चुदाई स्टोरी बस में मिली आंटी को होटल ले जा कर चोदने की

(Chudai Story Bus Me Mili Aunti Ko Hotel Le Ja Kar Chodne Ki)

मैं अर्पित देहरादून का रहने वाला हूँ, मेरी लंबाई 6 फीट. मैं एक अच्छे शरीर का मालिक हूँ.
मैं अन्तर्वासना चुदाई स्टोरी का नियमित पाठक हूँ, यहाँ पर चुदाई स्टोरी पढ़ने पर मेरी भी मेरे साथ हुई एक घटना को लिखने की इच्छा हुई जो मैं आपके बता रहा हूँ.
एक बार जनवरी के महीने में मैं कुछ काम से दिल्ली जा रहा था, मैंने देहरादून से वोल्वो ली और पीछे की तरफ खिड़की की तरफ वाली सीट पर बैठ गया. मैं मोबाइल में गाने सुनने लगा.
बस में आगे की तरफ कुछ भीड़ सी हो गई.

रूड़की आने पर बस रुकी है, कुछ सवारियाँ बस में चढ़ी, उनमें एक महिला 30-32 साल की भी बैठती है तो उसे आगे सीट ना मिलने के कारण वो मेरे सामने वाली दूसरी विंडो सीट पर बैठ गई.
वो देखने में बड़ी सेक्सी माल लग रही थी, चुची उसकी 34 से ऊपर थी और रंग गोरा चिट्टा दूध की तरह था. उसने साड़ी पहन रखी थी जिससे उसका पेट साफ नज़र आ रहा था, दूर से ही पता चल गया कि वो बहुत चिकना है.

वो बैठ गई, मैं लीड लगा कर गाने सुन रहा था और उसकी तरफ देखने लगा या यों कहो उस पर लाइन मारने लगा. तो दो तीन बार उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ी तो हमारी आँखें मिली, मैंने उसको हल्की सी स्माइल दी. उसने पहले तो कुछ रिस्पोंस नहीं दिया लेकिन 3-4 बार स्माइल देने के बाद उसने भी स्माइल दी तो मेरी तो जैसे लाटरी लग गई थी, मैंने सोचा हंसी तो फंसी.

मैंने इशारे से उसके पास जाने के लिए पूछा तो उसने सहमति प्रदान की. मैं धीरे से उसके पास जाकर बैठ गया और उससे बात करने लगा और उसको टच करने लगा.
ठंड का तो टाइम था ही उसने अपनी शाल निकाल कर दोनों के ऊपर डाल ली. मैं उसके हाथों और घुटने से ऊपर टांगों को हल्के-2 सहलाने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगने लगा.

धीरे धीरे मैंने हाथ उसकी चुची के ऊपर रख दिया और उनको हल्के हल्के दबाने लगा. उसको मजा सा आने लगा और वो हल्की हल्की सिसकारी लेने लगी, उसके मुँह से हल्की हल्की आवाज़ ‘आहा सस्स आहा आ..’ आ रही थी. मैंने उसको चुप रहने का इशारा किया.
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उसका हाथ मेरे लंड पर जाने लगा जो फुंफकार मार के मेरी पैंट से बाहर आने को बेताब हो रहा था. उसने मेरी जिप खोली और लंड बाहर निकाल कर उसको हाथ में लेकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
मैं भी उसकी साड़ी ऊपर कर के उसकी पेंटी की साइड में से उंगली उसकी चूत पर लगा कर सहलाने लगा.

वो तो पागल सी हो गई और अपने हाथ से मेरी उंगली अपनी चूत में देने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली हल्के हल्के अंदर बाहर करना शुरू किया तो उसकी चूत में से पानी निकल गया, उसने मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करना शुरू किया, मैंने उसको मुँह से करने को बोला तो शाल के अंदर घुस कर उसने मेरे लंड पर मुँह लगाकर मेरा पानी निकाल दिया और पी गई.

मैंने रुमाल से सब साफ किया देखा तो 4 बज गये थे और गाज़ियाबाद आ गया था. मैंने उसको बोला- होटल चलें कुछ देर के लिए?
पहले तो उसने मना किया कि उसको टाइम पर घर पहुँचना है.

मैंने उसको टायर पँचर का बहाना बताने को कहा और बोला- कुछ देर के लिए चलते हैं.

दिल्ली पहुँच कर मैंने जल्दी से कश्मीरी गेट के पास ही एक होटल बुक किया हम 5 बजे होटल में एंट्री हुए और रूम में गये.

रूम में जाते ही मैंने उसको बेड पर लिटाकर उसकी साड़ी, ब्लाऊज और पेटीकोट निकालने शुरू कर दिए और अपने भी कपड़े निकल कर उसके पूरे बदन को चूसने लगा. उसकी ब्रा खुलने के बाद उसके 36″ की चुची बाहर निकल कर आ गई, मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी, उसकी चूत बिल्कुल चिकनी पड़ी थी, मैंने उसकी चूत चूसना और खाना सुरू कर दिया.
उसके मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीय.. हम्म… की आवाज़ आने लगी, वो पागल सी हो गई और मेरे को अपने ऊपर खींचना शुरू कर दिया.

मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चूत पर अपना 6 इंच लंबा लंड रखा और एक ही झटके में उसकी चूत में घुसा दिया.
उसको हल्का सा दर्द हुआ लेकिन चूत बहुत गीली थी और वो भी पूरी जोश में थी तो उसने सहन कर लिया.

उसके बाद मैं उसकी चुची और उसके होठों को चूसने लगा. उसको बहुत मजा आ रहा था, वो नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चुद रही थी. मैंने भी उसकी चूत में अपना लंड चलाना शुरू किया तो पूरे कमरे में फच फ़च की आवाज़ आने लगी. चूत पर लंड एक पिस्टन की तरह बज रहा था.

कुछ ही देर में वो झड़ गई और मैंने भी उसके अंदर ही अपना माल निकाल दिया. उसके कुछ देर बाद हमने एक बार जबरदस्त चुदाई की और 7 बजे हम होटल से निकले और टैक्सी कर उसको उसके घर छोड़ कर उसका नंबर लेकर अपने काम के लिए चला गया.

दोस्तो, यह मेरी सच्ची चुदाई स्टोरी है, पसंद आई या नहीं, मुझे मेल करो!
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