कुंवारी ननद को दिखाए लण्ड के हसीन सपने- 1

(Xxx Bride Sexy Kahani)

Xxx ब्राइड सेक्सी कहानी में पढ़ें कि मैं शादी से पहले से ही चुदक्कड़ थी. शादी के बाद मैंने जैसे कैसे पति को पता लगे बिना सुहागरात मना ली. मेरा पति भी सेक्स का शौक़ीन था.

प्रिय पाठको,
आपने मेरी कहानी
शादी वाले दिन के मेरे कारनामे
पढ़ी और पसंद की.

अब आगे Xxx ब्राइड सेक्सी कहानी:

खैर … शादी के बाद मैं विदा होकर अपनी ससुराल आ गयी।

ससुराल में काफी मेहमान इकट्ठा थे।
ज्यादातर रिश्तेदार तो शादी के अगले दिन चले गये बस कुछ करीबी रिश्तेदार घर में रुके थे।

खैर रात में मुझे मेरे कमरे में पहुँचाया गया।
मैं चुपचाप फूल से सजे बेड पर बैठी अपने पति का इंतज़ार करने लगी।

रात करीब 10.30 बजे के करीब रोहित कमरे में खाना लेकर आये।
फिर हमने साथ खाना खाया।

खाना खाकर लगभग सभी रिश्तेदार थके हुए थे तो सब सोने चले गये।
रोहित भी हाथ धोकर आये और कमरे में आने के बाद उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया।

कुछ देर तक इधर उधर की बातें करने के बाद सेक्स का माहौल बनने लगा।

रोहित ने धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतारने शुरू किये.
फिर मुझे पूरी तरह नंगी करने के बाद रोहित ने अपने कपड़े भी उतार दिये।
उनका भी लण्ड मोटा और बड़ा था।

रोहित जैसे-जैसे मुझे बोलते, मैं वही करती।
मैं यह जताने की कोशिश कर रही थी कि मैं पहली बार किसी मर्द के संपर्क में हूँ और मुझे सेक्स का कोई ज्ञान नहीं है। मैंने उन्हें पता नहीं चलने दिया कि उनकी Xxx ब्राइड सेक्सी चुदक्कड़ माल है.

रोहित ने अपना लण्ड चूसने को कहा.
तो मैंने नाटक करते हुए कहा- अरे, कहीं इससे मुंह में कोई बीमारी न हो जाए।
रोहित हंसने लगे- अरे ऐसा कुछ नहीं होता।

तब रोहित मुझे मोबाइल में पॉर्न मूवी दिखाते हुए उसी तरह सेक्स करने को कह रहे थे।
कभी घोड़ी बनाकर कभी टांग उठाकर उस रात रोहित ने मेरी तीन बार चुदाई की।

उस रात मैं रोहित को यह यकीन दिलाने में कामयाब रही कि आज मैं पहली बार सेक्स का आनंद ले रही हूँ।

खैर इसी तरह तीन-चार दिन बीत गये।

कुछ खास रिश्तेदारों को छोड़कर बाकी सभी रिश्तेदार जा चुके थे।

करीब एक हफ्ते बाद हम हनीमून पर चले गये।
जहाँ हनीमून के दौरान भी रोहित ने मेरी खूब जमकर चुदाई की।

सबसे पहले मैं आप लोगों को अपने पति रोहित के बारे थोड़ा बता दूँ।
करीब 5’10” की हाइट के रोहित दिखने में गोरे-चिट्टे और हैंडसम हैं।

हनीमून के ही दौरान मुझे रोहित के बारे में कुछ बातें पता चलीं।
जिनमें पहला तो यह कि रोहित बाइ-सेक्सुअल भी हैं।

क्योंकि हनीमून में जब पहली बार रोहित ने मेरी गांड मारी थी।
उस दिन वो मेडिकल स्टोर से एनेस्थेटिक स्प्रे लेकर आये थे।

जब मैंने पूछा- ये क्या है?
रोहित बोले- आज गांड में डालूंगा. तो दर्द न हो इसके लिए लेकर आया हूँ।

मैंने कहा- इससे दर्द नहीं होता क्या?
रोहित बोले- अरे हॉस्टल में लड़के अक्सर मजे के लिए कभी-कभी एक दूसरे की गांड मारते थे तो बाजार से यही लेकर आते थे क्योंकि पहली बार गांड मरवाने पर थोड़ा दर्द होता है।

मैंने उस समय तो कुछ नहीं कहा और चुप रही।

फिर उस रात में रोहित ने मुझे दर्द न हो इसके लिए पहले गांड की छेद पर थोड़ा स्प्रे किया और फिर मेरी गांड मारी।
हालांकि उसके बाद मैंने रोहित से कुछ नहीं कहा.

लेकिन मुझे सोनू की बात याद आ गयी कि वह भी जब से हॉस्टल में रहने लगा था तो वो भी बाइ-सेक्सुअल हो गया था।
इसलिए मुझे शक हुआ कि रोहित भी बाइ-सेक्सुअल हैं।

हालांकि रोहित के बाइ-सेक्सुअल बात तब कन्फर्म हो गयी जब पायल (मेरी ननद) ने खुद मुझे ये बताया।
कब और कैसे ये मैं आपको आगे स्टोरी में बताऊंगी।

वैसे तो मैं खुद भी बाइसेक्सुअल थी क्योंकि मैं अपनी सहेली ज्योति के साथ ये सब करती थी.
तो मुझे रोहित के बाइ-सेक्सुअल होने से कोई दिक्कत भी नहीं थी।

रोहित के बारे में दूसरी बात जो मैंने जानी वो यह थी कि रोहित के अंदर भी फेमिली सेक्स की फैंटेसी है।
दरअसल हनीमून के दौरान कई बार ऐसा भी हुआ था कि हम जब साथ में पॉर्न मूवी देखते थे तो मैंने देखा था कि रोहित कभी-कभी बाइसेक्सुअल पॉर्न मूवी के साथ ही फेमिली सेक्स या टैबू सेक्स मूवी भी देखते थे।

लेकिन फिर शायद मेरी वजह से कि मैं क्या सोचूँगी … वे तुरंत कोई दूसरी पॉर्न मूवी चला देते थे।

वैसे तो मैं रोहित का मोबाइल या लैपटॉप कभी नहीं देखती थी लेकिन कन्फर्म होने के लिए एक दिन होटल में जब रोहित बाथरूम में थे तो मैंने उनका मोबाइल चेक किया तो ब्राउज़र हिस्ट्री में पाया कि उसमें पॉर्न मूवी की साइट्स पर काफी विजिट किया गया था।
हालांकि उसमें कई मूवी तो ऐसी थीं जो हमने साथ ही देखी थीं।

लेकिन उसके अलावा कई पॉर्न मूवी थी जो या तो फेमिली सेक्स की थीं या फिर बाइ-सेक्सुअल मूवी थीं।
फेमिली सेक्स मूवी में भाई-बहन की चुदाई की मूवी ज्यादा थी।

मैं समझ गयी कि रोहित के अंदर भी फेमिली सेक्स की फैंटेसी है।

वैसे सच कहूँ तो यह जानकर मैं मन ही मन खुश भी हो गयी थी।

हालांकि मैं रोहित से इन चीजों को लेकर कभी बात नहीं करती थी।
उसकी एक वजह तो नयी-नयी शादी थी.
और दूसरी वजह यह थी कि मैं रोहित को कभी यह नहीं महसूस होने देती थी कि मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा जानकारी है।

बस वे जैसा कहते जाते थे, मैं वैसा करती जाती थी।
मूवी भी वही देखती थी जो वो दिखाते थे।

हालांकि रोहित चाहते थे कि सेक्स को लेकर मैं भी उनसे थोड़ा खुलूँ और अपनी इच्छा ज़ाहिर करूँ।
सेक्स में मेरी पसंद और नापसंद का भी वे ख्याल रखते थे।

दरअसल शुरुआत में सेक्स के दौरान एक ऐसा काम जो मुझे नहीं पसंद था, जो रोहित मुझसे कभी-कभी करवाते थे, वो था मुझसे अपनी गांड चटवाना।

दरअसल हनीमून के दौरान भी और उसके बाद भी 3 – 4 चार बार रोहित मुझसे अपनी गांड चटवा चुके थे।
मैंने ये कभी किया नहीं था और ना ही मुझे ये करना जरा भी पसंद था इसलिए बेमन से मैं सिर्फ रोहित के ज्यादा जोर देने पर कर देती थी।

हालांकि बाद में जब रोहित को लगने लगा कि मुझे ये पसंद नहीं है तो उन्होंने ये करवाना बंद कर दिया।

वहीं रोहित कई बार मुझे अकेले ही बेड छोड़ देते थे.
वे मुझे खुद ही अपनी चूची सहलाने, चूत में ऊंगली करने और सहलाने को बोलते थे और खुद कुर्सी पर बैठकर मुझे देखते हुए मुठ मारते थे।

इसके अलावा रोहित मेरे लिए स्कर्ट लेकर आये थे।
पूरे हनीमून में बाहर घूमने के दौरान ज्यादातर मैं स्कर्ट और टीशर्ट ही पहनती थी।
उन्हें मेरा हमेशा स्कर्ट में रहना बहुत पसंद था।

वैसे तो हम दोनों अक्सर नंगे होकर चुदाई का खेल खेलते थे लेकिन रोहित कई बार स्कर्ट में ही मेरी चुदाई करते थे।

यहाँ तक कि हनीमून से घर वापस लौटने के बाद भी रोहित ने मुझसे कह रखा था कि रात में अपने कमरे में हमेशा स्कर्ट पहना करो।

मुझे भी स्कर्ट पहनना अच्छा लगता था तो मैं रात खाने और सारा काम निपटाने के बाद कमरे में आते ही सलवार-कुर्ती उतार कर स्कर्ट और टीशर्ट में आ जाती थी।

खैर … करीब एक सप्ताह बाद हम हनीमून मनाकर लौटे।
तब बस एक बड़ी बुआ को छोड़कर सभी रिश्तेदार जा चुके थे।

बड़ी बुआ जी मेरे ससुर जी से भी काफी बड़ी थीं।
उनकी उम्र करीब 65 के आसपास थी।

चूंकि मेरी सास नहीं थीं और मेरी नयी-नयी शादी हुई थी तो ज्यादातर रिश्तेदारों ने कहा कि बड़ी बुआ एक-दो महीने के लिए यहाँ रुक जाएं ताकि घर में मुझे कोई दिक्कत न हो.
इसलिए बुआ रुक गयी थीं।

नयी-नयी शादी हुई थी तो शुरुआत में तो मैं दिन भर साड़ी पहने रहती थी.
फिर एक दिन बुआ जी बोली- बेटा, दिन भर हमेशा साड़ी पहनने की ज़रूरत नहीं है; सलवार-कुर्ते भी पहना लिया कर!

मुझे तो वैसे ही साड़ी में थोड़ी दिक्कत होती थी इसलिए उस दिन के बाद से मैं अधिकतर सलवार कुर्ता ही पहनने लगी थी।

अब घर में सिर्फ हम पाँच लोग ही थे।
मैं, रोहित (मेरे पति), पायल (मेरी ननद, जो ग्रेजुएशन में कर रही थी), मेरे ससुर और बड़ी बुआ।

नीचे ड्राइंग रूम के अलावा चार कमरे थे,
तो एक कमरे में बड़ी बुआ के रहने का इंतजाम कर दिया गया था।

घर बड़ा था तो ग्राउण्ड फ्लोर चार कमरे थे और ऊपर दो कमरे बने थे.
बाकी बड़ी सी छत थी।

ऊपर के कमरे में रिश्तेदार आने पर रुकते थे।

जैसा कि मैंने आपको पिछली कहानी में बताया था कि मेरे ससुर जी ने मेरी शादी से पहले ही अपना ट्रांसफर इसी शहर में करवा लिया था।
वहीं मेरे पति की पहली पोस्टिंग भी पास के ही शहर में हुई थी जहाँ पर आने-जाने में दो-ढाई घण्टे ही लगते थे तो उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं थी।

लेकिन उनकी ड्यूटी ट्रेन में लगती थी तो वो अक्सर हफ्ते में 3-4 दिन बाहर ही रहते थे।

इस बीच शादी की गहमागहमी और घर में आये रिश्तेदारों और मेहमानों की वजह से और फिर कुछ दिन तक बड़ी बुआ के घर में होने की वजह से ससुर जी मुझसे ज्यादा बात नहीं करते थे।
चूंकि नयी-नयी शादी हुई थी तो मैं भी उनके सामने ज्यादा नहीं जा रही थी।

वैसे ससुर जी अक्सर मुझे चोरी से देखने का मौका नहीं छोड़ते थे।
जैसे ही हमारी नज़र मिलती तो हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा देते थे।

सच कहूँ तो पहले रिश्तेदारों की वजह से और फिर बड़ी बुआ और पायल की वजह से मैं ससुर जी से ज्यादा खुलकर बात नहीं कर पाती थी।
क्योंकि उन्हें खाना देना या खाने के लिए बुलाना या फिर किसी काम से उनके कमरे में जाना … ये सब शादी से पहले पायल ही करती थी।
तो अभी भी ये सारा काम वही कर रही थी।

जैसा कि पिछली स्टोरी में हमने बताया था कि शादी से पहले ससुर जी मेरे कामुक बदन के दीवाने हो चुके थे।
यहाँ तक कि अपने ही चक्कर में उन्होंने मेरी शादी भी जल्दी-जल्दी अपने बेटे से करवायी थी।

अब जब सबकुछ हो गया तो वे बस मौके की तलाश में थे कि कैसे वो मेरी जवानी का रसपान कर सकें।
मुझे भी कोई दिक्कत नहीं थी।
मेरे लिए तो अच्छा ही था कि पति के अलावा एक और लण्ड का जुगाड़ घर में रहेगा।

ससुर जी किसी न किसी बहाने से अक्सर मेरे सामने आने लगे।
या मौका मिलने पर बात करने की कोशिश करने लगे थे।

लेकिन बड़ी बुआ के घर में होने की वजह से वहीं पायल कॉलेज से आने के बाद ज्यादातर घर में ही रहती थी तो ससुर जी को ज्यादा मौका नहीं मिल पा रहा था।

खैर … धीरे-धीरे सब कुछ रूटीन में आने लगा था।
ससुर जी ऑफिस चले जाते थे।
पायल भी अपने कॉलेज चली जाती थी।
रोहित भी 3-4 दिन बाहर ही रहते थे।

शादी को करीब डेढ़ महीना हो चुका था और अब ससुराल थोड़ा बोरिंग लगने लगा था।
सब कुछ एक रूटीन में चल रहा था।

जब पति घर होते तो हम दोनों रात में चुदाई करते और सो जाते।

फिर अगले दिन से वही दिन में काम, रात में फिर चुदाई और फिर अगले दिन वही रूटीन!

हालांकि रोहित के साथ भी सेक्स लाइफ अच्छी थी।
शुरुआत में तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे वे भी सेक्स में खुल रहे थे और नये-नये पोजिशन से चुदाई करते थे।
लेकिन जिन्दगी से वो नमकीन स्वाद गायब था जो शादी के पहले था।

शादी के पहले जहाँ मम्मी-पापा से छुपकर भाई के साथ चुदाई का खेल होता था।
ज्योति के घर पर उसके पापा के साथ चुदाई जिसमें ज्योति और उसकी मम्मी भी शामिल रहती थीं।

फिर वहीं घर में मम्मी से छुपकर पापा से चुदवाना, कभी छुपकर बुआ और पापा की चुदाई देखना, इन सबमें अलग ही मजा आता था।

हालांकि ससुर जी के साथ कुछ मामला आगे बढ़ता तो एक बार फिर वही नमकीन स्वाद जिंदगी में आने की उम्मीद थी।

यह कहानी 3-4 भागों में चलेगी.
Xxx ब्राइड सेक्सी कहानी पढ़ते रहिये और कमेंट्स में अपने विचार लिखते रहिये.
धन्यवाद.
लेखिका के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

Xxx ब्राइड सेक्सी कहानी का अगला भाग: कुंवारी ननद को दिखाए लण्ड के हसीन सपने- 2

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