछा- आज रात तुम छत पर सोने आओगी क्या?
तो उसने झट से ‘हाँ’ भर दी और वो चली गई।

हम लोगों ने रात 9 बजे साथ खाना खाया और मैं छत पर सोने चला गया। गर्मी की वजह से मैं छत पर सोता था।

मैं उसका इन्तजार करने लगा। वो 10:30 आई और मेरे बगल में लेट गई।
मैंने उससे पूछा- बुआ और बाकी लोग सो गए?
उसने ‘हाँ’ भरी।

हमारी बगल वाली छत भी खाली थी और वहां किसी के आने का डर भी नहीं था.. तो हम दोनों वहां चले गए।

वहां आ कर मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसे किस किया। वो थोड़ी शरमाई.. फिर मेरा साथ देने लगी।

क्या बताऊं दोस्तो.. जब मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से छुआ.. अह.. क्या मस्त अहसास था।

मैं उसके रसीले होंठों को चूसता ही रहा। वो भी चूसने के मज़े ले रही थी। मैंने अपने हाथ से उसके दूध को दबाया.. उसके क्या मक्खन की तरह सॉफ्ट दूध थे.. बड़े-बड़े और कसे हुए मम्मे.. उस पर कड़क निप्पल का मस्त अहसास.. आह.. मुझे तो जैसे नशा सा छाने लगा।

उसने मेरे लंड को ऊपर से ही कसके दबाया, तो मैं समझ गया कि वो अब गरम हो गई है।

मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.. वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी। चाँद की रोशनी में क्या मस्त माल लग रही थी वो.. जैसे कोई अप्सरा हो।

मैंने उसके मम्मों को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिया और पैंटी भी उतार दी। अब मैं भूखे शेर सा उस पर टूट पड़ा। मैं कभी उसे चूमता.. कभी उसके दूध दबाता.. उसकी चुचियों को काटता.. जिससे वो पागल सी हो गई थी।

वो भी मेरे लंड को पकड़ कर हिला रही थी। फिर मैंने लंड को मुँह में लेने का कहा तो मानो वो इसी बात का इन्तजार कर रही थी। उसने लपक कर मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी थी। मुझे तो जैसे चरम आनन्द मिल रहा था।

वो लंड को जोर-जोर से हिला रही थी। मैं झड़ने वाला हो गया था और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.. उसने मेरा पूरा माल चाट कर साफ कर दिया।

अब मैं उसके ऊपर उसके दूध चूस रहा था। मुझे उसकी मोटी-मोटी चूचियां चूसने में काफ़ी मज़ा आ रहा था।

फिर मैं उसके पूरे बदन को चूमता हुआ उसकी चुत तक पहुँच गया। क्या फूली हुई चुत थी दोस्तो.. डबलरोटी जैसे फूली और गीली चुत देख कर मैं तो उस पर टूट पड़ा।

मैं उसकी चुत का पानी चाट रहा था.. तो वो कामुक सिसकारियां ले रही थी ‘आ.. इहह.. आआ..’

मैं अपने हाथ से दूध दबा रहा था। उसने मुझे रोका और बोली- अब मत तड़पाओ.. मेरी प्यास बुझा दो.. डाल दो अपना लंड मेरी चुत में.. और फाड़ दो मेरी चुत.. आह..

मेरा लंड लोहे सा कड़क हो गया था। मैंने उसकी चुत पर अपने लंड को खूब रगड़ा, उसकी चुत का पानी मेरे लंड पर लग गया. फिर मैंने उसकी चुत को चूमा और अपना लंड को उसकी चुत पर सैट करके एक तगड़ा धक्का दे मारा। मेरा लंड उसकी चुत को फाड़ता हुआ आधा घुस गया। उसके मुँह से चीख निकलने को हुई, तो मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया और थोड़ी देर चूसता रहा।

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ, तो मैंने फिर अपना पूरा लंड उसकी चुत में पेल दिया और उसे जोर से धक्के लगाता रहा। कुछ देर तो वो दर्द से कराहती रही, फिर उसे भी मज़ा आने लगा। अब वो भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे जमके चोद रहा था.. साथ ही उसके दूध दबा रहा था।
चुत का पानी वाली यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

कुछ देर बाद वो अकड़ने लगी तो मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है।

मैंने अपने धक्कों की रफ्तार और तेज़ की.. वो दो मिनट में ही झड़ गई.. उसकी चुत का पानी निकला गया लेकिन मैं चोदता रहा। कुछ ही पलों में वो फिर से तैयार हो गई और मैं और जमके चोदने लगा।

अब मैं भी अपनी चरमा सीमा पर आ गया था.. मैं भी झड़ने वाला था। मेरे धक्कों की रफ्तार कुछ तेज़ हुई और करीब 5 मिनट बाद हम दोनों साथ में झड़ गए। मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारियों से उसकी चुत को भर दिया।

क्या अहसास था वो.. जन्नत के जैसे और मैं उसके ऊपर ही निढाल हो गया।

थोड़ी देर लेटे रहने के बाद मेरा लंड फिर फुंफकारने लगा और मैं तैयार हो गया।

फिर से शुरू हुई हमारी चुदाई.. इस तरह हमने रात भर में उसकी 4 बार चुदाई की। मैंने उसे कुतिया बनाकर भी चोदा और अंत में थक कर हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेट कर सो गए। फिर वो करीब 3:30 दूसरी छत पर सोने चली गई।

दोस्तो हम दोनों को वो रात हमारी चुदाई की ज़िंदगी भर याद रहेगी। अब तो उसकी शादी हो गई.. वो भोपाल में है।

आशा करता हूँ कि आपको मेरे मामा की लड़की की चुत का पानी निकालने की यह चुदाई कहानी पसंद आई होगी। मुझे मेल करके बताएं।
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