दुबले लड़के के साथ डेंटिस्ट के क्लीनिक में मजे

सिमरन 2023-08-17 Comments

मैं ऑफिस से फिल्म देखने गई थी। रात को देर से घर की तरफ जाने लगी तो डेंटिस्ट का ध्यान आया। क्लीनिक में पहुंची तो वहां कुछ ऐसा हुआ जिसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।

हैलो फ्रेंड्स! मैं सिमरन अपनी एक और हॉट सेक्स स्टोरी लेकर आई हूं जो आपके लंडों और चूतों को गीला कर देगी।

हम में से सब इस बात को थोड़ा बहुत जरूर मानते हैं कि कब, क्या हो जाए, किसी को पता नहीं चलता है।

लेकिन जब ऐसा कुछ हो जाता है तो हमें बाद में बड़ा अचंभा होता है कि आखिर ये हो कैसे गया?
मैं मानती हूँ कि आप सबके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा कि हम हमारे साथ हुई किसी घटना के बारे में बाद में कितने हैरान रह जाते हैं।

मैं भी आज आपको ऐसी ही घटना बताने जा रही हूं, जिसके बारे में मैं अभी तक सोच रही हूं कि आखिर वो सब हो कैसे गया!

बात शुक्रवार की एक शाम की है।
ऑफिस का दिन था लेकिन मैं फिल्म देखने के मन से उस दिन ऑफिस से जल्दी निकल आई थी।

मेरी दोस्त भी मेरे साथ थीं।
हमने मूवी थियेटर में थोड़ा लेस्बियन सेक्स का मजा भी लिया।
फिर मूवी खत्म होने के बाद हम रात 10 बजे के करीब वहां से निकलीं।

बाहर आने के बाद हम अपने-अपने घर के रास्तों पर अलग-अलग बंट गईं।

चलते हुए मुझे ध्यान आया कि मुझे अपने डेंटिस्ट के पास भी जाना था।
उसका क्लीनिक रात 11 बजे बंद होता था, और अभी मेरे पास इतना टाइम बचा था कि मैं जल्दी से अपना अपॉइंटमेंट पूरा करके आ सकती थी।

मैं उसके क्लीनिक में पहुंच गई।

कभी आपने देखा है कि किसी डेंटिस्ट ने क्लीनिक एक ही रूम में बनाया हो? वह सभी को उसी एक रूम में बिठाता था और चेकअप के लिए दूसरे रूम में बुलाता था जो कि एक लम्बे गलियारे के दूसरे कोने पर बना था! कुछ पाठकों को समझ आ गया होगा कि ये कैसा क्लीनिक होगा।

मैं वेटिंग रूम में पहुंची। मैं सबसे आखिरी कुर्सी पर जाकर बैठ गई जो दाहिने हाथ की ओर थी।
वहां पर दो लोग पहले से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

मेरे कुर्सी पर बैठते ही एक औरत वहां अगले क्लाइंट को बुलाने आयी।
मेरे साथ में एक पतला सा लड़का भी इंतजार में बैठा था और मैं नोटिस कर चुकी थी कि उसने कमरे के अंदर आते ही मुझे ताड़ना शुरू कर दिया था।

मैं ऑफिस ड्रेस में थी तो मेरी सुडौल बॉडी के सारे कर्व उसमें साफ चमक रहे थे।

मेरे लिए यह बहुत नॉर्मल था कि मर्द मुझे ऐसे ताड़ते थे लेकिन ये लड़का सिर्फ ताड़ने से काम नहीं चला रहा था।

वह लगातार मुझे घूरे जा रहा था।
जब मैंने उसे देख लिया तो तब भी उसने मुझ पर से नज़र नहीं हटाई।

मैं उस वक्त फिल्म देखकर आई थी और मूड बहुत अच्छा था।
लेकिन वो हवस का प्यासा मेरे मूड को खराब करने पर तुला था।

अपना ध्यान वहां से हटाने के लिए मैंने अपने ईयरबड निकाले और मैं गाने सुनने लगी।
फिर वो लड़का अपनी झांटों के एरिया में खुजलाने लगा क्योंकि अब मेरे और उसके अलावा रूम में कोई नहीं रह गया था।

फिर उसके हाथ उसके गोटियों पर पहुंच गए, जिन्हें वो अपने ढीले ट्राउजर के ऊपर से बार-बार सहला रहा था।
ये सब देख मुझे गुस्सा चढ़ा जा रहा था।

उसी वक्त ऑफिस के मेरे सहयोगी का फोन आ गया और वो टैली पर कुछ पॉइंट्स चेक करने की बात कर रहा था।

उसके साथ बात करने में मैं इतनी बिजी हो गई कि मैं उस लड़के के बारे में कुछ पल के लिए भूल गई। आप लोगों ने भी कई बार यह आजमाया होगा कि जब हम दिमाग से कहीं और होते हैं तो सामने किसी चीज को देखते हुए भी हम उस पर ध्यान नहीं देते हैं।

फोन पर बात करते हुए मैं अपने बैग के भीतर नेल-फाइलर भी ढूंढ रही थी।
मेरी उंगलियों को पता चल रहा था कि मैं किस चीज को छू रही हूं। मैंने 3-4 मिनट तक अपने कुलीग से बात की।

आखिर में कॉल खत्म होने के टाइम पर नेल-फाइलर मेरे हाथ में आ चुका था।

उसने फोन काट दिया और मैं बैग में टिश्यू पेपर ढूंढने लगी।
नेल-फाइलर लेकर मैं दरवाजे की ओर चली जिस ओर वो लड़का भी बैठा था.

मैं क्लीनिक स्टाफ से टिश्यू पेपर पूछने चली थी लेकिन मैं एक बात से हैरान रह गई।
उस लड़के ने मेरे सामने हाथ जोड़ लिए और सॉरी कहने लगा जो मेरी समझ के बिल्कुल बाहर था।

लड़का- नहीं … नहीं प्लीज! सॉरी, मुझसे गलती हो गई! गलती हो गई! प्लीज!
मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो ऐसे क्यों कर रहा था।
मेरे बैग की डोरी मेरे कंधे से फिसलती जा रही थी।

इससे पहले कि ये कंधे से गिरती मैंने नेल फाइलर उठाए बांए हाथ से डोरी को संभाल लिया।

ये देख वो लड़का डर गया और एकदम से मेरे पैरों में आ गिरा।
उसे लगा कि मैं उस पर वार करने जा रही थी।

लड़का- प्लीज मुझे माफ कर दीजिए, सॉरी। मुझे वो सब नहीं करना चाहिए था। प्लीज मैडम, मुझे जाने दो। मैं कभी आपकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखूंगा।

मैं पागल हुई जा रही थी; कुछ समझ नहीं आ रहा था।

अब वह खड़ा हुआ और फिर से माफी मांगने लगा जिससे मेरा दिमाग और ज्यादा खराब होने लगा।

मैं- शटअप! कर क्या रहे हो तुम??
लड़का- मैं जानता हूं मैडम, आई एम सॉरी … मेरी गलती नहीं है, आपकी बॉडी इतनी अच्छी है, मैं क्या करूं।

मुझे ज्यादा कुछ समझ नहीं आया लेकिन यह जरूर समझ गई कि वो मेरी बॉडी के बारे में बात कर रहा था।

मैं- तुम बस मेरे सवाल का जवाब दो, समझे?
लड़का- मुझे पता है मैडम, आप क्या पूछोगे … नहीं, मैं अपनी मम्मी और बहन के सामने कभी अपना लंड ऐसे नहीं दिखाऊंगा। प्लीज मुझे माफ कर दो। मैं फैमिली में अकेला लड़का हूं।

मैं (अपने ही मन में)- रंडी की औलाद! तो तुम उस वक्त अपना लंड मुझे दिखा रहे थे जब मैं फोन पर बात कर रही थी.
मैं बोली- तो अब तुम वो करोगे जो मैं तुमसे कहूंगी, या फिर तुम किसी बड़ी मुसीबत में फंसना पसंद करोगे?

लड़का- नहीं मैडम, प्लीज … जो भी आप कहोगे, मैं वही करूंगा।
मैं- तो फिर अभी अपनी पैंट उतारो और अपना लंड दोबारा से मुझे दिखाओ।

अब वह सोच में पड़ गया।

उसे डराने के लिए मैंने फिर से अपने बैग में हाथ मारना शुरू कर दिया।

मुझे बैग में कुछ ढूंढते देख उस लड़के ने झट से अपनी पैंट नीचे कर दी और उसका मोटा, काला लंड एकदम से बाहर निकलकर उछल पड़ा।
लंड खड़ा नहीं था, लेकिन फिर भी यह लंबा-मोटा था।

मैं- अब मेरे बारे में कुछ गंदा सोचो, ताकि तुम्हारा ये औजार खड़ा हो सके।
पता नहीं उसने ऐसा क्या किया लेकिन उसका लंड फिर से तनाव में नहीं आ पा रहा था।

लड़का बहुत दुबला पतला सा था.
मेरा मन उसके साथ शरारत करने का कर गया।
मैं- चलो ठीक है, मैं तुम्हारी हेल्प कर देती हूं।

मैंने अपनी शर्ट और ब्लेजर स्कर्ट उतार दी।
जब मैं अपने कपड़े उतार रही थी तो देखा कि टेबल के कोने पर एक सीसीटीवी कैमरा रखा हुआ था।
मैंने अपनी बीच वाली उंगली उसमें दिखाई और नंगी होना जारी रखा।

दोस्तो, लोग सीसीटीवी को तभी चेक करते हैं जब उन्हें कोई खास फुटेज देखनी हो। किसी के पास भी स्क्रीन के सामने बैठकर पूरे दिन का फुटेज स्कैन करने का टाइम नहीं होता है, जब तक कि यह उनकी नौकरी का हिस्सा न हो।

उस लड़के ने जैसे ही मेरी काली ब्रा और पैंटी को देखा, उसकी आंखें फैल गईं।
मेरी गर्म बॉडी फेरोमॉन्स (बदन की प्राकृतिक महक) छोड़ रही थी जिससे वो लड़का गर्म होता जा रहा था।
अब उसका लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था।

मैं- मैं अब तुम्हें मेरी बॉडी पर ब्रश की तरह इस्तेमाल करूंगी। तुम्हारा साइज एकदम परफेक्ट है, जैसा मुझे चाहिए है।
इससे पहले कि वो कुछ समझ पाता, मैंने उसकी टीशर्ट को निकाल दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया।

उसका चेहरा मैंने अपने बूब्स में दबा दिया।

वह भी जोश में आ गया और उसने मेरी गांड को जोर से भींचना शुरू कर दिया।

मैंने उसके पतले चूतड़ों पर तमाच मारा और उसे हाथ हटाने के लिए कहा।
अब उसका लंड तनकर एकदम सख्त हो चुका था और मेरी जांघों के निचले हिस्सा में फंसा हुआ झटके खा रहा था।

मैंने उसके लंड के नीचे हाथ रखा और उसे वहां से पकड़ते हुए हवा में ऊपर उठा दिया।
मेरी बगल से पसीने की गंध और मेरा डिओडरेंट हवा में फैल गया जिससे उसकी वासना और ज्यादा भड़क उठी।
वह मेरे सिर पर लटका हुआ था।

वो इतना पतला था कि मैंने उसे हवा में झुलाना शुरू कर दिया, फिर अपनी बॉडी पर ब्रश की तरह उसको घिसने लगी।
उसका लंड मेरे बदन पर हर जगह रगड़ खा रहा था।

कई बार तो मैं बहुत धीरे से उसको बदन पर झुला रही थी जिससे कि उसके लंड के टोपे को अपनी त्वचा पर महसूस कर सकूं।
उसके लंड से मैंने अपनी बगलें, पीठ, जांघें और यहां तक की गांड के नीचे छेद के पास का हिस्सा भी रगड़ डाला।

जब मैंने उसको ब्रश की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था तो उसका बदन एकदम से सूखा था, लेकिन कुछ मिनट बाद उसके बदन पर मेरे बदन का दिनभर का पसीना पहुंच चुका था।

मैं- अब अच्छी तरह से सफाई का टाइम आ गया। अब अपनी जीभ को बाहर निकाल लो।

मैंने उसे ऊपर से नीचे लाते हुए उसका सिर मेरी पैंटी की ओर कर दिया और उसका मुंह अपनी पैंटी में डलवा दिया।

उसकी जीभ अब मेरी पसीने भरी चूत पर चल रही थी।
आह्ह … मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं उसकी टांगों को पकड़े हुए उसे तेजी से ऊपर नीचे करने लगी।
यह मेरे लिए सेक्सुअल वर्कआउट जैसा हो चला था।

लड़का- आपकी बॉडी का ब्रश बनकर बहुत मजा आ रहा है मैडम। मुझे और बुरी तरह से इस्तेमाल करो। मैं आपके इस कमाल फिगर को और अच्छी तरह से साफ करना चाहता हूं। मुझे आपकी चूत से ही ये शुरू करने दो!

अब वह और तेजी से मेरी चूत को चाटने और खाने लगा।
3-4 मिनट की मस्त चूत चटवाई के बाद मैंने उसको ऊपर खींच लिया।

अब उसका सांवला चेहरा लाल हो चुका था।
वह हांफने लगा था।
उसका बड़ा सा लंड अब प्रीकम बहाने लगा था।

मैं- अब यही चीज मेरी महकती, पसीने से भरी गांड के साथ करो।
मैंने उसे फिर से हवा में उठा लिया और उसकी जीभ को पीछे पीठ पर रगड़वाने लगी।

धीरे धीरे उसकी जीभ मेरी कमर पर पहुंची और मैंने उसे पैंटी खींचने के लिए कह दिया।
वह मेरी गांड चाटने के लिए जैसे मरा जा रहा था।
मैंने भी उसको इंतजार नहीं करवाया।

उसकी नर्म जीभ मेरे चूतड़ों पर फिरने लगी।
उसके मुंह से निकलती आवाजें मुझे भी उत्तेजित कर रही थीं।

उसने जीभ को अंदर मेरी गांड के छेद तक पहुंचाते हुए उसे चाट लिया।
मैं सोच ही रही थी कि इसके मुंह को अपने बदन पर और किस तरह से इस्तेमाल करके मजा ले सकती हूं लेकिन इतने में ही हल्के स्लेटी रंग का पदार्थ फर्श पर गिरने लगा।
यह उसका वीर्य था जो छूट चुका था।
उसके लंड ने बहुत सारा माल निकाला था।

बाकी बची हुई बूंदें अब मेरे सिर पर बस टपकने ही वाली थीं।
जब मैंने उसे नीचे उतारा तो उसका बदन अब ढीला पड़ गया था।

लड़का- बहुत अच्छा एक्सपीरियंस था ये मैडम। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। आपकी बॉडी सच में बहुत कमाल है। इसकी खुशबू मुझे दीवार को भी चोदने के लिए पागल कर रही थी।

मैं उसकी बात का जवाब देने ही वाली थी कि एक औरत अंदर आ गयी।
वह अगले क्लाइंट को लेने आई थी।

उसने देखा कि मैं एक कॉलेज बॉय के सामने नंगी खड़ी हूं, जिसके लंड से माल टपक रहा है।

मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन उसने उस लड़के को एक टिश्यू पेपर थमा दिया और अपने पीछे का दरवाजा बंद कर लिया।
लकी लेडी!

तो उस ठरकी लड़के को लंड दिखाने के बदले में मैंने ऐसे सबक सिखाया।

तब मुझे फोन पर बात करते वक्त उसका लंड मुझे दिखाना ध्यान नहीं रहा था।
लेकिन अब सोचती हूं कि अच्छा रहा कि मुझे ध्यान नहीं रहा था।

अगर उस वक्त मैं उसे लंड मुझे दिखाते हुए देख लेती तो पता नहीं फिर ये बात कुछ और ही होती.

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