सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई-1

(Office Colleauge Bhabhi Ne Dosti Karke Chut Chudai- Part 1)

कमल पाठक 2017-12-13 Comments

बात दो साल पुरानी है, मैं 26 साल का था और नयना 30 की, वो मेरे बराबर वाले फ्लैट में ही अपने पति के साथ रहती थी। हम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।

एक दिन नयना ने ऑफिस में मुझसे पूछा- क्यों राजू… तू मेरे साथ इतना अच्छा और दोस्ताना क्यों रखता है?
गोरी-गोरी चिकनी-चिकनी नयना सुन्दर सेक्सी दिख रही थी।

“क्योंकि आप मेरे साथ इतनी अच्छी और दोस्ताना हैं। क्यों नहीं है क्या?” मैंने मुस्कराते हुए उसकी ब्लाउज में तनी हुई गोरी-गोरी चूची और साड़ी से झाँकती लंबी पतली कमर देखते हुए कहा।
“हां यह तो है, मैं तुझे बहुत पसंद करती हूँ। जब तू नहीं होता, तेरी कमी महसूस होती है, तेरी ये गर्म-गर्म आँखें जब मेरे बदन को छूती है तो बदन में एक गुदगुदी सी, झुरझुरी सी होती है। तेरी यह बदमाशी वाली मुस्कान… बदमाशी वाली बातें… उह्ह्ह… सच में राजू, तूने तो मेरी ज़िन्दगी ही बदल दी है। जब मैं तेरे साथ होती हूँ तो बहुत ख़ुशी महसूस करती हूँ। बस इसीलिए मैं तेरे साथ अच्छी और दोस्ताना हूँ। सच तो यह है राजू कि तू मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।”

“बिल्कुल ऐसे ही मैं भी महसूस करता हूँ भाभी। ऊपर से हम दोनों प्यार की एक सी ही भाषा बोलते हैं। तुझे दिखाने में मजा आता है और मुझे तेरी मस्ती और गोरे चिकने सुन्दर बदन देख कर मजा आता है। तुझे बदमाशी की बातों में मजा आता है जो मुझे भी पसंद है। फिर हम दोनों अपने-अपने तरीके से अपना मजा लेते हैं। इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे हैं और सबसे अच्छे दोस्त हैं!”

मैं उसके गोर गोरे चिकने चपटे पेट और सेक्स गहरी नाभि को देख कर मजा ले रहा था। उसे मालूम था कि मैं उसकी मस्त गदराई जवानी घूर रहा हूँ।
उसका पल्लू और भी खिसक कर अपना माल दिखा रहा था।

“ओह्ह यस… तू ठीक कह रहा है… हम दोनों को अपने-अपने तरीके से मजा लेना पसंद है। पर राजू… ज्यादातर मर्द तो बस जैसे ही दोस्ती हुई कि ठोकना चाहते हैं। क्या तेरा ऐसा करने को मन नहीं करता?”
नयना मस्ती से और बदमाशी वाली मुस्कान से मेरी तरफ रही थी, उसका पल्लू नीचे गिर गया था उसकी साड़ी और भी नीचे खिसक गई थी, अब उसकी तनी हुई चूची, लंबी पतली गोरी चिकनी कमर, चपटा पेट, नाभि और थोड़े से साइड से चूतड़ भी दिख रहे थे.
ओह…कम ओन भाभी, अगर हम दोनों ही इस में खुश हैं तो हम उसमें क्यों पड़ें! हां, मैं तेरे साथ और भी मजा करना और देना चाहता हूँ अगर तुझे पसंद हो तो?” मैंने मुस्कराते हुए उसकी पटाने वाली मस्ती देख कर कहा- वैसे जिस तरह तू अब मुझे घूर रही है और अपना माल दिखा रही है, मैं तुझे छूना, चूमना चाहता हूँ…

मैंने यह जानते हुए कि हमारे बॉस अभी बाहर है और नयना बदमाशी के मूड में है, मुझे भी मस्ती चढ़ रही है, अपनी कुर्सी नयना की कुर्सी के नज़दीक खिसका ली।
“हाय राम सच्ची… तो फिर कर ले राजू!” उसने अपनी मस्त जवानी से खेल के लिए बोल ही डाला- मैं भी तुझे चूम कर, छू कर प्यार करना चाहती हूँ।

वो भी मेरे और नज़दीक आ गई और मेरा हाथ पकड़ कर ब्लाउज के ऊपर अपनी चूची पर रख दिया और होंठों पर चूम लिया और अपना हाथ मेरी जांघों पर से जीन्स के उभार पर दबाने लगी.
“वाह वाह भाभी, आज कुछ ज्यादा ही मस्ती में है।” मैंने फुसफुसा कर कहा और अपना हाथ भाभी के ब्लाउज में अंदर डाल मखमली चूची को दबाने लगा।

“उई… उई… सी… उह्ह्ह… यस राजू… यस दबा दे! सच में आज कुछ ज्यादा ही मस्ती चढ़ रही है… ओह… हूँ… उह… तेरा माल भी तो खड़ा हो रहा है.” उसने हंस कर मुझे फिर से चूम लिया और उभार पर दबाव बनाये रखा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था- क्या मतलब भाभी तेरा माल भी… इसका मतलब तू भी गर्म हो रही है?
मैंने हंस कर नीचे से उसकी साड़ी में हाथ डाल दिया और उसकी चिकनी-चिकनी जांघों को सहलाते हुए ऊपर खिसकाने लगा।

नयना ने मुस्करा कर अपनी जांघों को भींच लिया- ओह्ह… ओह्ह… वहां नहीं छूना…
“अभी बहुत जोर से खड़ा हो रहा है मेरा माल… जब ऐसे खड़ा होता है तो सड़का मारने में तभी तो मजा आता है!”
“तू भी तो जोर से खूब मजा ले ले कर सड़का मारता होगा ना?” नयना पूरी मस्ती की खुमारी में थी।
“ओह… यस… ओह यस… मैं खूब मजा लेता हूँ… और तेरी यह मस्त गदराई गोरी-गोरी चिकनी-चिकनी जवानी देख कर तो और भी जोर से खड़ा हो जाता है और सड़का मारने में बहुत मजा आता है।”

हम दोनों हंस कर एक दूसरे को चूम रहे थे।
तभी फोन बजा, नयना ने उठ कर टेबल पर झुकते हुए फोन उठा लिया।
बॉस का फोन था। उसके पीछे खड़ा उसे अपनी बांहों में लेकर उसकी नंगी कमर पेट चूची सहलाते हुए अपना पैंट का उभार उसके चूतड़ों पर दबा रहा था।

नयना अपने चूतड़ हिला कर मजा ले रही थी और उसने मुझे मेरी जांघ से पकड़ रखा था। उसकी मस्ती देख कर मैंने अपना एक हाथ उसके ब्लाउज में घुसा कर हल्के से उसकी चूची से खेलने लगा और दूसरा हाथ ऊपर से उसकी साड़ी में घुसा कर पैंटी में उसकी झांटों वाली चूत का दाना रगड़ दिया। नयना ने अपनी जांघों को खोल दिया।
मैंने उसकी चूत को रगड़ते हुए उसके कान पर चूम कर फुसफुसा कर कहा- वाह भाभी, तेरी माटो खड़ा ही नहीं, बहुत मस्त गीली भी हो रही है।

“तेरा ठोकू भी तो खूब गर्म और कड़क हो रहा है। मुझे अपने चूतड़ पर उसकी गर्मी महसूस हो रही है। पर जरा रुक ना… यह मस्ती यहाँ पर ठीक नहीं है… चल घर चलते हैं। बॉस ने अभी फोन पर कहा है कि हम ऑफिस बंद करके घर जा सकते हैं।” नयना ने मुस्कराते हुए मुझे चूम लिया.

“ओह येस… सच में तुझे ऐसे दाबने में, प्यार करने में बहुत मजा आ रहा है। और बाहर बारिश भी हो रही है।” मैंने दो उंगली उसकी चूत में घुसा दी।
“हाय राम… सी… हां… राजा… हां मजा तो मुझे भी आ रहा है… पर आराम से प्यार से मसल कर दबा… घर में और भी ज्यादा मजा आएगा। बारिश होने दे राजा, दोनों भीग कर बारिश का भी मजा ले लेंगे। चल घर चलते हैं…” नयना अलग हो गई।

नयना और मैंने हंसी मजाक करते हुए जल्दी से ऑफिस बंद किया और घर के लिए निकल पड़े।

हल्की-हल्की बारिश हो रही थी, नयना मेरी मोटर साइकिल पर पीछे बैठी शरारत से अपनी चूची मेरी कमर पर दबा रही थी जीन्स उधर से में बने उभार से खेल रही थी।

जब हम घर पहुँचे तो पूरी तरह भीग चुके थे, मैंने जल्दी से अपनी मोटर साइकिल पार्क की और हम दोनों लिफ्ट में थे। मैंने नयना को पीछे से अपनी बांहों में भीच लिया और उसकी चूचियां सहलाने लगा।
“वाह भाभी, आज तो बारिश में भीग कर गीला गीला होकर बहुत अच्छा लग रहा है। अब तो तू और भी रसीली लग रही है।” मैं उसको गर्दन पर चूम रहा था.
“उफ़… राजू आज तो तूने जादू कर डाला है।”

हम दोनों सातवीं मंज़िल पर लिफ्ट से बाहर आ गए। नयना बहुत खुश नाज़ आ रही थी। उसने अपने पर्स से चाबी निकाल कर अपना फ्लैट का दरवाज़ा खोला और हम दोनों उसके बैडरूम में आ गए।

नयना ने झट से अपनी बदन से चिपकी गीली साड़ी निकाल दी। मेरी गर्म आँखें उसकी मस्त गदराई गोरी चिकनी जवानी का जलवा देख रही थी।
“हाय राम राजू, ऐसे मत देख साले बदमाश… अपने गीले कपड़े उतार ले, मैं अभी तौलिया लेकर आती हूँ। जरा अपने को सुखा लूं!”
वो मेरी बदमाश निगाहों को देखती हुई बाथरूम में चली गई। उसके हिलते चूतड़ देख कर मैं मुस्करा रहा था और अपने गीले कपड़े निकाल रहा था।

जब नयना बाथरूम से आई तो उसने बाथरोब पहन रखी थी और उसके हाथ में तौलिया था। मैं बिस्तर के किनारे बैठा था और कसी ब्रीफ में मेरा बड़ा तंबू बना था.
ओह गॉड राजू… अभी तक गीला बैठा है?”
वो मेरे सामने खड़ी होकर मेरा सर सुखाने लगी और मेरे तम्बू को देख रही थी।

मैंने उसकी बाथरॉब की बेल्ट खोल दी, वो अंदर नंगी थी.
“वाह भाभी… वाह… तू तो बहुत सुन्दर है…” मैं उसकी नंगी केले के तने जैसी चिकनी जांघों, कमर, पेट पर चूम रहा था. मेरा एक हाथ उसके मुलायम चूतड़ों पर था और उसको कस के पकड़ रखा था और दूसरा हाथ उसकी नर्म नर्म चूचियों को दबा रहा था… होंठ धीरे-धीरे उसकी काली काली झांटों वाली गोरी-गोरी बड़ी सी खुली चूत को चाटने लगे और दाने को चूसने लगे. मैंने अपनी जीभ को चूत में घुसा दिया.
“हाई मर गई…” नयना ने अपने चूतड़ों को झटका दिया- उफ़ यह क्या कर रहा है जालिम… अपनी चूत तो बस झड़ने वाली हो रही है… पर अपना ठोकू तो दिखा राजा?
नयना मेरे मज़बूत बदन को सहला रही थी।

मैंने अपनी ब्रीफ नीचे खिसका दी… मेरा बड़ा सा गोरा-गोरा सात इंच का लन्ड उछल कर बाहर आ गया।

“उह… वाह… राजा… तेरा ठोकू तो बहुत सुन्दर मोटा तगड़ा चूत फाड़ू है।” उसने नीचे झुक कर पकड़ लिया और ग़ौर से बड़ा मोठे फूले टोपे को देख रही थी।
वाओ… क्या मस्त लौड़ा है… अब मैं अपने आप को नहीं रोक सकती राजा… अब तो अपनी इस चुदासी चूत में ठुकवाना ही पड़ेगा।”

नयना ने मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर लिटा दिया और वो एक हाथ से लन्ड को पकड़े हुए मेरी जांघों के ऊपर आकर कड़क लौड़े को अपनी गीली चूत पर रगड़ कर गीला करने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के होंठों को खोल कर टोपे को अंदर घुसा लिया और दोनों हाथों को मेरी छाती पर टिका कर उस पर बैठ गई।

मैं मुस्कराते हुए उसकी चुदास और उत्तेज़ना भरे सेक्सी चहेरे को देख रहा था।

“हाय मर गई… फट गई चूत… उफ़… सीई… ई… उफ़ राजू… क्या मस्त ठोकू है… पूरा अंदर घुस कर मजा दे रहा है.” वो आगे झुक कर अपनी गोल-गोल रुई सी मुलायम चूची मेरी छाती पर रगड़ते हुए अपने चूतड़ उठा-उठा कर आँखें बंद किए हिल रही थी।
उसकी हालत और उत्तेज़ना देख कर मैंने उसके चूतड़ पकड़ कर थोड़ा ऊपर उठा दो चार नीचे से जोरदार धक्के लगा दिए और कड़क लौड़े से उसकी चुदासी रसीली चूत की जड़ में चोट मार दी।

नयना मस्त चुदास और मस्त चुदाई से तड़फ उठी- हाई… मार डाला… उफ़… ठोक दिया पूरा अंदर तक… निकाल डाली चूत की जान… उफ़… साली चूत तो उबाल रही है… अह्ह्ह… ई… ई… हाई राम ए तो ये तो साली गई… गई राजा… झड़ गई…
वो मस्ती में चिल्लाते हुए चूत को भींच कर झड़ते हुए मेरे ऊपर गिर गई, उसकी चूचियां मेरे सीने में गड़ गई, मेरे हाथ उसके चूतड़ों को सहला रहे थे और कड़क लौड़ा मस्त चूत पूरा अंदर तक घुसा था.

थोड़ी देर के बाद मैंने नयना को नीचे उतार बिस्तर के किनारे उसके घुटनों पर कुतिया बना कर खुद जमीं पर उसके पीछे खड़ा अपना मस्त गीला लन्ड उसकी झड़ी हुई चूत को छुआ दिया. उसकी जांघों को दूर तक खोल और दोनों हाथ से उसके रेशमी चूतड़ पकड़ टोपे को अंदर धकेल दिया- असली मजा तो अब आएगा भाभी!

“हां मेरे चोदू राजा… हां… घुसा दे घुसा दे अपना मूसल जैसा मस्त लन्ड… उफ़ क्या घोड़े का लौड़ा है… ठोक डाल… और चोद… चोद-चोद कर बना दे इस चुदासी चूत का भोसड़ा।”
उसने अपनी चूत को पीछे धकेला, मैंने आगे धक्का मारा, गीला लौड़ा दन से रस से भरी चूत में अंदर तक घुस गया और चोट मार दी।
नयना अकड़ गई- हाई… हाई… मर गई राजा… उफ़ बहुत जबरदस्त मोटा तगड़ा लौड़ा है… हां… अब चोद मेरे राजा… ठोक दे अपना लौड़ा!

मैं मस्त चुदासी चूत में पूरी रफ़्तार से धक्के लगा रहा था… नयना भी अपने चूतड़ों को पीछे धकेल कर मेरा साथ दे रही थी, उसकी चूत चप-चप कर रही थी… मेरी जांघों के उसके चूतड़ों पर टकराने से चूतड़ डांस कर रहे थे और धप-धप कर रहे थे… बिस्तर चर-चर कर रहा था।
और ऐसी मस्त म्यूजिकल चुदाई दस मिनट तक चलती रही.

मैं एक हाथ से उसकी चूची मसल रहा था और दूसरे से उसकी चूत का दाना रगड़ रहा था.
“ओह गॉड… यस भाभी…यस… बहुत मजा आ रहा है… बस अपना लौड़ा भी झड़ने वाला है। उफ़… क्या मस्त चुदासी चूत है तेरी… गीली-गीली चप-चप।”
“हां मेरे राजा… हां… निकाल दे… चोद दे …मार दे अपनी पिचकारी मेरी चूत में… उफ़ मेरी चूत भी फिर से झड़ने वाली है… हां… हां गई… मेरे राजा… गई!”
और जैसे ही उसकी चूत ने दोबारा पानी छोड़ा, मैंने भी उसकी चूची भींच कर पूरा अंदर घुसा कर पिचकारी मार दी।

नयना झड़ते ही बिस्तर पर मुंह के बल गिर गई और मैं उसके ऊपर… हम दोनों की सांसें तेज़ चल रही थी पर दोनों बहुत खुश थे।
थोड़ी देर के बाद मैं उसके ऊपर से फिसल कर बराबर में पीठ के बल लेट गया। नयना भी मेरी तरफ करवट करके एक टांग मेरे ऊपर रख अपनी चूची मेरे सीने में दबा रही थी। मैं भी उसकी कमर और चूतड़ों को सहला रहा था।

कहानी जारी रहेगी.
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कहानी का अगला भाग : सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई-2

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