लड़के से मर्द कैसे बना मैं- 1

(Devar Bhabhi Love Kahani)

रमण रेवती 2023-01-15 Comments

देवर भाभी लव कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी भाभी ने मेरी, मेरे लंड की मालिश करके बांका जवान बनाया. वे जवान होने तक मुझे नंगा करके मालिश करती रही।

दोस्तो, मेरा नाम रेवती रमन है लेकिन सभी लोग प्यार से मुझे रम्मू बुलाते हैं।
मैं दादरी (उ.प्र.) का 21 वर्षीय नौजवान हूँ।

अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है इसलिए सबसे पहले मैंने आप सभी को अपना परिचय देना आवश्यक समझा।

मैं अब अपनी देवर भाभी लव कहानी पर आता हूँ।

दोस्तो, मेरा घर गाँव से कुछ दूर हटकर एकांत में है।
मेरे घर में मेरे भैया और भाभी हैं।

भैया की जॉब उनकी शादी के पहले से ही विदेश में है और वो साल में एक ही बार घर आते हैं।
बताते हैं कि जब मैं छोटा था तभी एक कार एक्सीडेंट में पिताजी की मृत्यु हो गई थी लेकिन पिताजी मेरे भैया की शादी पहले ही कर गए थे।

भैया भाभी को एक बेटी हुई थी जो किसी भयंकर बीमारी से कई साल पहले मर गई थी।
तब के बाद उन दोनों ने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया।

जब मैं छोटा था तो माँ मेरी कभी देसी घी से, तो कभी सरसों के तेल से मेरी मालिश करती थीं क्योंकि मैं उस समय बहुत कमजोर था।

तो एक दिन भाभी ने माँ से कहा- माता जी लल्ला की मालिश मैं कर देती हूँ, आप आराम कर लो।
माँ ने भाभी से कहा कि बहू लल्ला की मालिश थोड़ी आराम से करना।

और फिर भाभी रोज़ाना मेरी मालिश करने लगी।

कुछ महीने बाद मेरी माँ भी चल बसी।
माँ के गुजरने के बाद भाभी के कंधों पर घर, खेत, गाय-भैंस सभी की जिम्मेदारी आ गई।

बड़े काश्तकार होने के कारण भाभी ने गाय, भैंस और खेती के लिए नौकर लगा दिए और अपना सारा ध्यान मेरी परवरिश पर लगा दिया।

समय गुजरता गया।

माँ के गुजरने के बाद भी भाभी ने मेरी मालिश करना जारी रखा ताकि मैं जवान होकर किसी से कमज़ोर न रहूँ।

मैं बड़ा हो रहा था लेकिन भाभी ने मेरे शरीर की मालिश करना नहीं छोड़ा।
वो मुझे पूरा नंगा करके लिटा कर मालिश करती थीं और वो शरीर के साथ साथ मेरी नुनिया पर काफी देर तक तेल से मालिश करती थीं और अपने साथ ही नहलाया करती थीं।

फिर मैं उनको भाभी माँ बोलने लगा।

मगर उन्होंने मेरी शरीर और लुल्ली की मालिश करना नहीं छोड़ा।

जब मैं और बड़ा हुआ तो भी देवर भाभी लव ऐसे ही चलता रहा, भाभी मुझे बिल्कुल नंगा करके मेरे शरीर और नुनिया की तेल मालिश करती जिससे मेरी लुल्ली में तनाव आना शुरू हो गया.
लेकिन अब मुझे भाभी के सामने बिल्कुल नंगा होने में शर्म आती थी।

भाभी हमेशा ये कहकर डाँट देती थी कि जब मैं ढाई साल का था तब से वो मेरे शरीर और तेरी नुनिया की मालिश कर रही हैं, बस फर्क ये है कि उस समय ये लुल्ली छोटी सी थी और अब बड़ी हो गई है।

फिर वो कहतीं- तो क्या हुआ? मैं तेरी माँ हूँ इसलिए मुझसे क्यों शर्माता है। जल्दी से अपनी निक्कर उतार और मेरा समय नष्ट न कर!
फिर वो मेरा निक्कर उतार कर मुझे लिटा कर मेरे शरीर और मेरी लुल्ली की घंटों के हिसाब से मालिश करतीं।

ऐसे ही दिन गुजरते रहे करीब दो-तीन साल बाद जब मैं 19 साल का जवान लड़का हो गया तो भी भाभी ने मेरे शरीर और नुनिया की मालिश करना नही छोड़ा।

तभी कुछ दिन बाद मुझे एनीमिया की शिकायत हो गई तो हर महीने 3 से 4 यूनिट खून चढ़ने लगा।

इधर लिंग को लम्बा मोटा करने वाली दवा और सिरप सुबह शाम देने लगीं।
लेकिन मैं पागल यही समझता रहा कि यह कैप्सूल और सिरप एनीमिया को दूर करने के लिए हैं।

खैर, धीरे धीरे मेरी नुनिया 8 इंच का लंड बन गई और जैसी नुनिया की लंबाई थी उसी हिसाब से उसकी मोटाई भी बढ़ गई।
लेकिन भाभी ने अभी भी तेल मालिश करना नहीं छोड़ा।

कुछ दिन बाद हमारे बेसमेंट में एक करीब 22 साल की लड़की, जिसका नाम रजनी था, मेरठ से सिलाई सेंटर खोलने के लिए किराये पर रहने के लिए आ गई।

एक दिन सर्दियों में धूप सेंकने के लिए वो हमारे आँगन में आई तब भाभी मुझे बिल्कुल नंगा करके मेरी तेल मालिश कर रही थीं और उनका हाथ मेरे लंड पर ही था।
लेकिन भाभी को पता नहीं कि था वो अचानक से आ जाएगी क्योंकि उन्होंने उसे देखा नहीं था।

वो एकदम से बोल पड़ी- अरे, इतना बड़ा होकर भी अपनी भाभी के सामने ऐसे नंगा पड़ा है! तुझे जरा भी शर्म नहीं आती? कितना बड़ा और मोटा है ये!

तभी भाभी ने जवाब दिया- मैं इसकी माँ हूँ और बचपन से लेकर आज तक इसकी मालिश करती आ रही हूँ।
फिर भाभी ने रजनी को मेरी पूरी कहानी सुना डाली तो रजनी को मुझ पर तरस आने लगा।

लेकिन वो मेरे लंड को घूर घूरकर देखती रही।

तभी भाभी ने मालिश करना बंद कर दिया।

इधर मैंने अपने कपड़े पहनना चाहा लेकिन रजनी ने मेरे हाथ से निक्कर छीन लिया और मुझे परेशान करने लगी और अपने पीछे नंगा ही दौड़ाने लगी।
थोड़ी देर के बाद उसने मेरी निक्कर लौटा दी।

उस दिन के बाद जब भी सुबह के टाइम भाभी मालिश शुरू करतीं, तभी रजनी भी आ जाती आ जाती और मेरे लंड की मालिश को बड़े गौर से देखती।

एक दिन उसने भाभी से कहा- दीदी, क्या मैं इसकी मालिश कर सकती हूँ?
भाभी ने कहा- उस दिन तो तुम मेरे बेटे को ऐसे बेशर्म और भला बुरा कह रही थी, आज अचानक ऐसा क्या हो गया जो मुझसे उसकी मालिश करने की पूछ रही हो?
रजनी- मैं उसके हथियार को छू कर देखना चाहती हूँ कि आप बचपन से लगातार मालिश कर रही हो तो अब इसमें थोड़ा बहुत दम आया है या नहीं?

भाभी बोली- तुम्हें ऐसी बातें करने में जरा सी भी शर्म नहीं आती? मेरे ही सामने उससे कैसी बातें कर रही हो?
फिर भाभी कुछ देर बाद उठकर अपने रूम में किसी काम से चली गईं तो रजनी ने एकदम से मेरे लंड को पकड़ लिया और हाथ से उसकी त्वचा को पीछे करके देखने लगी।

उसने जैसे ही गुलाबी टोपे को बाहर निकाला मुझे तेज दर्द हुआ।
रजनी ने तभी टोपे पर तेल मल दिया और त्वचा को वैसे ही ऊपर कर दिया।

फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और क्रिकेट खेलने चला गया।

एक दिन भैया सुबह-सुबह विदेश से लौट आए।
उस दिन भाभी ने मेरी मालिश नहीं की।

तब भाभी ने रजनी को बुलाकर कहा कि जब तक भैया हैं, तब तक वो ही मेरे लंड की मालिश कर दे, क्योंकि भैया कहीं भाभी के मालिश करने को गलत न समझ लें।

रजनी मेरे लंड की मालिश करने के लिए तुरंत तैयार हो गई, जैसे उसे मुँह माँगी कोई मुराद मिल गई हो।

एक बार भाभी किचन में भैया के लिए चाय बना रही थी, तभी मैं भी मौका पाकर अपने कमरे में गया और बिना निक्कर उतारे अपनी मालिश करने लगा।
लेकिन तभी वहाँ रजनी आई और मेरा हाथ पकड़ कर नीचे अपने बेसमेंट में ले गई और मेरा निक्कर उतारकर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया।

लंड इतना सख्त और मोटा हो गया कि रजनी को मुंह में लेकर चूसने में दिक्कत होने लगी।
कुछ देर के बाद वो थक गई।

फिर उसने लंड को मुंह से निकाल दिया और मालिश करने लगी।
लगभग आधे घंटे तक उसने मेरे लंड की मालिश की।

भैया के रहने तक रजनी ही मेरे लंड की मालिश करती रही।
फिर उनके जाने के बाद दोबारा से भाभी ने मालिश करना शुरू कर दिया।

हमारे घर के बेसमेंट में रजनी ने सिलाई सेंटर में काफी स्टूडेंट्स इकट्ठा कर रखी थीं जिसमें लड़कियाँ और औरतें भी आया करती थीं।

एक दिन मैं क्रिकेट खेलने के लिए जाने ही वाला था कि भाभी ने मुझे आवाज देकर कहा- रम्मू, तुझे रजनी बुला रही है, शायद उसे कुछ काम होगा।

उस समय पर बेसमेंट लड़की और औरतों से भरा पड़ा था।

इधर मेरी पैंट पर तेल का एक बड़ा सा निशान लंड वाली जगह पर लगा हुआ था, जिसे देखकर कुछ लड़कियाँ खुसुर-फुसुर करने लगीं।
तो रजनी ने उनसे कहा- काम पर ध्यान दें, इन बातों में न पड़ें।

फिर औरतें बोलीं- इन बातों के लिए कोई स्कूल थोड़े न जाता है! हम औरतें ही सिखाएंगी लड़कियों को। कल को इन्हें अपने पति का भी तो लेना है।

रजनी ने उनसे कहा- तुम्हें पता नहीं है, रम्मू का कितना मोटा और बड़ा है। इन लड़कियों के बस का नहीं है लेना, फट जाएगी इनकी। और अगर इसने गलत जगह पेल दिया तो लेने-देने पड़ जाएंगे।

तभी एक औरत ने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ रख दिया।
उसका हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरी पैंट में कुछ ही पलों में तंबू बन गया।

तभी सपना नाम की एक औरत ने मेरी पैंट खोली और निक्कर को उतार दिया।
मेरा लंड बाहर आ गया।

वो मेरे लंड को हिलाने लगी जिससे लंड और ज्यादा लम्बा और मोटा होता चला गया।

सपना ने रजनी से कहा- मैं इसको हर चीज अच्छे से सिखा दूंगी। बस इसे एक बार मेरे घर भेज दो। मेरे पति का लंड इसके लंड के सामने कुछ भी नहीं है। जब वो करते हैं तो मुश्किल से दो-तीन मिनट ही चल पाते हैं। मैं प्यासी रह जाती हूं। प्लीज मुझ पर थोड़ी दया करो, इस लड़के से मेरी प्यास बुझ जाएगी और सेक्स में सब कुछ सीख जाएगा।

रजनी बोली- मौका देखकर भेज दूंगी। थोड़ा सब्र करना भी सीखो।

फिर सबके जाने के बाद रजनी ने मुझे अपने पास बुलाया और बोली- रम्मू, क्या तुमने कभी किसी लड़की की चूत देखी है?
मैंने बड़ी ही मासूमियत से रजनी से पूछा- दीदी, ये चूत क्या होती है और ये कहाँ होती है?

रजनी ने मुझे अपने पास बुलाया और बताया कि जिस जगह पर लंड है उसी जगह लड़की के वहां चूत बनी होती है।
मैंने रजनी से कहा- दीदी, आप भी तो एक लड़की हो तो फिर आपके पास भी चूत होगी।

रजनी हँसकर बोली- पागल, सब लड़कियों के पास होती है। अच्छा ये बता कि तू अपने लंड को कितनी तरह से इस्तेमाल कर सकता है?

मैंने बताया कि मैं तो बस इस से सू-सू करता हूँ।
रजनी ने फुसफुसाते हुए खुद से ही कहा- ये लड़का तो बिल्कुल अनाड़ी है, कुछ भी नहीं जानता, इसको तो शुरू से सिखाना पड़ेगा।

फिर वो नार्मल आवाज में बोली- कोई बात नहीं। मैं बताती हूँ। तू एक काम कर, अपने कपड़े उतार!

कहने के साथ-साथ रजनी भी अपने कपड़े उतारने लगी।
जैसे ही रजनी ने अपनी ब्रा उतारी तभी मैंने रजनी से पूछा कि दीदी क्या आप मुझे अपना दूध पिला सकती हो?
रजनी ने जवाब दिया- रम्मू अभी नहीं, क्योंकि मैं अभी कुँवारी हूँ। मतलब जब मेरी शादी होगी तब मैं अपने पति से सेक्स करके माँ बनूँगी तब मेरी चूचियों में दूध आएगा।

मैंने भी गर्दन हिलाई और फिर उसने अपनी पैंटी उतारी और बताया- देख रम्मू … इसे चूत कहते हैं।

फिर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाकर बताया कि इसमें दो छेद होते हैं। इसके ऊपर वाले छेद से पेशाब करते हैं और जो बिल्कुल नीचे वाला छेद है, उसमें लंड घुसते हैं। फिर लंड से सफेद रंग का गाढ़ा बीज निकलता है जो लड़की की चूत में जाने से 9 महीने बाद बच्चा बनकर निकलता है।

फिर कुछ देर बाद रजनी ने मुझसे पूछा- रम्मू, क्या तू मुझे चोद सकता है? मेरा मतलब क्या तू मेरी चूत में अपना लंड डाल सकता है?

मैंने कहा- दीदी … क्या आपकी छोटी सी चूत में मेरा लंड घुस जाएगा?
रजनी बोली- देख रम्मू मैं तुझे बताती हूँ। हर लड़की की चूत चुदने से पहले ऐसी ही होती है लेकिन लंड चाहे लंबा, मोटा, छोटा या पतला हो, चूत उसे अपने अंदर समा ही लेती है, क्योंकि लड़की हो या औरत, सबकी चूत लचीली ही होती है। अब देख, जैसे तेरा लंड कितना बड़ा और मोटा है … मैं मानती हूँ तेरे लंड को मेरी चूत में घुसवाने से मुझे बहुत दर्द होगा, परंतु सीधी सी बात यह समझ ले कि लंड हमेशा चूत को फाड़ कर ही घुसता है और जब चूत फटेगी तो जाहिर सी बात है कि बहुत दर्द होगा। तो पहली बार में दर्द तो होगा ही। और मैं ही नहीं, हर लड़की को लेने में होगा। लेकिन सिर्फ पहली बार में। और मैंने तो यहाँ तक सुना है कि बड़े लंड से चुदने में जितना दर्द शुरू में होता है, बाद में लड़की को उतना ही ज्यादा मजा आता है और इस बात को मैंने कुछ चुदक्कड़ औरतों और लड़कियों से पूछा भी था। तो उन्होंने भी यह ही बताया था। तब से मैंने भी सोच लिया था कि मैं भी अपनी चूत की सील किसी बड़े और मोटे लंड वाले लड़के से ही तुड़वाऊंगी। तब से लेकर अब तक मैंने अपनी चूत को तेरे जैसे लड़के के लिए सँभाल कर रखा हुआ है।

मैंने भी रजनी को ओके बोल दिया।

लेकिन रजनी ने मेरे साथ सेक्स करने से पहले एक बात पर जोर देकर समझाया।
वो बोली- देख रम्मू, इस बात को अच्छी तरह समझ ले कि मैं तेरे लंड को अपनी चूत में डालते टाइम कितनी भी चीखूं-चिल्लाऊँ … लेकिन तू तब तक नहीं रुकेगा जब तक तेरा पूरा लंड मेरी चूत में ना घुस जाए। मतलब लड़की को चोदते टाइम उस पर जरा सी भी दया नहीं करनी है, समझ गया ना?

मैंने हाँ में अपना सिर हिलाया तो फिर रजनी बोली- अब मैं तुझे बताती हूँ कि किसी लड़की के साथ सेक्स कैसे करते हैं?

अब मैं भी इसी ख्याल में था कि आखिर चूत में लंड जाने पर कैसा महसूस होगा।

देवर भाभी लव कहानी पर अपनी राय देना न भूलें। कमेंट्स और ईमेल में मुझे लिखें।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]

देवर भाभी लव कहानी का अगला भाग: लड़के से मर्द कैसे बना मैं- 2

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