मामी की रसीली पड़ोसन की चूत चुदाई- 2

(Desi Maal Sex Story)

राज हुडा 2021-12-22 Comments

देसी माल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैंने मामी की सहेली को पता लिया. उसने मुझे आधी रात में अपने घर बुलाया. वो भी मुझसे चुदाई के लिए तड़प रही थी.

दोस्तो, मैं राज हुड्डा एक बार फिर से आप सभी से मुखातिब हूँ. मेरी देसी माल सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
मामी की सेक्सी पड़ोसन को चुदाई के लिए मनाया
में आपने पढ़ा था कि मेरी मामी की पड़ोसन मिहिका मुझसे सैट हो गई थी और रात को बारह बजे वो मुझे फोन करके चोदने के लिए बुला रही थी. उसके फोन की पहली घंटी बजते ही मैंने फोन उठा लिया था.

अब आगे देसी माल सेक्स स्टोरी:

मिहिका बोली- सोया नहीं के … जब का छत पर चक्कर काट रहा सै.
मैं बोला- सोयी तो तुम भी ना हो.

मिहिका बोली- बस आज तो नींद उड़ गी … तू आजा बस … इब तो दादी पोता दोनों सो रहे हैं.
मैं बोला- आ रहा हूँ … पर तुम्हारे घर कैसे आऊं … आने का कोई रास्ता है!

मिहिका बोली- मैं गेट खोल रही हूँ … तुम देर ना करना .. आ जाओ.
मैं बोला- ठीक है.

फोन काट कर मैं धीरे धीरे नीचे गया और भैंस के कमरे के साइड का गेट खोल कर बाहर निकल कर गली में देखने लगा कि कोई है तो नहीं.
पूरी गली खाली थी.
मैं मिहिका के घर की ओर चल दिया.

मैं गेट पर पहुंचा ही था कि मिहिका गेट पर ही खड़ी थी.
उसने गेट खोल दिया और मैं अन्दर आ गया.

मिहिका ने गेट बन्द कर दिया और ताला लगा दिया.
हम दोनों कमरे में आ गए.

मैं मिहिका से बोला- तुमने तो गेट पर ताला लगा दिया … क्या सुबह तक यहीं रखोगी!
मिहिका बोली- ना … घर की पिछली तरफ से दीवार कूदकर चले जाना, तनै पता है ना … गाम मे जो दूधिया दूध बेचते हैं वो सब 3-4 बजे दूध निकालने उठ ज्या हैं.
मैं बोला- हां पता है, अन्दर आना मुश्किल होता है, बाहर जाना नहीं.

अब मैं आपको मिहिका के बारे में बता दूँ. उसने इस समय होंठों पर हल्की सी लिपस्टिक लगा रखी थी, वो खुले बाल में बहुत सुन्दर लग रही थी.

मैंने मिहिका को बांहों में भर लिया और उसे खुद से चिपकाने लगा. मेरा लंड उसके पेट पर चुभ रहा था.

मिहिका बोली- लाइट बन्द कर लेते हैं … क्या पता छोटू (मिहिका के लड़के का नाम) न उठ जाए, फेर पेशाब करने और लाइट जलती देख कर यहां कमरे में सोने आ जाए.
मैं बोला- अंधेरे में नहीं जान, थोड़ी रोशनी तो होनी चाहिए.
मिहिका बोली- छोटा बल्ब जला लेते हैं.

फिर मिहिका ने छोटा बल्ब जला दिया और हम दोनों बेड पर लेट गए.
मिहिका और मैं एक दूसरे को देख रहे थे.

उसने मेरी नाक को पकड़ कर खींच दी.
हम दोनों मुस्कुरा दिए.

फिर मैं मिहिका के होंठों पर टूट पड़ा. हम दोनों किस करने लगे, हमारी जीभें एक दूसरे के मुँह में जा रही थीं.

मैं मिहिका के होंठों को हल्का सा काट लेता … तो वो ‘उउऊं …’ की आवाज करके मना करती.

किस खत्म होने के बाद मिहिका बोली- पागल है होंठ सूज गए और सुबह कोई पूछेगा तो क्या बोलूंगी मैं!
मैं बोला- ओके आगे से नहीं काटूंगा.

अब मैं मिहिका के कपड़े उतारने लगा. वो लाल ब्रा में मस्त लग रही थी. बड़े बड़े चुचे थे. मैंने सिर्फ ब्रा को छोड़ कर मिहिका को पूरी नंगी कर दिया. मिहिका की चूत पर छोटे छोटे बाल थे. मैं खुद भी पूरा नंगा हो गया.

मिहिका अब ब्रा में बेड पर लेटी थी. मैं मिहिका के ऊपर आ गया और माथे को चूम कर खेल शुरू किया.

गालों को चूमा और होंठों को चूसने लगा. नीचे मेरा कड़क लंड उसकी चूत के पास टक्कर मार रहा था, पर मुझे अभी मिहिका को और गर्म करना था.

मैं किस करते हुए मिहिका की गर्दन को चाटने लगा और उसकी ब्रा के ऊपर से ही एक चुची को चूसने लगा.
ब्रा मैंने इसलिए नहीं उतारी थी क्योंकि उसके मम्मों पर ब्रा बहुत अच्छी लग रही थी.

कुछ देर बाद मैंने मिहिका की ब्रा का हुक भी खोल दिया. उसके दोनों चुचे ब्रा से आजाद हो गए और मैं चुचियों को बारी बारी से पीने लगा.

मिहिका मस्ती से आंखें बंद करके लम्बी लम्बी सांस लेने लगी.
मैं नीचे आते हुए उसके पेट को चूमने लगा और नाभि में अपनी जीभ डाल दी.

इससे मिहिका की सिहरन बढ़ गई और उसकी सांसें तेज होने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैंने मुँह मिहिका की दोनों टांगों को खोला और उसकी चूत पर मुँह लगा दिया.
मोटी फांकों वाली चूत के दाने को मुँह में लेकर चूसने लगा.

मिहिका को चूत चटवाने में मजा आ रहा था, तो वो ‘उन्हह आंह …’ करती हुई मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी.

मैंने चूत के मुँह में जीभ डाल दी, तो मिहिका ने ‘आह राज मर गई …’ की कामुक आवाज निकाली और उसने अपने टांगों को घुटने से मोड़ कर चूत खोल दी.

मैं उसकी चूत में पूरी जीभ को अन्दर बाहर करने लगा.
मिहिका बार बार टांगों को भींच कर मेरी जीभ को पकड़ने की कोशिश करने लगती.

मगर जीभ कहां पकड़ में आने वाली थी.
वो मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी.

कुछ ही देर में मिहिका अपनी टांगों को हवा में उठाने लगी तो मैं समझ गया कि वो झड़ने को है.
मैं तेजी से जीभ अन्दर बाहर करने लगा.

उसी समय मिहिका ने मेरे सिर जोर से दबा दिया और झड़ने लगी.

मेरी जीभ पर उसका कामरस आने लगा और मैं चूत का कामरस पीता चला गया.

चूत चाटना और चूत का रस पीना मेरी कमजोरी है.

वो निढाल पड़ी थी.
मैं मिहिका के ऊपर आकर उसके होंठों को चूसने लगा, उसे मेरे होंठों में लगा अपनी चूत का रस बड़ा ही मस्त लग रहा था.

कुछ पल बाद मिहिका बोली- अब तुम नीचे आओ … मैं ऊपर आती हूँ … इब मेरी बारी है.
मैं बोला- ठीक है जान.

मैं नीचे आ गया, मिहिका मेरे ऊपर आ गई और उसने मेरे होंठों के साथ अपने होंठों को जोड़ लिया.
वो मेरे होंठों को काटने लगी.

मैं भी जोश में था … मैंने भी मिहिका के नीचे वाले होंठ को अपने होंठों में कैद कर लिया और जोर से खींच खींच कर होंठ चूसने लगा …. बहुत मजा आ रहा था.

मिहिका ने अपने होंठ को छुड़ाने के लिए थोड़ा जोर लगाया, तो मैंने भी होंठ छोड़ दिए.

अब मिहिका मेरी ओर देखने लगी.
वो इस वक्त बहुत प्यारी लग रही थी.

मिहिका मेरी गर्दन चूमने लगी. फिर मेरी छाती को अपनी चूचियों से रगड़ती हुई नीचे को सरकी और मेरे लंड के आस पास किस करने लगी.

मेरा लंड तो तन कर खम्बे की तरह खड़ा हो गया था. वो झटके से मारने लगा था.

मिहिका ने मेरे लंड को ऊपर मेरे पेट से दबा दिया और वो मेरे आंडों को चूसने लगी.

मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था क्योंकि किसी भी महिला मित्र ने अब तक मेरे आंड मुँह में भरकर नहीं चूसे थे.

मुझे बहुत मजा आ रहा था और लंड मिहिका के हाथ में दबा हुआ जोश में झटके मार रहा था.

मिहिका ने अब आंड छोड़े और मेरे लंड के टोपे को मुँह में ले लिया. उसने लंड के सुपारे को होंठों के बीच में दबा लिया और जीभ की नोक से लंड के पी-होल को लिक-लिक करके गर्म करने लगी.

सच में मिहिका को लंड के साथ खेलने का बड़ा अनुभव लग रहा था.
वो थोड़ा सा लंड मुँह के अन्दर लेती और बाहर निकाल कर उसके सुपारे को जीभ से चाट लेती.
लंड को ऐसे लग रहा था, जैसे चूत की फांकों से उसे प्यार किया जा रहा हो.

फिर मिहिका ने लंड को पूरा मुँह में भर लिया.
मेरा लंड मानो गर्म भट्टी में घुस गया हो. मेरी एक आह निकल गई और मैंने लंड को ठोकर मार कर मिहिका के मुँह में पूरा ठांसने की कोशिश की.

वो भी लंड गले तक ले गई और उधर ही रोक कर अपने गले की गर्मी से लंड को पिघलाने की कोशिश करने लगी.

मुझे जन्नत का मजा आ रहा था. मेरी आंखें बंद हो गई थीं और मैंने लंड चुसवाने का काम मिहिका के ऊपर ही छोड़ दिया था.

मिहिका कभी लंड को हाथ से सड़का मारती तो कभी सुपारे को चाटती और कभी गले तक लंड लेकर अपने हाथ से मेरे आंडों को सहलाने लगती.

भारी योगिनी थी वो … लंड को अपने वश में कर लेने की हर कला को जानती थी.

मेरे मुँह से आज वास्तव में मस्त ‘आहहह …’ निकलने लगी थी.

मैं जल्द ही झड़ने को हो चला था. मैंने मिहिका से कहा- जान रबड़ी निकलने आली है … खाएगी क्या?

मिहिका ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया, वो बस ये सुनते ही और तेजी से लंड को मुँह के अन्दर बाहर करने लगी.

मैं भी समझ गया कि जाटनी रबड़ी खाने को मचल रही है. मैं भी झटके लगाकर पूरा लंड मिहिका के मुँह में डालने लगा और तभी लंड ने पिचकारी मारनी शुरू कर दी.

मिहिका ने लंड बाहर नहीं निकाला, उसने रबड़ी को गटकना शुरू कर दिया.

मगर जब तक मुँह नहीं खोलती, तब तक पूरी रबड़ी अन्दर जाना नामुमकिन थी. उसे पूरा माल गटकने की कोशिश की … मगर वो खा ही नहीं सकी. कुछ रस मुँह से बाहर आकर मेरे पेट पर गिर रहा था.

मिहिका ने कुछ माल तो गटक लिया पर बाकी का बचा माल उसने उठ कर कमरे से बाहर जाकर थूक दिया.

मैं भी उठा और कमरे में रखे तौलिए से अपने पेट व लंड को पौंछ लिया.

मिहिका मुँह साफ करके रसोई में चली गई और थोड़ी देर में गर्म दूध लेकर आई.

मिहिका बोली- ले दूध पी ले … तेरे लिए फ्रिज में रख दिया था.
मैं बोला- ठीक है जान … पर आधा तुम्हें भी पीना पड़ेगा.
मिहिका बोली- ठीक सै.

अब मिहिका और मैं बेड पर आमने सामने बैठ गए.
दूध के गिलास से एक घूंट मैं भरता, एक वो.
बीच बीच में मैं उसकी चूत पर हाथ फिराता तो वो भी लंड को सहला देती.

हमने दूध खत्म किया और बेड पर लेट गए और एक दूसरे को बांहों में भरकर चूमने लगे.
दस मिनट में ही लंड महाराज फिर से जागने लगे और चूत चूत करने लगे.

मिहिका अपने एक हाथ से लंड को मुठियाने लगी और मैं उसकी चुचियों को दबाते हुए गालों को चूम रहा था.

जल्दी ही लंड अपने पूरे आकार में आ गया था.
मैं मिहिका के ऊपर चढ़ गया और मिहिका को दोनों टांग उठाने को कहा.

मिहिका ने टांगें हवा में उठा लीं और फिर मेरी कमर पर लपेट लीं. मैंने लंड को चूत पर सैट करके हल्के से झटके साथ थोड़ा अन्दर कर दिया.
उसने भी आह की और लंड को चूत में जज्ब कर लिया.

फिर मैंने मिहिका के होंठों को अपने होंठों के साथ जोड़ लिया और तगड़ा झटका दे मारा.

मेरा आधे से ज्यादा लंड मिहिका की चूत के अन्दर घुस गया.
उसको थोड़ा दर्द तो हुआ, पर वो सहन कर गई.

अब मैं धीरे धीरे मिहिका को चोदने लगा.

लंड थोड़ा बाहर करके एकदम से पूरा अन्दर करता तो मिहिका ‘आआहह … सीसीई …’ की सिसकारी भर लेती.

थोड़ी देर में मैं मिहिका को तेजी से चोदने लगा और बीच में रूककर लंड थोड़ा बाहर निकाल कर एक झटके में पूरा चूत में पेल देता.

मिहिका बोली- तेज तेज करते रहो बस आआहह ईईईई … मजा आ रहा सै.
मैं और तेजी से चोदने लगा.

मिहिका ने टांगों से मेरी कमर जकड़ ली, तो मैं समझ गया कि ये अब झड़ने वाली है.
मैं रुक गया.
मिहिका झुंझलाती हुई बोली- क्या हुआ … करो न.
मैं बोला- ऐसे ना … अब दूसरी स्टाइल से करेंगे.

मिहिका बोला- कौन सा स्टाइल कह है?
मैं बोला- कुते कुत्ती आला!

मिहिका हंसी और उठ कर सर बेड पर लगा कर गांड उठा ली. ये मेरा सबसे पंसदीदा तरीका है.

मैंने मिहिका के दोनों चूतड़ों को चूमा और लंड को चूत में घुसाने लगा.

ऐसी सेक्स पोजीशन में औरत की चूत बहुत टाइट हो जाती है.

मैंने मिहिका की चूत में लंड डाल कर फिर से जोर का झटका मारा तो मिहिका की हल्की चीख निकल गयी.
उसने मुँह में बेड की चादर घुसेड़ ली तो मैं रूक गया.

मिहिका कराहती हुई बोली- आंह भोसड़ी के … धीरे नहीं चोद सकै के … घना दर्द हुआ सै!
मैं थोड़ा सा हंसा और बोला- बस जान, अब प्यार त चोदूंगा.

मैं अब मिहिका को धीरे धीरे चोदने लगा. उसे हल्का हल्का दर्द तो हो रहा था, पर कुछ देर बाद उसे मजा आने लगा.

वो बोली- इब तेज त कर.

मैं उसे तेजी से चोदने लगा. मिहिका धीरे से सिसकारी मार रही थी- आंआह हहह आईईं … आआहह.

थोड़ी देर में मिहिका की चूत ने मेरा लंड जकड़ लिया और उसने लम्बी मस्ती भरी आवाज निकाली- आंह आहह … मार दिया साले ने … आंहह ऊंहहह.

बस इसी आवाज के साथ मेरे लंड पर गर्म पानी सा महसूस हुआ.
मिहिका झड़ गई थी.

मैं और तेजी से उसे चोदने लगा.

मिहिका बोली- आंह … के तेरा ना हुआ है अभी … जल्दी कर ले … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं कुछ नहीं बोला और तेजी से चोदने में लगा रहा.

थोड़ी देर में मैं भी झड़ने को था … तो मैं रूक गया.

मैं लंड बाहर निकाल कर तेजी से अन्दर करने लगा.
लंड का टोपा फूल गया था. लंड पूरा खिंच सा रहा था.
मैं थोड़ा तेजी से ऐसा बार बार करने लगा.

थोड़ी देर में लंड झड़ने लगा तो मैंने पूरा तेज झटका मारा और लंड चूत की गहराई में पेल कर ऐसे ही रुका रहा.
लंड ने अपना सारा माल मिहिका की चूत की गहराई में छोड़ दिया.

पांच मिनट बाद मिहिका उठ कर पेशाब करने गई.

मैंने भी लंड को पौंछ लिया.

इसके बाद मिहिका को रात को एक बार और चोदा, फिर मैं अपने घर आ गया.

मिहिका मेरी अच्छी मित्र बन गई थी. अब तो टाइम मिलते ही मिहिका मुझे काल पर बता देती है कि आज रोहतक आ रही हूँ या कलानौर जा रही हूँ, वहीं होटल में मिल जाना … मस्ती करेंगे.

बस फिलहाल के लिए इतना ही दोस्तो. मेरी और मिहिका की ये देसी माल सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी, आप मेल जरूर करना.
धन्यवाद.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top