भूत का डर

हैलो दोस्तो, मैं आज फिर से आपके सामने एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। आपके मेलों के लिए शुक्रिया।

दोस्तों मुझे एक दिन एक लड़की का मेल मिला, उसमें लिखा था कि वो मुझसे दोस्ती करना चाहती है। मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो पंजाब के एक शहर में किसी कम्पनी के ऑफिस में नौकरी करती है। वह मुझसे मिलना चाहती थी, और दोस्तों उसने अपना नाम मनीषा बताया और अपना मोबाईल नम्बर भी दिया तो मैंने भी अपना मोबाईल नम्बर उसे दिया। तुरन्त ही उसका एस एम एस मेरे मोबाईल पर आया, इस तरह से मेरे और उसके बीच बातों का सिलसिला चल पड़ा।

उसने मेरी फोटो मँगाई तो मैंने भेज दी और उसने भी अपनी फोटो भेज दी। लड़की अच्छी और काफ़ी सुन्दर थी, ख़ैर, बातों ही बातों में उसने सेक्स की इच्छा जता दी। उसने कहा कि वह चंडीगढ़ अक्सर जाती रहती है, सो मैंने भी चंडीगढ़ जाने का मूड बना लिया, मिलने की तारीख तय की।

तय तारीख़ को दोपहर में मैं चंडीगढ़ पहुँच गया और एक होटल में एक कमरा ले लिया, और उसे फोन पर सम्पर्क करता रहा। किसी भी ऑनलाईन दोस्त से मिलने का मेरा यह पहला अनुभव था, सो मुझे यक़ीन ही नहीं था कि लड़की आएगी। मेरे मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे। जैसे कहीं कोई किडनी रैकेट तो नहीं है, या कोई भूत-प्रेत का चक्कर तो नहीं है। सो दोस्तों मन में डर भी सता रहा था।

रात के ८ बज गए, वो नहीं आई, लेकिन उसने फोन करके बताया कि वह बस में है और चूँकि सफ़र काफी लम्बा था तो समय लगना ही था। ठीक ९:३० बजे उसका फोन आया कि उसकी बस चंडीगढ़ पहुँच चुकी है, बस मैं फिर जल्दी-जल्दी बस-स्टैण्ड पहुँच गया और मैंने देखा कि लगभग मेरे जैसी ही क़द की साँवले रंग की सुन्दर लड़की थी वो।

मैं उससे मिला और हम दोनों होटल के लिए पैदल ही निकल पड़े। दोस्तों अब मेरा सिर चकरा गया, कि ये तो सचमुच आ गई है। अब मेरी हवा शंट होने लगी। मुझे पूरा यकीन हो गया कि हो ना हो ये कोई गड़बड़ है, वरना ऐसे ही कोई लड़की कैसे किसी अजनबी के पास आ सकती है? दोस्तों मैं उसे होटल के कमरे में ले तो आया लेकिन मेरी तो साँसें ही मेरा साथ नहीं दे रहीं थीं। मैं अन्दर से बहुत ही घबराया हुआ था।

ख़ैर हम दोनों ने इकट्ठे ही खाना खाया और बिस्तर में लेट गए। उसने झट से अपने कपड़े उतार दिए। शरीर अच्छा था, लेकिन मेरे अन्दर तो डर बैठ चुका था, मैं सोच रहा था कि या तो आज मेरी किडनी जाएगी या फिर जान। अब उसने मेरे भी कपड़े उतार दिए और मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी, ख़ैर लंड खड़ा तो हो गया, लेकिन मेरी सेक्स की इच्छा तो डर के आगे क़ाफूर हो चुकी थी। मैंने लंड लगाया और धक्का मारा तो बिना किसी रुकावट के लंड झट से अन्दर चला गया, यानि रास्ता बिल्कुल साफ़ था। बिल्कुल धीरे से मेरा लण्ड अन्दर जा रहा था, मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि एक २५ साल की लड़की ने इतना अधिक सेक्स कर लिया होगा? लेकिन वो कह रही थी, धीरे करो, दर्द हो रहा है। लेकिन मैं पक्का चोदू, जान गया था कि यह सब नाटक है। एक तो फटी हुई चूत, ऊपर से जान जाने का डर, सो दोस्तों थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया। मुझे नहीं पता था कि वह झड़ी या नहीं।

मैं उतर कर बाथरुम में गया और लंड को साफ़ करके उसके पास आकर लेट गया, अब मैं और भी अधिक भयभीत हो गया था कि हो ना हो ये कोई चुड़ैल है और इसलिए आज मुझे मारने आई है। आप सोच सकते हैं कि मेरी क्या हालत होगी, लेकिन मैंने यह भी महसूस किया कि लड़की दिखती बहुत मासूम है चेहरे से, मेरा उसकी मासूमियत पर दिल आ गया और मैंने उसे शादी के लिए भी प्रस्ताव दे दिया। ख़ैर थोड़ी ही दर के बाद दूसरा दौर भी चला और चुदाई हुई, लेकिन उस रात मुझ पर डर इतना हावी हुआ कि मैं अपना असली पौरुष सामने ला ही नहीं सका। मैं झड़ भी गया, लेकिन मुझे ना तो मज़ा आ रहा था और ना ही शायद मैं उसे ही मज़े लेने दे रहा था। मेरे मन में सिर्फ एक ही ख्याल आ रहा था कि हो ना हो आज ये तेरी आख़िरी रात है, आज मरना पड़ेगा।

यही सोच-सोच कर मेरे दिल की धड़कन ज़ोरों से चल रही थी और मैं पसीने-पसीने हुआ जा रहा था। थोड़ी देर के बाद और एक दौर चला चुदाई का, इस बार वह मेरे लंड पर सवार थी। दोस्तों लेकिन मुझे तो बिल्कुल भी मज़ा नहीं आ रहा था क्योंकि मुझ पर डर हावी था। ऐसे ही डरते-डरते मैंने कई बार चुदाई की।

वह बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए सो भी जाती थी। लेकिन मेरी आँखों में नींद कहाँ, मैंने उसे सोए हुए भी एकटक बिना अपनी पलकें झपकाए देखता रहा कि जाने कब इसकी आँखें चुड़ैल जैसी खुलें और सुन्दर दाँत बड़े-बड़े और भयानक हो जाएँ और यह मुझे मार डाले। दोस्तों डर बहुत बुरी चीज़ होती है, अच्छे-ख़ासे इंसान को बेकार बना देती है।

उस रात मैंने सेक्स किया तो, पर थोड़ा सा भी मज़ा नहीं लिया, ना ही उसे दिया। ख़ैर उसकी चूत चूँकि मुझे ढीली लग रही थी, सो मैंने सोचा कि गाँड भी मार कर देख, शायद वहाँ मज़ा आ जाए। सो मैंने उससे कहा कि पीछे करना है तो उसने कहा कि कर लो। यह सुनकर मैं हैरान था, क्योंकि कोई भी लड़की या औरत गाँड देते हुए बहुत डरती है। ख़ैर मैंने क्रीम लगा कर लंड की टोपी उसकी गाँड के अन्दर डाल दी और रुक गया, तभी उसने अपनी गाँड पीछे की ओर करते हुए पूरा लंड अन्दर ले लिया। उसकी इस हरक़त पर मुझे बहुत ही अजीब लगा।

अब मैंने डर की वज़ह से गाँड में भी जल्दी ही वीर्यपात कर दिया। इस तरह मैं सेक्स का मज़ा नहीं ले सका। सुबह वह अपने रास्ते चली गई और मैं अपने घर आ गया।

उसके बाद मैंने उसे फोन करने का प्रयास किया, पर उसने मेरा फोन नहीं उठाया और ना ही मेरे किसी एस एम एस या ई-मेल का उत्तर दिया।

दोस्तों मैं एक बार दुबारा उसके साथ सेक्स करना चाहता हूँ और मज़ा लेना चाहता हूँ और उसे भी पूरा मज़ा देने चाहता हूँ। उस दिन तो डर के मारे मैं कुछ भी ढंग से नहीं कर पाया था। उस लड़की के बारे में भी आप मुझे सुझाव दें कि क्या उसने भी बहुत सेक्स कर लिया था या यह मेरा वहम था। वैसे मेरा दिल उस लड़की पर आ गया, यह जानते हुए कि उसकी चूत काफ़ी फटी हुई है, क्योंकि उसका चेहरा बहुत मासूम था। सो दोस्तों मुझे सुझाव दें, मैं उसके साथ शादी तक करने को तैयार हूँ, क्योंकि मैं जानता हूँ कि वह लड़की पूरी ज़िन्दगी सेक्स का मज़ा दे सकती है।

आपके मेल का इन्तज़ार रहेगा दोस्तों

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