छोटी अम्मी और अब्बू की सुहागरात

(New Wife Ki Chhoti Chut)

न्यू वाइफ की छोटी चूत मेरे अब्बू ने कैसे फाड़ी, यह मैंने देखा उनकी पहली रात की वीडियो में! मेरे अब्बू कमसिन नई दुल्हन ब्याह के लाये तो मैंने उनकी चुदाई देखनी चाही.

मेरा नाम शरीफ़ कुरैशी है. मेरी अभी उम्र 25 साल की है.
मैं अब्बू के दूसरी बीवी की औलाद हूं.

मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है. मेरा रंग सांवला है लेकिन मैं अच्छा दिखता हूं.
मेरा घर यूपी के आजमनगर में है.

अब मैं अपनी कहानी सुनाता हूं.
बात तब की है जब मैं इंटर कॉलेज का छात्र था और तब मैं करीब 19 साल का था.

हमारी बहुत बड़ी फैमिली है. मेरे अब्बू बहुत पैसे वाले हैं और हमारे बड़े-बड़े 4 – 5 घर हैं.
फार्म हाउस के साथ ही हमारे पास 7 – 8 कार भी हैं.
हमें पैसों की भी कोई कमी नहीं है.

मेरे अब्बू का नाम मोहम्मद अली कुरैशी है.
अब्बू की उम्र 62 साल है.
उन्होंने तीन निकाह किए हैं.

मेरे बड़ी अम्मी सलमा 56 साल की हैं.
बड़ी अम्मी की 5 औलाद हैं, जिनमें दो बेटों के साथ तीन बेटियां हैं.
पहले बेटे का नाम सोहेल (38 साल) है और उनकी पत्नी जोया (35 साल), दूसरे का नाम सलीम (37 साल) उनकी पत्नी नूरजहां (33 साल) है.
तीसरी बेटी मराह (35 साल), चौथी बेटी का नाम मजिदा (34साल), पांचवीं का नाम मरीया (32 साल) है.
तीनों लड़कियों का निकाह हो चुका है.

अब्बू की दूसरी पत्नी अयासा (42) जो मेरी अम्मी हैं.
उनकी चार औलाद थीं लेकिन अब सिर्फ तीन हैं. एक की मौत बचपन में हो चुकी है.
मेरे बड़े भाई शाहिद (23 साल), जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, उनकी पत्नी का नाम शाहनाज (21 साल) है और मेरी छोटी बहन का नाम मलिका कुरैशी है, जो 10वीं की छात्रा है.

अब्बू की तीसरी पत्नी का नाम फातिमा बीवी (20) है जिससे अब्बू की नई-नई शादी हुई है.

हम सब अलग-अलग बंगले में रहते हैं.
बड़ी अम्मी और उनकी 2 औलाद एक बंगले में, मेरी अम्मी और हम तीन भाई-बहन एक साथ अलग बंगले में रहते हैं.

अब्बू की अभी नई-नई शादी हुई थी इसलिए अब्बू और छोटी अम्मी नए वाले बंगले में रहने वाले थे.

जब अब्बू ने शादी की तब उस समय घर में किसी को यह बात पता नहीं थी.
मैं भी कॉलेज में था.
जब घर आया तो मुझे पता चला कि अब्बू ने तीसरी शादी की है.

उन पर सब नाराज़ थे लेकिन मैं नई नवेली दुल्हन को देखना चाहता था.
जब दुल्हन सामने आई तो मैं उसे देखकर हैरान रह गया.

क्या दुल्हन थी यार … मल्ला कसम … मस्त फिगर वाली गोरे बदन, लम्बे बाल, लाल-लाल होंठ, पतली कमर छोटे-छोटे बूब्स जैसे ताज़ा-ताज़ा फूल खिला हो.
छोटी अम्मी का फिगर साइज 32 – 24 – 32 होगा.

मैं तो यह सोचकर परेशान हो रहा था कि इस बुड्ढे यानि मेरे अब्बू को ऐसी माल कहाँ से मिल गई.
अब्बू के ड्राइवर से पूछा तो पता चला कि यह एक गरीब किसान की बेटी थी. अब्बू ने उनके अब्बू को पैसे देकर निकाह की बात की तो वे मना नहीं कर सके.

अब अब्बू अपनी सुहागरात के लिए अपने नए घर को सजाने के लिए मुझे कहा.

मैं घर में सबसे छोटा लड़का था.
तो अब्बू ने कहा- नए घर के बेडरूम को सज़ा-संवार दो.

जब मैं बेडरूम को सज़ा रहा था तो मन में एक ही ख्याल आ रहा था कि काश फातिमा के साथ आज मेरी सुहागरात होती!
तो इस बेड पर मैं अब्बू की न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेलता.

और यह सोच कर मेरा लौड़ा खड़ा हो रहा था.

इस बात को सोचकर मैं उसी बेड पर मुठ मारने लगा और कुछ देर बाद मेरा लौड़ा झड़ गया.

फिर मैने सोचा कि आज तो फातिमा बीवी को पूरा नंगी देखना है.
इसके लिए मैंने अपना फोन को ऑन करके छुपा दिया और अपने पुराने घर आ गया.

रात के 10 बज चुके थे, अब्बू और फातिमा बीवी नए घर में सुहागरात के लिए चले गए.

अब सब सो गए थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
सारी रात फातिमा के बारे मे सोचता रहा और फातिमा की यादों में कब सुबह हो गई मुझे पता ही नहीं चला.

अब मैं अपना फोन लेने नए वाले घर गया.
लेकिन दरवाज़ा बंद था.

मैंने टाइम देखा तो सुबह के 5 बजे थे और सुहागरात के बाद कौन इतनी जल्दी उठता है.
यह सोचकर मैं वापस घर आ गया.

अब तो समय जैसे थम सा गया था.
मैं सिर्फ घड़ी को देख रहा था 5 से 6, 6 से 7, 7 से 8, 10 से 11 बज चुके थे और अब्बू अभी तक सोए हुए थे.

अब मेरा दिमाग खराब होने लगा था.
फिर अब्बू 12:30 बजे में बाहर आए लेकिन छोटी अम्मी (फातिमा) नहीं आईं.

अब फोन वापस कैसे लूं … यह सोच ही रहा था कि अब्बू ने कहा- बेटा शरीफ़, जाकर देख ना छोटी अम्मी को कुछ चाहिए तो हेल्प कर देना. अभी वह नई है न इसलिए!

अब्बू की बात सुनकर जब मैं छोटी अम्मी के रूम में गया तो देखा वे बैड पर बैठी हैं और उनकी आंखें लाल थीं.
वे काफी थकी- थकी सी लग रही थीं.
देखकर लग रहा था कि अब्बू ने न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेला होगा.

फिर मैंने कहा- छोटी अम्मी, आपको कुछ चाहिए तो बोलिए. अब्बू ने मुझे भेजा है.
छोटी अम्मी- नहीं, कुछ नहीं चाहिए. ये बताइए कि आप उनके बेटे हैं. क्या नाम है आपका?

मैं- हां, आपके शौहर मेरे अब्बू हैं और मेरा नाम है शरीफ़!
छोटी अम्मी- वह तो दिख रहा है आप कितने शरीफ़ हैं.
यह बोलकर छोटी अम्मी हंसने लगीं.

मैं- छोटी अम्मी, आप हंस क्यूं रही हैं, मैं कुछ समझा नहीं?
छोटी अम्मी- यह बात फिर कभी बोलूंगी, पहले आप मुझे अम्मी न कहिए. मैं आपसे थोड़ी ही बड़ी हूं तो मुझे आप फातिमा ही कहें.

मैंने कहा- आप तो मेरे रिश्ते में अम्मी ही हुईं ना और घर वाले भी क्या कहेंगे.
छोटी अम्मी- ठीक है, आप सबके सामने मुझे छोटी अम्मी बोलिएगा और जब कोई नहीं हो, तो फातिमा … ठीक है?
मैं- ठीक है. पर आप भी मुझे तुम ही कहिएगा या फिर शरीफ़ कह कर बुलाइयेगा.

छोटी अम्मी- ठीक है. अच्छा शरीफ़, बाथरूम कहां है बताओगे? मुझे नहाना है.
मैं- आगे से दाएं के बाद वाला.

फिर छोटी अम्मी नहाने चली गईं.

मौका देखकर मैंने अपना फोन निकाला और चालू किया.
लेकिन मेरा फोन चालू नहीं हुआ.
शायद फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.

मैं अपने कमरे में आया और फोन चार्ज में लगाकर उसे ऑन करने वाला ही था कि इतने में मेरी अम्मी आईं और बोली- बेटा, हमें रहमान भाईजान के घर चलना है.
मैंने अम्मी से कहा- मेरा फोन अभी चार्ज नहीं है और मैं वहां बोर हो जाऊंगा. वहां अभी रुखसाना भी नहीं है, वह अभी दिल्ली में है.

अम्मी- बेटा चल ना … जल्दी आ जाऊंगी. फोन को चार्ज में लगा दे.
मैं अम्मी को लेकर रहमान चाचू के घर चला गया.

रहमान चाचू और मेरी अम्मी की बातें तो मानो जैसे खत्म ही नहीं हो रही थी.
रात 9 बजे हम उनके घर से खाना खाने के बाद अपने घर आए.

मैंने देखा कि बड़ी अम्मी घर आई हुई थीं.
फिर अम्मी और बड़ी अम्मी बातें करने लगीं.

तो मैंने अम्मी से कहा- अम्मी, मैं सोने जा रहा हूं.
यह बोलकर मैं अपने कमरे में गया और दरवाज़े को बंद कर दिया.

मैंने बिना देर किए हुए फोन को ऑन करके वीडियो को चालू किया.
मैंने देखा कि बेड पर छोटी अम्मी बैठी हुई हैं लेकिन उनका चेहरा नहीं दिख रहा है.
उन्होंने साड़ी से चेहरे को छुपा रखा है.

फिर अब्बू आए और दरवाज़े को बंद कर दिया.

इसके बाद अब्बू बैड के पास आए और छोटी अम्मी से बातें करने लगे.
अब वहां क्या बातें हो रही थीं, मुझे ठीक से समझ नहीं आ रहा था क्योंकि फोन बहुत दूर था.

मैंने वीडियो देखते हुए कहा कि अबे बुड्ढे, इतनी खूबसूरत लड़की के साथ क्या बात कर रहा है. लड़की सामने है और तू बात करके टाइम पास कर रहा है.
इसके बाद मैंने वीडियो को थोड़ा आगे किया.

अब अब्बू छोटी अम्मी के चेहरे से साड़ी हटाते हैं और छोटी अम्मी को चूमते हैं और फिर जल्दी-जल्दी से सारे कपड़े उतार देते हैं और फिर उन्हें बेड पर लेटाकर ऊपर चढ़कर घपाघप करना शुरू कर देते हैं.

ये सब कुछ देखने में मुझे मजा नहीं आ रहा था.
शायद मैंने फोन को काफी दूर पर रख दिया था इसलिए साफ-साफ छोटी अम्मी का कोई भी सामान नहीं दिख रहा था.

छोटी अम्मी अब्बू को धीरे-धीरे करने को कह रही थीं लेकिन अब्बू तो उन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े थे.

अब्बू अपनी गांड आगे-पीछे, आगे-पीछे कर करके चोद रहे थे. मानो कि छोटी अम्मी की चूत को जैसे आज फाड़ ही देंगे.

मेरा फोन इतना दूर होने के बाद भी छोटी अम्मी की आवाज साफ-साफ सुनाई दे रही थी.
छोटी अम्मी जोर-जोर से आ उफ़ उफ़ आह की आवाज़ें निकाल रही थीं

मेरे अब्बू बहुत मोटे हैं उनका वजन करीब 125-130 किलो होगा.
तो वहीं छोटी अम्मी यही 50 -55 किलो की होंगी.

लेकिन अब्बू इस छोटी सी कली को मसले जा रहे थे.

अब अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स दबाने लगे और मुंह से छोटी अम्मी के बूब्स चूसने लगे.
अब्बू बूब्स को इतना जोर-जोर से दबा और चूस रहे थे जैसे बूब्स को वे खा ही जाएंगे.

अब्बू ने छोटी अम्मी के बूब्स को दांत से काट लिया जिस पर छोटी अम्मी जोर से चिल्लाई- याल्ला आह मर गई.
छोटी अम्मी- क्या कर रहे हैं … धीरे-धीरे से करिए ना …बहुत दर्द हो रहा है.

अब्बू- चुप साली, तेरे बाप को पैसे तेरा मुंह देखने के लिए नहीं दिया है. तुझसे शादी की है सिर्फ तुझे चोदने के लिए.

इसके बाद अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को और जोर-जोर से दबाने लगते हैं.

छोटी अम्मी- आ आह ओह … अम्मी मर गई … आ उफ्फ उफ आह ओह याल्ला रहम करें मुझे पर … आ आआआ आऊऊ ऊऊऊ ऊफ आ आह!
वे दर्द से सिसक रही थी.

छोटी अम्मी- खुदा के लिए मुझे अब छोड़ दें बहुत दर्द हो रहा है.
अब्बू- नई चूत में पहली बार लौड़ा घुसने पर दर्द होता है फातिमा!

छोटी अम्मी- जी चूत में नहीं जा रहा है. आप का वजन बहुत है मेरे शरीर में दर्द हो रहा है.
अब्बू- रंडी चुपचाप चोदने दे!

इसके बाद अब्बू अपना लौड़ा न्यू वाइफ की छोटी चूत में रगड़ने लगते हैं.
इसके बाद अपने मुंह से थूक लगा कर चूत मे डालकर छोटी अम्मी के ऊपर चढ़कर चोदने लगते हैं.

छोटी अम्मी- आ नहीं आ … उफ उफ उफ … आह ओह उफ़ उफ़!

नए घर में सिर्फ अब्बू और छोटी अम्मी ही थी इसलिए अब्बू छोटी अम्मी को जवानों की तरह चोद रहे थे, दोनों की आवाज़ अब पूरे कमरे में गूंज रही थी.

अब्बू के हांफने की आवाज़ और छोटी अम्मी की आ उफ उफ आह ओह की आवाज़ के साथ-साथ एक आवाज़ और थी जो फच फच फच की थी.

छोटी अम्मी- अब हमें छोड़ दें. मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है.
अब अब्बू दो तीन शॉट लगाने के बाद रुके.

छोटी अम्मी को लगा कि अब अब्बू का हो गया है. जिस पर उन्होंने थोड़ी सांस ली.

लेकिन अब्बू कहा रुकने वाले थे … अब्बू ने छोटी अम्मी की चूत में अपनी उंगली डालकर जोर-जोर से आगे-पीछे आगे-पीछे करके चोदना शुरू कर दिया.
शायद अब्बू का लौड़ा काम नहीं कर रहा था तो अब्बू उंगली से ही काम चला रहे थे.

छोटी अम्मी- आ आह उफ़ … आह आह … ओह ओह मर गई! नहीं नहीं … आआ आआ ईईई … आआआ ईईई ऊयाल्ला मदद आ … उफ आ आ आह ओह ओह माई.

छोटी अम्मी अपना सिर दाएं और बाएं कर रही थीं.
शायद उन्हें बहुत दर्द हो रहा था.
लेकिन अब्बू रुके नहीं, वे उंगली डाले जा रहे थे.

अब अब्बू, छोटी अम्मी को उलटा लेटाकर उनके ऊपर चढ़कर चोदने लगे.
छोटी अम्मी की आवाज और तेज हो गई.

अब्बू ने छोटी अम्मी के मुंह को अपने हाथों से दबा दिया और चोदने लगे.
वे दो-तीन शॉट मारने के बाद रुके और अब छोटी अम्मी को घोड़ी बनाया और घापाघप शुरू कर दिया.

अभी घोड़ी बनाकर शुरू ही किया था कि वे अचानक रुक गए और छोटी अम्मी की गांड को चाटने लगे.
अपनी जीभ से कभी चूत तो कभी गांड को चाटने के बाद फिर उंगली डालकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

मैं समझ गया कि अब अब्बू के लौड़े में दम नहीं रहा.

छोटी अम्मी- आआ आआआ उफ आ … ओह ओह … आह आह आआऊऊ ऊऊऊ!

उन्होंने अपना मुंह तकिए से दबा लिया और घोड़ी वाली पोज में गांड को रखा.
अब्बू भी उंगली करते रहे.

थोड़ी देर के बाद अब्बू रुके.

वे इतने पर ही नहीं रुके … उन्होंने छोटी अम्मी को अपना लौड़ा चुसवाया.

एक यही पोज था जिसमें अब्बू के साथ छोटी अम्मी भी मजे ले रही थीं.

छोटी अम्मी तो लौड़ा ऐसे चूस रही थीं जैसे किसी छोटी बच्ची को लॉलीपॉप मिल गया हो. वे उह लच पूच लप लप चप लप कर लौड़ा चूसे जा रही थीं.

अब्बू का लौड़ा बार-बार झड़ कर गिर जाता था.
लेकिन छोटी अम्मी उसे बार-बार खड़ा करके और चूस रही थीं.

दो बार झड़ने के बाद अब्बू ने छोटी अम्मी को रोका और धक्का लगा कर बेड पर गिरा दिया और ऊपर चढ़ गए.

छोटी अम्मी को लगा कि अब्बू फिर चोदेंगे. वे गिड़गिड़ाई- नहीं, अब और नहीं खुदा के वास्ते अब रहने दें.

अब्बू ने इस बार रहम करते हुए छोटी अम्मी के बूब्स को दबाना और चूसना शुरू कर दिया.
वीडियो में दिख रहा था कि अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को बहुत जोर-जोर से दबा रहे थे.

छोटी अम्मी- आ आह ओह … माई उफ उफ … आआआ आई ईऊ उफ आआ आह… याल्ला आह ओह ओह!

कुछ देर के बाद अब छोटी अम्मी की आवाजें धीरे-धीरे कम होने लगीं.
फिर छोटी अम्मी ने अब्बू को अपने से नीचे गिराया.
शायद अब्बू थककर सो गए थे.

छोटी अम्मी ने उठकर एक कपड़े से अपनी चूत को साफ किया.
वे बेड से उतरीं.

लेकिन जैसे ही छोटी अम्मी का वह हिस्सा दिखने वाला था कि वीडियो बंद हो गया.
शायद यहीं पर फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.

मेरा सारा मूड खराब हो गया.
मैं छोटी अम्मी का नंगे बदन को देखना चाहता था लेकिन मैं देख नहीं पाया.

लेकिन अब्बू और छोटी अम्मी की चुदाई वाले वीडियो को देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया.
चुदाई तो मैंने पहले भी बहुत देखी थी.

आपको बता दूं कि जब मैंने पहली बार सेक्स किया था तो करते हुए अम्मी ने मुझे देख लिया था.
फिर क्या था … मेरी पिटाई भी बहुत हुई थी.
उस पिटाई के बाद मैंने फिर कभी चुदाई के बारे में नहीं सोचा.

लेकिन आज मेरा लौड़ा सिर्फ चूत के बारे में ही सोच रहा है और यही सोच रहा था कि किसको चोदूं.

छोटी अम्मी को सोचते-सोचते मैं कब सो गया, पता ही नहीं चला.

आंख खुली तो कोई दरवाजा खटखटा रहा था.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि मेरी भाभी थीं.
शाहिद भाई जान की बीवी … वही मेरा शाहिद भाई जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है.
उनकी बीवी शहनाज.

भाभी घर को साफ करने आई थीं.

मैं वापस बैड पर आकर बैठ गया और भाभी घर साफ करने लगीं.

न जाने क्यों आज भाभी को देखकर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.
जबकि आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था.

मेरे भाईजान की शादी के 3 साल हो गए थे.
लेकिन आज भाभी के बदन को देखकर मेरी आंखें एक-एक इंच नाप रही थीं.
भाभी के बड़े-बड़े मम्मे दिख रहे थे जब वे झुक कर घर साफ़ कर रही थीं.

मैंने भी सोच लिया कि इस शहनाज का नाजायज पति तो बन कर ही रहूंगा.

दोस्तो, आगे की कहानी फिर कभी.
आपको मेरी यह न्यू वाइफ की छोटी चूत की कहानी कैसी लगी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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