सात साल बाद मिला लंड– 1

(Online Friend Sex Kahani)

Xxx विडो चुत गांड सेक्स कहानी में पढ़ें कि भरी जवानी में विधवा होने पर मुझे सेक्स की जरूरत महसूस होने लगी थी. मैंने अपनी चुत और गांड कैसे मरवाई?

नमस्कार दोस्तो,
मैं कोमल मिश्रा अपने सभी पाठकों का अपनी नई कहानी में स्वागत करती हूं।

मेरी पिछली कहानी
मेरे बॉस ने मेरी बीवी को पटाकर चोदा
को आपने इतना पसंद किया, उसके लिए आप सभी को दिल से शुक्रिया।

आपके द्वारा मेरी कहानियों को इतना पसंद करने के कारण ही मैं आपके लिए अच्छी कहानियां भेज पाती हूं।
मेरी कोशिश रहती है कि मैं अपने पाठकों तक एक सच्ची और उत्तेजित करने वाली कहानी भेज पाऊं क्योंकि आजकल की जितनी भी कहानियां आ रही है उन्हें पढ़ने से ही बनावट समझ में आ जाती है।

लेकिन मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि जो भी कहानियां मैं अंतर्वासना पर भेजू वो वास्तविक और अच्छी हो क्योंकि सच्ची और उत्तेजना पूर्ण कहानियां पढ़ने का अलग ही मजा है।

कहानियां पढ़ने के बाद बहुत से लोग मुझे मेल करते हैं.
उनसे मैं निवेदन करती हूं कि आप मेल में मुझेप कहानी में क्या कमी है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है ये बतायें; और आपने कौन सी कहानी पढ़ी उसका नाम जरूर बताएं।

बाकी लोग जो प्यार मोहब्बत दोस्ती करने और मिलने के लिए मेल करते हैं, उनका मैं कोई जवाब नहीं देती इसलिए अपना समय बर्बाद न करें।

इस समय मेरे पास कहानियों की बाढ़ आई हुई है और बहुत से लोग अपनी अपनी कहानियां मुझे भेज रहे हैं।
लेकिन मैं उन सभी कहानियों में से जो अच्छी और सच्ची लगने वाली कहानियां हैं वो ही भेज रही हूँ।

आज की भी कहानी मेरी ऐसी ही एक पाठिका सुमन ने मुझे भेजी है जो कि मुझे काफी पसंद आई।

इसलिए मैंने सुमन से फोन पर बात भी की और जब मुझे यकीन हो गया कि कहानी पूरी तरह से सच्ची है तो इसे आपके लिए भेज रही हूँ।

तो चलते हैं दोस्तो कहानी की तरफ और सुमन के जीवन की आत्मकथा जानते हैं।

यह ऑनलाइन फ्रेंड सेक्स कहानी पूरी तरह से सुमन के द्वारा ही लिखी गई हैं और मेरे द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव कहानी में नहीं किया गया।

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम सुमन है। मेरी उम्र 29 साल की है और मेरा एक 7 साल का बेटा है।

मैं कहाँ रहती हूं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकती।

जब मैं 20 साल की थी तभी मेरी शादी हो गई थी।
शादी के दो साल बाद मेरा बेटा पैदा हो गया और उसके होने के 6 महीने बाद मेरे पति का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया।
जब मैं विधवा हुई तो मेरी उम्र केवल 22 साल ही थी।

मेरे पति एक सरकारी कर्मचारी थे जिसकी वजह से उनकी नौकरी मुझे मिल गई।

इस समय मैं मेरी सास और मेरा बेटा ही साथ में रहते हैं बाकी की फैमिली हमारे गांव के घर पर रहती है।

जब मैं विधवा हुई तो सभी परिजनों ने मुझसे कहा- तुम दूसरी शादी कर लो.
लेकिन अपने बेटे के भविष्य को देखते हुए मैंने दूसरी शादी करने से मना कर दिया।
और मैं अपने ससुराल में ही रहती हूं।

लेकिन ड्यूटी के कारण शहर में फ्लैट लेकर अपनी सास और बेटे के साथ रह रही हूँ।

कुछ समय तो मैंने अपने पति के बिना काट लिया था और मुझे सेक्स की इच्छा नहीं होती थी।
लेकिन समय के साथ साथ मेरे जिस्म को भी किसी के साथ की जरूरत महसूस होने लगी।

जब मैं घर पर अकेली होती तो मोबाइल पर गर्म विडियो देखकर मेरा मन भी बहक जाता और मुझे अपनी उँगलियों का सहारा लेना पड़ता।

फिर मैंने अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ना शुरू कर दिया और मेरी इतनी बुरी आदत हो गई कि रोज रात में मैं अंतर्वासना की कहानियां पढ़ती और फिर बाथरूम में जाकर उंगली से अपने आप को शांत करती।

इसी तरह से मैंने सात साल काट लिए।

इसके अलावा मेरे ऑफिस में मेरी कई महिला मित्र भी थी जिनका किसी न किसी मर्द के साथ जिस्मानी रिश्ता था।
उनके द्वारा भी मुझे कई बार सलाह दी गई कि दुनिया से छुपाते हुए किसी मर्द को अपनी जिंदगी में ले आओ.
लेकिन मैं हमेशा ही इसके लिए मना करती रही और कोई वैसा मिला भी नहीं।

मेरे ऑफिस में ही कई मर्दों की नजर मुझ पर थी जो केवल मेरे एक इशारे का इंतजार कर रहे थे।
कई लोग तो मुझसे बात करने का बहाना तलाश करते रहते थे।

लेकिन दोस्तो, मेरी भी एक जिंदगी है, मेरा भी एक परिवार है और मैं चाहती थी कि मेरी वजह से कभी भी मेरे परिवार की बदमानी नहीं हो इसलिए मैं कभी किसी भी मर्द को अपने पास नहीं भटकने देती थी।

ऐसा नहीं है कि मेरी तमन्ना नहीं थी या मुझे सेक्स की जरूरत महसूस नहीं होती थी लेकिन ये सब मैं अपने अंदर दबाए हुए थी।

सात साल तक मैं अपने बदन की गर्मी को ऐसे ही निकालती रही।

फिर मेरी जिंदगी में भी ऐसा कोई आ गया जिसे शायद मेरी वासना ने अपना बना लिया।

हुआ ऐसा था कि मेरा एक सोशल मीडिया एकाउंट है जिसमें मेरे घर परिवार के लोग और मेरे कुछ अच्छे दोस्त जुड़े हुए हैं।

एक रात में जब मैंने अपना सोशल मीडिया एकाउंट खोला तो उसमें एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई हुई थी।
मैंने उनकी प्रोफाइल को ओपन किया और उनके प्रोफाइल को देखने लगी।
उनका नाम अमित कुमार और वो मेरे ही शहर से थे।

उनकी प्रोफाइल अच्छे से देखने के बाद मैंने उन्हें अपने फ्रेंड लिस्ट में शामिल कर लिया।
कुछ दिन बाद उनका एक मैसेज आया और मैंने भी उसका जवाब दिया।

इसके बाद तो ये रोज का काम हो गया एक दूसरे को फोटो वीडियो भेजना और थोड़ी बहुत चैट करना।

धीरे धीरे हमारी चैटिंग लंबी होने लगी और जब मेरी छुट्टी होती तो काफी रात तक हम दोनों चैट करते।

अभी तक हम दोनों ने ही एक दूसरे को देखा नहीं था बस एक दूसरे की फोटो ही देखी थी।
ऐसे ही एक दिन हम दोनों चैट कर रहे थे और उन्होंने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की।

काफी सोचने के बाद मैंने उन्हें मिलने के लिए हां कह दिया।

रविवार को हम दोनों ही की छुट्टी रहती है और अगले रविवार को हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया।
वो मुझे एक रेस्टोरेंट में मिलने वाले थे।

दोपहर 12 बजे मैं अपने घर से निकली और आटो करके उस रेस्टोरेंट में पहुंच गई।

वो वहाँ पहले ही पहुंच गए थे और केबिन नंबर 21 में मेरा इंतजार कर रहे थे। वो एक फैमिली केबिन था।

मैं वहां पहुंची और पहली बार हमने एक दूसरे को देखा।
हम दोनों के बीच हाय हैलो हुआ और मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई।

वो एक लंबे कद के आदमी थे और देखने से लग रहा था कि वो अपनी सेहत का बहुत ख्याल रखते थे क्योंकि वो काफी हट्टे कट्टे थे।

मैं अपने बारे में आप सभी को बता दूँ कि मेरी लंबाई 5.6 इंच है, मेरा वजन 62 किलो और फिगर 36-32-36 का है।
मेरा रंग बेहद गोरा और आँखें हल्की भूरी।

मेरे बदन का सबसे आकर्षक अंग मेरे दूध हैं जो कि काफी बड़े और तने हुए हैं।
इसके साथ ही मेरे चूतड़ भी काफी बड़े बड़े है जिन्हें देखकर लोग दुबारा मुझे जरूर देखते हैं।

मैं अमित जी के साथ बैठी हुई उसने बात करने लगी।
उनकी उम्र 46 वर्ष है और उनकी भी पत्नी का स्वर्गवास हो चुका था।

उनके 3 बच्चे हैं जो कि उनके साथ ही रहते हैं।
उन्होंने भी अपने बच्चों के लिए दुबारा शादी नहीं की।

मैं उसके साथ वहा करीब दो घंटे तक रही और हम दोनों ने खाना खाया और बात करते रहे।
बाद में उन्होंने मुझे मेरी कालोनी के बाहर तक अपनी कार से छोड़ दिया।

उसके बाद हम दोनों की दोस्ती आगे बढ़ने लगी और और ऐसे ही बाहर मिलने का सिलसिला शुरू हो गया।
अब हम दोनों ने चैटिंग के साथ साथ फोन पर भी बात करना शुरू कर दिया।

करीब 6 महीने तक हम दोनों की दोस्ती ऐसे ही चलती रही।

भले ही अमित जी मुझसे उम्र में बड़े थे लेकिन हम दोनों ही दिल दिल में एक दूसरे से प्यार करने लगे थे।
मगर किसी ने भी एक दूसरे को ये बात नहीं कही थी।

फिर एक दिन जब रात में हम दोनों फोन पर बात कर रहे थे तो अमित जी ने मुझसे अपने प्यार का इजहार किया।
मैंने भी उन्हें निराश नहीं किया और उन्हें हाँ कह दिया।

यह मेरा प्यार था या मेरे जिस्म की वासना थी … मुझे पता नहीं लेकिन उस दिन से मेरे जिस्म में एक अलग तरह से गुदगुदी सी उठने लगी।

जब भी हम दोनों बाहर कहीं पर मिलते थे तब मुझे अपने अंदर से ऐसा लगता था कि अमित जी मुझे अपनी बांहों में भर लें।
लेकिन अमित जी ने कभी भी मेरे विश्वास को नहीं तोड़ा और मेरी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा।
कभी भी उन्होंने हमारे प्यार के बारे में किसी को भनक तक नहीं लगने दी।

एक बार गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ था और मेरे बेटे की गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो गई थी।
मेरी सास ने मुझसे कहा- मैं बेटे को लेकर कुछ दिनों के लिए गांव जाना चाहती हूं।
मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और वो दोनों कुछ दिन में गांव चले गए।

अब मैं घर पर अकेली रह गई थी।
सुबह मैं अपने ऑफिस जाती और शाम को आकर घर पर ही अमित जी से फोन पर बात और चैटिंग करती रहती थी।

एक दिन अमित जी ने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की.
मैंने उनसे कहा- घर पर कोई नहीं है तो आप घर पर ही मिल लीजिए. मैं अपने हाथ का बना हुआ खाना खिलाऊंगी।
उन्होंने भी इसके लिए हां कह दिया।

दो दिन बाद हमने मिलने का प्लान बनाया।

पता नहीं क्यों लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि हमारे बीच कुछ न कुछ होने वाला है।
और ये सब सोचकर मेरे जिस्म के अंदर एक अलग सी आग लग गई थी।

मैं जानती थी कि अमित जी भी पिछले 10 साल से सेक्स से वंचित हैं और उसके अंदर भी मेरे प्रति कुछ न कुछ चल ही रहा होगा।

हम दोनों ने ही एक दूसरे के प्यार को कुबूल कर लिया था लेकिन अभी तक एक दूसरे को छुआ तक नहीं था।

जिस दिन अमित जी मेरे यहां आने वाले थे उस दिन मैंने सुबह से ही घर का सारा काम कर लिया था।

दोपहर को जब मैं नहाने के लिए गई और बाथरूम में आईने के सामने अपने कपड़े उतारे और ब्रा पेंटी में अपने आप को आईने में देखा तो मेरे हाथ अपने आप ब्रा के ऊपर से ही दूध को सहलाने लगे।
मैंने गौर किया कि मेरे अंडरआर्म के बाल काफी बड़े हो चुके हैं.
और मैंने अपनी पेंटी नीचे उतार कर अपनी चूत को देखा जिसमें इतने बड़े बाल हो गए थे कि मेरी चूत दिखाई भी नहीं दे रही थी।

मैंने वहीं रखी हुई क्रीम ली और अपने सभी जगह के बालों को साफ कर दिया।
अब तो मेरा बदन और मेरी चूत दमक रही थीं।

उस दिन मैं अपने सभी गुप्तांगों को अच्छी तरह से साफ करते हुए नहाई।
शाम को मैंने पनीर की सब्जी और चावल बनाये।

शाम को सात बजे अमित जी आने वाले थे, उससे पहले मैंने एक नीले रंग की साड़ी पहनी और बहुत साल के बाद अच्छे से तैयार हुई।

उस दिन मैं बेहद खूबसूरत लग रही थी और मेरे गोरे बदन पर वो नीली साड़ी कयामत लग रही थी।

जानबूझकर मैंने साड़ी अपने कमर से काफी नीचे बांधी हुई थी जिससे मेरी कमर मेरा पेट और मेरी खूबसूरत नाभि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने गहरे गले, छोटी चोली का ब्लाउज पहना हुआ था जिसमें से सामने से मेरे दोनों दूध उभर कर सामने आ गए थे और सामने से दूध की लाइन साफ साफ नजर आ रही थी।

ठीक सात बजे अमित जी मेरे यहां आ गए।

काफी देर हम दोनों बातें करते रहे और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया।

खाना खाने के वक्त अमित जी की नजर मेरे उभरे हुए दूध पर बार बार जा रही थी और जब मैं अपने आंचल को ठीक करती तो गोरे गोरे दूध के उभार साफ साफ नजर आ रहे थे।
इसके साथ ही मेरी कमर और मेरी नाभि पर भी उनकी नजर बार बार जा रही थी।

खाना खाने के बाद हम दोनों टीवी वाले कमरे में बैठकर बातें करने लगे।
रात के 10 कब बज गए पता ही नहीं चला।

अब अमित जी ने घर जाने के लिए मुझसे इजाजत मांगी।
अंदर से मेरा मन थोड़ा दुखी हो गया था कि मैंने जो सोचा था वो नहीं होगा।

उनके घर जाने वाली बात पर मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
पता नहीं उन्होंने क्या सोचा होगा।

फिर वो जाने के लिए खड़े हो गए लेकिन दरवाजे की तरफ नहीं बड़े और खड़े होकर मुझे ही देखते रहे।
हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे।

फिर वो हुआ जो मैंने सोचा नहीं था।
अपने स्वभाव के विपरित अमित जी ने मेरा हाथ पकड़ा और एक झटके में मुझे अपनी बांहों में भर लिया।

इतने दिनों में आजतक अमित जी ने मुझे छुआ तक नहीं था लेकिन आज उनका व्यवहार कुछ अलग था।

मुझे अपनी बांहों में भर कर उन्होंने मेरी आखों में देखते हुए कहा– आज मैंने अपने घर पर झूठ बोला है।
मैं- कैसा झूठ?

अमित जी– मैंने घर पर बताया है कि मैं कुछ दिन के लिए बाहर जा रहा हूं।
मैं- ऐसा क्यों?
अमित जी– ऐसा इसलिए क्योंकि मैं तुम्हारे साथ कुछ दिन रहना चाहता हूं. क्या तुम मुझे इसकी इजाजत दोगी?

मैंने अपनी नजर नीचे करते हुए कहा- मैं क्यों मना करूंगी. आपका घर है जितने दिन रह सकते हैं आप!
अमित जी– घर तो मेरा अपना है लेकिन क्या घर में रहने वाली भी मेरी है?

मैं हंसते हुए उनसे छुटने की कोशिश करने लगी और उनसे छूट कर दूर जाने लगी।

उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर दुबारा से अपनी बांहों में भर लिया.
वो समझ चुके थे कि मेरी तरफ से हर चीज की इजाजत मिल गई है।

अपनी बांहों में लेकर उन्होंने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर ऊपर उठाया मेरी नजर नीचे की तरफ थी।

पहले उन्होंने अपनी उँगलियों को मेरे गालों पर चलाया और फिर अपने होंठों को मेरे होंठों के करीब लाते चले गए।

जल्द ही उनके होंठ मेरे होंठ से टकरा गए और उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया।
सालों बाद आज किसी मर्द ने मेरे होंठों को चूमा था.
यह अहसास ऐसा ही लग रहा था जैसे शादी के बाद सुहागरात में मेरे पति ने मुझे चूमा था।

आज सात साल के बाद मैं किसी मर्द की बांहों में आई थी।
मेरे बदन का रोम रोम खड़ा हो गया था और मैं आँखें बंद किए हुए उनकी बांहों में सिमटी जा रही थी।

मैं भी वासना की उस आग में पिघलती चली गई और मेरे भी होंठ चलने शुरू हो गए।
जल्द ही मैं अपनी जीभ निकाल कर उनका साथ देने लगी और वो मेरी जीभ को अपने मुंह में भर कर चूसने लगे।

जल्द ही मुझे अहसास हुआ कि मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है और मेरी पेंटी गीली हो रही है।
आज सात साल से सूखी जमीन पर बारिश होने जा रही थी।

काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे और फिर अमित जी मुझसे अलग हुए और मुझे बेडरूम में ले गए।

बेडरूम में लाकर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मुझे चुपचाप खड़ी रहने के लिए कहा।
मैं अपने दोनों हाथ नीचे किए चुपचाप खड़ी रही।

अगले भाग की प्रतीक्षा करें.
तब तक बताएं कि आपको यह ऑनलाइन फ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लग रही है?
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ऑनलाइन फ्रेंड सेक्स कहानी का अगला भाग: सात साल बाद मिला लंड- 2

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