जिसे चाहा उसे पा ही लिया- 1

(Virgin Wife Sex Kahani)

रत्न दत्त 2024-01-15 Comments

वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी में मैं पड़ोस की एक लड़की को चाहता था. वह मेरी दोस्त भी थी. मैंने उससे शादी करनी चाही पर हमारे परिवार वाले नहीं माने क्योंकि वह मुझसे बड़ी थी.

मेरे प्रिय पाठको,
कैसे हैं आप सब?
मेरी पिछली कहानी थी: बिस्तर में ठंडी बीवी बनी सेक्सी बीवी
यह कहानी मेरे एक पाठक ने भेजी है.
उसने मेरी सेक्स कहानियां पढ़ी और अपनी कहानी मुझे भेजी भाषा में सुधार करके प्रकाशित करने के लिए!

उसने अपना नाम ललित रखा है, जो उसका असली नाम नहीं है.

आगे ललित की कहानी उसी की जबानी:

मैं ललित, मेरे माता पिता का एकमात्र संतान हूँ, मेरे पिता सरकारी नौकरी करते हैं।

मेरे पड़ोस की मालविका के साथ मैं बचपन से खेलकर बड़ा हुआ।
हम लोग पारिवारिक मित्र हैं।
मालविका मुझसे 3 महीने बड़ी है. उसकी एक छोटी बहन है.

उसके पिताजी भी सरकारी नौकरी करते हैं.
मालविका के पिताजी के ऊपर घर की बहुत जिम्मेदारी है, बहन की शादी, बीमार माता पिता, इसलिए उनको पैसो की तंगी रहती है, उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.

मैं अक्सर कहा करता था- बड़ा होकर मैं मालविका से शादी करूँगा!
तो मेरे घर वाले बोलते- शादी नहीं हो सकती, मालविका तुमसे उम्र में बड़ी है।

जब मैं मालविका को कहता- मैं बड़ा होकर तुझसे शादी करूँगा.
तो मालविका कहती- धत, मैं तुझसे बड़ी हूँ, पति की उम्र पत्नी से ज्यादा होती है, यही रिवाज़ है.

मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने पास के बड़े शहर चला गया जो 150 किलोमीटर दूर था।

मालविका हमारे शहर में बी ए में पढ़ने लगी।

मैं जब भी घर आता, मालविका और उसके परिवार से मिलता।
मालविका बड़ी होकर सुन्दर लड़की बन गयी थी।

कॉलेज पास करने के बाद 21 की उम्र में मुझे उसी बड़े शहर में नौकरी मिल गयी।
मालविका स्कूल में पढ़ाने लगी।

नौकरी मिलने के बाद मैं जब घर आया.
मैंने कहा- मैं मालविका से शादी करूँगा.

तब फिर मेरे और मालविका के घर वालों ने कहा- मालविका तुमसे बड़ी है, शादी नहीं हो सकती!
मालविका का भी यही कहना था.

तब मैंने तय किया कि मैं शादी ही नहीं करूँगा.
मैंने अपना पूरा ध्यान नौकरी में लगा दिया।

दो साल बीत गए।

जब मैं घर आया तो मुझे पता चला कि मालविका की शादी हो गयी है।

मेरे दोस्तों ने बताया कि मालविका के पति उससे 15 साल बड़े हैं और काफी पैसे वाले हैं।

मालविका की शादी हुए दो साल हो गए, मैं 25 साल का हो गया।
घर वाले मेरी शादी की बात करते, मैं मना कर देता.

कुछ दिन बाद मुझे पता चला कि मालविका का तलाक हो गया है, वह इसी शहर में स्कूल में पढ़ा रही है।

मैं मालविका से मिला.
वह उदास थी।

मेरे बहुत पूछने के बाद मालविका ने कहा- शादी के दो साल बाद भी जब बच्चा नहीं हुआ उसकी सास उसको बाँझ कहने लगी, तकलीफ देने लगी. कहने लगी वह अपने एक मात्र लड़के की दूसरी शादी करेगी।
मालविका को पता चला था कि उसके पति ने पहले भी शादी की थी, पहली पत्नी से बच्चा नहीं था, उसको तलाक दिया था.

मालविका- मेरे पति पहले नहीं माने. पर घर वालों के सामने उनकी एक न चली। मैं अपने पति के घर वालों की आभारी थी, उन्होंने मेरी शादी के समय वादा किया था कि वे मेरी छोटी बहन की शादी करवाएँगे. उन्होंने वादा निभाया, बहन की शादी में काफी खर्च भी किया। मैंने तलाक का विरोध नहीं किया, हमारा तलाक हो गया.

मैंने मालविका को कहा- मैं अभी भी तुमसे शादी करना चाहता हूँ।
मालविका ने कहा- मेरे ऊपर बाँझ का कलंक है।
मैंने कहा- मुझे फर्क नहीं पड़ता।

मालविका रोने लगी, बोलने लगी- जब पहले तुमने मुझे शादी के लिए कहा, मैं उस समय तुमसे 3 महीने बड़ी हूँ, यह कहकर मैंने शादी से इंकार किया यह मेरी बड़ी गलती थी. यदि तुम्हारे घर वाले मान गए तो मैं राजी हूँ.

काफी समझाने के बाद मेरे घर वाले राजी हो गए।
जब मैंने यह बात मालविका को बताई तो मालविका बहुत खुश होकर बोली- यह खबर देकर तुमने मुझे खरीद लिया है. मैं जिंदगी भर तुम्हारी गुलामी करुँगी, यही मेरा प्रायश्चित्त है, तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है।

मैंने कहा- मेरा तुमसे शादी करने का सपना पूरा हुआ।
हमारी शादी हो गयी।

हमने तय किया 4- 5 साल बच्चा नहीं चाहिए, जिंदगी का मजा लेंगे।
हम परिवार नियोजन के लिए डॉक्टर से मिले, डॉक्टर की सलाह से मालविका परिवार नियोजन की गोली लेने लगी.

सुहागरात के दिन मैं खुश भी था और चिंतित भी … खुश इसलिए कि मेरी शादी मालविका से हो गयी.
चिंतित इसलिए कि मेरा खड़ा लंड 4 इंच का था और थोड़ा मोटा।
मैंने सेक्स कहानियों और वीडियो में बड़ा लंड देखा पढ़ा था।

मुझे चिंता थी कि यदि मालविका के पहले पति का लंड बड़ा था, तो क्या मालविका को मैं अपने 4 इंच के लंड से उतना सुख दे पाऊंगा?
मैंने दो शादीशुदा दोस्तों से पूछा था कि क्या मैं अपने 4 इंच के लंड से अपनी पत्नी को सुख दे पाऊंगा?
मैंने उनको नहीं बताया कि मालविका की पहले भी शादी हुई थी।

दोस्तों ने कहा- आम भारतीय का लंड इतना ही बड़ा होता है. पत्नी को फोरप्ले से कैसे गर्म करते हो और पत्नी से पहले झड़ नहीं गए तो कोई समस्या नहीं है, आनंद आएगा!

सुहागरात को मैं बैडरूम में गया.
मालविका पलंग पर घूंघट लगाकर बैठी थी।

मैंने घूंघट उठाकर उसका सुन्दर चेहरा देखा, सोने की चेन भेट की।
मैं- मालविका, मैं तुमको पाकर बहुत खुश हूँ।
मालविका- मैं भी बहुत खुश हूँ, तुमने मुझे नया जीवन दिया!

मैं मालविका के ओंठ चूमने लगा, मालविका मेरा साथ दे रही थी।

तब मैं मालविका के चूचे ब्लाउज के ऊपर दबाने लगा, उसका ब्लाउज ब्रा उतार दिया।
मैं मालविका के 32 बी के सुन्दर चूचे देख रहा था.

मालविका बोली- ऐसे मत देखो, शर्म आ रही है!
कहकर अपना चेहरा उसने हाथ से ढक लिया।

मैंने मालविका को लिटाकर उसके बाकी कपड़े उतार दिए, खुद भी नंगा होकर मैंने मालविका को आलिंगन में ले लिया।
हमारी छाती आपस में दबी थी, असीम सुख मिल रहा था.

मालविका ने मुझे कसकर पकड़ लिया.
मैं मालविका की पीठ, कूल्हों पर हाथ फेर रहा था।

मेरा खड़ा लंड मालविका के बदन को छू रहा था, मैं उसके गर्दन कान चूमने लगा, मालविका सिसकारी लेने लगी।
मैंने मालविका की चूत पर हाथ फेरा, उससे कामरस निकल रहा था.

तभी मैंने मालविका को पीठ के बल लिटा दिया.
उसने समर्पण में अपने पांव मोड़कर फैला दिये।

मैं मालविका के ऊपर आया, अपना लंड चूत पर घिसने लगा.
मुझे छेद नहीं मिल रहा था।

मालविका ने मुस्कुराकर मेरा लंड अपनी चूत की छेद पर रख दिया।

मैंने हल्के झटके के साथ अपना थोड़ा लंड चूत में डाला।
मालविका के मुँह से आह निकली, उसके चेहरे पर दर्द दिख रहा था.
मैं रूककर उसके चूचे दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद मालविका ने कमर हिलायी।
मैंने बाकी लंड चूत में उतार दिया.
मालविका एक बार फिर दर्द से आह आह करने लगी।

मैंने लंड बाहर निकालकर देखा- मेरे लंड में खून लगा था, मालविका की चूत में खून लगा था.

मैं समझ गया कि मालविका कुंवारी थी.
कैसे?
मालूम नहीं।

मैंने अब नए जोश से लंड चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
मालविका कमर उचकाकर साथ दे रही थी।

थोड़ी देर बाद हम दोनों लगभग साथ ही झड़ गए।

मालविका के चेहरे पर सुखभरी मुस्कान थी.
यह देख मुझे परम आनंद मिला, अपने लंड के छोटे होने की चिंता चली गयी।

मालविका ने बाथरूम से आकर कपड़े पहने, खून लगी चादर बदली।
मैं लंड धोकर आया, कपडे पहने।

मैंने मालविका को पूछा- तुम अभी तक कुंवारी कैसे?
मालविका बोली- बाद में बताऊंगी. अभी इतना सुख मिला, इसको याद करके सो जाते हैं.

दूसरे दिन हम दोनों उस शहर चले गए जहाँ मैं नौकरी करता था।

मालविका हमारा एक बैडरूम का भाड़े का फ्लैट व्यवस्थित करने में जुट गयी।
दोपहर का खाना हम साथ लाये थे।

मैं मालविका के कहे अनुसार सब्जी आदि ले आया।

शाम को चाय के समय मैंने पूछा- मालविका, अब तक तुम कुंवारी कैसे हो, बताने वाली थी?

मालविका- मुझे अच्छा नहीं लगता पहली शादी की बात करके … पर तुम पूछ रहे हो तो बताती हूँ।

मेरी वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी बताने लगी:
मेरे पहले पति मुझसे 15 साल बड़े थे।
मेरी शादीशुदा सहेलियों ने मुझे सुहागरात के बारे में बताया था।
सुहागरात को पति ने फोरप्ले के बाद मेरी कमर के नीचे तकिया रखा कर मेरी (चूत) चूमने, चूसने लगे, उंगली डालने लगे, साथ ही वो मेरे कूल्हों पर हल्के चांटे मार रहे थे। थोड़ी देर बाद मेरी (चूत) से पानी निकला, मैं निढाल हो गयी। पति ने कपड़े पहनने को कहा. फिर हम सो गए.

उसने आगे बताया- हर रात ऐसा ही होता। मैंने देखा उनका (लंड) पूरा खड़ा होकर सख्त नहीं होता था जैसा मेरी सहेलियों ने बताया था। उन्होंने कभी मेरी (चूत) में डालने की कोशिश नहीं की। मैं मेरी चुसवाने से झड़ जाती। बाद में उन्होंने मुझे 69 पोजीशन सिखा दिया। मैं उनका आधा खड़ा (लंड) चूसती और उनके कहने पर वीर्य पी जाती. वे मेरी तब तक चूसते और कूल्हों पर चांटे मारते जब तक मैं झड़ नहीं जाती। चांटे मारने से मुझे जल्दी उत्तेजना आती। मैंने सब अपनी किस्मत समझकर स्वीकार कर लिया। तब मुझे पछतावा होता कि क्यों ललित मैंने तुमसे शादी से इंकार किया था।

वह बताती रही- जब बच्चे की बात उनके घर चली तो मैंने उनका वीर्य मुँह से निकालकर अपनी (चूत) में भी डाला, पर फ़ायदा नहीं हुआ.

मालविका रोने लगी।
मैंने उसको छाती से लगाकर चुप कराया, कहा- पुरानी बातों को भूल जाओ. हम एक साथ नया जीवन शुरू करेंगे, मैं तुम्हें हर खुशी दूंगा।
मालविका बोली- मैं तुम्हारी गुलाम बनकर रहूंगी, तुम्हारी हर इच्छा मेरे लिए हुक्म होगा!

मालविका ने कई बार कहा था, वह मेरी गुलाम बनकर रहेगी तो मैंने सोचा कि मालविका के साथ गुलाम बीवी का खेल खेलकर देखा जाए, पता चलेगा कि क्या सच में मालविका को सेक्स गुलाम बनना है, और हम दोनों को मजा आएगा या नहीं?

मेरे कुछ शादीशुदा दोस्त कहते थे उनकी पत्नी उन्हें अपनी मुट्ठी में रखने की कोशिश करती है।
मालविका यदि पूरी तरह मुझपे समर्पित है तो यह मेरी किस्मत है।
गुलाम तो एक तरह का खेल है, जो समर्पण की पराकाष्ठा है.

मालविका को सेक्स गुलाम बनाने की कहानी अगले भाग में पढ़ें.

आपको यह वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल में बतायें. अपने विचार बताते समय कहानी का नाम भी लिखें.
[email protected]

वर्जिन वाइफ सेक्स कहानी का अगला भाग:

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