वो तोहफा प्यारा सा -1
मैंने एक दिन अपने पति को किसी से फोन पर छुप छुप कर बात करते देखा। मुझे तो यकीन नहीं हुआ कि मेरे पति अपना हर सुख दुख मुझसे बांटते हैं, वो मुझसे छुपकर किससे बात कर रहे हैं।
मैंने एक दिन अपने पति को किसी से फोन पर छुप छुप कर बात करते देखा। मुझे तो यकीन नहीं हुआ कि मेरे पति अपना हर सुख दुख मुझसे बांटते हैं, वो मुझसे छुपकर किससे बात कर रहे हैं।
मेरी बहन ने मुझे बहनचोद की गाली देते हुए उसकी नंगी जवानी को देख कर उसके नाम की मुठ उसके सामने ही मारने को कहा। फिर उसने मुझे उसे नंगी करने को कहा!
मौसी के घर मैं छुट्टियाँ बिताने गया तो एक दिन मैं उनके कमरे में गया तो मौसी शीशे के सामने एकदम नंगी खड़ी थी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी. मैं देखता रह गया!
मैं कच्छ में जॉब करता हूँ, जिम जाता था, जिम के संडे पार्क है, वहाँ बैठकर लाईन मारता! एक सन्डे एक लड़की से कुछ रिस्पोंस मिलता देख मैं उसके करीब जाकर खड़ा हो गया।
सविता भाभी स्वास्थ्य की जांच के लिए अस्पताल गईं। तभी वहाँ से एक बड़ा ही हैण्डसम डॉक्टर निकला और बस सविता भाभी की दहकती जवानी मचलने लगी।
'तेरे करम ही ऐसे हैं। कौन नहीं नफरत करता मोहल्ले में तुझसे? मैं करती थी तो कौन सा गलत था। यह तो मेरी मज़बूरी है… क्या करूँ और? कोई रास्ता है हमारे पास जो हम यह सुख हासिल कर सकें?'
मेरी एक गर्लफ्रेंड है महजबीं... बीस साल की है वो... बहुत मस्त चीज है वो... हम पिछले दो साल से रिलेशनशिप में हैं और खूब मस्ती करते हैं, चूमाचाटी, ओरल सेक्स, चूत चुदाई सब करते हैं!
जैसे कि सबको अपनी शादी का इंतज़ार रहता है और सुहागरात का, मुझे भी था। शादी से पहले वो मिलने की बोलती थी, मगर मिलने में मेरी गांड फटती थी।
मेरी बहन वर्षा ने मेरे मुरझाए लंड को अपने नरम-नरम हाथों में पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरे गालों को सहलाने लगी। दीदी ने मेरे लौड़े को धीरे-धीरे सहलाना चालू कर दिया।
कॉलेज से ट्रेकिंग ट्रिप लेकर टेनिस कोच कुल्लू मनाली की तरफ़ गए। टेनिस कोच का कसरती जिस्म, उभर कर दिखते हुए मस्सल्स, उनकी हाइट, मैं लम्बे लड़कों का दीवाना हूँ।
तुम जानते हो मेरी छातियाँ अब बहुत बड़ी हो गई हैं। मेरे सारे ब्लाउज अब मुझे छोटे होने लगे हैं। जब मैं नदी के ठन्डे पानी में नहा रही थी तब मेरे निप्पल भी एकदम कड़क होकर तन गए थे।
उस रात भी शीला और सोनू के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था और दोनों एक आसन में संभोगरत थे जब किसी ने दरवाज़ा पीटा था। इस वक़्त कौन हो सकता है…
अब मैं रोज़ रात को उसे चोदने लगा, उसके चूतड़ चौड़े और गोल-गोल थे, लड़कियों जैसे पतले-पतले हाथ थे.. वो मेरी गर्लफ्रेंड की कमी को कभी महसूस नहीं होने देता था।
बाबाजी के घंटे का आप सभी को प्रणाम। यह कहानी है पूरी वासना से भरी हुई- वासना ऐसी जो कि कभी खत्म ना हो , तो दोस्तो अपने अपने लंड और चूत को निकाल लीजिए और रगड़ना शुरू कर दीजिये।
गार्मेन्ट्स शोरूम पर मैनेजर लड़की से मुझे ऑफ़िस के काम से बात करनी होती थी। उससे मेरी दोस्ती हो गई और एक दिन मैंने उसे मिलने के लिये कहा। वो मान गई।
सविता भाभी के घर में नया बांका जवान नौकर आया, वो भाभी को एक नजर में भा गया। उसने भाभी को बताया कि उसे मालिश करनी आती है तो भाभी की बांछें खिल गई।
दोनों बहनें साथ ही चाचा के कमरे में पहुंची थीं जहां चाचा अपना स्थूलकाय लिंग पाजामे से बाहर निकाले दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 'आज करें क्या चाचा के साथ?'
इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।
मेरी पत्नी को जब भी चुदना होता था तो कैसे न कैसे मुझे चुदाई के लिए मना ही लेती थी, और जब मूड नहीं होता था तब भी मेरे लिये बहुत खुश होकर उछल उछल कर बिल्कुल छिनाल की तरह चुदती थी।
दीदी की विदाई के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं सोने के लिये अन्दर गया तो एक लडकी भी सोने की जगह तलाश रही थी। हम दोनों जैसे कैसे लेट गये पर ठण्ड लग रही थी और लड़की साथ में थी।