सर्दी की रात में हाईवे के बस अड्डे पर चुदाई

(Sardi Ki Rat Me Highway Ke Bas Adde Par Chudai)

अल्पेश 2016-11-06 Comments

नमस्कार प्रिय मित्रो, आज मैं आपको मेरी चौथी कहानी बताने जा रहा हूँ।
एक फ़ोन से बनी फ्रेंड के साथ की यह कहानी भी पिछली कहानी तरह एकदम सच्ची है।

अहमदाबाद गाँधीनगर हाइवे मदर डेरी के पास के बस अड्डे की घटना है।

इस लड़की से मेरी पहचान फ़ोन पर हुई थी। वो एक अविवाहित लड़की थी.. उसका नाम वैशाली था। शुरूआत में उसके नखरे कुछ ज्यादा ही थी.. फिर लाइन पर आ गई।

उससे फोन पर बातों के दौरान ही उसने मुझे फ़ोन पर ‘आई लव यू’ बोल दिया।

इस केस में मुझे समझ में आ गया था कि लड़की का इरादा सिर्फ चुदना ही था। मुझे पता था कि वो मुझसे मुहब्बत होने की बात झूट ही कह रही है।
मुझे भी कोई मतलब नहीं था।
इधर तो मैं खुद ही चूत की तलाश में था।

हाई वे के बस शेल्टर में नंगी चुदाई

खैर.. हम दोनों ने एक शाम मिलने का प्लान बनाया।
वो साल 2012 के नवंबर का महीना था, शाम सर्द हो चली थी, उसने मुझे इस हाईवे के एक सुनसान एरिया में बुलाया।

फिर थोड़ी देर के बाद वो बोली- ये जगह कुछ ठीक नहीं है.. इसके पास कहीं और जगह पर मिलते हैं।
मैंने उससे कहा- ठीक है..

मैं उस दिन एक्टिवा लेकर गया था, हम दोनों एक बस स्टैंड के पास पहुँच गए।

अब मैंने उसे ध्यान से देखा.. वो थोड़ी मोटी थी.. उसकी जांघें भरी हुई थीं। उसके दूध भी बड़े-बड़े थे.. वो एक सिंधी लड़की थी।

हम बस स्टैंड के अन्दर गए वहाँ एक यात्री शेड बना हुआ था। वो बस स्टेण्ड में एक रूम जैसा बना था.. हालांकि ये ओपन ही था।

हम वहाँ पर बैठ गए और बातें करने लगे।

फिर मैंने शुरूआत की और उसके हाथ पर हाथ रख कर सहलाने लगा।
वो चुपचाप बैठी थी.. कुछ नहीं बोल रही थी।

मैंने उसे चुम्बन किया.. उसने कोई रिस्पांस नहीं दिया.. सिर्फ़ उसने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।
वो सिर्फ़ मुझे एंजाय ही कर रही थी।

मैंने चूमते-चूमते धीरे से उसकी सलवार में हाथ डाला और उसकी बुर को छूने की कोशिश करने लगा।

मैं चाहकर भी उसके कमीज़ में हाथ नहीं डाल पा रहा था। वो समझ गई कि मेरा प्राब्लम क्या है।

उसने कहा- चलो नीचे बैठ कर करते हैं।
मैंने ‘हाँ’ कर दिया।

अब हम दोनों नीचे बैठ गए। उसने खुद से अपनी ब्रा के हुक खोल दिया और कमीज़ ऊपर कर ली। अब मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा। वो वाकयी बहुत बड़े थे.. शायद 38 के होंगे।

मैं उसके दूध पीते-पीते उसकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा और उसे खोल कर मैं सीधा उसकी चूत में उंगली डालने लगा।

वो काफ़ी गीली चूत थी.. मेरी दोनों उंगलियां चूत में अन्दर तक चली गईं।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

चूत में उंगली जाते ही वो एकदम से गर्म हो उठी और कहने लगी- हाय.. ये क्या कर रहे हो.. आह्ह.. क्या कर रहे हो मुझे.. हाय मत करो..

यह सुनते ही मेरा खड़ा लण्ड लोहे की तरह और टाइट हो गया।
उसकी चूत में से पानी निकल रहा था।

थोड़ी देर चुम्मा-चाटी करने के बाद मैंने उससे कहा- मेरा लण्ड चूसो।

उसके चेहरे पर मुस्कान थी जैसे मैंने उसके मन की बात उससे पूछ ली हो।

उसने लण्ड का टोपा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी।

वो लौड़ा चूसने में एक एक्सपर्ट लौंडिया लगी।
उसने कई मिनट मेरा लण्ड चूसा और मैंने भी सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया।

मेरा माल खाने के बाद वो स्माइल कर रही थी। मुझे अब तक पता चल चुका था कि वो एक रांड टाइप की लड़की थी।

मैंने मौका ना गंवाते हुई उससे कहा- अब मुझे चोदने दो।
वो मना कर रही थी- यह जगह सेफ नहीं है।

लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी, मेरे दिमाग़ में सेक्स चढ़ा था.. जो मैं उतारना चाहता था, ये मौका मैं गंवाना नहीं चाहता था।

मैंने उसकी सलवार को फिर से खोल दिया.. और लौड़े पर फटाफट कन्डोम लगाया। पहले मैंने उसकी चूत गीली करने के लिए उसे ‘फिंगर फक’ किया।

मेरी 3 उंगलियां उसकी चूत में जा चुकी थीं। दरअसल वो चूत नहीं.. एक बड़ा सा भोसड़ा था। उसके भोसड़े में तीन उंगलियां जाने के बाद उसे थोड़ा दर्द हो रहा था।

मैंने उसको चोदने के लिए सीधा किया.. निशाना लगाया और चूत में लण्ड पूरा पेल दिया।
उसे अच्छा लग रहा था.. और मुझे सपोर्ट कर रही थी।

मैंने ज़्यादा टाइम ना खराब करते हुए लम्बे धक्के देना स्टार्ट किया और उसके ऊपर पूरा लद गया।

मैंने लोवर पहना था.. तो मुझे भी कोई दिक्कत नहीं थी। वो सिर्फ़ लेटी थी और मैं उसकी चूत में दमदार धक्के मार रहा था।

हम ये बाहर खुले में कर रहे थे तो ज़्यादा टाइम लेना मुनासिब नहीं था। मैंने कुछ ही मिनट में सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया।

उसकी चूत पर पानी ही पानी हो गया था। फिर हम दोनों ने ज़्यादा टाइम वेस्ट नहीं किया। अपने-अपने कपड़े ठीक किये मैंने बैठ कर उसका थोड़ा दूध पिया और बाहर निकल आए।

उसे ये चुदाई पसंद आई.. उसने मुझे प्रॉमिस किया कि नेक्स्ट टाइम की गेस्ट हाउस में जा कर चुदाई करेंगे।

अगली बार कैसे मैंने वैशाली की चूत गेस्टहाउस में मारी.. वो अगली कहानी में लिखूंगा।

अपने फीडबैक देना ना भूलें।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top