गोवा में सर्विसिंग

माया रानी 2011-02-01 Comments

प्रेषिका : माया रानी

मैं पिछले कई दिनों से यह कहानी लिखने की सोच रही थी पर घए में कभी इतना एकान्त नहीं मिला।

आज लिखती हूँ, कोशिश करुँगी कि पूरी हो जाये, इसलिए शोर्ट में ही है।

मैं अपने पति के साथ ही गोवा घूमने गई थी, हम वहाँ चार दिन रुके। जिस होटल में हम रुके थे वह कलनगुट बीच के एकदम नजदीक था।

घूमते हुए हमें एक सुरेश नाम का आदमी मिला, वह किसी होटल के प्रोमशन के गिफ्ट वाले वाउचर दे रहा था। वह हमारे पीछे पड़ा था कि हम भी वो गिफ्ट वाउचर ले लें।

उसने पहले मेरे पति को एक वाउचर दिया उसमें कुछ गिफ्ट नहीं निकली, फिर मुझे दिया, उसमें गिफ्ट निकली पर उसको लेने के लिए उनके होटल जाना था। इसके लिए टैक्सी से आना-जाना उनकी तरफ से था।

इस पूरे समय में उसने हमारे साथ अच्छी मित्रता कर ली।

और जब हम वापिस कलनगुट आ गए तो मेरे पति ने उससे पूछा- ए टी ऍम कहाँ है

तो उसने अपने एक दोस्त को बुलाकर उसकी मोटर्साइकिल पर मेरे पति को बैठा दिया और कहा कि यह आपको ए टी ऍम तक ले जायेगा।

मुझे वहीं छोड़ कर मेरे पति चले गए।

अब यह सुरेश लगा मेरे पीछे !

पहले तो पूछने लगा- आपने क्या क्या घूमा?

और फिर पूछा कि यहाँ की नाईट लाइफ़ देखी या नहीं?

मैंने कहा- हाँ, सब देखा है।

फिर बोला- आपने मसाज़ करवाई या नहीं?

मैंने कहा- नहीं, मेरी उसमें कोई रुचि नहीं है।

तो बोला- आप सर्विसिंग तो करवा लो।

मैं हैरान हो गई कि यह सर्विसिंग क्या होती है।

तो वो बोला- यदि आप किसी पारलर में मसाज़ या सर्विसिंग करवाएँगी तो वहाँ बहुत पैसा लगता है। मैं आपका काम आपके कमरे पर ही कर सकता हूँ, जो मर्जी दे देना।

मैंने कहा- मुझे नहीं करवानी मसाज़ ! पर यय सर्विसिंग क्या होती है?

वो बोला- आप अपने रूम में चलो, मैं सब बता दूंगा और कर भी दूंगा।

मुझे कुछ कुछ तो समझ आ रहा था और मुझे लगा कि यह लड़का बहुत स्मार्ट है और कई दिनों से पराये मर्द से चुदी भी नहीं थी। मैंने कहा- पति भी तो जल्दी आ जाएँगे।

उसने बताया- एक तो ए टी ऍम दूर है, दूसरे की मैंने अपने दोस्त यानि मोटरसाईकिल वाले को कह दिया है, वो देर से आएंगे।मेरा होटल बिल्कुल पास में ही था। मैं और वो, हम दोनों जल्दी से रूम में आ गए और आते ही दरवाज़ा बंद किया।

उसने फटाफट मुझे उठाया और चूमने लगा, पहले मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरे बूब मसलता रहा और चूतड़ तथा चूत को सहलाने लगा।

फ़िर उसने अपने कपड़े उतार दिए और मेरे भी। फिर क्रीम उठाई और मेरी चूची पर मालिश सी करने लगा।

मैं तो पहले से ही यह सोचकर उत्तेजित थी कि यह अब मुझे कमरे में लाकर चोदेगा और कुछ उसने इतने रोमांचक तरीके से मुझे सहलाया कि मैं बस घुली जा रही थी उसकी बाँहों में।

उसने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगली से मेरी चूत में लगाई और अपना लण्ड ही क्रीम की डिब्बी में घुसा कर बाहर निकाला तो वो आगे

से क्रीम से सना हुआ था। यह सना हुआ लंड उसने मेरी टाँगें फैलाकर मेरी पूरी खुल चुकी चूत के मुँह पर रखा और दनादन धक्के मारने शुरु कर दिए।

मैं आह्ह ऊ उह स्स्स्श करती रही और आनन्द लेती रही उसकी फ़टाफ़ट चुदाई का।

वो कह रहा था कि आज बहुत जल्दी है नहीं तो वो मुझे ऐसी चुदाई का मज़ा देता कि मैं कभी भूलती ही नहीं।

मैं तो उसके नीचे पड़ी थी और टाँगें उसके कंधों पर टिकाये हुए नीचे से गांड को उछाल उछाल कर चुदवा रही थी।

धक्के मारते मारते उसने गर्म गर्म पिचकारी मेरी चूत में जब मारी तो मेरी चूत से यह लावा बह कर मेरे दोनों चूतड़ भिगो गया।

इधर मैं भी इतने जोर से झड़ी कि मैं आनन्द से काम्पने लगी।

उस लड़के की उम्र 22-23 साल की ही होगी पर उसका लण्ड तो 7 इन्च से बड़ा रहा होगा।

मैंने मजाक करते हुए पूछा- सर्विसिंग तुम इसी को कहते हो?

वो बोला- हाँ, इस चुदाई के बाद आपको खुद लगेगा कि किसी ने आपकी अन्दर तक सर्विसिंग कर दी है।

हमारे पास ज्यादा टाइम नहीं था। उसने बताया कि वो जिगालो यानि कॉल बॉय का काम भी करता है और विदेशी महिलायें उसे अच्छी-खासी फीस देती हैं।

उसका इशारा मुझसे फीस लेने का था।

मैंने मुस्कुरा कर कहा- मैं तो फीस नहीं दूंगी, आफर तो तुम्हारा ही था।

वो बोला- कोई बात नहीं, जाने दो।

पर मैंने फिर भी उसे 500 रु दिए। इस तरह चतुराई से की गई यह संक्षिप्त चुदाई भी हमेशा मुझे याद रहेगी।

वो चला गया, मैं बिस्तर और खुद को ठीक-ठाक संवारती रही।

तब तक पति जी भी आ गए। उन्हें जरा भी शक नहीं हुआ कि उनकी बीवी को अभी अभी कोई उनके ही बिस्तर में चोद कर गया है।

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