मेरी मौसी की दो बेटियाँ

मेरा नाम अंकित है, मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना.कॉम का बहुत पुराना पाठक हूँ, काफ़ी समय से सोच रहा था कि अपनी कहानी लिखूँ पर आज मौका मिल रहा है…

बात उस समय की है जब मैं बी.कॉम. के पहले साल में था। मैं एक दिन कॉलेज़ नहीं गया था और घर में ही पोर्न फिल्म देख रहा था। तभी मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई।

आपको बता दूँ कि मेरी मौसी की लड़की की अभी अभी शादी हुई है और वो शादी के बाद पहली बार घूमने आई थी। जीजा जी मार्केट में थे तो दीदी मम्मी से मिलने आ गई।

वैसे दी मुझसे भी खुल कर बात करती थी और मैंने कई बार दीदी के नाम से मुठ भी मारी थी।

दी की बदन आकृति 34-28-36 है और वो परी से कम नहीं लगती।

दी घर पर आई तो मैं बहुत खुश हुआ, मैंने दी को नमस्ते की, दी ने मुझसे पूछा- तू घर पर अकेला अन्दर क्या कर रहा है? मौसी कहाँ हैं?

मैंने कहा- दी, घर में आज और कोई नहीं है।

तो दी बोली- तू?

मैंने कहा- दी कुछ नहीं, बस इम्तिहान आने वाले हैं तो पढ़ रहा हूँ।

दी ने मेरा लैपटॉप पकड़ा तो मैं डर गया था क्योंकि मैं जो पोर्न मूवी देख रहा था वो मैंने बीच में रोक कर पॉज़ मोड में कर दी थी पर दी ने पकड़ लिया तो मैं क्या करता।

मैंने ना बोला तो दी ने मुझे शक भरी नजरों से देखा और बोली- ज्यादा तेज मत बन ! और बहुत गर्मी है, फैन तेज कर दे, कूलर चला दे और रसोई में जाकर मैंगो शेक बना के ला !

मैं चुपचाप उठा और रसोई की और आ गया और करीब 15 मिनट बाद जब मैं कमरे में गया तो मेरे हाथ में मैंगोशेक का जग और खाली ग्लास थे।

दी ने अपना दुपट्टा अलग रखा हुआ था और उनके मम्मे सूट से बाहर आते नजर आ रहे थे।

दी बोली- आ गया तू? आ बैठ !

और कहने लगी- तूने ये वाला चैप्टर कहाँ तक पढ़ा?

और पोर्न मूवी लगा दी..

मैं मैं..मैं.. करने लगा बोला- दी, सॉरी गलती से सी.डी. आ गई, मेरी नहीं है, मेरे फ्रेंड की है।

दी बोली- चल जल्दी से शेक ग्लास में डाल !

मेरे हाथ काम्प रहे थे और मैंने पूरा ग्लास दी के ऊपर गलती से गिरा दिया।

दी गुस्से में बोली- क्या किया तूने यह?

मैं सॉरी…सॉरी… करता रहा।

दी बोली- कोई नहीं, अब अपने जीजू को काल कर और कह कि दी शाम तक आएँगी, मम्मी के साथ मार्केट गई हैं।

मैंने ऐसा ही किया।

और फिर दी बोली- अब ऐसा ही बैठा रहेगा या मेरे कपड़ों का भी कुछ करेगा?

मैं बोला- दी, मैं क्या करूँ?

दी बोली- इधर आ !

और अपने हाथ ऊपर करके बोली- मेरा कमीज ऊपर खींच !

मैंने कहा क्या…

बोली- क्या क्या मत कर ! और जल्दी कर जो कहा है।

मैं कांप रहा था, मैंने दी का कमीज ऊपर खींच लिया और वो ब्रा में मेरे सामने थी…

मैं चोरी चोरी से उनके मम्मे देख रहा था।

फिर उन्होंने अपनी सलवार भी निकाल दी। अब वो केवल काली ब्रा और काली पेंटी में मेरे सामने थी।

मैं दी का नंगा बदन देख पागल सा हो रहा था पर चुपचाप गर्दन नीचे करके खड़ा था।

तभी दी बोली- खड़ा क्या है? जा बाथरूम जा और इनको सर्फ़ में भिगो के आ !

मैंने वैसे ही किया, दी मेरे सामने वैसे ही बैठी थी और बोली- कैसी लग रही हूँ मैं?

मैंने कहा- क्या?

बोली- बता कैसी लग रही हूँ?

मेरा डर थोड़ा कम हुआ, मैंने कहा- अच्छी !

बोली- कितनी अच्छी?

मैंने कहा- बहुत दी !

“तेरी उन पोर्न एक्ट्रेस से भी ज्यादा क्या?”

मैंने कहा- दी हाँ !

दी- तो मुझे प्यार नहीं करेगा?

क्या इतना सुनते ही मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर टिका दिए और उन्हें चूसने लगा।

वो बोली- तू तो पागल है रे !

मैंने कहा- आप चुप रहो, बस अब चुप !

और मैंने उन्हें उल्टा लेटा दिया और चूसने चाटने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी थी, गर्म होने लगी थी, वो आह आह कर रही थी, कह रही थी- खायेगा क्या? आह आह ! मजा आ गया।

फिर मैंने अपने मुँह से ही उनकी ब्रा को खोला और मम्मे चूसने लगा। वो पागल सी हो गई। मैं उन्हें चूसता। कभी निप्पल पर काट देता, वो मेरे बाल नोंच रही थी।

मैंने उनकी पेंटी निकाली और उनकी गुलाबी चूत को देखा तो मैं पागल हो गया, वो गीली हो रही थी, मैंने अपने होंठ उस पर रख दिए और पागलों की तरह चाटने लगा…

वो पागल हो गई और मेरे अंडरवीअर से मेरे लंड निकाल कर चूसने लगी। मैं उनकी चूत चाटता, कभी अचानक से उनके पीछे गांड के छेद में उंगली डाल देता, वो चीख पड़ती।

अब वो बोली- अब नहीं रहा जाता, कुछ कर !

मैंने उन्हें झट से घोड़ी बनाया और अपना लंड अन्दर डाल दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा।

वो ‘आह आह, तेरा लंड कमाल है ! आह आह !’ करती रही और अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपना सारा पानी उनकी चूत में ही गिरा दिया।

अब हम बिस्तर पर लेटे थे, दी बोली- बता अब क्या करें?

मैंने मैंगो शेक में अपना लंड डाला और दी को पिलाया और साथ साथ लण्ड भी चुसवाया, बहुत मजा आ रहा था। मैंने अबकी बार उन्हें अपने लंड के ऊपर बिठाया और फिर ढंग से उन्हें चोदा, मैंने उस दिन दी को चार बार अलग अलग तरीके से चोदा, जितनी भी आज तक ब्लू फिल्में देखी थी, सब एक ही दिन में अजमा ली थी।

शाम हो गई थी, दी तैयार हुई और जाने लगी तो मैंने एक बार फिर उन्हें अपना लंड चुसवाया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

फ़िर दी फिर चले गई, उसके बाद मैंने एक बार और दी की चुदाई की बस !

उसके बाद मैंने कई लड़कियों के साथ सेक्स किया और दी की छोटी बहन के साथ भी !

बात उस समय की है जब मेरी मौसी के छोटे लड़के का जन्मदिन था, तब मैं 21 साल का था और मौसी के घर गया हुआ था। हम सब रात को वहीं रुके थे, मौसी की दोनों लड़कियाँ वहाँ थी और मैं परेशान था, मुझे दी को चोदना था क्योंकि फिर वो अपने घर चले जाती और मैं मौका भी खो देता..

तभी मैंने दी को कहा- रात को छत पर आ जाना सोने !

जीजाजी ने मुझे बुलाया और कहा- बीयर पीने चलते हैं।

मैं और जीजाजी बीअर पीने चले गए, रात को आये, जीजाजी दीदी के साथ सोने चले गए।

मैं मौसी के लड़के के साथ चला गया और सो गया।

रात को करीब बारह बजे उठा और चुपचाप छत पर आ गया। छत पर देखा तो एक बिस्तर लगा हुआ था, उस पर कोई सोया हुआ था।

मैंने सोचा कि दी ही होंगी क्योंकि उन्हें मैंने कहा था छत पर आने केल इये ! सोचा कि आज ढंग से दी की चुदाई करुँगा और अन्दर घुस गया बिस्तर के और अन्दर घुसते ही दी की गर्दन में किस कर दिया।

दी सोयी हुई थी, अभी नहीं उठी थी, मैंने धीरे से अपना हाथ उनके पेट पर डाल दिया और सहलाने लगा, किस करने लगा।

अंधेरे के कारण मैं उन्हें देख नहीं पा रहा था और उनकी पीठ मेरी ओर थी। मेरा हाथ धीरे धीरे उनके मम्मों पर चला गया और मैं हल्के हल्के दबाने लगा। अब वो गरम होने लगी, उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैं घबरा गया था क्योंकि वो मेरी मौसी की छोटी लड़की थी जो मेरी हमउम्र है।

मैं हड़बड़ा कर बोला- स्वाति, तू?

स्वाति- क्यों? सारा प्यार बड़ी बहन को ही देगा? कुछ छोटी बहन को भी दे दे।

मैंने कहा- क्या प्यार?

स्वाति- मुझे तेरे और दी के बारे में सब पता है, दी ने बताया था और उन्होंने ही मुझे छत पर सोने को कहा।

मैं- मतलब?

स्वाति- अभी बताती हूँ।

और मेरे होंठ चूसने लगी। मैं अब उसे किस किए जा रहा था और वो मुझे ! हम दोनों इस तरह पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे कि हमें पता ही नहीं चला, हम दोनों कब नंगे हो गए, अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी, और मैं फ्रेंची में !

मैं उसके मोम्मे चाट रहा था, वो आहा आहा अह कर रही थी और कह रही थी- बहुत तड़पाया अपनी बहन को !

अब मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और उसकी गुलाबी सी चूत चाटने लगा, वो पागल होने लगी और सी सी सी आहा की आवाजें निकालने लगी, उसने मेरी फ्रेंची उतार दी और मेरा लंड जोर से खींचने लगी।

हम फ़ौरन 69 की अवस्था में आ गए। अब मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मजे से मेरा लण्ड चूस रही थी।

करीब 15 मिनट बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं सारा चाट गया।

अब मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगा। वो फिर से गर्म हो गई और कहने लगी- अब कुछ कर दो भाई, वरना मैं पागल हो जाऊँगी।

मैं- करता हूँ पगली ! कह कर चूत से उंगली निकाली और गांड में डाल दी, वो आह कर के मुझसे लिपट गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ ले जाने लगी।

मैंने कहा- ऐसे नहीं, पहले एक बार मुँह में डालो !

उसने झट से मुँह में लिया और चूसने लगी।

अब मैंने उसे सीधा लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाला। चूत थोड़ी कसी हुई थी तो हल्का सा दर्द हुआ उसे, पर एक दो धक्कों के बाद वो कहने लगी- जोर से, और जोर से ! आह आह आह, मजा आ गया !

मैं भी फटापट धक्के मारता रहा और करीब 15 मिनट बाद मेरा निकलने वाला था और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। और वो भी मेरे साथ ही झड़ गई।

5 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए और वो अपने कपड़े उठा कर छत की दूसरी ओर चली गई। मैं उसके पीछे चला गया और उसको दीवार से चिपकाकर उसके पीछे किस करने लगा। फिर हम दोनों ने चुदाई की और हम एक साथ ही झड़ गए। उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम चुदाई करते और हम हमेशा अलग अलग तरीकों से चुदाई करते।

अब उसकी भी शादी हो गई है और मैं भी दिल्ली आ गया हूँ।

आप मुझे मेल जरूर करें।
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