मामा जी की रखैल की चुदाई- 2

(Indian Maid Fuck Story)

मानस यंग 2024-01-21 Comments

इंडियन मेड फक स्टोरी में मैंने गाँव में अपने मामा जी की रखैल औरत की चूत मारी एक दूसरी नौकरानी की मदद से! हम तीनों ने मिल कर सेक्स का खेल खेला.

कहानी के पहले भाग
घर की नौकरानी मामा की रखैल
में आपने पढ़ा कि सक्कू की चुदाई करते शोभा काकी ने देख लिया था. तो सक्कू ने भी शोभा की सारी पोल खोल दी कि वह मेरे मामा की रखैल है.
मैं उसे चोदना चाहता था तो मैंने उसे अपने कमरे में मालिश के लिए बुलाया. साथ ही सक्कू बाई को भी बुला लिया.

शोभा काकी बिल्कुल मेरे बग़ल में थी, उसके बदन की गर्मी और पसीने की खुशबू से मेरे अंदर का मर्द फिर से खूंखार बनता जा रहा था.

बनियान निकाल कर मैं लेटा तो उतने में सक्कू ने दरवाज़ा खटखटाया.

अब आगे इंडियन मेड फक स्टोरी:

शोभा काकी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे दरवाज़ा खोलने के लिए कहा.

दरवाजा खोलकर अब सक्कू अंदर आयी और शोभा को देख कर मुस्कुराती हुई मेरे पास आ गयी.
शोभा चाची भी मेरे पास आकर मेरे सीने पर तेल डालने लगी.

सक्कू ने शोभा को देख कर कहा- क्या हुआ छोटे मालिक, अब ये रंडी मालिश करने में भी नख़रे दिखा रही है क्या?
मैंने शोभा के सामने जान बूझकर सक्कू से कहा- तू ज़्यादा सवाल मत कर छिनाल, चल मेरे लौड़े की मालिश कर अब!

भरे हुए बदन की दोनों औरतें मेरे तन की मालिश कर रही थी.
शोभा के कोमल हाथ मेरे छाती को मसल रहे थे जिस वजह से मैं और गर्म हो रहा था.

सक्कू बेशर्म रंडी की तरह मेरा कच्छा निकालते हुए मेरे लौड़े को सहलाने लगी.
उसकी रंडीगिरी शोभा काकी चोर आँखों से देख रही थी.

मालिश करते समय मेरे ऊपर झुकने की वजह से शोभा काकी के पके हुए आम मेरे बिल्कुल आँखों के सामने झूल रहे थे.
पर साड़ी का पल्लू अब भी उसकी इज्ज़त लुटने से बचा रहा था.

सक्कू के सहलाने से मेरे लौड़े का बढ़ता हुआ रूप देख कर शोभा काकी का सीना जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगा.

मुझे समझते देर नहीं लगी कि शोभा काकी भी अब हमारे साथ गर्म हो रही थी और उसकी चूत भी गीली हो रही है.

शोभा काकी को और तड़पाने के लिए मैंने सक्कू से कहा- वाह मेरे लौड़े की रांड, मज़ा आ रहा है तेरे हाथों से सक्कू, ले ले मुँह में छिनाल!

सक्कू तो मेरे लौड़े पर फ़िदा हो चुकी थी, बिना कोई नख़रे किये उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और गले तक ले जाते हुए चूसने लगी.
मेरी आहें सुनकर सक्कू भी चुदक्कड़ कुतिया की तरफ अपने चूचे मेरे जांघों पर दबाते हुए मेरे टट्टों को भी चूसने लगी.

मैंने जानबूझकर अब मेरा एक हाथ शोभा काकी के कमर पर रखा और उसके चरबीदार पेट और कमर को सहलाने लगा.
मेरे स्पर्श से तो पहले उसका बदन काँप उठा पर अपने आप को सम्भालते हुए शोभा काकी ने मेरे बदन को सहलाना चालू किया.

अब मेरे सहलाने से और लौड़े को देख देख कर काकी का बदन भी वासना से तपने लगा था.
उसकी गर्म साँसें मुझे मेरे सीने पर और माथे पर महसूस हो रही थी.

कुछ देर तक मैंने काकी का पेट और कमर सहलाने के बाद उसका हाथ पकड़ पर मेरे लौड़े की तरफ़ ले गया.

दूसरे हाथ से मैंने सक्कू का मुँह हटाकर शोभा का हाथ मेरे लौड़े पर रखते हुए मैंने कहा- काकी, थोड़ी इसकी भी मालिश कर दे, बड़े कोमल हाथ है तेरे!

लज्ज़ा के कारण या सक्कू के उपस्थिति के कारण काकी अपना हाथ पीछे लेने लगी.
पर मैंने उसको रोकते हुए फिर से उसका हाथ मेरे लंड पर दबा दिया.

मेरी तरफ़ देखे बिना ही शोभा मेरे लौड़े को घूरते हुए उसे सहलाने लगी.
तो मैं जान बूझकर जोर जोर से आहें भरने लगा ताकि शोभा का हौसला बढ़ सके.

मैंने भी अब उसके पीठ को और पेट को सहलाना चालू किया.
धीरे धीरे शोभा को भी मेरे लौड़े ने आकर्षित होती गयी और ख़ुद पूरा लौड़ा अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी.
उसकी आँखों से मुझे दिख रहा था कि साली चुदाई के लिए तड़प रही है पर डर की वज़ह से आगे नहीं बढ़ पा रही.

मैंने अब अपना हाथ ऊपर ले जाते हुए उसके सीने पर रखा और ब्लाऊज़ के ऊपर से ही उनके पपीते धीरे धीरे मसलने लगा.
शोभा मेरे लौड़े को सहलाने में इतनी मदहोश थी कि उसे पता ही नहीं चला कि मेरा हाथ उसके छाती पर आ चुका है.

सक्कू मेरे बगल में खड़ी हमारा खेल देख रही थी.

मैंने उसको धीरे से इशारा किया तो वह अपने पूरे कपड़े खोलते हुए मादरजात नंगी हो गयी.
शोभा के बग़ल में आकर वो भी मेरे लौड़े को सहलाने लगी और अपना नंगा बदन शोभा काकी से रगड़ने लगी.

शोभा का पल्लू नीचे गिराते हुए मैंने उसका सीना आधा-नंगा कर दिया और एक एक करके उसके दोनों आम मसलने लगा.

अब शोभा हल्का हल्का मुस्कुराते मेरे लंड की मालिश करने लगी, कभी सुपारे को अपने उंगलियों से मसलते हुए तो कभी मेरे गोटे सहलाते हुए वो भी चुदाई के खेल में शामिल हो चुकी थी.

उसका डर अब बिल्कुल ख़त्म हो चुका था, वासना से उसकी आंखें लाल हो चुकी थी और और वह ख़ुद अब अपना बदन सक्कू के नंगे बदन पर टकरा रही थी.

बिस्तर पर उठते हुए अब मैं शोभा को अपने तरफ़ करते हुए उसके ब्लाउज़ को खोलने लगा.

मेरा कोई विरोध किये बिना वह बस मेरे लौड़े को मसले जा रही थी.
एक एक बटन खुलते ख़ुलते शोभा काकी की चूचियाँ मेरे सामने नंगी होती चली गयी.

उम्र के हिसाब से थोड़े ढीले होने के बावजूद भरे हुए पपीतों की मादकता में कोई कमी नहीं थी.

शोभा का एक बोबा सहलाते हुए मैंने उस पर हल्के से चूमा और बोला- वाह काकी, कितने सुंदर जोड़ी है तेरे पास, आज तो जमकर पिऊंगा इनका ऱस!

तब शोभा ने ख़ुद अपना ब्लाऊज़ निकाल कर मेरा मुँह अपने सीने पर दबा दिया तो मैंने भूखे भेड़िये की तरह उसकी भरी हुई चूचियों पर टूट पड़ा.
एक चूचा हाथ से गूंथते हुए मैंने उसका दूसरा चूचा अपने मुँह में भर लिया, फूले हुए चूचुक अपने दांतों से काटते हुए मैं शोभा काकी का दूध निचोड़ने लगा.

इधर मैं काकी के दोनों आम चूस चूस कर ढीले कर रहा था कि तभी नंगी सक्कू ने काकी की साड़ी की गाँठ खोल दी.
पेटीकोट का नाड़ा खींचते हुए उसने अब काकी को भी मादरजात नंगी कर दिया.

मेरे हाथ अब शोभा काकी का नंगा बदन सहलाने लगे.
तो सक्कू ने भी काकी का नंगा बदन सहलाना चालू किया.
काकी के हाथ से मेरा लौड़ा छीनकर अब वो ख़ुद मेरे लंड को मुँह में भरने लगी.

शोभा काकी का भरा हुआ बदन कभी मैं प्यार से सहला देता तो कभी उसके बदन की चरबी मुट्ठी में लेकर मसल देता.
अपनी बाहों में कसकर मैंने शोभा काकी के अंदर की रांड को जगा चुका था.

अपना एक हाथ नीचे लेकर जाते हुए मैंने शोभा काकी की जांघों को मसल दिया और अगले ही पल मेरी उंगलियाँ शोभा काकी का भोसड़ा रगड़ने लगी.

मेरी उंगलियों के स्पर्श से काकी का जलता बदन कांपने लगा, मेरी नंगे पीठ पर अपनी उंगलियां दबाते हुए काकी ने भी अपने प्यार का इज़हार किया.
मेरे बालों को सहलाते हुए वह मादकता से बोली- इस्स्श स्स्स्स छोटे मालिक, मेरी इइइ भोसडी ऐसे ही रगड़ो!

शोभा काकी की सिसकारी हमारे लिए चुदाई का आगाज़ थी.

तो मैंने उसको और तड़पाने के लिए मेरी दो उंगलियाँ उसके गीले भोसड़े में घुसा दी और धीरे धीरे अंगूठे का उपयोग करते हुए दाना सहलाने लगा.
शोभा का भोसड़ा अब मेरे दो उंगलियों से चुद रहा था, उसकी दोनों नंगी चूचियाँ मेरे मुँह में पिस रही थी और काकी जोर जोर से आहें भरने लगी थी.

काकी के भोसड़े से निकलता कामरस इतना ज़्यादा बहने लगा था कि मेरे उंगलियों के साथ साथ मेरा हाथ भी गीला होने लगा था.
यह एक संकेत था कि काकी का भोसड़ा मेरे लौड़े का बेसबरी से इंतजार कर रहा है.

पर मैं कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था और वैसे भी अभी तक काकी ने मेरे लौड़े को अपने मुँह की गर्मी से वंचित रखा था.
काकी के मुँह में लंड देने के लिए मैं भी उतावला था.

अब काकी को मैंने उसकी चूचियाँ चूसते हुए बिस्तर पर लिटाया और लौड़ा उनके मुँह की तरफ़ करके उसे घूरने लगा.

काकी ने मेरे मन की बात झट से पहचान ली.
लौड़ा हाथ में लेकर सहलाते हुए उसने अपनी आंखें बंद की और अपना मुँह खोलते हुए सुपारा मुँह में भर लिया.
जीभ से चाट चाट कर मेरे लंड से निकलते से पानी का स्वाद लेते हुए काकी अब मेरे लौड़े को चूसने लगी तो मैंने भी उनके बाल सहलाते हुए उसकी चूचियाँ दबाने लगा.

सक्कू भी शोभा को रंडी बनते देख ख़ुश हो रही थी.
मेरे पास आते हुए उसने मुझे चूमना चालू किया.

पर मैंने उसको शोभा की चूत की तरफ जाने का इशारा किया.

मेरे इशारे पर सक्कू ने अपना मार्ग बदला और वह अब शोभा काकी के गीले भोसड़े की तरफ़ जाने लगी.
शोभा की जांघें सहलाते हुए उसने उसका भोसड़ा उंगली से कुरदेना चालू किया.

सक्कू के स्पर्श से शोभा फिर से थोड़ी काँप उठी पर उसने मेरे लौड़े को चूसना बंद नहीं किया.

मैंने भी शोभा के बाल पकड़ कर धीरे धीरे मेरा लौड़ा उसके मुँह में दबाना चालू किया.

तभी सक्कू को पता नहीं क्या सूझा, उसने शोभा के भोसड़े के ऊपर झुकते हुए उसे चूसना चालू किया.
सक्कू के इस बर्ताव से मैं आश्चर्य में पड़ा पर शोभा काकी ख़ुद अपनी चूत उसके मुँह में देने लगी.

मेरे लौड़े को मुँह से बाहर निकालते हुए शोभा चिल्लाई- आअह ह इस्स सक्कू बाई ईईईई ईईईई साली रंडी, चूस ले मेरा भोसड़ा उफ्फ धीरे कर!

सक्कू ने भी काकी का भोसड़ा जोर जोर से रगड़ते हुए कहा- अब आयी न औकात पर रंडी साली, देख आज कैसे तेरे भोसड़े की माँ चुदने वाली है छिनाल!

मैंने फिर से शोभा के मुँह में लौड़े देते हुए कहा- आआह मेरी रांड काकी, लंड मुँह से मत निकाल मादरचोद! चूस अच्छे से मेरी जान … आज यही लौड़ा तेरा भोसड़ा चोदेगा काकी!

सक्कू के चूसने से शायद शोभा के अंदर की रंडी उछल कर बाहर आ चुकी थी, हवस के मारे उसे पता ही नहीं चल रहा था कि वह क्या बोल रही है.

काकी एक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ कर चूस रही थी तो दूसरे हाथ से सक्कू के बाल मुट्ठी में भर कर उसका मुँह अपनी भोसड़ी पर दबा दी.

मैं और शोभा काकी तो मज़े ले रहे थे पर सक्कू की चूत तो मज़े के लिए तड़प रही थी.
तो मैंने सक्कू को घुमाते हुए उसे शोभा के ऊपर लिटा दिया.

अब हाल यह था कि शोभा की भोसड़ी सक्कू के मुँह में और सक्कू की शोभा के मुँह में थी.
दोनों किसी बाजारू रंडियों की तरह एक दूसरी पर टूट पड़ी.

सक्कू का मुँह शोभा के मुँह पर दबाते हुए मैंने कहा- ले मादरचोद रंडी, चूस अच्छे से काकी का भोसड़ा, आज काकी तुझे मूत पिलाएगी!
शोभा ने भी मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाते हुए कहा- बिल्कुल मालिक, आप भी मुझे अपना मूत पीला देना, बड़ी आग लगी है दोपहर से, आज बड़े दिनों बाद इतना बड़ा लौड़ा देखा है मालिक!

मैंने भी अपना लौड़ा उसके मुँह पर मारते हुए कहा- तो मादरचोद रंडी की पैदाइश, इतना नख़रे क्यों कर रही थी साली, अब देख क्या हालत करता हूँ तेरा!
इतना कहकर मैंने सक्कू के भोसड़े के साथ साथ मेरा लौड़ा भी शोभा रंडी के मुँह में घुसाया और जोर जोर से उसका मुँह चोदने लगा, शोभा के बाल पकड़कर उसका मुँह मेरे लौड़े पर दबाने लगा.

मैं कभी लौड़े से काकी का मुँह चोद रहा था तो कभी उसका मुँह सक्कू के गीले चूत में दबा देता.
काकी भी उतने ही जोश से मेरे लौड़े को चूसती और सक्कू की चूत भी चूस रही थी.

सक्कू ने भी शोभा के भोसड़े को तेल से चमकाते हुए अपनी चार उंगलियाँ एक ही साथ अंदर घुसा दी और जोर जोर से वह शोभा का भोसड़ा अपने उंगलियों से चोदने लगी.

तेल की वजह से शोभा के भोसड़े से पच-पच की आवाजें आने लगी.
शोभा भी सक्कू के इस हमले से उत्तेजित होकर जोर जोर से सिसकने लगी और मेरे लंड पर अपना प्यार बरसाने लगी.

सक्कू शोभा का भोसड़ा चोदते हुए बोली- देखो छोटे मालिक, कैसे इस मादरचोद कुतिया का भोसड़ा पानी छोड़ रहा है. दोपहर को बड़े नख़रे कर रही थी ना ये छिनाल, अब देखो कैसे औकात पर आ गयी रंडी!

सक्कू को ज़वाब दिए बिना शोभा काकी ने एक हाथ से मेरे लौड़े को पकड़ते हुए दूसरे हाथ की उंगलियाँ सक्कू के भोसड़े में घुसा दी और बोली- माँ की चूत तेरे रंडी, तेरा भी भोसड़ा देख कैसे गीला हो रहा है मादरचोद, लगता है तेरे माँ ने पूरे गाँव से चुदवाकर तुझे पैदा किया है कुतिया!

तेल की शीशी लेते हुए मैंने ढेर सारा तेल सक्कू की गांड पर गिराया, गांड का छेद गीला करते हुए तेल अब काकी के उंगलियों से होता हुआ सक्कू के भोसड़ी में घुसने लगा.

काफ़ी देर से शोभा काकी मेरे लौड़े को चूसती जा रही थी, उसके थूक से भीगा मेरा काला लंड अपना असली रूप में आते हुए चुदाई का ऐलान कर रहा था.

सक्कू ने भी शोभा काकी का भोसड़ा उंगलियों से चोद-चोद कर मेरे लौड़े के लिए तैयार कर दिया था.
शोभा काकी की सिसकारियाँ भी बता रहीं थी कि वह मेरे लौड़े से चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी है.

यह इंडियन मेड फक स्टोरी आपको कैसी लगी?
अपने विचार प्रेषित कीजियेगा.
[email protected]

इंडियन मेड फक स्टोरी का अगला भाग: मामा जी की रखैल की चुदाई- 3

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top