पहाड़न माल भाभी की चूत चुदाई होटल में

(Desi Bhabhi Free Sex Kahani)

राज शर्मा 009 2022-12-18 Comments

देसी भाभी फ्री सेक्स कहानी में मैंने हरिद्वार की एक पहाड़न भाभी की चूत मारी होटल के कमरे में! मेरी कहानी पढ़ कर उसने मुझसे दोस्ती की थी.

नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना पर आपका स्वागत है.

मेरी पिछली कहानी थी: बुआ की चूत गांड की धमाकेदार चुदाई का मजा

अब इस देसी भाभी फ्री सेक्स कहानी का मजा लें.

अन्तर्वासना पर मुझे एक माहिला का मेल पर मैसेज आया.
मैंने बात शुरू की तो उसने अपना नाम तूलिका बताया.

सबसे पहले हमारी सामान्य बात शुरू हुई. उसने बताया कि वो अन्तर्वासना पर वो मेरी लिखी हुई कहानियां पढ़ती है और उसे मेरी कहानी बहुत पसंद आती हैं.

आगे बढ़ने से पहले मैं आपको तूलिका के बारे में कुछ बता देता हूँ.
तूलिका एक 28 साल की शादीशुदा महिला है, उसका एक 5 साल का बच्चा है.
वह तूलिका बहुत गोरी भरे बदन की मालकिन है. उसकी आंखें बहुत नशीली हैं और होंठ गुलाब के जैसे हैं.
उसकी 36 इंच की बड़ी बड़ी भरी हुई गोल चूचियों को देखकर लगता है कि जैसे कामदेव ने फुर्सत से बनाई हों.
उसकी कमर और भरी हुई जांघें तो बस देखते ही लंड में हरकत शुरू हो जाती है.

धीरे धीरे हमारी बात मैसेज से कॉल पर और फिर वीडियो कॉल पर होने लगी.

अब हम दोनों खुल चुके थे और अक्सर हमारे बीच फोन पर ही चुदाई होने लगी थी.
वीडियो कॉल में मैंने देखा था कि तूलिका की गुलाबी चूत में हल्के हल्के बाल हमेशा रहते थे.

हम एक-दूसरे से बात करते हुए वो अपनी चूत … और मैं अपने 7 इंच के लंड को सहलाने और मसलने लगते थे.

जब तक दोनों का पानी नहीं निकल जाता, हम बात करके फील करते हुए चूत में उंगली और लंड हिलाते रहते थे.

इस तरह से अब मेरे और तूलिका के बीच ये सब होना तो जैसे रोज की बात हो चुकी थी.

धीरे धीरे हम एक-दूसरे के करीब आने लगे.
एक दिन तूलिका बोलने लगी- राज जो तुम कहानी में … और हम दोनों फ़ोन पर करते हैं, मैं एक बार तुम्हारे साथ करना चाहती हूं.

वैसे मैं आपको बता दूं कि तूलिका हरिद्वार के पास एक कस्बे में रहती थी. उसके पति ड्यूटी करते हैं. वो एक हाउसवाइफ है.
हमारे बीच सब कुछ अच्छा चल रहा था और हम दोनों को जब भी मौका मिलता तो हम वीडियो सेक्स करके एक-दूसरे को संतुष्ट करने लगे थे.

एक बार तूलिका ने मुझसे हरिद्वार आने को कहा और कुछ दिनों बाद मेरी हरिद्वार की तैयारी लग गई.
मैंने तूलिका को बताया कि मैं परसों हरिद्वार आ रहा हूं.

तूलिका अब बहुत खुश थी क्योंकि पहली बार हम दोनों मिलने वाले थे.
मैं दो दिन बाद दिल्ली होते हुए हरिद्वार पहुंच गया.

सबसे पहले मैंने पास में एक अच्छा सा होटल देखकर कमरा बुक किया.
फिर मैंने तूलिका को फोन किया तो तूलिका की खुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नहीं था.

उसने मुझे बताया कि उसके पति के ड्यूटी जाने के बाद वो आ जाएगी.
मैं नहाकर फ्रेश होकर अब तूलिका का इंतजार करने लगा.

करीब 10:30 बजे तूलिका का फोन आया.
मैंने उसे होटल का पता बताया और उससे खुद बाहर मिलने की कह कर होटल के बाहर खड़ा हो गया.

तूलिका ने एक गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था.
वो मेरे पास आकर सवालिया अंदाज में बोली- राज शर्मा?

मैंने लड़खड़ाते हुए कहा- हां, आप तूलिका हो न?
वो बोली- होटल में अन्दर चलें कि यहीं सारी बातें करोगे?
मैंने कहा- बिल्कुल नहीं.

फिर हम दोनों होटल में अपने कमरे में आ गए.

कमरे में जाते ही दरवाजा बंद करके मैंने तूलिका को अपनी गोद में उठा लिया और उसके होंठों को चूमने लगा.
वो बोली- अरे मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ, चलो बिस्तर पर!

मैं उसे लेकर आगे जाने लगा और बिस्तर पर लिटा दिया.
अब दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे.

आज तक हमने जो फोन पर किया था, आज वो सब यानि देसी भाभी फ्री सेक्स हकीकत होने वाला था.
हम दोनों एक-दूसरे के पास आ गए और एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे और एक दूसरे को सहलाने लगे.
दोनों तरफ की आग बढ़ने लगी.

मैंने धीरे धीरे तूलिका की सलवार को उतार दिया और जांघों पर हाथ फेरने लगा.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को लगातार चूसे जा रहे थे.

अब तूलिका के हाथ मेरे लोवर के उभार पर आ चुके थे और वो ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी.

मेरा हाथ भी तूलिका की चूत की गर्मी पैंटी के ऊपर से ही महसूस कर रहा था.

कुछ पल बाद हम दोनों अलग हुए तो मैंने तुली (तूलिका) की कुर्ती उतार दी.
उसकी बड़ी-बड़ी भरी चूचियां ब्रा में कैद थीं जिन्हें मैं ऊपर से दबाने लगा और तुली ‘आहह ओहह …’ करने लगी.

तुली ने मेरी बनियान उतार दी और अपना हाथ लोवर के अन्दर डालकर लंड को टटोलने लगी.
मैंने ब्रा उतार दी और चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.

सच में दोस्तो, क्या मस्त चूची थीं उसकी … मैं लगातार चूस रहा था.
उसी दरम्यान तुली ने लंड बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी.

फिर तुली ने मेरा लोवर अंडरवियर उतार दिया और मैं नंगा हो गया.
मैंने भी देर न करते हुए उसकी पैंटी निकाल दी. हम दोनों नंगे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे.

मैं वापस तुली की चूचियों को चूसने लगा और वो धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करके सहलाने लगी.
कमरे के अन्दर हम दोनों को रोकने वाला आज कोई नहीं था.

मैंने तुली को लंड चूसने के लिए कहा.
वो मुझे लिटाकर मेरे लंड को बड़े प्यार से चूसने लगी.

तुली आज बिल्कुल वीडियो वाली लड़की की तरह ही लंड को गपागप गपागप चूस रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने तुली को 69 के लिए कहा और तुली की चूत मेरे सामने थी.

मेरे बोलने से आज तूलिका अपनी चूत बिल्कुल क्लीन करके आई थी.
मैं उसकी चूत की फांकों को चाटने लगा और वो गपागप गपागप लंड चूस रही थी.

तुली की नमकीन चूत का स्वाद पाते ही मुझे जोश आने लगा और मैं जल्दी जल्दी चूत की फांकों और दाने को चाटने लगा.
तुली लंड को प्यार से चूस रही थी और मैं चूत में जीभ अन्दर बाहर करने लगा.

तुली की चूत से नमकीन पानी रिसने लगा और मैं चाटने लगा.

वो बार बार बोलने लगी- राज अब मुझे अपने लंड का मज़ा दो.
तो मैंने तुली को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर चूत में लंड रगड़ने लगा.

मैंने तुली से कंडोम के लिए बोला, तो वो गुस्सा करते हुए बोली- मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है.
तब मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूसने लगा.

वो भी धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी.
मैं चूत में लंड रगड़ने लगा.
वो अपनी कमर उठा कर लंड को लेने का प्रयास कर रही थी.

तूलिका की तड़प देखते हुए मैंने लंड को चूत पर रखकर जोर से धक्का लगाया.
पूरा लंड एकदम से अन्दर चला गया और तुली कसमसाने लगी.

उसके होंठों पर मेरे होंठ थे और मैं जोर जोर से धक्का लगाकर चोदने लगा.

धीरे धीरे लंड तुली की चूत में अपनी जगह बना चुका था और मैं तेजी से अन्दर बाहर करने लगा था.

कुछ देर बाद मैंने अपने होंठ अलग कर लिए और अब तुली आहह उह आह हांहह करके मस्ती से अपनी चूत में लंड का मज़ा लेने लगी थी.

मैं दोनों चूचियों को बारी बारी से दबाते हुए झटके लगाने लगा.
दोस्तो, तुली शादीशुदा महिला थी, फिर भी उसकी चूत में अब तक कसावट थी.

जैसे जैसे मैं अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा, वो हह आहह हह करके अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी थी.

कुछ देर बाद मैंने तुली को बिस्तर पर घोड़ी बनने के लिए कहा, तो वो जल्दी से घोड़ी बन गई.
मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और कमर पकड़कर चूत में लंड रगड़ने लगा.

तुली की चूत में लंड का निशाना बनाया और एक बार में लंड अन्दर घुसा कर चोदने लगा.

मेरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.
वो ‘आह हहह ऊईईई सीईई आह …’ करके धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे करने लगी.

तुली की गांड से थप थप की आवाज़ आने लगी और मैं ताबड़तोड़ झटके लगाने लगा.

मैं तुली की चूचियों को मसलने लगा और वो ‘आहह हह आह …’ करके अपनी कमर आगे पीछे करके मस्ती से लंड का पूरा मज़ा ले रही थी.

आज पहली बार मैं एक पहाड़ी औरत को इतने मजे से चोद रहा था.
तुली की चूत मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत करने लगी और मैं तेजी से झटके लगाने लगा.

चूत ने पानी छोड़ दिया और अब लंड फच्च फच्च करके तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.
चूत का पानी धीरे-धीरे जांघों पर बहने लगा.

मैंने उंगली में लेकर चाटा और तुली को भी चूत का नमकीन पानी चटाने लगा.
मैंने तुली को वापस बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा.

मैंने तुली की दोनों टांगों को फैला कर लंड को चूत में फिर से अन्दर घुसा दिया और चोदने लगा.

मेरा गीला लंड सनसनाता हुआ अन्दर बच्चादानी में टकराने लगा और तुली ऊईईई आहहह करके अपनी चुदाई करवाने लगी.
मैं भी उसकी चूचियों को मसलने लगा और जोश में आकर अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा.

हम दोनों की सांसें तेज होने लगीं और थप थप थप की तेज आवाज़ गूंजने लगी.
दोनों ‘आहह हह …’ करके अपनी कमर चलाने लगे और मैं दोनों चूचियों को मसलने लगा.

हम दोनों की मंजिल अब नजदीक आ चुकी थी.
मैंने तूलिका से पूछा तो उसने वीर्य अन्दर निकालने का इशारा कर दिया.

मैं बिना रूके तेजी से अन्दर बाहर करने लगा और तुली ‘आहह आह हह …’ करके चिल्लाने लगी.
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा लंड फिसलता हुआ अन्दर बच्चादानी तक जाने लगा.
मैं ‘आहह हह ओहह हह तुली तुली …’ करके झटके लगाने लगा.

मेरा लंड भी अकड़ने लगा और झटके मारते मारते लंड ने वीर्य की पिचकारी चूत में अन्दर छोड़ दी.
मैं निढाल होकर तुली के ऊपर लेट गया.

थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए और एक साथ बाथरूम गए.
हम दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और वापस रूम में बिस्तर पर आ गए.

मैंने दोनों के लिए खाना ऑर्डर किया. फिर हम दोनों ने एक साथ खाना खाया.

खाने के थोड़ी देर बाद हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.
दोनों के होंठ मिल गए और चूसने लगे.

अब दोनों एक दूसरे के शरीर पर हाथ फेरने लगे.
तुली ने लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा.

वो गपागप गपागप लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी थी.
मैंने भी उसे लिटा दिया और उसकी चूत में जीभ डालकर चूत चाटने लगा.

वो ‘आह हहह उईई आह …’ करके चिल्लाने लगी और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा.

कुछ देर बाद मैं नीचे लेट गया और तुली मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर धीरे से बैठ गई.
चूत में लंड अन्दर चला गया और तुली धीरे धीरे उछलने लगी.

उसकी चूत में लंड आसानी से जाने लगा था.
तुली धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगी और उछल उछल कर अपनी चूत में लंड लेने लगी.

मैं उसकी बड़ी बड़ी पके आम जैसी चूचियां दबाने लगा और वो ‘आहह उम्मह आह हहह …’ करके लंड पर उछल उछल कर अपनी गांड पटकने लगी.

दोस्तो, जो जो हम फ़ोन पर करते थे … आज वो सब सच में हो रहा था.
मैं तूलिका को अपने लंड पर सवार करके उसे लंड का मज़ा दे रहा था.

कुछ देर बाद मैंने तुली को लंड से उतार कर घोड़ी बना दिया और लंड घुसा कर तेज़ी से चोदने लगा.

तुली ‘ऊईईईई ऊईईईई …’ करके चिल्लाने लगी और मैं कमर पकड़कर कर जोर जोर से धक्का लगाकर चोदने लगा.

हम दोनों पूरे गर्म हो चुके थे और ‘आह आह …’ की सिसकारियां निकलने लगी थीं.
तुली की चूत में जैसे मेरा लंड अब हलचल मचा रहा था.

तुली का गोरा चेहरा टमाटर सा लाल हो चुका था. उसकी सिसकारियां तेज़ होने लगी थीं और कुछ ही पल में चूत ने पानी छोड़ दिया था.

मैंने लंड निकाल लिया और चूत में मुँह लगाकर चाटने लगा.
नमकीन पानी का स्वाद अब और जोश बढ़ाने लगा.

मैंने तुली को बिस्तर पर लिटा दिया और नीचे तकिया लगा दिया.
चूत के होंठों पर लंड रगड़ने लगा, वो ‘आह उहह …’ करके मचलने लगी.

मैंने उसकी दोनों टांगों को मोड़कर चूत में लंड रखकर जोर से धक्का लगा दिया.
लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया और मैं तेजी से झटके लगाने लगा.

मेरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा और वो ‘आह आह …’ करके लंड का मज़ा लेने लगी.
लंड अपनी रफ़्तार बढ़ा कर तेज़ी से सटा सट सटा सट अन्दर बाहर अन्दर बाहर आने जाने लगा.

मैंने उसकी टांगों को फैला दिया और दोनों चूचियों को मसलते हुए ताबड़तोड़ चोदने लगा.

पूरे कमरे में ‘आहह आहह …’ की सिसकारियां भरने लगी थीं.
अब तक मेरा लंड भी झड़ने की कगार पर आ चुका था.

मैं जल्दी जल्दी अब लंड अन्दर बाहर करने लगा और चूचियों को दबाने लगा.
मैं बिना रूके लगातार चोदे जा रहा था और दोनों की ‘आहहहह आहहहह …’ बढ़ने लगी थीं.

इस बार दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया.
मैं तुली के ऊपर ही लेट गया, मेरा लंड चूत में ही था.
हम दोनों काफी थक चुके थे और एक दूसरे को चूमने लगे थे.

दोनों बातें करने लगे और कुछ ही देर में हम दोनों को नींद आ गई.
तुली की अचानक से नींद खुली तो उसने मुझे जगाया.

फोन पर देखा तो 3:45 हो चुके थे. हम दोनों बाथरूम गए और फ्रेश होकर वापस आ गए.
तूलिका ने अपने कपड़े पहन लिए और मैं लोवर टी-शर्ट पहन लिया.

तुली बोलने लगी- अब मुझे जाना होगा … मेरे पति 5 बजे आ जाते हैं.
मैंने कहा- थोड़ी देर और रूक जाओ.

तो वो बोली- कल भी तो आना है.
मैं ये सुनकर खुश हो गया और उसे खुशी खुशी बस स्टाप पर छोड़ने आ गया.

बस के अन्दर हमने जोरदार किस किया और वो कल आने का वादा करके चली गई.
घर पहुंच कर उसने मुझे फोन किया और बताया कि वो आराम से पहुंच गई और बाद में बात करेगी.

रात में भी हमने बात की और मस्ती की.
उसके बाद दूसरे दिन भी हमने जमकर चुदाई की, वो सब दूसरी सेक्स कहानी में बताऊंगा.

दोस्तो, आपको मेरी और तूलिका की देसी भाभी फ्री सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
कमेंट जरूर करें.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top