बचपन के प्यार से शादी और सेक्स

(Love Marriage Sex Kahani)

सोना 1027 2023-11-12 Comments

लव मैरिज सेक्स कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की एक लड़की से मेरी दोस्ती थी. वह मुझे पसंद करती थी. मेरी मम्मी भी उसे पसंद करती थी. हम दोनों की शादी हो गयी. उसके बाद …

दोस्तो, आज मैं आपको एक ऐसी कहानी को बताने जा रहा हूं … जो एकदम सच्ची है.
आप यह लव मैरिज सेक्स कहानी पढ़ कर बताएं कि आपको कैसी लगी.

मेरा नाम राज है और मैं पटना में रहता हूं.

मेरे घर के बगल में ही अंकल आंटी रहते हैं.
अंकल सरकारी कर्मचारी है और आंटी हाउस वाइफ हैं.

सौम्या उनकी इकलौती बेटी है.
वह बचपन से ही थोड़ी समझदार टाइप की थी.
बचपन में मेरी मां कह देती थीं कि तुम दोनों शादी कर लेना.
हम दोनों ही झेंप जाते.
पर शायद उसे मैं हमेशा से पसंद था.

फिर मैं इंजीनियरिंग करने बाहर चला गया.
वह भी चली गई.

यह बात लॉकडॉउन की है.

मैं घर पर था.
मेरी गर्लफ्रेंड ने भी मुझसे ब्रेकअप कर लिया था.

सौम्या मेरे घर में आती जाती रहती थी.
हम दोनों आपस में बातचीत भी करते थे.

घर पर भी लोग हमें देखने तक नहीं आते थे कि हम दोनों अकेले में क्या कर रहे हैं.
उनके विचारों में हमारे जवान होने के बाद भी किसी तरह का बदलाव नहीं आया था.

एक दिन की बात है. मैं सोया हुआ था और वह सुबह घर आई.

मम्मी ने उसे कहा- राज को जगा लो, दोनों चाय पी लेना.

वह चाय लेकर आई.
उसने चाय की ट्रे रखी और मुझे जगाने लगी.

मैं गहरी नींद में सोया हुआ था.
दो तीन बार जगाने पर भी जब मैं नहीं उठा, तो वह मेरा हाथ पकड़ कर खींचने लगी.

मैंने नींद में ही उसे अपने करीब खींच लिया और हग करके उसके होंठों पर किस कर दी.

दरअसल मैं नींद में उसे अपनी गर्लफ्रेंड समझ रहा था.
पर फिर अन्दर याद आया वह तो मुझे छोड़ कर जा चुकी है तो ये कौन है!

यह याद करते ही मेरी फटी और नींद खुल गई.
वह भी उठ कर बैठ गई.

मैंने देखा सौम्या कांप रही थी.
मैंने उससे सॉरी कहा और कहा मैंने तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड समझ लिया.

यह सुनकर वह उठी और चाय छोड़ कर चली गई.
मुझे लगा मेरी वजह से नाराज हो गई है.

वह तीन दिन तक घर नहीं आई.

फिर एक दिन शाम को आई.
मैंने कहा- सॉरी सौम्या, उस दिन मुझसे भारी भूल हो गई थी.

उसने हंस कर बात को टाल दिया.

फिर यूं ही हम दोनों में बातचीत होती रही.

एक दिन शाम को हम बात कर रहे थे.
तो उसने पूछा- तुम उस दिन किसके बारे में सोच रहे थे?

मैंने अनजान बनते हुए पूछा- क्या?
उसने कहा- मैं समझ गई कि तुमने सॉरी क्यों कहा.

मैंने पूछा- इतना गौर करती हो मेरी बातों पर?
उसने कहा- अब इतना तो हक है!

मैंने सब बता दिया.

उसने मेरी आंखों में देखते हुए कहा- तुम्हें भी कोई खोना चाहेगी क्या?
मैं समझा नहीं.
वह चली गई.

फिर दीवाली आई.
हम सब मिल कर घर पेंट कर रहे थे.
वह भी काम में हाथ बंटाती थी.

मेरे कमरे में पेंट की बारी आई, तो उसने रंग पसंद करके बताया. मैंने भी वही रंग सोचा था. मुझे सौम्या और ज्यादा अच्छी लगने लगी.

फिर वह कमरे में आई तो मैं पेंट कर रहा था.

वह मेरे लिए चाय लेकर आई थी.
मैं चाय पीने लगा तो वह खुद ब्रश उठा कर पेंट करने लगी थी.

उस वक्त मुझे उसको देखने में बड़ा सुखद लग रहा था, मुझे उस पर प्यार आ रहा था.

आज मैं उसका फिगर देखने लगा था.
उसकी काया मुझे बड़ी ही कमनीय लग रही थी.

मैं आपको भी उसकी फिगर बता दूँ.
वह 34-30-36 की थी.
उसकी आखें एकदम गहरी मानो कोई नेचर का पोर्ट्रेट देख रहे हों.

दूसरे दिन बाहर की ओर पेंट चल रहा था.
वह मुझे चाय देकर खुद सीढ़ी के ऊपर चढ़ कर पेंट कर रही थी.

मैं उसे देखते हुए चाय पीने लगा.
पेंट का ब्रश डिब्बे में डुबोने के चक्कर में वह एकदम से फिसल गई.

मैंने चाय का कप छोड़ा और उसे लपक लिया.
वह आह करती हुई मेरे एकदम करीब हो गई थी.
मैं उसकी आंखों में खो गया.

चाय का कप गिरने की आवाज हुई.
तो मम्मी की आवाज आई- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं … कप गिर गया मेरे हाथ से.

फिर वह संभली और मुझे देख कर स्माइल करके बोली- हमेशा बचाओगे क्या?
मैंने भी उस अहसास को पहली बार महसूस किया था.

मैंने पता नहीं कैसे बस कह दिया- हां.
वह मेरे पास आई और बोली- सच में?

मैंने उसकी आंखों में देखते हुए उसे अपने गले से लगा लिया और कहा- हां हमेशा.
वह भी मेरी बांहों में कटी हुई डाली की तरह गिर सी गई.

मैंने उसका चेहरा उठाया और कहा- आई लव यू.
उसने कुछ भी नहीं कहा और चली गई.

मैं फिर उसका इंतजार करने लगा.
दीवाली के दिन वह फिर से आई.

मैंने कहा- प्रपोज किया था, घर नहीं आने के लिए नहीं कहा था.
उसने कहा- अच्छा जी, मिस कर रहे थे अपनी मिसेज को!

मैंने उसकी आंखों में देखा तो वह शर्मा गई.
तो मैंने कोहनी मारते हुए कहा- हां, मिसेज राज.

उसने सर झुका लिया और मुस्कुरा दी.
फिर हम सब दीवाली मनाने लगे.

दीवाली के अगली सुबह वह सुबह सुबह आई और मम्मी और मेरे लिए चाय बना कर लाई.

मम्मी को देने के बाद वह मेरे कमरे में आई और मुझे उठाने लगी.

मैं उठ गया था पर मैंने जानबूझ कर उसे फिर से खींच लिया और किस कर दिया.

उसने मुझे धक्का दिया और कहा- बचपन से तुम्हें प्यार किया है. क्या तुम भी करते हो?
मैंने कहा- देख लो.
उसने कहा- ठीक है.

फिर उस दिन के बाद हम दोनों नहीं मिले.
मैं जॉब पर वापस आ गया और वह भी.

6 महीने बाद मैं अपने घर गया.
वह भी आई हुई थी या शायद उसे पता था कि मैं आऊंगा.

अगले दिन फिर से मेरी पत्नी की तरह चाय लेकर आ गई.
मैं जाग कर बैठा हुआ था.

वह देख कर ऐसे मुस्कुराई जैसे जानती हो कि मैं उसका इंतजार कर रहा था.

चाय लेते हुए मैंने एक सिप ली और उससे पूछा- पूरी लाइफ केयर करोगी?
उसने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या?

फिर मैंने अपना कप उसकी तरफ बढ़ा दिया.
उसने बेहिचक मेरी जूठी चाय से एक सिप ले लिया और अपने हाथ से में खुद मुझे पिलाने के लिए आगे झुकी.
मैंने भी पी ली.

उसने मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा- गुड ब्वॉय.
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कहा- किस्सी चाहिए मेरे बाबू को!

यह कह कर वह मेरे चेहरे पर झुकी और एक जोरदार किस दे दिया.
फिर कहा- सो स्वीट.

मैंने उसकी आंखों में प्यार से देखा.
उसने कहा- ये रोजाना चाहिए है तो सोच लो.

मैंने कहा- सोच कर ही आया था.
उसने कहा- क्या?

मैंने कहा- अभी देख लेना.
वह चली गई.

मैं उसकी मम्मी के पास गया और अपने और उसके बारे में बात की.
उन्होंने कहा- वह मेरी बेटी है और खुद समझदार है. वह जॉब भी करती है, उसे ही अपना फैसला लेना है. हम उसके साथ हैं.

फिर ये बात हमारे घर वालों ने की और हमारी शादी हो गई.

पहली रात को वह पहले से ही कपड़े चेंज करके बैठी थी.
मैं अन्दर आया तो उसने कहा- आप भी चेंज कर लो पतिदेव.
यह सुन कर मुझे अच्छा लगा.

मैं चेंज करके आया तो उसने हमारे लिए वाइन के दो ग्लास तैयार करके रखे थे.
मैंने कहा- वाह दूध की जगह सोमरस!

उसने मुझे ताना मारते हुए कहा- पुराने ख्यालों की नहीं हूँ मैं!

मैं उसके पास गया और उसके बालों में पीछे से साथ डाल कर उसे अपने चेहरे के पास लाकर कहा- तुम बचपन से इंतजार कर सकती हो … और मैं तुम्हारे दिल की बात नहीं समझता तो फिर प्यार किस बात का?

वह मेरी आंखों में देखने लगी और फिर उसने कांपते होंठों से मुझे चूम लिया.
मैंने भी उसे चूम लिया.

हम दोनों अलग हुए और हमने वाइन का पैग लिया.
कुछ देर बात करते हुए हम दोनों बिना कुछ किए वैसे ही सो गए.

सुबह 4.30 पर आंख खुली.
हल्की हल्की रोशनी आ रही थी.

मैं उठने लगा तो उठ नहीं पाया.
उसने मुझे जकड़ रखा था.

मेरे हिलने से वह भी उठ गई.
उसने ऐसे ही मुझे अपनी ओर खींच लिया और एक लंबा किस हुआ.

उसके बाद उसने कहा- ये तो हुआ मेरे हक का … अब आप कुछ पियेंगे?

मैंने उसकी तरफ देखा.
वह मुस्कुरा रही थी.

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा.
वह घूम कर मेरी गोद में सीने से सीना लगा ऐसे बैठ गई जैसे चंदन से लिपटा सांप.

मैंने उसकी गर्दन पर एक छोटा सा किस किया.
उसने अपना हाथ पीछे करके मेरे बालों में अपनी उंगलियां फंसा लीं, फिर अपनी ओर खींच कर किस कर लिया.

मैंने पीछे से उसके गाउन का स्ट्रैप खोल दिया और दोनों हाथ आगे ले आया.

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने एक मम्मे पर रख दिया.
मेरा दूसरा हाथ सरकते हुए उसके पेट और नाभि से खेलने लगा.

अब उसकी काम वासना से भरी हुई सिसकारी निकल गई.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पल को निचोड़ रहा था.

हमें दस मिनट हो चुके थे.
अब वह गोद से उतरी और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे खाने लगी.

वह किस करते करते मेरी चड्डी तक पहुंच गई.
मैं उसकी चूचियों से खेल रहा था.

उसने सीधे ही मेरी चड्डी खींच दी.
मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसके सामने था.

उसने उसे अपने हाथों में भरा और लौड़े की मुठ मारती हुई बोली- बचपन से एक ही सपना था कि तुम्हारी होना है. मेरी सहेलियों ने मुझसे कहा भी कि मजे कर ले, पर मुझे तुम्हारी होना था. तुम तो कर चुके हो!
मैंने उसके मुँह पर हाथ डाला और उसे अपने पास खींचते हुए कहा- अब बस तुम्हारा ही तो हूँ.

उसने कहा- यदि भरोसा ऐसा था तो बचपन में कहते … एक बार भी तुम्हें छोड़ कर नहीं गई होती.
मैंने कहा- फिर तुमसे प्यार कैसे होता?
वह मुस्कुरा दी.

उसने मेरे लंड को पकड़ा और मुँह में भर कर चूसने लगी.

फिर जब मुझे लगा कि अब रुक पाना मुश्किल है, तो मैंने उसे सीधा उठाया और बेड पर गिरा दिया.

उसने मेरी तरफ देख कर मुझे उंगली से इशारा करके चूत का रास्ता दिखाया.

मैंने कहा- ऐसे नहीं.
उसने मेरी तरफ देखा.

मैंने उसे उठाया और उसके शरीर पर कसे हुए ब्रा पैंटी को उतार दिया.
फिर दीवार से चिपका कर उसके दूध पीने लगा.
मैं एक चूची मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसका गला दबा रखा था.

थोड़ी ही देर में वह मचलने लगी और मेरे लौड़े को हाथ में लेकर दबाने लगी.
उसने कहा- बस पतिदेव, अब चोद दीजिए ना!

मैंने कहा- ठीक है.

मैं भी खड़ा खड़ा थक गया था.
मैंने उसे बेड पर लिटाया और चूत चाटने लगा.

उसने कहा- कल भी यहीं रहूँगी और मेरी चूत भी … अभी पहले चोद दो ना प्लीज!

मुझे उसकी मासूमियत भरे चेहरे पर प्यार आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया.

काफी गीली चूत थी.
थोड़ा इधर उधर करने पर लंड का सुपारा अन्दर फंस गया.

उसे हल्का सा दर्द हुआ.
वह उछली.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने दर्द भरे भाव से कहा- कुछ भी नहीं … बस रुकना मत, डाल दो तुम.

मैंने एक ही बार में पूरा लंड जड़ तक पेल दिया.

उसकी बहुत जोर से चीख निकली, जिसे सुन कर उसकी चचेरी बहन मानसी जो दिल्ली में डॉक्टर थी और शादी में आई थी, वह हमारे ही बाजू वाले कमरे में रुकी हुई थी.
मानसी जाग गई और अपने कमरे से उठ कर आकर दरवाजा खटखटाने लगी.

पर मेरी बीवी जो अपने नाखून मेरे पीठ में चुभो चुकी थी, अब चुप थी.
फिर उसकी बहन चली गई.

इधर मैंने भी उसे प्यार से सहलाते सहलाते उसका दर्द कम किया.

उसने मेरी आंखों में ऐसे देखा मानो उसने मुझे जीत लिया हो.

अपने आंसू पौंछते हुए आंखों से ऑर्डर दिया- आगे बढ़ो.
मैंने उसकी आंखों में देखते हुए चोदना शुरू किया और 15 मिनट चोदने के बाद वह झड़ गई.

मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया और उसकी चूत में लंड पेल दिया.
इस आसन में मेरा लौड़ा सीधा उसकी बच्चेदानी में ठोकर मारकर वापस आ गया.

वह चिहुंक उठी और उसने कराहते हुए कहा- पतिदेव मर गई.

मैं खड़ा हुआ और उसे दीवार से लगा दिया.
एक तरह से वह हवा में लटकी हुई थी.
मेरा लंड उसकी चुत में फंसा था.

मैं उसे चोदने लगा.
वह मेरी ताकत की कायल हो गई थी और चुदाई का मजा लेने लगी थी.

काफी देर बाद मैं थक गया तो मैं उसे वैसे ही लेकर लेट गया.

वह मेरे ऊपर आ गई और अपनी गांड उठा उठा कर चूत में लंड लेने लगी.

इधर मैं उसकी चूचियों को निचोड़ रहा था.
वह पागलों की तरह आह आह कर रही थी.

फिर हम दोनों एक साथ आह आह करते हुए झड़ गए.

मैं उसे उठा कर बाथरूम में लेकर जाने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपने चेहरे से ढक दिया और होंठ चूसने लगी.

लेकिन मुझे गेट बंद होने की आवाज आई.
मुझे लगा बाथकमरे में कोई है.

मेरा और मेरे बगल वाले कमरे का साझा बाथरूम है.
मैं रुक गया.

फिर मैं आगे बढ़ा.
दरवाजा हल्का सा खुला था.

पर उस टाइम मैंने गौर भी नहीं किया, बस बाथरूम में आ गया.

उधर भी साफ सफाई के बाद हमारी चुदाई होने लगी और बहुत देर तक हुई.

चुदाई की आवाज़ शायद मानसी ने सुनी ही होगी, जो उस टाइम हम दोनों के ध्यान में नहीं आई.

अगली कहानी में बताऊँगा कि उसकी बहन मानसी के बारे में मुझे कुछ और पता चला और आगे क्या कैसे हुआ.
यह सब पढ़ने के लिए मेरी सेक्स कहानी का इंतजार करें.

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