नए लंड के लिए बहक गई- 2

(Naked Hot Girl Chudai Kahani)

नेकेड हॉट गर्ल चुदाई कहानी में शादीशुदा सुंदर लड़की अपनी छोटी बहन के ससुर के लंड से चुद गयी. दोनों की सेटिंग बहन की शादी में हो गयी. बाद में दोनों ने चुदाई का प्रोगाम बनाया.

नमस्कार दोस्तो, मैं सुनीता सिंह अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में आप सभी का दिल से स्वागत करती हूं.
उम्मीद करती हूं आपने मेरी कहानी का पहला भाग
बहन के ससुर का लंड चूसा
पढ़ा होगा और पहला भाग आप सभी को पसंद आया होगा.

जैसा कि आपने नेकेड हॉट गर्ल चुदाई कहानी के पहले भाग में पढ़ा था कि किस तरह से मेरी छोटी बहन की शादी के दौरान मेरी और उसके ससुर की मुलाकात हुई और हम लोग परिवार के साथ घूमने के लिए वाराणसी गए. जहां पर हम दोनों के बीच ऐसा कुछ हुआ, जो कि शायद ऐसे रिश्ते में नहीं होता लेकिन मेरी चुदासी आदत और नए नए लंड लेने की चाहत ने मुझसे ऐसा करवा दिया.

वहीं मेरी बहन के ससुर भी काफी गर्म मिजाज के थे और मेरी जवानी देख कर वो भी अपने आपको रोक नहीं सके.

वाराणसी से वापस आने के बाद उन्होंने मुझसे गुजारिश करते हुए कहा कि मैं कुछ दिन के लिए उनके घर पर रुक जाऊं.
मैं सब समझ रही थी कि वो ऐसा क्यों कह रहे हैं क्योंकि वापस लौटते वक्त गाड़ी में हम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ था, उसके बाद वो मुझे चोदना चाहते थे और इसलिए ही मुझे रुकने के लिए कह रहे थे.

अब आगे नेकेड हॉट गर्ल चुदाई कहानी:

मन तो मेरा भी बहुत था क्योंकि मुझे भी उनके जैसा पहलवान मर्द मिलने वाला था.
लेकिन मुझे ये समझ में नहीं आ रहा था कि हम लोगों का मिलना कैसे होगा क्योंकि घर पर इतने सारे लोगों के होते हुए हम लोगों का मिलना मुझे मुश्किल ही लग रहा था.

जब हम लोग वाराणसी से वापस आए और रात में खाना खाने के लिए सभी लोग इकट्ठा हुए, तो सबके सामने उन्होंने मुझसे कहा कि आपको कुछ दिन हम लोगों के साथ रुकना चाहिए. इसी बहाने मैं आपको अपने खेत और फार्महाउस भी घुमा दूँगा. फिर पता नहीं आप कब हमारे यहां आओगी.

उनके ऐसा कहने से ही मैं उनके अन्दर क्या चल रहा था, सब समझ गई.
वो मुझे अपने फार्महाउस ले जाकर चोदना चाहते थे.
मैं मन ही मन सोचने लगी कि ये तो काफी होशियार आदमी हैं.
इसके बाद मैंने उनसे वहां रुकने के लिए कह दिया.

बस उन्हें मेरी इजाजत मिलने की देर थी और उन्होंने अगले ही दिन फार्महाउस जाने का प्लान बना लिया.

दूसरे दिन हम लोग दोपहर का खाना खाने के बाद उनके फार्महाउस के लिए निकल पड़े.
दोपहर के करीब 2 बज रहे थे और हम कार से उनके फार्महाउस के लिए निकल पड़े.

उनका फार्महाउस करीब 40 किलोमीटर दूर था और हमें एक घंटे का समय लगने वाला था.

रास्ते में वो मुझसे हंसी मजाक कर रहे थे और मैं उनके बगल में बैठी हुई थी.
उस वक्त मैंने साड़ी पहनी हुई थी और बगल से मेरी कमर उन्हें दिख रही थी.

उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि आपकी कमर बेहद खूबसूरत है.
उनके ऐसा कहने पर मैंने भी मजाक में जवाब दिया- आप गाड़ी चलाइए, इधर उधर मत देखिए.
इसके जवाब में उन्होंने कहा- आज तो मुझे लग्जरी कार चलाने का मौका मिला है. आज तो पूरी रफ्तार से कार चलाऊंगा.

मैं समझ गई थी कि वो क्या कहना चाह रहे हैं. मैं मुस्कुरा दी और शांत बैठी रही.

करीब तीन बजे हम लोग उनके फार्महाउस पहुंच गए.

अन्दर जाने के बाद मैंने देखा कि उनके फार्महाउस का मकान काफी शानदार था.
उसमे 5 कमरे थे और काफी अच्छी व्यवस्था थी.

वहां उनका एक नौकर था, जिसका नाम गोपाल था.
गोपाल ही वहां की देखरेख करता था.

कुछ देर आराम करने के बाद हम दोनों खेतों की तरफ निकल पड़े और गोपाल हमारे खाने की व्यवस्था करने लगा.

खेत घूमने के बाद करीब पांच बजे हम लोग कमरे में आ गए.
गोपाल ने खाना तैयार कर दिया था और मनोज जी ने गोपाल को घर जाने के लिए कह दिया.

इस दौरान मैंने अपने कपड़े बदले और एक पतली सी नाइटी पहन ली.

सफर की थकावट दूर करने के लिए मैं बिस्तर पर लेटी हुई थी और मुझे नींद आ गई.
जब मेरी नींद खुली तो रात के 8 बज चुके थे.

मैंने अन्दर देखा लेकिन मनोज जी कही दिख नहीं रहे थे.
जब मैं कमरे से बाहर निकली तो देखा कि मनोज जी बाहर आंगन में कुर्सी लगाकर बैठे हुए थे.

मैं उनके पास गई और मैं भी उनके सामने की कुर्सी पर बैठ गई.
उस समय बाहर ठंडी हवा चल रही थी, जिससे मुझे ठंड लग रही थी क्योंकि मैंने उस वक्त एक पतली सी नाइटी पहनी हुई थी.

मनोज जी की नजर उस समय मुझे ही देख रही थी क्योंकि नाइटी के सामने से मेरी ब्रा झलक रही थी.
कुछ देर तक हम दोनों वहीं बैठे हुए बातें करते रहे और करीब आठ बजे हम दोनों अन्दर चले गए.

मनोज जी ने सभी दरवाजे खिड़कियां बंद कर दीं और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
खाना खाने के बाद मैं बेडरूम की तरफ चल दी और मेरे पीछे ही मनोज जी भी बेडरूम में आ गए.

बेडरूम में आते ही उन्होंने मुझे पीछे से जकड़ लिया.
मैं कुछ देर उनसे छूटने की कोशिश करती रही लेकिन उन्होंने मुझे मजबूती से पकड़ा हुआ था.

मैं शांत होकर खड़ी हो गई और मनोज जी मेरे गले को चूमने लगे.
कुछ देर में उन्होंने मुझे पलट दिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं भी उनका साथ देने लगी और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.

कुछ ही देर में उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरे पेट में चुभने लगा.
मनोज जी ने मेरे होंठों को चूमते हुए ही मेरी नाइटी निकाल दी और इसके बाद अपनी टी-शर्ट और लोवर भी निकाल दिया.

अब मैं ब्रा पैंटी में थी और वो केवल पैंटी में.
उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मैं उनके चौड़े फौलादी सीने से चिपक गई.

उनके दोनों हाथ मेरे गोरे बदन पर चलने लगे और उन्होंने मेरे बदन पर चुम्बन की बारिश शुरू कर दी.

वो अपनी जीभ निकाल कर मेरे गोरे चिकने बदन को चाट रहे थे और मैं भी उनके फौलादी जिस्म को सहला रही थी.

जल्द ही उन्होंने मेरी ब्रा खोलकर अलग कर दी और मेरे दोनों गोरे गोरे दूध आजाद होकर उनके सामने आ गए.

मेरे मम्मों को देखते ही जैसे उन्होंने अपना आपा ही खो दिया और मेरे मम्मों पर टूट पड़े.
मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में भरकर बुरी तरह से चूसने लगे और दूसरे दूध को अपने मजबूत हाथों से मसलने लगे.

मेरे मुँह से बडी ही कामुक आवाज निकलने लगी- ऊऊ ऊऊह आआह ऊफ़्फ़ ओहह!
जिसे सुनकर मनोज जी को और ज्यादा जोश आ रहा था.

खड़े खड़े ही उन्होंने मेरे दोनों मम्मों को बुरी तरह से निचोड़ डाला और मुझे जल्द ही अपने मम्मों पर तेज जलन होने लगी.
मैं उन्हें रोकने लगी लेकिन वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. बुरी तरह से मेरे दोनों दूध को मसल रहे थे और चूस रहे थे.

मेरे गोरे दूध उनके मसलने से बिल्कुल लाल हो गए थे.
बड़ी मुश्किल से उन्होंने मेरे मम्मों को छोड़ा और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया.

मुझे बिस्तर पर लिटाने के बाद वो तुरंत ही मेरे ऊपर आ गए और मेरे बदन को बुरी तरह से चूमने लगे.
वो इस तरह से मुझे चूम रहे थे जैसे कि मुझे आज खा ही जाने वाले थे.

मैं भी उस समय पूरी तरह से जोश में आ गई थी और बिस्तर पर इधर उधर मचल रही थी.
जल्द ही वो मेरी जांघों तक पहुंच गए और मेरी जांघ को सहलाते हुए चूमने लगे.

फिर उन्होंने मेरी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़कर नीचे करना शुरू किया और जल्द ही मैं पूरी तरह से नंगी हो गई.
मैं शर्म के कारण अपने हाथों से अपनी गुलाबी चूत को छुपाने लगी और उन्होंने मेरे हाथ पकड़कर अलग कर दिए.

अब पहली बार उन्होंने मेरी चूत के दर्शन किए.
मेरी गुलाबी चूत देख उनके आंखों में एक अलग ही चमक दिखाई पड़ रही थी.

उन्होंने बिल्कुल भी देर नहीं की और मेरी चूत पर झुक गए.
वो मेरी चूत को अपने मुँह में भरकर चूसने लगे.

जैसे जैसे वो मेरी चूत को चूस रहे थे, वैसे ही मुझे करंट जैसा झटका लग रहा था.
मैं बिस्तर पर बुरी तरह से मचल रही थी.

जल्द ही मेरी चूत ने जवाब दे दिया और मैं झड़ गई.
लेकिन उन्होंने मेरी चूत को नहीं छोड़ा और चूत को चाट चाट कर एक एक बूंद पी गए.

वो लगातार चूत को चाटे जा रहे थे और इसी से मैं एक बार फिर से गर्म हो गई.

अब उन्होंने भी अपनी चड्डी निकाल दी और उनका मोटा सा काला लंड बाहर निकल आया.

वो अपने हाथों से लंड को आगे पीछे करने लगे, जिससे उनका बड़ा सा सुपारा बार बार चमड़ी से बाहर निकल रहा था.

आज तक मैंने जितने भी लोगों के साथ चुदाई की थी, मनोज जी का लंड उन सभी लोगों से मजबूत लंबा और मोटा था.

अब मनोज जी मेरी चुदाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे और उनसे भी रुका नहीं जा रहा था.
उन्होंने मेरे पैरों को फैलाया और मेरे ऊपर आ गए.

मेरे दोनों घुटनों को मोड़ते हुए उन्होंने अपने दोनों हाथ फंसा लिए और अपने लंड को चूत में लगा दिया.
उन्होंने मेरे गाल को चूमते हुए एक धक्का लगा दिया, जिससे कि उनका लंड चूत को फैलाता हुआ आधा अन्दर घुस गया.

मेरे मुँह से जोर की आवाज निकली- ऊऊईई ईई मम्मीई ईई आआह … आराम से ऊऊफ़्फ़!

अब उन्होंने दुबारा धक्का दिया और उनका पूरा लंड चूत की गहराई तक उतर गया.
मेरी चूत ने बड़ी आसानी से उनके लंड को अन्दर समा लिया था.

जल्द ही उन्होंने धक्के मारना शुरू किया.
पहले धीरे धीरे से लेकिन जल्द ही उन्होंने अपनी रफ्तार तेज करना शुरू कर दिया और जल्द ही वो अपनी पूरी रफ्तार से मुझे चोदने लगे.

वो इतनी जोर से चोद रहे थे कि उनके मुँह से जोर जोर से आवाज निकल रही थी ‘आआह आआह आआह आआह.’

वहीं मैं भी पूरी मस्ती में थी और उनके मोटे लंड का भरपूर आनन्द ले रही थी ‘ऊऊ ऊऊऊ आआह आआह आआह उफ़्फ़.’

उन्होंने मेरे दोनों मम्मों को अपने चौड़े सीने के नीचे दबा रखा था, जिससे मेरे दूध बुरी तरह से दबे हुए थे और उनके धक्के मारने के साथ ही उनके सीने पर रगड़ रहे थे.

वो बिल्कुल धुंआधार तरीके से मुझे चोद रहे थे और पूरे कमरे में हम दोनों की ‘आआह आआह …’ की आवाज गूंज रही थी.
जल्द ही मेरी चूत इतनी ज्यादा गीली हो गई कि उसमें से फच फच की आवाज निकलने लगी.

कसम से दोस्तो, वो जिस प्रकार से मुझे चोद रहे थे, उससे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि वो 50 से ज्यादा साल के हैं.
कभी कभी तो वो इतना जोर से धक्का लगा देते थे कि मैं जोर से चिल्ला उठती थी.

हम दोनों ही एक दूसरे को बुरी तरह से जकड़े हुए थे और उनका लंड मेरी चूत में किसी मशीन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था.
करीब 15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद मैं झड़ गई और उसके कुछ देर बाद ही वो भी झड़ गए और अपना लावा मेरे अन्दर ही उड़ेल कर मेरे ऊपर ढेर हो गए.

हम दोनों पसीने से बुरी तरह से भीग चुके थे और दोनों बुरी तरह से हांफ रहे थे.

कुछ देर बाद उन्होंने लंड बाहर निकाला और बगल में लेट गए.
मैंने एक कपड़े से अपनी चूत को साफ किया और लेट गई.

कुछ देर बाद हम दोनों फिर से गर्म हो गए और चुदाई का दूसरा दौर शुरू हो गया.

इस बार उन्होंने मुझे कई अलग अलग तरीकों से चोदा, जैसे कभी घोड़ी बनाकर, कभी खड़े करके, कभी मुझे दीवार से चिपकाकर.

कभी वो मुझे अपनी गोद में उठा लेते, तो कभी मेरी एक टांग उठाकर मुझे चोदने लगते, तो कभी मैं उनके ऊपर आकर उनके लंड पर कूदने लगती.

नेकेड हॉट गर्ल चुदाई का ये दूसरा दौर लगभग 25 मिनट तक चला.
इस बार भी हम दोनों एक दूसरे को पूरी तरह से संतुष्ट किया.

इसके बाद तीसरी बार भी ऐसे ही कई तरीकों से उन्होंने मुझे चोदा.
तीसरी चुदाई में उनका पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था और हम दोनों ही बुरी तरह से थक गए थे.

फिर मैंने उनके लंड को जोर जोर से हिलाते हुए अपने मुँह से चूसा, तब जाकर उनका पानी निकला और वो झड़े.
उस रात हमने बस तीन बार ही चुदाई की और अगली सुबह 9 बजे तक सोते रहे.

हम दोनों पूरी रात बिना कपड़ों के नंगे बदन एक दूसरे से चिपके रहे.
सुबह जागते ही हम दोनों ने एक बार फिर से चुदाई की और उसके बाद फ्रेश होने के लिए बाथरूम गए.
बाद में नहाने के समय उन्होंने मुझे बाथरूम में एक बार और चोदा.

शाम को हमें वापस जाना था और इससे पहले दोपहर में उन्होंने मुझे एक बार और चोदा और शाम को हम लोग वापस घर लौट आए.

अगले दिन मैं अपने घर के लिए निकल गई.

उसके बाद हम लोग अक्सर फोन से एक दूसरे से जुड़े रहे और उनके साथ मैं एक रात होटल में भी रुकी.

अभी तक तो हमारे बीच इतनी ही चुदाई हुई है.
लेकिन अगर आगे हम मिलते हैं और हम दोनों के बीच कुछ खास होता है तो उसे भी एक नई सेक्स कहानी के माध्यम से आप लोगों को बताऊंगी.

उम्मीद करती हूं कि मेरी ये नेकेड हॉट गर्ल चुदाई कहानी आप लोगों को पसंद आई होगी.
धन्यवाद.
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