नवीनतम कहानियाँ

कमाल की हसीना हूँ मैं-20

On 2013-05-12 Category: Office Sex Tags:

“कल आप उनको कह दो कि लड़कियों का इंतज़ाम हो जायेगा।” मैंने कहा, “देखते हैं उनके यहाँ पहुँचने से पहले क्या किया जा सकता है।” अगले दिन जब वो आये तो उन्हें रिलैक्स्ड पाने कि जगह और ज्यादा टूटा हुआ पाया। मैंने कारण पूछा तो वो टाल गये। “आपने बात की थी उनसे?” “हाँ !” […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-19

On 2013-05-11 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैंने शर्म के मारे अपनी आँखें बंद कर लीं। मेरा चेहरा शर्म से लाल हो रहा था। लेकिन मैं इस हालत में अपने पेशाब को रोकने में नाकाम थी और नशे में मुझसे खड़ा भी नहीं रहा जा रहा था। इसलिये मैं कमोड की सीट पर इसी हालत में बैठ गई। जब मैं फ्री हुई […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-18

On 2013-05-10 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

उन्होंने मुझे बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। फिर वो मेरी बगल में लेट गये और मेरे चेहरे को कुछ देर तक निहारते रहे। फिर मेरे होंठों पर अपनी उँगली फ़िराते हुए बोले, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम जैसी कोई हसीना कभी मेरी बाँहों में आयेगी।” “क्यों? भाभी तो मुझसे भी […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-17

On 2013-05-09 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

अचानक उन्होंने अपनी मुठ्ठी में बंद एक खूबसूरत लॉकेट मेरे गले में पहना दिया। “ये?” मैं उसे देख कर चौंक गई। “यह तुम्हारे लिये है। हमारी मुहब्बत की एक छोटी सी निशानी !” उन्होंने उस नेकलेस को गले में पहनाते हुए कहा। “ये छोटी सी है?” मैंने उस नेकलेस को अपने हाथों में लेकर निहारते […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-16

On 2013-05-08 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

“शहनाज़ ! बहुत टाईट है तुम्हारी…” कहते हुए फिरोज़ भाईजान के होंठ मेरे होंठों पर आ लगे। “आपको पसंद आई?” मैंने पूछा तो उन्होंने बस ‘हम्म’ कहा। “यह आपके लिये है… जब जी चाहे इसको इस्तेमाल कर लेना।” मैंने उनके गले में अपनी बांहें डाल कर उनके कान में धीरे से कहा, “आज मुझे इतना […]

दीप के स्वप्नदोष का उपचार-2

निधि बजाज मैं उसके लौड़े को पकड़ कर आगे पीछे हिला हिला कर उसकी मुठ मारने लगी और उसे बताती रही कि ऐसा करने से वह उतेजित हो जाएगा और उसके अंदर का वीर्य बाहर आ जाएगा ! तब दीप ने पूछा- इससे क्या होगा, जो नया रस बनेगा उसके निकलने से भी तो पजामा […]

दीप के स्वप्नदोष का उपचार-1

दीप के स्वप्नदोष का उपचार-1 निधि बजाज मेरे प्रिय मित्रो, मैं हूँ निधि, जो पहली बार अपने जीवन का यथार्थ आप सबके साथ सामने प्रकट कर रही हूँ ! मैं 27 वर्षीय बहुत खूबसूरत स्त्री हूँ और मेरे जिस्म का माप 36/24/38 है। मेरा शरीर बहुत गोरा है, चेहरा गोरा और अंडाकार है, कद पांच […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-15

On 2013-05-07 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैंने उन्हें सताने के लिये उनके लंड के टोपे पर हल्के से अपने दाँत गड़ा दिये। वो ‘आआआह’ कर उठे और मुझसे बदला लेने के लिये मेरे भगनास को अपने दाँतों के बीच दबा लिया। मैं उत्तेजना से छटपटा उठी। वो काफी गर्म हो चुके थे, उनको शायद इस पोजीशन में मज़ा नहीं आ रहा […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-14

On 2013-05-06 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मेरे जेठ फ़िरोज़ मेरे इस तरह उन्हें बुलाने से बहुत खुश हुए और मेरी बगल में लेट गये। हम दोनों की ओर देख कर जावेद दूसरी तरफ़ सरक गया और हमें जगह दे दी। अब मेरा मजनूं मेरी बाँहों में था इसलिये मुझे कहीं और देखने की जरूरत नहीं थी। मैं उनके जिस्म से चिपकते […]

इन्जेक्शन

खुशबू मेरा नाम सुषमा है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे तीन बच्चे हैं, मैं बहुत सुन्दर हूँ एकदम दूध सी गोरी ! मेरी कहानी एक डॉक्टर के साथ मेरे चक्कर की है, हम लोग गाज़ियाबाद की एक कॉलोनी में नये नये आए थे, मेरे पति ने वहाँ पर एक फ्लैट खरीदा था। मेरे पति एक […]

सलमा और इरफ़ान के चुटकुले-4

On 2013-05-05 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

सलमा- तुम्हारे कितने भाई-बहन हैं? इरफ़ान- मैं अकेला ही हूँ। सलमा- क्यूँ? बाप में दम नहीं था क्या? इरफ़ान- तो तुम बताओ कि तुम्हारे कितने भाई-बहन हैं? सलमा- सात ! इरफ़ान- क्यूँ? तेरे बाप को और कोई काम नहीं था क्या? *** एक बार सलमा का ऐक्सीडेंट हो गया तो इरफ़ान ने उसे खून दिया। […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-13

On 2013-05-05 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

दोनों भाइयों ने लगता है दूध की बोतलों का मुआयना करके ही निकाह के लिये पसंद किया था। नसरीन भाभी के निप्पल काफी लंबे और मोटे हैं, जबकि मेरे निप्पल कुछ छोटे हैं। अब हम चारों एक दूसरे की जोड़ी को निहार रहे थे। पता नहीं टीवी स्क्रीन पर क्या चल रहा था। सामने लाईव […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-12

On 2013-05-04 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं सैक्स की भूखी किसी चुदक्कड़ वेश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिये। “एक मिनट ठहरो।” कहकर उन्होंने मेरा गाउन उठाया और मेरी चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। यह जरूरी भी हो गया था, मेरी चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गई थी। उनके इतने […]

सलमा और इरफ़ान के चुटकुले-3

On 2013-05-03 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

सुहागरात सलमा और इरफ़ान की शादी हुई, पहली रात सुहागरात थी. सुहागरात के लिए सलमा अपनी आरामगाह में थी कि तभी इरफ़ान कमरे में दाखिल हुआ. उसके हाथ में कामसूत्र कंडोम का पैकेट था. कामसूत्र के पैकेट को देखते ही सलमा अचानक बोल उठी- अरे यह कामसूत्र क्यों ले आये, इससे तो मुझे एलर्जी है.. […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-11

On 2013-05-03 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं काफी उत्तेजित हो गई थी। जावेद इतना फोर-प्ले कभी नहीं करता था। उसको तो बस टाँगें चौड़ी करके अंदर डाल कर धक्के लगाने में ही मज़ा आता था। उन्होंने मेरी टाँगें पकड़ कर नीचे की ओर खींचा तो मैं बिस्तर पर लेट गई। अब उन्होंने मेरी दोनों टाँगें उठा कर उनके नीचे दो तकिये […]

समलैंगिक Homosexual Lesbian

On 2013-05-02 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

एक आदमी की तीन बेटियाँ और एक बेटा था। एक दिन जब वह आदमी अपने घर के बगीचे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था। तो उसकी बड़ी बेटी उसके पास आई और बोली- पापा, मैं सोनिया से प्यार करती हूँ, और उसी से शादी करूँगी। पिता आश्चर्य से- मतलब तुम समलैंगिक (Lesbian) हो? चलो […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-10

On 2013-05-02 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं उनका हाथ थाम कर बिस्तर से उतरी। जैसे ही उनका सहारा छोड़ कर बाथरूम तक जाने के लिये दो कदम आगे बढ़ी तो अचानक सर बड़ी जोर से घूमा और मैं हाई-हील सैंडलों में लड़खड़ा कर गिरने लगी। इससे पहले कि मैं जमीन पर भरभरा कर गिर पड़ती, फिरोज़ भाईजान लपक कर आये और […]

कमाल की हसीना हूँ मैं -9

शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे-धीरे मैं इस माहौल में ढल गई। कुछ तो मैं पहले से ही चंचल थी और पहले गैर मर्द, मेरे ननदोई ने मेरे शर्म के पर्दे को तार-तार कर दिया था। अब मुझे किसी भी गैर मर्द की बाँहों में जाने में ज्यादा झिझक महसूस नहीं […]

कहीं ले चलो-3

मैं राज ! याद आया दोस्तो, मैं आपका शुक्रगुजार हूँ अपने उन दोस्तो का जिन्होंने मेरी कहानी पढ़ी और पसन्द की। अब नील की शादी हो गई थी। जब नील शादी के बाद नील का मेरे पास फ़ोन आया ! नील- हेलो ! पहचाना मुझे? मैं- ओ ई सी… हाय नील ! कैसी हो और […]

कमाल की हसीना हूँ मैं -8

मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। सलमान ने एक तस्वीर इस मुद्रा में खींची। तभी बाहर से आवाज आई… ‘क्या हो रहा है तुम तीनों के बीच?’ मैं आपा की आवाज सुनकर खुश हो गई। मैं जावेद की बाँहों से फ़िसलकर निकल गई। ‘आपा… समीना आपा देखो ना ! ये […]

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