सहकर्मी महिला की होटल में चुदाई- 3

(Full Sex Ka Maja Hotel Me)

विकी विजय 2023-10-06 Comments

फुल सेक्स का मजा मैंने अपनी कुलीग के साथ लिया होटल के कमरे में! मेरे लंड से चुद कर वह बच्चा पैदा करना चाहती थी क्योंकि उसका पति उसे गर्भ धारण नहीं करवा पा रहा था.

फ्रेंड्स, मैं विजय आपको अपने ऑफिस में साथ काम करने वाली सोनल की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
सहकर्मी महिला की चूत चाट कर मजा दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने होटल के कमरे में सोनल के ब्लाउज को उतार दिया था और वह मेरे सामने एक लाल रंग की ब्रा में अपने दूध हिला कर मुझे गर्म कर रही थी और मुझसे कपड़े उतारने के लिए कह रही थी.

अब आगे फुल सेक्स का मजा:

उसके आदेश पर मैंने झट से अपने कपड़े खोलने शुरू कर दिए और अपनी शर्ट और बनियान को उतार दिया.

कपड़े उतरे और चुंबन शुरू हो गया.
हम दोनों को फ़ोरप्ले करते हुए काफी समय हो चुका था.
पर मैं किसी जल्दबाजी में नहीं था; आज मैं उसे चुदाई का पूरा मजा देना चाहता था.

साथियो, ये तो आप भी जानते हैं कि औरत बिस्तर पर सिर्फ चुदाई ही नहीं बल्कि पूरा प्यार चाहती है.
चाहे वह आपकी जीएफ हो या पत्नी या फिर रंडी.

मैंने उसे बांहों में लेकर लिपकिस किया.
कभी वह मेरे नीचे के होंठों को चूसती तो कभी मैं उसके ऊपर के होंठों को चूसता.

मेरा हाथ उसके मम्मों पर चल रहा था.

कुछ पल बाद मैंने उसके हाथ को अपने लंड पर रखा लिया.
वह भी बड़े ही प्यार से मेरे लंड को दबा रही थी.

हमारा किस भी चालू था.

मैंने उसकी गर्दन से होते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया.
जैसे ही ब्रा उसके शरीर से अलग हुई, उसके दोनों दूध ऐसे उछल कर लहराने लगे और मुझे ललचाने लगे कि मुझसे रहा ही न गया.

मैंने बिना देर किए उसके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा लिया और बहुत प्यार से धीरे धीरे चूसने लगा.
साथ ही मैं दूसरे हाथ से उसके दूध दबाने लगा.

उसे भी बहुत आनन्द मिल रहा था.
इसके पहले उसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था.

कभी भी आप चुदाई में औरत के चूचों से खेलें, तो उसके दूध को प्यार से चूसें … किसी हब्शी की तरह बनकर नहीं.
क्योंकि यदि औरतों को अपने दूध जोर से चुसवाने में दर्द होता है जिससे उनका मन सेक्स से हट जाता है.

फिर उन्हें लगने लगता है कि उसका साथी मर्द कितनी जल्दी चोद कर उसे छोड़ दे.
यह बात औरतें ज्यादा अच्छे से बता पाएंगी कि मैं कितना सही कह रहा हूँ.

फिर मैंने सोनल के दूसरे निप्पल को चूसना शुरू किया.
सोनल ने मेरे सर पर हाथ रखा और दूध पिलाते हुए मेरे सर को अपने दूध पर दबाने लगी.

वह कामुक आवाज में बड़बड़ाने लगी- आह चूसो और चूसो … आह मेरी जान … आपने ऐसी कला कहां से सीखी. आपने तो बिना लंड घुसाए ही मुझे चरम के करीब ला दिया … आह पूरा निचोड़ लो. प्लीज और जोर से.

मैं उसके दूध को चूसता रहा, उसने मेरे लंड को दबाना चालू रखा.

अब उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैंट और चड्डी दोनों ही एक झटके में उतार दी.
मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा हो गया था.

मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया और पेटीकोट को नीचे गिरा दिया.

जैसे ही मैंने उसे उस लाल पैंटी में देखा, तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि कोई लड़की इस उम्र में इतनी भी खूबसूरत हो सकती है.

उसकी लंबी लंबी जांघें, जो अन्दर से एकदम गोरी थीं. उस पर वह पैंटी का लाल रंग बहुत खिल रहा था.

ऐसा लगा कि बस मैं उसे देखता ही रहूँ.

उसके बूब्स किसी 22 साल की लड़की के जैसे कड़े से दिख रहे थे मानो ललचा रहे हों कि आओ, ये छेद तुम्हारे लिए ही बना है. मुझसे खेलो, मुझे पी लो.

दोस्तो, औरत के शरीर में जब तक एक भी कपड़ा रहता है. उसकी खूबसूरती देखते बनती है. वर्ना नंगी तो सब एक जैसी ही दिखती हैं.

सोनल घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लंड को सहला कर प्यार करने लगी.

वह मेरे सख्त हो चुके लौड़े को अपने चेहरे पर रगड़ने लगी, मेरे आंडों को दबा दबा कर चूसने लगी.

उसकी इस हरकत से मेरे लंड ने लार बहाना शुरू कर दी.

सोनल ने मेरी आंखों में वासना से देखा और मुस्कुराती हुई बोली- देखिए, कैसे लार टपकाने लगा ये!

इतना बोल कर उसने मेरे लंड को मुँह में अन्दर तक ले लिया.
जब लंड उसके मुँह में घुस रहा था तो उसकी आंखें मेरी आंखों से मिल रही थीं.
हम दोनों आंखों से बात कर रहे थे.

मेरे लिए यह एक नया अनुभव था.
एक दूसरे को देखते हुए लौड़े को चूसना और चुसवाना सच में अन्दर तक मजा दे रहा था.

वह बड़े ही आराम से मेरे पूरे लंड को अन्दर करती और फिर बाहर निकालती, सुपारे को अपने होंठों से दबाती और उसे रगड़ती.

उसकी लंड चुसाई को देख कर ऐसा लग रहा था कि उसने बहुत बार लंड चूसा है.
मगर मुझे इससे क्या … मुझे तो मजा आ रहा था.

जैसे जैसे वह लौड़ा चूसती, मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.
मुझे लगा कि मैं स्खलित न हो जाऊं.

इसलिए मैंने उसे खड़ा कर दिया और धक्का देकर बेड पर पटक दिया.
फिर एक ही झटके में उसकी पैंटी निकाल दी.

जैसे ही मेरी नजर उसकी चूत पर पड़ी, तो चूत पूरी चिकनी थी और काफी गीली हो गई थी.
चिकनी चूत पर चूत का पानी मानो ओस की बूंदें सी चमक रही थीं.

मेरे मुँह में लालच से पानी भर गया और मैंने अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया.
पहले तो मैंने अपनी जीभ से चूत के ऊपर लगे पानी को चाट कर साफ किया, हल्के हल्के चूत की दोनों पंखुड़ियों को जीभ लगा कर चारों तरफ से घुमाते हुए चाटने लगा.

इससे सोनल तड़प सी गई.
इस अहसास को वे औरतें महसूस कर सकती हैं, जिन्हें चूत चटवाने में मजा आता है.

फिर मैं अपनी जीभ को उसकी चूत के ऊपरी भाग पर लगा कर चाटने लगा.
सोनल पानी पानी हो रही थी.

मैं समझ गया कि ये मेरे मुँह के वार को ज्यादा देर नहीं झेल पाएगी.
मैंने तुरंत 69 की पोजीशन को ले लिया.
सोनल भी समझ गई और तुरंत उसने लंड को मुँह में भर लिया.

अब हमारा चुसाई का खेल शुरू हुआ.

जैसे जैसे मैं चूत में गहराई तक जीभ डालता, सोनल उतने ही जोश से मेरे पूरे लंड को अन्दर ले लेती और अपनी गांड उचका कर मानो कहने लगती कि और अन्दर तक जीभ को डालो.

दोस्तो 69 में इतना मजा मुझे आज तक अपनी पत्नी के साथ भी नहीं आया.

काफी देर चुसाई के बाद एक समय ऐसा आया कि हम दोनों एक साथ झड़ रहे थे.

जब सोनल झड़ रही थी तो उसने अपनी गांड को पूरा ऊपर उठा कर मेरे मुँह में चूत को चिपका दिया.
वहीं दूसरी ओर उसने मेरी गांड को अपने हाथों से अपने मुँह में दबा दिया.
इससे मेरा लंड उसके गले गले तक फंस गया.

यकीन मानिए वीर्य की हर एक बूंद पिचकारी के झटकों के साथ उसके गले से सीधा पेट तक उतरती जा रही थी.
मैंने भी उसके पानी को पूरा पी लिया.

जब हम शांत हुए तो मैंने उसे लिपकिस किया.

उस वक्त स्थिति यह थी कि उसकी चूत का कुछ पानी मेरे चेहरे पर लगा था और मेरा कुछ पानी उसके होंठों पर.
हुआ ये कि हम दोनों अपना अपना रस खुद ही चाट रहे थे और होंठों को मिला कर पी रहे थे.

जब हम अलग हुए तो सोनल ने कहा- इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया. यदि मुझे पता होता तो अपने 10 साल यूं बर्बाद न करती. कब से मेरी चूत प्यासी पड़ी थी.
मैंने कहा- अब प्यासी नहीं रहेगी. जब मन करे, मेरे लंड का पानी ले लेना.

हम एक दूसरे को चूमने लगे.
गोली का असर हम पर होने लगा था.
मेरे लंड में कुछ कुछ तनाव आने लगा था.

मैंने सोनल के मुँह पर बैठ कर अपना पूरा लंड पुनः मुँह में डाल दिया.
उसके चूसने से लंड फिर से लोहे जैसा कड़ा हो गया.

इस बार मैंने उसे सीधा नहीं चोदा.
क्योंकि मुझे पता था कि वो चुदी हुई माल है, मेरे लंड को आसानी से झेल जाएगी. मुझे उसे अपने लंड का अहसास कराना था.

मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपने लौड़े को उसकी चूत के छेद पर रगड़ने लगा.

उसकी गांड देख कर मुझे रहा नहीं गया और मैंने पीछे से जीभ लगा दी और उसकी गांड से चूत तक कुत्ते की तरह चाटने लगा.

सोनल कामुक सिसकारियों से कराह उठी और बोलने लगी- आह … क्या क्या नया अनुभव कराओगे जान!
मैं उसकी गांड चाटता रहा.

फिर मैंने अपने लंड के सुपारे को चूत के अन्दर डालना शुरू किया.
मुझे पता था कि इस पोजीशन में उसे लंड का दर्द होगा ही.

हुआ भी यही.

‘आह बहुत मोटा लंड है आपका … आह आराम से डालिए … अअह्ह्ह उम्मम्म थोड़ा धीरे!’

‘जानेमन, सुहागरात का दर्द याद न रहा तो क्या याद रहा. आज दिन में ही हमारी सुहागरात मन रही है. इसे सहकर मजा लो.’

मैं धीरे धीरे लंड अन्दर डालने लगा.
जैसे जैसे मैं लंड अन्दर डालता गया, सोनल अपनी कमर आगे करती जाती.

मैंने उसकी कमर को पकड़ा और एक बार में ही पूरा 6 इंच का लंड चूत में डाल दिया.

सोनल इतनी जोर से चिल्लाई कि उसकी आवाज पूरे कमरे में गूंज गई और मुझे लगने लगा था कि होटल के लोगों ने भी सुन लिया होगा.

मैं अपने लंड को पूरा घुसेड़ कर रुक गया.
अब उसे हल्की सी राहत मिली.

मेरा लंड मुझे महसूस हो रहा था कि उसके बच्चेदानी से जा टकराया था.

‘आह जान कुछ देर ऐसे ही रहिए, प्लीज … बहुत दर्द हो रहा है. आपका लंड बहुत बड़ा है.’

मैं उसे सहलाते हुए उसके दूध दबाने लगा और उसकी पीठ पर हल्के हल्के से सहलाने लगा.
इससे उसे कुछ आराम सा मिला.

फिर जब उसने अपनी गांड को हिलाया तो मैं धीरे धीरे उसे चोदने लगा.

अब उसे भी आराम मिल रहा था.
वह बार बार बोल रही थी- आह … मजा आ रहा है जान … और करो आह आई लव यू … आपके लिए तो मैं अपने पति को भी छोड़ दूँ. चोदिए और जोर से चोदिये.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लंड पूरा निकाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
मेरे हर धक्के में उसकी कराह निकल जाती- आह मर गई … उईईई आह उह्ह्ह्ह … चोदो वाह मेरे राजा … फाड़ दो मेरी चुत को!

मैंने इस बात का भी अनुभव किया है कि जब औरत को चुदाई में मजा आता है तो वह बहुत खुल कर बातें करने लगती है; अपनी भावनाओं को खुल कर व्यक्त करती है.

उसे घोड़ी स्टाईल में चोदते हुए मुझे करीब दस मिनट हो गए थे.

अब मैंने उसे अपने ऊपर कर लिया और उससे कहा- अब तुम मुझे चोदो. मेरे ऊपर आकर मजा लो.

उसने अपने पैर फैलाए और अपनी चूत खोल कर मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसकी चूत टपक रही थी, उसका पानी मेरी जांघों में टपक रहा था.

उसने अपने हाथों से लंड को पकड़ा और चूत में सैट किया ही था और वह मेरी आंखों में देखने लगी थी.

उसी पल मैंने करारे झटके के साथ पूरा लंड फिर से उसकी चूत में घुसा दिया.
उसकी फिर से चीख निकल गई मगर इस बार कम थी.

उसके चेहरे से पता चल रहा था कि उसे दर्द कितना हुआ है.
मैंने उसे किस किया और अपनी कमर चलाने लगा.

उसे कुछ राहत मिली.
अब मैंने उससे गांड चलाने को कहा.
वह मुझे चोदने लगी.
उसे बहुत मजा आ रहा था.

चुदती हुई वह अपने होंठों को काट रही थी और मेरे हाथों से अपने दूध दबवा रही थी.

यह दवा का असर था कि पिछले 30 मिनट की लगातार चुदाई में हम दोनों झड़े नहीं थे मगर उसकी चूत इतना पानी छोड़ रही थी कि कमरे में पच पच की आवाज गूंजने लगी थी.

उसके चेहरे पर एक सुकून दिख रहा था.
उसने कहा- मैं थक गई हूँ प्लीज तुम ऊपर आओ.

मैंने पोजीशन बदली और उसके ऊपर आ गया.
एक बार फिर से मैंने एक झटके में अपना लंड पूरा डाल दिया.

इस बार उसे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई.
शायद वह तैयार थी.

मैं स्पीड बढ़ा कर उसे चोदने लगा.
उसके मुँह से बस एक ही आवाज आ रही थी- अअह्ह … उह्ह्ह चोदो चोदो … बस चोदते रहिए … फाड़ दो मेरी बुर. शांत कर दो मुझे … रंडी बना लो मुझे अपनी … बस अपने लंड से जुदा मत करना लव यू जान!
मैं भी पूरी ताकत से उसे चोद रहा था, मेरे धक्के उसकी बच्चेदानी तक जा रहे थे.

अब मुझे लगने लगा था कि मैं आने वाला हूँ.
मैंने उससे कहा.
तो उसने भी फुल सेक्स का मजा लेते हुए कहा- आह हां … और जोर से चोदो, मैं भी आने वाली हूँ. आपकी एक एक बूंद को मैं अपने बच्चेदानी में लेना चाहती हूँ.

उसका इतना बोलना हुआ कि मेरे लंड ने पिचकारी मारनी शुरू कर दी.

मैंने पूरी ताकत से अपना लंड और अन्दर कर दिया ताकि वह ज्यादा से ज्यादा अन्दर जा सके.

मेरे लंड ने अपना लावा उगलना शुरू किया और मुझे एक नया अनुभव हुआ कि उसकी चूत भी गर्म गर्म लावा उगल रही है.
और मेरे लंड की सिकाई हो रही थी.

उसने मुझे जोर से पकड़ा हुआ था.
हमें अहसास हो रहा था कि जैसे एक तूफान आकर थम सा गया हो.

हम दोनों एक दूसरे के अगल बगल पसीने से लथपथ लेट गए.

मैंने घड़ी देखी तो पता चला कि पिछले सवा घंटे से हमारी चुदाई चल रही थी.

तब मैंने कुछ देर आराम करना सही समझा क्योंकि रात को मुझे उसकी गांड मारनी थी.

हम दोनों चिपक कर नंगे ही सो गए.

आगे की घटना फिर कभी लिखूँगा.

इस फुल सेक्स का मजा कहानी पर आप मुझे अपने विचार जरूर बताएं.
[email protected]

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