युवा विधवा की अन्तर्वासना तृप्ति- 3

(Hot Lady Free Sex Kahani)

रमित 2022-09-23 Comments

हॉट लेडी फ्री सेक्स कहानी में एक विधवा जो सेक्स के लिए तरस रही थी, उसने पड़ोस के जवान मर्द से दोस्ती करके सम्बन्ध बढ़ाये और एक दिन उसे अपने बिस्तर पर ले आई.

फ्रेंड्स, आपको अर्णव और मोहिनी की सेक्स कहानी में मजा आ रहा होगा.
कहानी के पिछले भाग
दबी हुई वासना सुलग उठी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मोहिनी अपने मम्मों का मजा अर्णव को दे रही थी और उसके सर को अपने मम्मों पर दबा रही थी.

अब आगे हॉट लेडी फ्री सेक्स कहानी:

अर्णव ने दूसरे दूध के साथ भी ऐसा किया, फिर वो उंगलियों से चूचुकों की घुंडियों को उमेठने लगा.
उंगली और अंगूठे से मसलने लगा, कभी चूस लेता.

मोहिनी का उत्तेज़ना में बुरा हाल था, वासना उसके सर चढ़ कर बोल रही थी.
वह बोलने लगी- आह अर्णव पी लो इन्हें. प्लीज चूस लो … आह तेज तेज चूसो.

अर्णव भी जोश में था. वो भी उन्हें ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. एक को छोड़ता तो दूसरे को मुँह में ले लेता.
कभी कभी वो मोहिनी का पूरे का पूरा बूब मुँह में लेने की कोशिश करता.

अर्णव ने बहुत सी लड़कियों की चुदाई की थी पर उसे मोहिनी जैसी कोई नहीं मिली थी. उस जैसा शरीर, उस जैसी फिगर, ख़ास कर उसके जैसे मम्मे तो उसने पहली बार चूसे थे.

करीब पन्द्रह मिनट तक अर्णव ने उसके बूब्स चूसे. दोनों को चूस चूस कर लाल कर दिए.
फिर वो मोहिनी को चूमता हुआ नीचे की तरफ बढ़ने लगा.

मोहिनी के सपाट पेट को चूमने लगा.
फिर उसकी नाभि में जीभ डाल कर जीभ की नोक को घुमाने लगा.

चूमता हुआ जैसे ही अर्णव नीचे आया तो उसने मोहिनी की चूत के ऊपर पेड़ू पर कई चुम्बन लिए.

फिर अर्णव ने पैंटी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फंसाईं और जरा सा खिसका कर मोहिनी की चूत के पास चूम लिया.

फिर उसने पैंटी के ऊपर से ही मोहिनी की उभरी हुई चूत को चूम लिया.
उत्तेज़ना से मोहिनी की पैंटी गीली हो चुकी थी.

अब अर्णव देर नहीं करना चाहता था; वो जल्दी से मोहिनी को उसके शरीर पर बचे इस आखिरी कपड़े से भी आज़ाद कर देना चाहता था.
तभी उसके दिमाग में ख्याल आया कि अभी मोहिनी को थोड़ा और तरसाया जाए.

वो और नीचे आ गया. मोहिनी की जांघों के बीच चूमने लगा.
चूमते हुए वो और नीचे आ गया.

फिर उसने मोहिनी के पैर अंगूठे को मुँह में डाल लिया और चूसने लगा.
उधर मोहिनी की हालत खराब थी, वो चाहती थी कि अर्णव अब जल्दी से उसे चोद डाले.

पर अर्णव भी काम कला में निपुण था.

तभी मोहिनी पेट के बल हो गयी तो अर्णव उसकी पिंडलियों पर चुम्बन लेने लगा.
फिर उसने मोहिनी के चूतड़ों पर कई चुम्बन लिए.
उसने वहां दांत से हल्का काटा तो मोहिनी चिहुंक कर सीधी हो गयी.

मोहिनी की चूत अर्णव के होंठों के सामने थी.
वो उसे चूमने लगा.

मोहिनी अपनी टांगें कभी सीधी करती, कभी मोड़ कर चूत को अर्णव के लिए खोल देती.
अर्णव ने चूमते हुए मोहिनी की पैंटी उतार दी.

अब मोहिनी बिल्कुल नंगी थी.
उसकी चूत एक अद्भुत खज़ाना थी जिसे उसने अपने पति के बाद किसी को नहीं दिखाया था.

अर्णव ने पहले कई चुम्बन बंद चूत पर लिए, फिर वो चूत के इर्द गिर्द चूमने लगा.

उसने चूत की एक साइड की पंखुड़ी को अपने होंठों से खोली और चूत की एक फांक को होंठों में दबा कर चूसने लगा.
इसी तरह से उसने दूसरी पंखुड़ी के साथ भी ऐसा किया.

मोहिनी की सीत्कार बढ़ने लगीं.

फिर अर्णव ने अपनी जीभ चूत के अन्दर घुसा दी.
पहले जीभ उसने नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की ओर फिराई.

मोहिनी ने जोर से सीत्कार ली.
फिर अर्णव जितनी जीभ अन्दर घुसा सकता था, घुसा दी और चूत को चूसने लगा.

मोहिनी की हालत खराब हो रही थी, वो ज़ोर से उसका सर अपनी चूत पर दबाने लगी.
साथ ही नीचे से अपने चूतड़ भी ऊपर नीचे हिलाने लगी.
वो स्खलन की तरफ बढ़ रही थी.

पर अर्णव भी पूरा खिलाड़ी था.
उसने झटके से अपना मुँह हटा लिया.

तो मोहिनी गिड़गिड़ाई- प्लीज प्लीज.
पर अर्णव ने उसकी न सुनी और ऊपर आकर अपना अंडरवियर टांगों से अलग कर दिया.

उसका तना हुआ लंड मोहिनी के सामने था. उसने मोहिनी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और मोहिनी के बूब्स चूसने लगा.
मोहिनी भी उसके लंड को मसल रही थी.

तभी अर्णव मोहिनी की दोनों टांगों के बीच आ गया और उसने अपना लंड चूत पर सैट कर दिया.
अभी मोहिनी कुछ समझ पाती कि अर्णव ने एक ही झटके से मोहिनी की चूत में पूरा लंड उतार दिया.

मोहिनी को थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि वो बहुत सालों से चुदी नहीं थी, सिर्फ उंगली ही करती थी.

अर्णव ने धीरे से मोहिनी के गाल पर चुम्बन लिया, फिर कान को चूमता हुआ बोला- तुम्हारी चूत इस उम्र में भी बहुत टाइट है.

मोहिनी बोली- मैं एक लम्बे अरसे बाद चुद रही हूँ. अब तुम मेरी आग बुझा दो, मुझे चोद दो.

अर्णव पहले पहल धीरे धीरे चोदने लगा. पांच सात मिनट वो उसे धीरे से चोदता रहा. फिर उसने फ्री सेक्स का मजा लेते हुए चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.

अब अर्णव के हर धक्के पर मोहिनी के मुँह से आह अर्णव निकल जाता.
अर्णव ने अपनी स्पीड एकदम से बढ़ा दी.

मोहिनी ने भी टांगें मोड़ कर और खोल कर अर्णव की कमर के इर्द-गिर्द लपेट दीं और चिल्लाने लगी- हां अर्णव … प्लीज और तेज पेलो … चोद डालो मुझे … आह फाड़ दो मेरी चूत.

अर्णव भी पूरे ज़ोर से मोहिनी की चूत चोदने में लगा था.
कुछ ही पलों में मोहिनी का शरीर अकड़ने लगा और उसकी पकड़ अर्णव की पीठ पर और मजबूत होती जा रही थी.

वो कराहती हुई बोली- अर्णव, मैं आ रही हूँ.
अर्णव बोला- हां जान … मेरा भी होने वाला है, जल्दी बोलो कहां डिस्चार्ज करूं?

मोहिनी ने कहा- मेरे अन्दर ही आ जाओ, मैं तुम्हें महसूस करना चाहती हूँ. अगर तुमने बाहर किया तो मेरी चूत फिर से प्यासी रह जाएगी.

अर्णव ने भी तेज़ हुंकार भरते हुए अपना माल मोहिनी की चूत में ही डाल दिया.
दोनों ने एक दूसरे को कस लिया और ऐसे लिपट गए कि जैसे एक दूसरे में समा जाना चाहते हों.

थोड़ी देर बाद अर्णव मोहिनी से ऊपर उतर कर उसकी बगल में लेट गया.
मोहिनी उसकी छाती पर अपनी उंगलियां फेरती हुई बोली- शुक्रिया अर्णव, मुझे सेक्स की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी. मैंने जवानी के कितने कीमती साल ऐसे ही निकाल दिए. किसी मर्द को अपने पास तक नहीं आने दिया. पर अब मैं बहुत तड़फ रही थी … और जब से तुम्हें मिली हूँ, ये तड़फ और बढ़ गयी थी.

अर्णव ने मुस्करा कर मोहिनी के होंठों पर हल्की सी किस की, फिर बोला- सच बोलूं मोहिनी, जब से मैंने तुम्हें देखा है, मेरा मन भी मेरे काबू में नहीं था. मेरी बहुत सी लड़कियों के साथ दोस्ती रही, पर मुझे आज तक तुम सी कोई नहीं मिली. तुम दोस्त भी गज़ब हो और सेक्स में तो तुम्हारा किसी से कोई सानी ही नहीं है.

मोहिनी हंस कर उठी और वाशरूम में चली गयी.
जब वो बाहर आयी तो उसने एक जांघों तक की पारदर्शी नाइटी पहन ली थी.

अर्णव भी बाथरूम में घुस गया. वापिस आया, तो वो कपड़े पहनने लगा.
वो जींस पहनते हुए मोहिनी से कहा- अब मुझे जाना चाहिए, रात बहुत हो गयी है.

अभी वो टी-शर्ट पहनता कि मोहिनी उसके करीब आयी और बोली- आज रात यहीं रुक जाओ न!
मोहिनी ने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

अर्णव ने उसे अपने साथ चिपका लिया.
एक लम्बे स्मूच के बाद मोहिनी बोली- क्या हमारे पहले मिलन को सेलिब्रेट नहीं करोगे?

तो अर्णव हॉल से बोतल और गिलास ले आया और मोहिनी स्नैक्स.
दोनों ने चियर्स किया और अपनी अपनी ड्रिंक सिप करने लगे.

दोनों का पेट तो स्नैक्स से भर गया था, खाने की जरूरत थी ही नहीं.
पर दोनों के जिस्म अभी भी एक दूसरे के लिए भूखे थे.

दोनों अपना अपना ड्रिंक लेकर बाहर बाल्कनी में आ गए.

मोहिनी ने वही पारदर्शी गाउन पहन रखा था.
अर्णव जींस में था.

बारिश जारी थी, मौसम बहुत रोमानी बना हुआ था.
रात बहुत गहरा चुकी थी, अंधेरा छाया हुआ था. बाहर से किसी को कुछ नहीं दिखाई दे रहा था.

शराब के सुरूर के साथ साथ अर्णव पे मोहिनी के मादक शरीर का भी नशा था.

ड्रिंक पर मोहिनी जैसी औरत का साथ हो मौसम खुशगवार हो तो भला कौन मर्द अपने कण्ट्रोल में रह सकता है.
अर्णव ने आगे बढ़ कर मोहिनी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा.

उसके हाथ उसकी कमर से होते हुए उसके मखमली चूतड़ों पर फिसल रहे थे.
मोहिनी भी उसके स्पर्श से मदहोश हुई जा रही थी, वो अर्णव की जीभ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

अर्णव वहां पड़ी चेयर पर बैठ गया और मोहिनी उसकी जांघ पर.
फिर मोहिनी ने अपने गिलास से वोडका की घूँट भरी और अर्णव में मुँह में उड़ेल दी.

वो दोनों एक दूसरे के मुँह से वोडका पीने लगे.
अर्णव ने ऊपर कुछ नहीं पहना था तो मोहिनी उसकी छाती पर हाथ फिराने लगी, उंगलियों से उसके निप्पल छेड़ने लगी.

हॉट लेडी के इस खेल से अर्णव बहुत उत्तेजित होने लगा.
फिर मोहिनी उसके निप्पल अपनी जीभ से छेड़ने लगी तो अर्णव पागल होने लगा.

मोहिनी ने जितनी सेक्स कहानिया पढ़ी थीं, आज वो सब असली में आजमाना चाहती थी.

अर्णव ने उसके गाउन में उसके बूब्स बाहर निकाल लिए और उन्हें मसलने लगा.
मोहिनी भी उफ आह की सीत्कार भरने लगी.

तभी मोहिनी नीचे ज़मीन पर बैठ गयी और अर्णव की जींस का बटन खोलने लगी.
अर्णव ने जींस उतार कर फर्श पर ही डाल दी.

मोहिनी उसके फ्रेंची में उभरे हुए लंड को मसलने लगी.
फिर उसने फ्रेंची के ऊपर से ही उसके लंड को मुँह में भर लिया.

मोहिनी अर्णव की फ्रेंची उतारने लगी तो अर्णव ने अपनी कमर उठा कर अपना अंडरवियर उतारने में उसकी मदद की.

जैसे ही मोहिनी ने फ्रेंची उतारी, तो अर्णव का खड़ा हो चुका लंड उछल कर बाहर आ गया और मोहिनी की गाल से टकरा गया.
मोहिनी ने लंड को हाथ में पकड़ा और बड़ी नशीली आंखों से देखने लगी.

फिर उसने झुक कर लंड के सुपारे पर चुम्बन लिया.
अर्णव की आह निकल गई.

मोहिनी लंड को हाथ में पकड़ कर पूरे लंड पर किस करने लगी.
अर्णव ने अपनी पूरी टांगें खोल दीं.

मोहिनी सभी जगह पर चूम रही थी.

फिर उसने नीचे गोलियों पर जब अपने होंठ और जीभ फिराई तो अर्णव की तो फ्री सेक्स के आनन्द में किलकारी ही निकल गयी.

तभी मोहिनी ने लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
आज वो पूरी तरह अपनी काम कला दिखा रही थी. जितना ज्ञान उसने पिछले कई दिनों में इंटरनेट की कहानियों से लिया था, उसे पूरा आज़माना चाहती थी.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो आज अर्णव को अपना सेक्स गुलाम बनाने पर तुली थी.
वो पूरा लंड मुँह में लेती, फिर बाहर निकालती. कभी ऊपर सुपारे पर अपनी जीभ फिराती.

अर्णव तो आंखें बंद किए सातवें आसमान में उड़ रहा था.

फिर उसने मोहिनी के मुँह से अपना लंड बाहर निकाल लिया.
मोहिनी को वहीं पास पड़ी टेबल पर बिठाया और खुद ज़मीन पर बैठ कर उसकी टांगों के बीच आ गया.

अर्णव ने मोहिनी की टांगें खोल दीं.
मोहिनी ने गाउन के नीचे पैंटी तो पहनी नहीं थी.

अर्णव ने अपने होंठ मोहिनी की चूत से लगा दिए और उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ी को होंठों में भर के चूसने लगा.
फिर अर्णव मोहिनी की चूत के दाने को जीभ से छेड़ने लगा तो मोहिनी उत्तेजना में पागल हो गयी और अर्णव का सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

वो बड़बड़ाने लगी- आंह अर्णव … अब नहीं रहा जाता, अपना मूसल मेरी चूत में पेल डालो.
अर्णव ने मुँह हटाया और पूछा- यहीं बाल्कनी में?

तो उसने बोला- हां अर्णव, मैं यहीं खुली हवा में चुदना चाहती हूँ. ये मेरी फंतासी है … प्लीज आज इसे पूरा कर दो.

अर्णव ने अपना मुँह चूत से हटाया और मोहिनी को खड़े होने के लिए बोला.
मोहिनी बाल्कनी की ग्रिल को पकड़ कर खड़ी हो गयी और आगे की तरफ झुक गयी.

अर्णव पीछे से आया और मोहिनी की चूत में अपना लंड डाल दिया.
मोहिनी की एक मादक आह के साथ अर्णव उसे चोदने लगा, साथ साथ वो मोहिनी की पीठ को चूमता जा रहा था.

फिर अर्णव ने हाथ आगे बढ़ा कर मोहिनी के झूलते मम्मों को पकड़ लिया और चोदने लगा.
मोहिनी ने भी अपने चूतड़ आगे पीछे करने शुरू कर दिए.

मोहिनी बड़बड़ा रही थी- हां चोदो मुझे. मजा आ रहा है मेरी जान.
इस पोजीशन में दोनों जल्दी थक गए. दोनों बेडरूम में अन्दर आ गए.

आते ही मोहिनी ने अपना गाउन उतार फेंका और पूरी नंगी हो गयी.
अर्णव ने उसे बेड पर घोड़ी बनने के लिए बोला.
वो झट से घोड़ी बन गयी और अर्णव पीछे से आकर चोदने लगा.

अर्णव की चुदाई की स्पीड बढ़ती जा रही थी.
मोहिनी बोली- आंह अर्णव … सारा माल मेरी चूत में ही डालना.

कुछ देर बाद दोनों साथ में ही झड़ गए.
मोहिनी आगे की तरफ गिर गयी और अर्णव उसके ऊपर.

थोड़ी देर बाद सीधे हुए तो एक दूसरे से चिपक कर सो गए.

सुबह काफी देर से दोनों की आंख मोहिनी के फ़ोन बजने से खुली.
मोहिनी ने देखा तो उसकी मेड का कॉल था.

तो मोहिनी ने उसे आज छुट्टी करने के लिए बोल दिया.

फिर वो अर्णव के ऊपर आ कर लेट गयी और उसके होंठों पर हल्की सी किस की.

अर्णव ने पूछा- सुबह सुबह से क्या इरादा है मैडम?
तो मोहिनी हंसती हुई बोली- अभी तो एक चाय पीने का इरादा है.

मोहिनी उठी और बाथरूम में जाकर फ्रेश हुई.
फिर चाय बनाने किचन में चली गयी.

अर्णव भी फ्रेश होकर किचन में आ गया और पीछे से मोहिनी को अपनी बांहों में भर लिया.
वो उसकी गर्दन पर हल्के हल्के चुम्बन लेने लगा.
मोहिनी बोली- अरे बाबा चाय तो पी लो पहले.

फिर दोनों अपना अपना कप लेकर वापिस बेडरूम में आ गए.
चाय पीते हुए मोहिनी ने अर्णव से कहा- तुम मेरे एकमात्र दोस्त हो और मेरे पति के सिवाए सिर्फ दूसरे मर्द हो, जिसने मेरे शरीर को भोगा है.

चाय खत्म हुई, तो अर्णव ने मोहिनी को अपनी बांहों में भर लिया और उसे चूमने लगा.
मोहिनी मदहोश होने लगी.

अर्णव फिर से मोहिनी के दूध पीने लगा.
मोहिनी भी गर्म हो गयी.

अर्णव ने अपना लंड मोहिनी की चूत में उतार दिया.
मोहिनी बोली- बड़े बदमाश हो तुम … इतनी जल्दी पेल दिया.

यह कह कर वो उसके होंठों से होंठ मिला कर चुदने लगी.
फिर मोहिनी ने अपनी बांहें अर्णव के गले में डाल दीं और बोलने लगी- बस धीरे धीरे यूं ही कुछ देर चोदते रहो, बहुत मज़ा आ रहा है इस धीरे धीरे वाली चुदाई में!

अर्णव स्लो मोशन में चूत में लंड आगे पीछे करने लगा.

फिर मोहिनी बोली- अर्णव, मुझे बहुत सालों बाद ये सुख मिला है. मैं इसे भरपूर तरीके से जीना चाहती हूँ. क्या हम एक हफ्ते की छुट्टी ले कर गोवा चलें. मैं ऑफिस से बहुत थक गयी हूँ और ज़िन्दगी के मज़े लेना चाहती हूँ.
अर्णव ने बोला- ठीक है.

अर्णव ने अपना सारा माल फिर से हॉट लेडी मोहिनी की चूत में डाल दिया.
दोनों थोड़ी देर सुस्ताए, फिर साथ में ही शॉवर लिया.

फिर दोनों ने अपने अपने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ली. गोवा की फ्लाइट बुक करवा ली.

गोवा में मोहिनी और अर्णव ने क्या मज़े किए.

आपको हॉट लेडी फ्री सेक्स कहानी कैसी लगी, अपने कमेंट्स जरूर करें.
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