अनजान लड़की को चोद कर उसका पर्सनल जिगोलो बना

(Ajnan Ladhki Ko Chod Kar Uska Personal Gigolo Bana)

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार, मैं राजेश आपके लिए एक सच्ची हिंदी पोर्न स्टोरी लेकर आया हूँ.

मैं भोपाल का रहने वाला हूँ, मेरी हाइट 5 फीट 6 इंच है, बॉडी एथलेटिक है, देखने में स्मार्ट हूँ, बहुत आकर्षक तो नहीं पर अच्छा दिखता हूँ.

भोपाल अब मेट्रो सिटी होता जा रहा है. बात लगभग रात 8 बजे की है. मैं न्यू मार्केट में अपनी इंडिगो कार की डिग्गी से टिक कर खड़ा हुआ था, जो कि मैंने रोड की पार्किंग में पार्क की हुई थी. मैं अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था.

अभी कुछ टाइम ही निकला था कि एक बला सी खूबसूरत लड़की जीन्स और टॉप में आई. उसके तने मम्मे और उभरी हुई गांड इतने शानदार लग रहे थे कि मैं उसी को देखे जा रहा था. पहले वो पास में ही खड़ी हो गई. मैं धीरे धीरे उसी को निहार रहा था, बीच बीच में इधर उधर देख लेता था. कसम से मन कर रहा था कि ये मेरे को मिल जाए.

कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली- एक्सक्यूज मी.. क्या आप यहीं के हैं?
मैं तो डर गया.. सकपकाते हुए बोला- ह..हा..हाँ मैं यहीं का हूँ.
लड़की- मुझे अरेरा कॉलोनी जाना है क्या आप बताएँगे यहाँ से कैसे जा सकते हैं?
मैं- आप यहाँ से ओला कॅब या ऑटो रिक्शा से जा सकती हैं.
लड़की- मैं यहाँ नई हूँ.. अभी ऑटो वाले ने मेरे को बहुत घुमाया, अगर आप उसी तरफ जा रहे हों, तो मुझको छोड़ सकते हैं क्या?

मेरा तो दिमाग़ ठंडा हो गया, जिससे मैं बात करने का सोच रहा था, वो मेरे साथ बैठ कर जाना चाहती है.

मैं- अरे क्यों नहीं.. मैं तो उसी तरफ जाऊंगा, आप चलिए मेरे साथ.

मैंने अपने दोस्त का इंतजार छोड़ा और कार में बैठ गया. गेट खोल कर उसको भी बैठ जाने का इशारा किया.
कार पार्किंग से निकल कर आगे बढ़ा और उससे पूछा- अरेरा कॉलोनी में कहाँ जाएँगी?

उसने अरेरा कॉलोनी का अपना मकान नम्बर बताते हुए कहा- आप चलिए, मैं बता दूँगी.
मैंने पूछा- आप कहाँ की रहने वाली हो?
उसने बताया कि वो बंगलोर की है, अभी शादी हुई है, हज़्बेंड का बिजनेस है, वो ज़्यादातर टूअर पर रहते हैं. उसने अपना नाम शालिनी बताया.

मैं समझ गया कि शायद आग लगी हो सकती है.. काश आज रात ये मुझे मिल जाए.
मैं धीरे धीरे कार को चला रहा था.

उसने पूछा- आप किसी का वेट कर रहे थे?
तो मैंने मज़ाक में ही बोल दिया- नहीं, मैं कार निकाल ही रहा था कि आप दिख गईं.. आप इतनी खूबसूरत हो कि आप से नज़र ही नहीं हटी. सोचा जब आप चली जाओगी, तो मैं भी चला जाऊंगा.
वो हँसने लगी.. बोली- कहीं लोंग ड्राइव पर चलें?
मैंने कहा- आपको घर तो जल्दी नहीं जाना??
वो बोली- नहीं, अभी कोई जल्दी नहीं है.
हम लेक व्यू होते हुए लोंग ड्राइव पर निकल गए.

इस बीच मेरे दोस्त का फोन आया तो मैंने बहाना बना दिया कि मुझे कुछ काम आ गया है और मैं अपने अंकल के घर जा रहा हूँ.

रात 11 बजे हम वापस आए, तब तक उससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी. मैंने उसके बारे में और उसने मेरे बारे में सब जान लिया था. उसने अपने अपार्टमेंट का अड्रेस बताया और हम उसके फ्लैट वाले अपार्टमेंट में पहुँच गए.

“आओ राजेश, कॉफी पी कर जाना.”

मैंने भी कार पार्क की और उसके साथ हो लिया. अपने फ्लैट में पहुँचते ही वो कॉफी बनाने चली गई और मैं ड्रॉइंग हॉल में बैठ गया. जब वो कॉफी लेकर आई तो एक मस्त सेक्सी नाइटी में थी, मैं तो देखता ही रह गया. उसकी ये नाइटी काफी पारदर्शी थी जिसमें से उसकी ब्रा पेंटी भी साफ़ झलक रही थी. मेरा तो लंड एकदम से खड़ा ही हो गया और मैं उसको एकटक देखने लगा.

“राजेश क्या देख रहे हो… कॉफी लो ना..!”
मेरा मन तो कर रहा था कि कॉफी क्या सीधे दूध ही पिया जाए.
मैं- हां.. हां.. यू आर लुकिंग सो सेक्सी शालिनी.
शालिनी- थैंक्स राजेश.

फिर वो मेरे पास ही आ कर बैठ गई अचानक वो मेरे बहुत नज़दीक आ गई, हमारी कार में बहुत बातें हुई थीं, पर कोई भी सेक्स या ऐसी बात नहीं हुईं, सारी बातें एक दोस्त जैसी ही हुईं.

एकदम करीब आने से हम दोनों के शरीर एक दूसरे से टकराने लगे, मेरा तो हाल बहाल हो गया.. मुझे पसीने आने लगे…

शालिनी ने पूछा- आर यू कंफर्टबल?
मैं बोला- यस..
शालिनी ने सरगोशी से पूछा- राजेश, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैंने कहा- नहीं शालिनी, तुम जैसी कोई मिली ही नहीं.
वो बोली- आज तो मिल गई हूँ ना..! आज से मैंने तुम्हारी गर्लफ्रेंड!

उसने इतना बोलते ही मेरे होंठों पर अपने दहकते हुए होंठ रख दिए. अब हम दोनों एक दूसरे को आलिंगनबद्ध होकर चूस रहे थे.
धीरे धीरे मैं उसके मम्मों को उसकी नाइटी के ऊपर से ही दबाने लगा. कामुकता से उसकी सिसकारियाँ निकालने लगीं, शालिनी मेरी गर्दन में हाथ डालते हुए बोली- रूम में चलते हैं.

मैंने उसको गोदी में उठाया और उसके बताए अनुसार उसके रूम में पहुँचा.
लाइट रेड कलर की लाइट, हल्की हल्की रोज़ रूम फ्रेशनर की खुशबू और मखमली बेड.. बड़ा ही सेक्सी माहौल था.

मैंने उसको बेड पर लिटाया, वो बोली- राजेश, प्लीज़ मैं बहुत प्यासी हूँ, इनको अपने बिजनेस से फ़ुर्सत नहीं है और मैं यहाँ तन्हाई में मरी जा रही हूँ.
“मैं हूँ ना मेरी जान… अब तुम तन्हा कहाँ हो.”

मेरा इतना बोलते ही वो फिर से मुझ में समा गई. धीरे धीरे मैंने उसकी 3 पीस नाइटी को उतारा, रेड लाइट में उसका बदन किसी अप्सरा से कम नहीं लग रहा था.. लगभग 33-28-34 का होगा. ये सिर्फ़ अंदाज़ से ही बोल रहा हूँ क्योंकि नापा तो था नहीं. मैं तो बस उस बला सी खूबसूरत को ही निहारे जा रहा था.

फिर जब उसके पूरे शरीर पर किस करना चालू किया, तो उस संगमरमर के तराशे हुए बदन से मुँह ही नहीं हट रहा था. जीभ से उसके पूरे शरीर को चाटना शुरू कर दिया. उसकी मरमरी जाँघों पर हाथ फेरने से मन ही नहीं भर रहा था.

वो तो पागल हो गई और मेरे कपड़ों को खींचने लगी. मैंने अपने कपड़े भी उतर जाने दिए.

अब मैं बस अंडरवियर में था और वो ब्रा और पेंटी में थी. मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा निकाल दी. आह.. सामने कयामत का सीन था.. गुलाबी निपल्स.. जैसे अभी तक अनछुए हों. मैं तो एक को मुँह में ले कर चूसने लगा और दूसरे को अपने हाथ से मीसने में व्यस्त हो गया.

उसकी गरम सीत्कारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं. धीरे धीरे मैं उसकी नाभि और पेट पर किस करता हुआ, कमर पर पहुँचा और उसकी पेंटी को निकाल फेंका. उसकी सफाचट चुत मेरे सामने थी. मैं तो अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत के दाने और उसकी लिसलिसाती चुत का रस पान करने लगा. आह.. क्या नमकीन अमृत सा स्वाद था.

उसने भी पलटकर मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उस के टोपे को चाटने लगी. उसकी जुबान का गीला गीला अहसास मेरे लंड पर स्वर्ग का मज़ा दे रहा था.
फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में हो गए. मेरा लंड उसके मुँह में और उसकी चुत मेरे मुँह में आ गई.

“राजेश प्लीज़ आ जाओ.. पहले मुझे शांत कर दो.. उसके बाद ये सब करते रहना. अभी तो मैं बहुत प्यासी हूँ.”

उसकी तड़प देख कर लग रहा था कि उसकी आग बहुत दिनों से शांत नहीं हुई है. मैंने उसको बेड पर लिटाया और अपना लंड उसकी चुत पर थोड़ी देर रगड़ कर उसको और उत्तेजित करके जैसे ही उसकी चुत में लंड डाला कि उसने एक दर्द भरी चीख के साथ मेरी पीठ पर कस कर नाख़ून गड़ा दिए. मैंने भी पूरा लंड उसकी चुत में उतार दिया. थोड़ा रुकने के बाद वो खुद ही अपनी कमर उठा कर झटके लगाने लगी.

अब तो धक्कमपेल बराबर लगी हुई थी.. ज़ोर ज़ोर से ठप ठप की आवाज़ें और शालिनी की “अहहा अहहा..” की आवाज़ें आ रही थीं.
बीच बीच में वो बोल देती थी- यस राजेश उम्म्ह… अहह… हय… याह… फक मी हार्ड.. ज़ोर से और ज़ोर से!
उसकी इन आवाजों से मेरा तो एक्साईटमेंट और बढ़ जाता था.

इसी बीच वो झड़ गई, उसने निढाल से स्वर में बोला- राजेश यार मेरा तो काम हो गया.
मैंने कहा- शालू डिअर, मेरा भी होने ही वाला है..
“तुम अन्दर मत निकलना.. इसे तुम मेरे मुँह में दे दो.”

मैंने ऐसा ही किया.. अपना लंड शालिनी की चूत से निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और उसके मुँह को ज़ोरदार तरीके से चोदने लगा. वो भी मेरे लंड को पूरा मुँह में लेकर मुझे मस्त मज़ा दे रही थी.

थोड़ी देर में मैं झड़ गया और उसने मेरे लंड से निकला पूरा रस अंदर गटक लिया. हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे और एक दूसरे के शरीर पर हाथ फेर कर एंजाय करते रहे.

तभी वो बोली कि आज वो घर से निकली ही इसलिए थी कि किसी ना किसी को ढूँढेगी, नहीं तो किसी जिगोलो की मदद लेगी.
मैंने उसको बताया कि मैंने भी अभी अभी जिगोलो का काम स्टार्ट किया है और अभी तक एक फीमेल को ही सर्विस दी है.
उसने कहा- आज से तुम मेरे पर्सनल जिगोलो हो, अब किसी और के पास मत जाना, मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूँगी और तुम मुझे खुश करोगे.

उस रात हम दोनों ने कुल 3 बार सेक्स किया. उसके बाद तो बस ऐसा ही चलता रहा. जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे 10000/- रूपए दिए. मैंने उसको मना किया तो वो नहीं मानी.
जब मैंने कहा- ये तो ज़्यादा हैं.
वो बोली- तुमने जो मुझे दिया है वो अनमोल है, उसके हिसाब से तो ये बहुत कम हैं.

इसके बाद ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा. उसके बाद मैंने कैसे उसकी गांड मारी और भी बहुत कुछ किया. वो सब अगली पोर्न कहानी में लिखूंगा. अभी उसने मुझे अपनी एक फ्रेंड से मिलवाने का भी बोला है.

तो मेरे प्यारे दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी यह सच्ची हिंदी पोर्न कहानी.. प्लीज़ रिप्लाइ मी!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top