घर के दरवाजे पर खड़ी लड़की की प्यास

(Nangi Larki Sex Kahani)

नंगी लरकी सेक्स कहानी में मुझे एक लड़की दरवाजे पर खड़ी दिखी. मैंने उसे अच्छे से देखा तो वह हंस दी. मैंने उसका नाम पूछ लिया. बस ऐसे ही बात बन गयी.

यह मेरे पहले सेक्स की सच्ची कहानी है।
उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी।

मैं अपने एक दोस्त से मिलने उसके घर जा रहा था कि उसके घर से पहले गली में एक लड़की अपने दरवाजे पर खड़ी थी।
मैंने उसको देखा तो वह मुझे अच्छी सी लगी।

तो मैंने उसको देखने के लिए दोबारा से चक्कर लगाया तो उसने हंसकर देखा।
अब मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम सना बताया।

दो-तीन दिन ऐसे ही गली में हल्की-फुल्की बातचीत होती रही।

एक दिन मैंने मिलने को कहा तो वह हंसते हुए बोली कि ‘रात को आठ बजे आना।’

रात को आठ बजे मैं गया तो देखा कि वह वाकयी दरवाजे पर खड़ी थी।
सना का फिगर छत्तीस-बत्तीस-चौंतीस था और वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।
मैं काफी देर तक उससे बात करता रहा।

दो दिन बाद उसने मुझसे कहा- तुम कल नौ बजे आना, मेरे घर पर कोई नहीं होगा।
मैं दूसरे दिन तैयार होकर उसको मिलने चला गया और नौ बजे से पहले ही मैं उसकी गली में था।

उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था मगर मेरी अंदर जाने की हिम्मत नहीं थी।

थोड़ी देर बाद सना दरवाजे पर आई और इधर-उधर देखकर मुझे अंदर आने का इशारा किया.
तो मैं अंदर चला गया।

अब वह मुझे एक बेडरूम में ले गई और साईड में लगे सोफे पर बैठा दिया।

वहां पर एक बच्ची सोई हुई थी।
जब मैंने उस बच्ची के बारे में पूछा उसने बताया कि वह उसकी बेटी है।

मैं तो यह सुनकर हैरान रह गया; मैं जिसे कुंआरी लड़की समझ रहा था वह तो शादीशुदा निकली।

अभी मैं इसी हैरानी में था कि सना ने मेरे पास बैठते हुए मुझे फ्रैंच किस दी तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
फिर वह बताने लगी कि उसका पति और सास एक शादी में गए हैं और दो दिन बाद आएंगे।

कुछ देर बाद उसने दोबारा मुझे किस करना शुरू कर दिया.

लेकिन मेरे रिस्पांस ना देने पर उसने पूछा- क्या बात है? कोई परेशानी है? तुम मेरा साथ क्यों नहीं दे रहे?
मैंने कहा- मैं तुमको कुंआरी समझ रहा था लेकिन तुम तो शादीशुदा हो।

इस पर उसने कहा- कुंआरी और शादीशुदा में फर्क ही कितना होता है? लेकिन मैं तुमको कुंआरी से ज्यादा प्यार करूंगी और तुम भूल जाओगे कि तुमने किसी शादीशुदा औरत को प्यार किया है। वैसे भी मेरी उम्र अभी सिर्फ पच्चीस साल है। देखने में मैं वाकई कुंआरी लगती हूं और मजा भी कुंआरी वाला दूंगी।

यह कहकर फिर सना ने किसिंग शुरू कर दी तो अब मैंने भी रिस्पांस देना शुरू कर दिया।

अब मैं और वह फ्रैंच किस कर रहे थे और मेरे हाथ उसके जिस्म को नाप रहे थे।
मैं कभी उसकी चूचियों और कभी उसकी कमर, पेट पर अपने हाथ फेर रहा था।

मैंने अपना हाथ उसकी कमीज के गले से अंदर डाला और उसकी चूची को पकड़कर दबाया तो उसके मुख से आह … आह … करके सिसकारी निकली और वह एकदम से पीछे हट गई.
तो मैंने पूछा- क्या हुआ?

वह बगैर कुछ बोले वहां से उठी और कमरे में रखे साउंड सिस्टम को ऑन करके दोबारा मेरे पास आ गई।
मैंने उसे पूछा- ये क्यों ऑन किया?
तो सना ने कहा- ताकि हमारी आवाजें बाहर ना चली जाएं।

अब दुबारा किसिंग शुरू हो गई और मैंने दोबारा से उसकी चूचियां दबानी शुरू कर दीं।

जैसे-जैसे मैं उसकी चूचियां दबाता, वैसे-वैसे उसके मुंह से ‘आह आह आह … ओ ओह … ओ ओ … ‘ की आवाजें निकलना शुरू हो जातीं।

मैंने आहिस्ता से उसकी कमीज को ऊपर उठाया और दोनों हाथों से उसकी चूचियां पकड़कर उनको मसलना शुरू कर दिया।
अब उसने आंखें बंद कर लीं और सिसकारियां भरने लगी।

मैंने उसकी कमीज को उतारने की कोशिश की तो सना ने खुद ही अपनी कमीज उतार दी।

अब वह काले रंगे की ब्रा में आंखें बंद किए मेरे सामने सोफे से टेक लगाए बैठी थी।
मेरे से रहा नहीं गया और मैंने ब्रा के ऊपर से ही चूचियों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया तो उसके मुंह से बेसाख्ता आह … ओ … ओ … आह … मर गई की आवाजें निकलने लगीं।

अब मैंने हुक खोलकर उसकी ब्रा को उतार फेंका।
मेरे सामने उसकी गोरी चूचियां थीं जिन पर गुलाबी रंग के निप्पल्स थे।

मैंने एक चूची को हाथ में पकड़कर मसला और दूसरी को मुंह में लेकर चूसने लगा।
अब उसकी हालत ये थी कि वह अपनी आवाज को रोकने के लिए अपने होंठ काट रही थी और मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूचियों पर दबा रही थी।

मैं करीब दस-पंद्रह मिनट तक बारी-बारी उसकी चूचियां चूसता रहा।

तभी सना ने मुझे जोर से लगे लगाया।
उसका जिस्म हल्का-हल्का कांप रहा था।

अचानक एक झटका खाकर उसकी पकड़ ढीली हो गई तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने जवाब में एक लंबी फ्रैंच किस की और बोली- मैं झड़ हो गई।

मेरा लंड फुल टाइट हो गया था।

उसने कहा- तुम बैठो, मैं अभी आती हूं।
और कमरे के साथ अटैच बाथरूम में चली गई।

वापस आकर बताया कि वह अपनी चूत साफ करने गई थी।

अब दोबारा से सना ने किसिंग शुरू कर दी।
कुछ देर बाद उसने मुझे बैड पर चलने को कहा और बच्ची को उठाकर सोफे पर लिटा दिया।

अब हम दोनों बैड पर आ गए तो उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और उसको उतारकर परे फेंक दिया।

वह मेरी पैंट को खोलने लगी तो मैंने जल्दी से अपनी पैंट खुद ही उतार दी।
अब मैं अंडरवीयर में था और वह सलवार पहने हुए थी।

उसने आहिस्ता-आहिस्ता फ्रैंच किस करने के बाद मेरे पेट पर किस की और मेरी टांगों पर आकर हल्के-हल्के काटना शुरू कर दिया।
अब सना ने मेरा अंडरवीयर पकड़कर नीचे खींचा तो मेरा फुल टाइट लंड एकदम से निकलकर सामने आ गया।

वह उसको देखकर हैरान रह गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- मेरे पति का लंड इससे छोटा और पतला है।

उसने लंड को हाथ में पकड़कर सहलाना शुरू कर दिया और अपना हाथ ऊपर-नीचे करने लगी।
फिर उसने मेरे लंड के सुपारे पर अपने होंठ रख दिए और आहिस्ता-आहिस्ता लंड उसके मुंह में था।

सना ने उस पर जीभ फेरनी शुरू की तो मुझे भी मजा आने लगा।

कुछ देर बाद ही मेरा आधे से ज्यादा लंड उसके मुंह में था और वह उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी।
मेरे मुंह से मजे की आहें निकल रहीं थीं।

उसने लंड और गोलियों पर जीभ फेरनी शुरू की तो और ज्यादा मजा आ गया।

इसी मजे में मैं झड़ने होने के करीब पहुंच गया।
मैंने उसको बताया कि मैं झड़ने वाला हूं.

तो उसने मुझे थोड़ा ठहरने को कहा और लंड पर ज्यादा थूक लगाकर हाथ से मुठ मारने लगी।

कुछ देर मुठ मारने के बाद वह लेट गई और मुझसे कहा कि मैं उठकर उसके जिस्म पर अपना जूस छोड़ दूं।

अब मैं खुद ही तेजी से मुठ मारता हुआ झड़ गया और मेरा सारा पानी उसकी चूचियों और पेट पर गिर गया।

वह उठी और उठकर कपड़े से मेरे लंड को अच्छी तरह साफ किया और अपना जिस्म साफ करके वापस आ गई।

अब उसने मुझे जूस पिलाया और फिर दोबारा से लेट कर किसिंग करने लगी.
तो मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया।

अब उसने दोबारा लंड को मुंह में ले लिया और बोली- अब हम 69 की पोजीशन ले लेते हैं।
लेकिन मैंने चूत चाटने से इन्कार कर दिया तो वह कुछ नहीं बोली, बस लंड चूसती रही।

एक-दो मिनट के बाद जब मुझे सना के लंड चूसने से मजा आने लगा कि तभी वह बोली- मेरी भी चूत को चाटो … नहीं तो अब बस!
मैं मजे में था तो ना चाहते हुए भी मुझे उसकी चूत को चाटना पड़ा।

मैंने उसकी टांगों को खोला और उसकी चूत पर किस की और आहिस्ता से जीभ फेरी.
इतने से ही उसकी सिसकारियां निकलने लगीं और वह तेजी से मेरा लंड चूसने लगी।

उसकी आहों से मुझे भी अच्छा लगा और मैंने अच्छी तरह से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

कुछ मिनट के बाद वह पीछे लेट गई तो मैंने सना को पकड़कर सीधा किया और उसको लिटाकर टांगें खोलीं।
उसने अपनी कमर के नीचे एक तकिया सेट कर लिया।

अब उसकी चूत मेरे सामने थी तो मैंने उसकी चूत पर लंड फेरना शुरू कर दिया।
जैसे ही मेरा लंड उसके सुराख पर जाता तो वह सिसकारी भरती और ऊपर को धक्का लगाती।

और जैसे ही लंड उसकी क्लिट को टच करता तो वह आह … ऊ … आह … की आवाजें निकालती।
उसकी आवाजें मुझे और ज्यादा मजा दे रहीं थीं।

उसने कहा- मेरे यार, अब और ना तड़पाओ, अपना लंड मेरी चूत में डाल दो! लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता अंदर करना … ये काफी बड़ा है।

खैर मैंने चूत के छेद पर लंड को फिट किया और आहिस्ता से झटका दिया लेकिन मेरा लंड अंदर ना जा सका।

सना ने पूछा- क्या पहले कभी चूत नहीं मारी जो अनाड़ियों की तरह कर रहे हो?
तब मैंने बताया कि ये मेरा पहला मौका है.

तो उसने कहा- मेरी चूत तुम्हारे लंड के हिसाब से टाइट है। तुम जरा जोर लगाओगे तो ही ये अंदर जाएगा।

उसने यह कहा मैंने एक झटका दिया लेकिन लंड फिसल गया.
तो वह बोली- तुम जरा ऊपर से जोर लगाओ, मैं भी नीचे से लगाती हूं।

अब मैंने दोबारा जोर से झटका लगाया तो सना ने भी नीचे से झटका लगाया.
लेकिन यह उसको महंगा पड़ा।

अब मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में था और उसके मुंह से एक चीख निकल गई।
अगर कमरे में म्यूजिक ऑन ना होता तो उसकी आवाज से पड़ोसी जरूर आ जाते।

वह बोली- बस करो, इतना ही डालो, ज्यादा बर्दाश्त नहीं होगा।
उसकी चूत मुझे वाकई ही टाइट लगी।

अब सना ने कहा- अब हिलना शुरू करो।

तब मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
अब वह भी नीचे से हिलकर मुझे रिस्पांस देने लगी।

दो-तीन मिनट के बाद उसने कहा- अब थोड़ा और डालो।

मेरा मजे से बुरा हाल था तो मैंने सोचा कि क्यों ना एक ही बार में पूरा अंदर कर दूं।
और मैंने ये कर भी दिखाया।

मैंने सुपारा छोड़कर अपना पूरा लंड बाहर निकाला और उसको किस करने लगा।

अब मैंने एक जोरदार झटके से पूरा लंड सना की चूत में घुसा दिया।
अबकी बार उसकी चीख मेरे मुंह में ही दबकर रह गई क्योंकि मैं उसको किस कर रहा था।
वह मेरे नीचे तड़पकर रह गई।

अब मेरा लंड फिट हो चुका था तो एक-दो मिनट के बाद उसने फिर कहा- अब हिलना शुरू करो, मैं बर्दाश्त कर लूंगी।
मैंने हिलना शुरू कर दिया और उसके मुंह से मजे और तकलीफ से ‘आह … ऊई … ओ … आह … आह … इस्स’ की आवाजें निकलने लगीं।

मैं काफी मजे में था कि सना ने कहा ‘जोर से करो’
तो मैं अपने झटकों में तेजी ले आया.

और अब कमरे में म्यूजिक के साथ दो जिस्म टकराने की आवाजें भी हो रहीं थीं।

कोई पांच या सात मिनट बाद उसने नीचे से ज्यादा जोर लगाकर रिस्पांस देना शुरू कर दिया और उस नंगी लरकी सेक्स की आवाजों में भी तेजी आ गई- आह आह आआह … आह आह ओ … ओ ओ ओ …ओई आह आह आह … मजा आ गया! तुमने मुझे सुकून दिला दिया। मजा आ गया आह आह आह!

जैसे ही मैं झटका लगाता तो वह भी उछलकर मेरा साथ देती।
सना ने अपनी टांगें मेरी कमर के इर्द-गर्द लपेटकर मुझे जकड़ लिया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उसकी चूत मेरे लंड को भींच रही है।

और तभी उसका जिस्म एकदम से अकड़कर ढीला हो गया और वह एक लंबी ऊई … के बाद आराम से लेट गई।

मैंने पूछा तो बोली- मैं झड़ गई।

मुझे भी महसूस हुआ कि उसके झड़ने से मेरा लंड काफी चिकना हो गया है।

अब सना ने कहा- अपना लंड बाहर निकालो!
तो मैं बोला- मैं तो अभी झड़ा नहीं हूं।

तब उसने कहा- ऐसे तुमको ज्यादा मजा नहीं आएगा, मुझे चूत साफ कर लेने दो, फिर करना!
मैंने लंड बाहर निकाल लिया तो उसने कपड़े से अच्छी तरह अपनी चूत को साफ किया और मेरे लोड़े को भी साफ करने के बाद बोली- अब मुझे अच्छी तरह से चोदो।

तब मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा.
तो सना घोड़ी बन गई.

मैंने चूत के ऊपर लंड रखा और एक जोरदार झटके से अंदर डाल दिया।
मेरा लंड फंसता हुआ अन्दर चला गया।

अब मैंने दोबारा उसकी चुदाई शुरू कर दी।
लंड फंसकर अंदर जा रहा था जिसकी वजह से उसको दर्द हो रहा था और वह मज़े और तकलीफ से आह आह ओई आह … की आवाजें निकाल रही थी।

अब उसने भी आगे-पीछे होना शुरू कर दिया।
मेरा लंड पूरा अंदर था और उसकी चूत मेरे लंड को भींच रही थी।

सना मजे से सिसकारियां ले रही थी।

कुछ देर तक चुदने के बाद वह बोली- मैं थक गई हूं। तुमने कोई दवाई वगैरा तो नहीं खाई है जो इतना टाइम लगा रहे हो?
मैंने नहीं कहा.

तो उसने पोजीशन बदलने को कहा।

अब उसने मुझे सोफे पर बिठाया और खुद मेरी गोद में लंड को अपनी चूत में सेट करके बैठ गई और आहिस्ता-आहिस्ता हिलने लगी।

सना की स्पीड तेज होती जा रही थी और मजे की वजह से मेरे मुंह से भी आवाजें निकल रहीं थीं।

कुछ देर बाद मैंने उसको बताया कि मैं झड़ने वाला हूं.
तो उसने हिलना बंद कर दिया और मुझे किस करने लगी।

फिर वह बोली- अब फिर से मुझे बैड पर लिटाकर चोदो और जितनी ताकत से हो सकता है झटके मारना!
मैंने कहा- ठीक है।

अब मैंने उसको दोबारा से लिटाकर तकिया उसकी कमर के नीचे सेट किया और लंड को उसकी चूत के ऊपर रख झटके से अंदर कर दिया।
सना ने आह की और सिसकारी भरी और नीचे से ऊपर को उठी।
पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस गया।

मैंने अब दोबारा से उसकी जबरदस्त चुदाई शुरू कर दी।

मैं आधे से ज्यादा लंड बाहर निकाल लेता और फिर झटके से अंदर डाल देता।
उसने ‘आह आह आह ओई ओ’ के साथ ‘जोर से करो … जोर से करो … पूरा लंड डाल दो, मेरी चूत की कसर पूरी कर दो, जोर से पूरा लंड डाल दो!’ की रट लगा दी।

कुछ देर की जबरदस्त चुदाई के बाद में झड़ने वाला था।
मैंने उसको बताया तो उसने कहा- चूत के अंदर ही झड़ना मेरी प्यास बुझ जाएगी।

तब मैंने जोर से झटके लगाने शुरू कर दिए।
वह भी फुल रिस्पांस दे रही थी.

और अचानक बोली- जल्दी करो, मैं भी झड़ने वाली हूं।

चार-पांच फुल स्पीड झटकों के बाद सना ने मुझे जोर से पकड़ लिया और मैंने उसको!

मेरे लंड ने सारा पानी उसकी चूत में उगल दिया।
वह नंगी लरकी भी मेरे साथ ही झड़ गई।
उसकी चूत मेरे और उसके पानी से भर गई।

मैं उसके ऊपर ही लेट गया और उसने जोर से मुझे किस की और मेरे होंठ चूसने लगी।

सना ने कहा कि उसने जिंदगी में इससे ज्यादा मजे का सेक्स नहीं किया। अब वह मेरे साथ अक्सर सेक्स करेगी और मेरे लिए ज्यादा मजे का इंतजाम भी करेगी।

उस रात हमने चार बार चुदाई की।

फिर तो हम मौका मिलते ही हमबिस्तर हो जाते।

काफी अरसे बाद उसके पति का तबादला हो गया तो वह लोग वहां से दूसरे शहर चले गए.
लेकिन सना जाते-जाते मेरे लिए दो चूतों का इंतजाम कर गई।

सना …
मुझे आज भी याद है सना … जिसने मुझे चुदाई सिखाई।

आपको ये नंगी लरकी सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे जरूर बतायें!
मेरी मेल आई-डी है- [email protected]

लेखक की पिछली कहानी थी: एक रात की महबूबा

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