मैरिड कपल के गांडू दोस्त की शादी- 4

(New Dulhan Sex Kahani)

सनी वर्मा 2023-11-04 Comments

न्यू दुल्हन सेक्स कहानी में दुल्हन अपने पति के साथ सेक्स के लिए मान नहीं रही थी तो पति ने अपने दोस्त की बीवी को उसे मनाने के लिए कहा. लेकिन दोस्त कि बीवी ने उसे अपने शौहर से ही चुदवा दिया.

दोस्तो, आपने मेरी कहानी के पिछले भाग
कुंवारी दुल्हन को सेक्स के लिए मनाया
में पढ़ा कि तबस्सुम ने सानिया के मन से सेक्स का डर निकालने के लिए उसे अपने शौहर से सेक्स करने को कहा.
तीनों एक बेड पर लेट गए.

तबस्सुम बोली- ये तो सो गयी, चलो हम भी सो जाते हैं.
जुनैद ने तबस्सुम को अपने से चिपटा लिया.

अब आगे न्यू दुल्हन सेक्स कहानी:

तबस्सुम बोली- अभी रुको, इसे सो जाने दो पूरी तरह!
पर जुनैद माना नहीं. उसने तबस्सुम को चूमना चाटना शुरू कर दिया.

तबस्सुम भी गर्म हो गयी थी.
वह भी जुनैद के होंठों से होंठ भिड़ाये उसका साथ दे रही थी.

सानिया दम साधे उनकी आवाजें सुन रही थी.

जुनैद तबस्सुम से नाईटी उतारने की जिद कर रहा था.
पर तबस्सुम ने उतारी तो नहीं पर ऊपर कर दी.

जुनैद ने उसकी चूत में उंगली करनी शुरू की, तबस्सुम की आह निकल गयी.

तब जुनैद 69 हो गया और अपना लंड तबस्सुम के मुंह में दे दिया.
तबस्सुम ने उसे लपक लिया और लपर लपर चूसने लगी.

जुनैद बिल्कुल नंगा हो गया था.
उसने तबस्सुम की भी नाईटी उतार ही दी और तबस्सुम के मम्मे चूसने लगा.

तबस्सुम भी अब बेकाबू हो रही थी पर उसने अपने को काबू किया और फुसफुसा कर जुनैद से कहा- रुको, मुझे ऊपर आकर चोदना है तुम्हें! पर अभी दो मिनट रुको.

कहकर तबस्सुम सानिया से चिपटी और उसके मम्मे दबा लिए.
सानिया जगी हुई तो थी ही, वह पलटी और उसने अपने होंठ ताबस्स्सुम के होंठों से भिड़ा दिए.

तबस्सुम ने उसकी नाईटी ऊपर की और उसकी चूत में उंगली घुसा दी.
सानिया की चूत तो पहले से ही पानी पानी हो रही थी.

तबस्सुम ने सानिया की नाईटी उतारने की कोशिश की तो सानिया हिचकती रही, पर गर्म वह भी हो चुकी थी.
तब तबस्सुम ने जबरदस्ती उसकी नाईटी उतार ही दी और उससे चिपट गयी.

सानिया उसे कस के भींचे थी.

तबस्सुम के पीछे से जुनैद चिपटा और अपना लंड उसकी गांड की दरार से टकराने लगा.
जुनैद उसकी पीठ चूम रहा था.

तबस्सुम ने जुनैद का हाथ पकड़ा और आगे सानिया के मम्मों पर रख दिया.

सानिया सन्न …
जुनैद के हाथ उसके नाज़ुक मम्मों पर मचलने लगे.

तबस्सुम से सानिया से पूछा- लंड पकड़ेगी जीजू का?
सानिया कुछ नहीं बोली.

तबस्सुम ने उसका हाथ पकड़ा और उसे थमा दिया जुनैद का टनटनानाता हुआ लंड.

सानिया ने एक बार तो उसे मजबूती से पकड़ा पर शर्मा कर छोड़ दिया.
वह तबस्सुम से बोली- दीदी, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो सहा, मैं जा रही हूँ.

तबस्सुम ने उसे रोका और उसके कान में फुसफुसा कर कहा- अब मैं जुनैद के साथ चुदाई करने जा रही हूँ, तू सब देखना और मन करे तो तू भी आ जाना.

तब तबस्सुम सानिया को छोड़ जुनैद की और पलटी और उसे चूमते हुए उसके ऊपर चढ़ गयी.

जुनैद उसके मम्मे मसलने लगा और तबस्सुम ने उसे चूमते हुए उसका लंड पकड़ लिया और अपनी चूत में कर दिया.
एक धक्का नीचे से जुनैद ने मारा, तबस्सुम की आह निकली.
पर तब्सस्सुम लगी उछलने और जोर जोर से जुनैद को चोदने लगी.

जुनैद और तबस्सुम दोनों ही अश्लील भाषा पर उतर आये.

उस समय जुनैद बोल रहा था- आज तो तेरी चूत को फाड़ कर ही रख दूँगा. बहुत मज़ा दे रही हो आज तुम!
तबस्सुम बोली- बड़े आये फाड़ने वाले, आज तो मैं तुम्हें निचोड़ दूंगी. फिर सानिया भी तो है. आज तो हम दोनों मिलकर आपका कचूमर निकाल देंगी.

तबस्सुम पर चुदाई का भूत सवार था; वह बहुत मजे ले लेकर चल रही थी.

सानिया उन दोनों की चुदाई बड़े ध्यान से देख रही थी, उसके हाथ अपने मम्मे मसल रहे थे.

तब सानिया ने तबस्सुम की टांग पर चिकोटी काटी.
तबस्सुम ने देखा और मुस्कुरा कर बोली- जुनैद, यह तो हमारी गलत बात है कि हम मजे ले रहे हैं और बेचारी सानिया अकेली है. इसे भी थोड़ा मजे दो, पर बहुत आराम से और जब ये रोके, तब रुक जाना.

कहकर तबस्सुम ऊपर से उतर गयी और सानिया को बीचे में करके उसके पीछे लेट गयी.

जुनैद ने बहुत अहिस्ता से सानिया को चूमा.
पीछे से तबस्सुम उसकी पीठ और गर्दन पर चूम रही थी.

सानिया भी अब मचल उठी; वह जुनैद से चिपट गयी.
दोनों के होंठ भिड़ गए.

जुनैद बहुत आहिस्ता अहिस्ता आगे बढ़ रहा था.
उसे सब तबस्सुम ने पहले ही बता दिया था.

जुनैद ने अब सानिया को सीधे किया और उसके मम्मे चूमने लगा.
सानिया के हाथ में उसका लंड था, सानिया उसे मसल रही थी.

तबस्सुम नीचे झुककर उसकी चूत को चूमने लगी.
सानिया की चूत पानी बहा रही थी.

तबस्सुम अब वहां से हटते हुए बोली- जुनैद, सानिया का बहुत ध्यान रखना, नाज़ुक कली है. मैं अभी वाशरूम से आती हूँ.

कहकर तबस्सुम बेड से नीचे उतरी.
सानिया एक बार तो बुदबुदाई- दीदी … तुम कहाँ जा रही हो?
पर जुनैद ने उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए.
दोनों फिर लिपट गए.

जुनैद ने अपनी उंगली सानिया की चूत में कर के उसकी मालिश शुरू की, वह उसका दाना मसल रहा था.

अब जुनैद ने सानिया को अपने ऊपर लिटा लिया.
दोनों के होंठ भिड़े थी, जीभ आपस में टकरा रही थीं.

जुनैद ने अपना लंड सानिया की चूत के मुहाने पर रखा और उसे नीचे से ऊपर उठाने लगा.

अब सानिया का डर कम हो रहा था.
उसने भी अपनी चूत ढीली छोड़ दी तो जुनैद का लंड थोड़ा अंदर दरक गया.

सानिया को दर्द हुआ, वह ऊपर से उतर गयी और बोली- अंदर मत करो, दर्द होता है.

जुनैद ने हँसते हुए सानिया की चूत चाटनी शुरू की और ढेर सारा थूक उसमें भर दिया.

अब जुनैद सानिया के मना करने के बाद भी ऊपर लेटा और उसके मम्मे और होंठ चूमते चूमते हल्के से फिर अपना लंड उसकी चूत में कर दिया.

सानिया फिर कसमसाई, उसने कोशिश की उठने की.
पर जुनैद ने उसके चेहरे को कस के पकड़ा था और चूमते हुए अपना लंड और अंदर कर दिया.

अब जुनैद ने फिर एक धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर कर दिया.
सानिया चीखी, बोली- दर्द हो रहा है, मुझे छोड़ो. दीदी तुम कहाँ हो, जीजू को हटाओ, मैं मर गयी.

पर जुनैद ने अपने धक्के शुरू कर दिए.
जल्दी ही सानिया को दर्द में मज़ा आने लगा; वह भी जुनैद का साथ देने लगी.

तबस्सुम आ गयी थी उसने सानिया के गालों को सहलाते हुए उसे चूमना जारी रखा.
अब तो जुनैद उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था, सानिया भी उसका भरपूर साथ दे रही थी.

जुनैद को सेक्स के लिए न्यू दुलहन की नयी नयी चूत मिली थी, पूरी कसी हुई.

अब उसका होने वाला था.
उसने तबस्सुम से पूछा- मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूं?
तबस्सुम बोली- बाहर निकलो जल्दी, अंदर मत कर देना.

जुनैद ने अपना लंड बाहर निकाला और सानिया के मम्मों पर खाली कर दिया.
सानिया के मम्मों और पेट पर जुनैद का वीर्य फ़ैल गया.
उसमें खून के छींटे भी थे.

सानिया की झिल्ली फट गयी थी.
चादर पर भी खून के धब्बे थे.
सानिया को दर्द भी हो रहा था.

तबस्सुम ने पहले ही गर्म पानी लाकर रख लिया था.
उसने तौलिया भिगो भिगो कर सानिया की चूत और पेट साफ़ किया और उसकी गर्म पानी से सिकाई करी.

सानिया जब कुछ नार्मल हुई तो तबस्सुम ने पूछा- कैसा रहा?
तो सानिया शर्मा कर बोली- दर्द तो बहुत हुआ पर मज़ा भी बहुत आया.
कहकर सानिया ने तबस्सुम को चूम लिया.

तबस्सुम किचन से उसके लिए हल्दी का गर्म दूध लायी और एक पेन किलर उसको दी और बोली- कल सब ठीक हो जाएगा, अब तू आराम से नीचे गद्दे पर सो! मैं भी ज़रा अपनी चुदाई पूरी कर लूं.
कहकर वह जुनैद से लिपट गयी.
जुनैद भी बहुत खुश था.

सानिया सुबह जल्दी उठकर अपने कमरे में जाकर सो गयी.

जुनैद के काम पर जाने के बाद तबस्सुम ने सानिया को जाकर देखा तो वह सो ही रही थी.
तबस्सुम ने उसे सोने दिया.

थोड़ी देर में सानिया उठी तो बोली- मेरे को नीचे पेट में दर्द अभी भी है.
तबस्सुम बोली- कोई बात नहीं, अभी नहाते में गर्म पानी की सिकाई कर लेना और नाश्ता करके दवाई ले लेना. और आज तुम आराम ही करो. उमेश आयेगा तो मैं कह दूंगी कि तुम्हें कल बुखार था.

दोपहर को उमेश का फोन आया कि वह वापिस तो आ गया है पर फैक्ट्री में ही है और शाम को ही आएगा.

शाम तक सानिया काफी ठीक थी.

रात को सबने साथ साथ खाना खाया.

तबस्सुम ने उमेश और सानिया को एक साथ ही सुलाया पर उमेश से कह दिया कि चूमा चाटी के अलावा कुछ न करे. एक दो दिन में उनकी अधूरी सुहागरात पूरी हो जाएगी.
उमेश ने वादा किया कि वह सानिया का ध्यान रखेगा.

तबस्सुम के कहने पर उमेश ने बेड पर सानिया के पैरों की मालिश की जबकि सानिया बार बार मना कर रही थी.
पर यह सानिया को बहुत अच्छा लगा. बाद में उसने उमेश को शायद पहली बार कस के चूम कर थैंक्स कहा.
रात को सानिया उमेश की बाहों में ही सोयी.

अगले दिन सानिया बिल्कुल नार्मल थी.

दोपहर को तबस्सुम ने सानिया से कहा कि आज रात वह उमेश को उसका हक दे दे. दोनों अपनी सुहागरात पूरी करके मनाएं.

सानिया डर तो रही थी कि फिर दर्द होगा.
तबस्सुम ने हंस कर कहा- अब दर्द कम होगा और धीरे धीरे ये दर्द मज़े में बदल जाएगा.

सानिया बोली- कभी उमेश को पता चल गया तो?
इस पर तबस्सुम बोली- चूत तो चुदने के लिए ही बनी और लंड चोदने के लिए! तू घबरा मत उमेश मुझे भी चोद चुका है. बस आपस में चारों की शर्म बाकी है.

तबस्सुम ने सानिया को समझाया कि अभी कुछ दिनों तो वह और उमेश ही चुदाई के मजे लें और फिर जब सबकी सहमति हो तो चारों एक साथ सेक्स किया करेंगे बदल बदल कर!

सानिया शर्मा गयी और बोली- दीदी, तुम तो बहुत बदमाश हो. पर अभी उमेश को कभी मत बताना कि मैं जीजू से चुदी हूँ.
तबस्सुम ने उससे वादा किया.
तभी तबस्सुम ने जुनैद को भी फोन करके कह दिया कि भूल से भी उमेश को रात की बात मत बताना.

दोपहर को तबस्सुम ने सानिया के हाथ परों पर मेहंदी लगवाई और शाम को उसे खूब सजाकर अपने कमरे में बिठा दिया.
तबस्सुम ने जुनैद को फोन कर दिया कि कमरे की सजावट के कुछ गुलाब की फूल माला और पंखुड़ी लेते आये, आज उमेश सानिया की सुहागरात है.

रात को जब जुनैद और उमेश आये तो तबस्सुम ने उमेश से कहा- तुम जाकर नहा लो, तैयार हो जाओ. तुम्हारी दुल्हन तुम्हारा इंतज़ार कर रही है.

जब तक उमेश नहाया तबस्सुम और जुनैद ने उसका कमरा सजा दिया.

उमेश नहाकर आया और बोला- सानिया कहाँ है?
तबस्सुम ने कहा- मेरे कमरे में तुम्हारा इंतज़ार कर रही है.

उमेश उनके कमरे में गया तो दुल्हन के लिबास में सानिया उसका इंतज़ार कर रही थी.
दोनों लिपट गए, दोनों के होंठ मिल गए.

उमेश बहुत खुश था सानिया को खुश देखकर.

तभी दरवाजे पर खड़े तबस्सुम और जुनैद बोले- बाक़ी का काम बेड पर कर लेना, पहले चलो खाना खा लें.

सबने खाना खाया और फिर उमेश सानिया का हाथ पकड़कर उसे अपने कमरे में ले गया और दरवाज़ा बंद कर लिया.

सानिया उमेश से चिपट गयी और बोली- तुम बहुत अच्छे हो, मैंने तुम्हें बहुत तड़पाया, मेरी गलती थी. मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ, बस डर गयी थी.

उमेश ने उसे बाँहों में भर कर कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो, मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया. एक दिन में ही तुम्हें पूरा पाना चाहता था. मैं वैसे ही करूँगा, जैसे तुम्हें अच्छा लगेगा.

सानिया ने अपनी बाहें फैला दीं- मैं पूरी तुम्हारी हूँ, जैसे मर्जी करो, बस मुझे ढेर सारा प्यार दो.
कहकर सानिया ने धीरे धीरे अपने कपड़े उतारने शुरू किये.

उसने उमेश से आँख बंद करने को कहा.
सारे कपड़े उतार कर वह नंगी ही नेड पर चादर के अंदर घुस गयी और फिर उमेश से कहा- अब तुम भी कपड़े उतार कर आ जाओ.

उमेश ने फटाफट कपड़े उतार फेंके और घुस गया चादर के अंदर!
उसे बहुत आश्चर्य हुआ सानिया को बिना कपड़ों के देख कर.

सानिया बोली- लाईट बंद करो, मुझे शर्म आती है.
उमेश ने लाईट बंद करके एक छोटी लाईट जला दी.

सानिया ने उसे कस के चिपटा लिया अपने से.
उमेश सानिया की खूबसूरती पर फ़िदा था. उसके मम्मे ज्यादा भारी तो नहीं थे पर नुकीले थे.

सानिया ने महसूस किया कि उमेश का लंड जुनैद के मुकाबले ज्यादा मजबूत था.
उसे घबराहट तो हुई पर फिर वह मन ही मन मुस्कुराई कि ये मज़ा भी तो ज्यादा देगा.

उमेश सानिया के मम्मे चूमता हुआ नीचे झुका और उसकी चूत में अपना मुंह लगा दिया.

सानिया ने बनावटी बात कही- ये क्या कर रहे हो?
उमेश हंस कर बोला- जन्न्नत की गुफा को घुसने से पहले चूम रहा हूँ.

उमेश ने खूब देर तक उसकी चूत को चूमा चाटा, अपनी जीभ को उसने जितनी गहराई तक पहुंचा सकता था, पहुंचाया.

जब उमेश ने सानिया से अपना लंड चूसने को कहा तो सानिया बोली- नहीं, मुझे नहीं चूसना.
उसने कभी जिन्दगी में किसी का लंड चूसा भी नहीं था.

पर उमेश के बार बार कहने पर सानिया ने थोड़ी देर के लिए उमेश का मूसल चूस ही लिया जो उसके मुंह में मुश्किल से आ रहा था.

अब उमेश ने तबस्सुम की राय पर वेसलीन अपने लंड पर पोती और सानिया को चूमते हुए उसकी टाँगें फिलाई और धीरे से अपना लंड सानिया की चूत में दरकाया.
सानिया कसमसाई पर उसने हिम्मत बनाए रखी.

अब उमेश ने धीरे से पूरा लंड ही घुसेड़ दिया.
सानिया की चीख निकल गयी पर वह उमेश को कस के भींची रही.

अब उमेश ने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया.
जल्दी ही सानिया भी उसका साथ देने लगी.

अब उमेश पूरी मस्ती से पेलमपेल करने लगा.

सानिया की वासना का वेग भी पूरे उफान पर था.
आखिर सुहागरात थी उसकी.

उमेश ने मसल मसल कर सानिया के मम्मे लाल कर दिए थे.
सानिया के चेहरे पर लिपस्टिक फ़ैल गयी थी. उसका सिंदूर माथे पर फ़ैल कर गवाही दे रहा था कि सुहागरात कामयाबी की ओर बढ़ रही है.

सानिया के नाखूनों की धारें उमेश की पीठ पर अपने निशाँ अंकित कर चुकी थी.

उमेश ने एक झटके में अपना सारा माल सानिया की चूत में भर दिया और निढाल होकर सानिया के पेट पर ही पड़ गया.
सानिया ने उसके कस के भींच लिया.

दोनों के होंठ फिर चिपक गए. न्यू दुल्हन सेक्स करके दोनों दोनों बहुत खुश थे.

उमेश सानिया की बगल में लेट गया.
सानिया की चूत से उमेश का गर्म लावा बाहर आकर बेड पर फ़ैल गया था.

उसने पास रखे तौलिये से अपने को और उमेश को पौंछा.
अभी दोनों का मन नहीं भरा था.

थोड़ी देर आराम करने के बाद एक और राउंड लगाने की बात कर के दोनों चिपक गये.
अगले दिन तबस्सुम के दरवाज़ा खटखटाने पर ही उनकी आंख खुली.

सानिया ने कपड़े पहने और दिर खोला और तबस्सुम से चिपट गयी.
उसकी आँखों में ख़ुशी के आंसू थे.

उमेश भी बाहर आया, वह जुनैद के गले लगा और तबस्सुम को गले लगाकर कहा- तुमने मेरी सानिया मुझे दे दी.

चारों बहुत खुश थे.

यह तय हुआ कि आज रात सब लोग बाहर खाना खायेंगे और मूवी देखेंगे.

तबस्सुम हंस कर बोली- हाँ भाई, दावत-ए-वलीमा तो बनती ही है.

दोस्तो, बताइए कैसी लगी यह न्यू दुल्हन सेक्स कहानी?
लिखियेगा मेरी मेल आई डी : [email protected] पर!

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